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केवल महिलाएं ही पढें ये थोड़ा… सीक्रेट है।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब✍️ कुछ खास आप सभी 40+ के लिख रही हूँ। आजमाइए अवश्य।चूंकि प्रश्न मैंने किया था तो उत्तर तो बनता है।यदि आपकी उम्र चालीस पार पार हो गई है और आप इस सीक्रेट को छुपाए रखना रखना चाहते हैं तो आप विशिष्ट खाद्य पदार्थों जिसे सुपर फूड कहते उसे अपने आहार में सम्मिलित करिए।इस आहर के निरंतर सेवन से आपका शरीर कैंसर के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है साथ झुर्रियों से मुक्ति एवं मेटाबॉलिज्म का संतुलन बना रहता है।चलिए जानते हैं विस्तार से -रैशभरी - यह कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स का कार्य करता है अपितु इस टेक्सचर वाली बेरीज के प्रति एक कप में 8 ग्राम फाइबर होता है। जो कॉन्स्टिपेशन से राहत देकर पेट भरे होने का अनुभव कराता है परिणामस्वरूप अतिरिक्त भोजन खाने से बचा जा सकता है।2. देशी अंडे - अंडे की जर्दी फेके बिना पूरे अंडे खाएं।इसमे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपको संपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम एवं विटामिन डी की पूर्ति करते हैं। जिससे पूर्णता का अनुभव कराते हैं। एवं क्रेविंग को रोकने में सहयोगी होते हैं।3. प्याज़ - कैंसर रोधी का कार्य करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। जो महिलाएं इसके गंध को नापसंद करती हैं कृप्या 40+ वाली महिलाएं इसे अपने भोजन में सम्मिलित करिए।4. बादाम एक टेस्टी एवं पोर्टेबल स्नैक में हार्ट - हेल्दी मोनोअनसैचुरैटेट पॉली अनसैचुरेटेड फैट होते हैं। जो एल डी एल कॉलेस्ट्राल को संतुलित करने में सहायक होते हैं। व्यायाम करने वाली महिलाओं के वजन कम करने में सहायक होते हैं।5. पालक - विटामिन ई के साथ अमीनो एसिड बीटेन, उच्च फाइबर एवं अन्य पोषक तत्व Choline जो लीवर में फैट स्टोरिंग जीन को बंद करने का कार्य करता है।6. हल्दी - इसमें एंटीआॉक्सीडेंट पाई जाती है। जो कैंसर की सूजन से रक्षा करता है।7. शहद में कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनिज जिंक जैसे मिनरल्स होते हैं जिससे मस्तिष्क खुश रहता है और स्कीन ग्लो करती है। स्कीन सेल्स में युवा निखार लाती है।8. सेब - जो महिलाएं नियमित रूप से सेब खाती हैं उनमें कोरोनरी रोगों से लड़ने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। परिणामस्वरूप 12से 23% रोगों का भय कम हो जाता है।9. तरबूज - आँखों के चारों ओर घबराहट उत्पन्न करने वाले पफीनेस को कम करता है।10. गाजर - गाजर में पाया जाने वाला विटामिन A बढ़ती उम्र में ग्लोइंग त्वचा के साथ आँखों की रौशनी में भी वृद्धि करता है। इसके अतिरिक्त यह बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है।बाल वनिता महिला आश्रमबीटा कैरोटीन एथेरोस्क्लेरोसिस से भी बचाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है और इसकी वजह से किसी की मौत भी हो सकती है। अतः गाजर का सेवन अवश्यपोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। 🙏

केवल महिलाएं ही पढें ये थोड़ा… सीक्रेट है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब ✍️ कुछ खास आप सभी 40+ के लिख रही हूँ। आजमाइए अवश्य। चूंकि प्रश्न मैंने किया था तो उत्तर तो बनता है। यदि आपकी उम्र चालीस पार पार हो गई है और आप इस सीक्रेट को छुपाए रखना रखना चाहते हैं तो आप विशिष्ट खाद्य पदार्थों जिसे सुपर फूड कहते उसे अपने आहार में सम्मिलित करिए। इस आहर के निरंतर सेवन से आपका शरीर कैंसर के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है साथ झुर्रियों से मुक्ति एवं मेटाबॉलिज्म का संतुलन बना रहता है। चलिए जानते हैं विस्तार से - रैशभरी - यह कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स का कार्य करता है अपितु इस टेक्सचर वाली बेरीज के प्रति एक कप में 8 ग्राम फाइबर होता है। जो कॉन्स्टिपेशन से राहत देकर पेट भरे होने का अनुभव कराता है परिणामस्वरूप अतिरिक्त भोजन खाने से बचा जा सकता है। 2. देशी अंडे - अंडे की जर्दी फेके बिना पूरे अंडे खाएं। इसमे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपको संपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम एवं विटामिन डी की पूर्ति करते हैं। जिससे पूर्णता का अनुभव कराते हैं। एवं क्रेविंग को रोकने में सहयोगी होते हैं। 3. प्याज़ - कैं

पंजाब, जेएनएन। कोरोना काल में काढ़ा का अत्यधिक प्रयोग पाचनशक्ति को खराब करने लगा और लोग कोविड के दूसरे लहर में इस आयुर्वेदिक युक्ति से अब पीछा छुड़ाते दिख रहे हैं। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब वहीं आम आदमी से लेकर समस्त बुद्धिजीवियों में भी यही भ्रांति अभी तक चली आ रही थी कि कोरोना से निबटने में आयुर्वेद की सीमाएं महज काढ़ा तक ही हैं, जबकि आयुर्वेदीय चिकित्सा शास्त्र में कोविड बीमारी में लक्षण के अनुसार इलाज करने की प्रबल संभावनाएं हैं। बीएचयू में रसशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. आनंद चौधरी ने बताया कि आयुर्वेद में आयुष काढ़ा' ही नहीं बल्कि विभिन्न रस औषधियां भी कोविड-19 के इलाज में कारगर हैं।आयुर्वेदीय रस शास्त्र की विधा में अनेक रस रसायन सुखद परिणाम के साथ विकसित किए गए हैं, जो कि इस महामारी से स्वयं को बचाने में काफी अचूक दवाएं हैं।इन औषधियों में स्वर्ण भस्म का योग स्वर्ण मालिनी बसंत, अभ्रक भस्म, प्रवाल भस्म के योग , त्रैलोक्य चिंतामणी रस , जय मंगल रस , त्रिभुवन कीर्ति रस, लक्ष्मी विलास रस आदि प्रमुख हैं। ये सारी दवाइयां श्वांस, बुखार, कफ को दूर करने के साथ ही पाचन और दीपन की क्रियाओं को बढ़ाती है। उन्होंने बताया कि ये औषधियां ऑनलाइन और ऑफलाइन मेडिकल दुकानों पर उपलब्ध रहती हैं। ये सभी रस शास्त्रीय चिकित्सकीय ग्रंथो में काफी विस्तारपूर्वक वर्णित हैं।दरअसल, भारत अनेक प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक चिकित्सक इन वर्णित रस-रसायनों के माध्यम से महामारी की लाक्षणिक चिकित्सा कर रोगियों को स्वस्थ करने में सफल भी हो रहे हैं। यही नहीं एलोपैथ भी इस महामारी की लाक्षणिक चिकित्सा ही कर रही है। वहीं, दुनिया के किसी भी शोध संस्थान द्वारा इस महामारी की शत-प्रतिशत प्रभावी औषधि अब तक विकसित नहीं की जा सकी है। प्रोफेसर चौधरी के अनुसार इन रस औषधियों जैसे कि स्वर्ण, अभ्रक, माक्षिक भस्म के ऊपर निरतंर शोध पत्र प्रकाशित होते रहे हैं, जो कि इनकी व्याधि हरण की क्षमता, त्वरित लाभ, स्वास्थ्य सुरक्षा के मानकों पर खरी उतरी है। वहीं इन रस-रसायनों को खरीदते समय कंपनी की प्रमाणिकता को अवश्य परखे।

पंजाब, जेएनएन। कोरोना काल में काढ़ा का अत्यधिक प्रयोग पाचनशक्ति को खराब करने लगा और लोग कोविड के दूसरे लहर में इस आयुर्वेदिक युक्ति से अब पीछा छुड़ाते दिख रहे हैं।  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब  वहीं आम आदमी से लेकर समस्त बुद्धिजीवियों में भी यही भ्रांति अभी तक चली आ रही थी कि कोरोना से निबटने में आयुर्वेद की सीमाएं महज काढ़ा तक ही हैं, जबकि आयुर्वेदीय चिकित्सा शास्त्र में कोविड बीमारी में लक्षण के अनुसार इलाज करने की प्रबल संभावनाएं हैं।  बीएचयू में रसशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. आनंद चौधरी ने बताया कि आयुर्वेद में आयुष काढ़ा' ही नहीं बल्कि विभिन्न रस औषधियां भी कोविड-19 के इलाज में कारगर हैं। आयुर्वेदीय रस शास्त्र की विधा में अनेक रस रसायन सुखद परिणाम के साथ विकसित किए गए हैं, जो कि इस महामारी से स्वयं को बचाने में काफी अचूक दवाएं हैं।इन औषधियों में स्वर्ण भस्म का योग स्वर्ण मालिनी बसंत, अभ्रक भस्म, प्रवाल भस्म के योग , त्रैलोक्य चिंतामणी रस , जय मंगल रस , त्रिभुवन कीर्ति रस, लक्ष्मी विलास रस आदि प्रमुख हैं। ये सारी दवाइयां श्वांस, बुखार, कफ को दूर करने के साथ ही पा

वात पित्त कफ दोष क्या होते हैं? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबहम सभी जानते हैं कि मानव शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है। अग्नि, पृथ्वी,जल, वायु और आकाश इन सभी तत्वों का संतुलन बने रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। लेकिन इन पांच तत्वों में से किसी एक भी संतुलन बिगड़ने से शरीर में समस्या उत्पन्न होने लगती हैं।वातदोष- वात का संबंध वायु से होता है। आयुर्वेद के अनुसार वात के असंतुलन होने से श्वसन प्रक्रिया, गठिया, फेफड़े से संबंधी रोग, भूलने की बीमारी आदि समस्याएं देखी जाती हैं। जिन लोगों की दिनचर्या नियमित नहीं होती और खाने-पीने का ध्यान नहीं रखते ऐसे लोगों को वात रोग हो सकता है।वातदोष दूर करने के उपाय-1) गर्म दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करना चाहिए।2) वात संबंधी समस्याओं के लिए दालचीनी रामबाण का काम करती है । इसका सेवन दूध या दही में मिलाकर किया जा सकता है। दालचीनी पेट की सभी समस्याओं में भी फायदेमंद होती है।3) तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। यह वात रोगियों के लिए लाभकारी होता हैं।4) दिनचर्या को नियमित रखें और खाने में पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।5) नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।पित्तदोष- पित्त का संबंध अग्नि से होता है, जब शरीर में गर्मी बढ़ने लगती है तब पित्तरोग संबंधी समस्याएं आती है। इससे पाचन संबंधी समस्या, ज्यादा भूख लगना, होंठ सूखना, ज्यादा पसीना आना, त्वचा पर जलन होना आदि समस्याएं होती है।बाल वनिता महिला आश्रमपित्तदोष दूर करने के उपाय-1) पित्तदोष से बचाव के लिए ठंडी चीजों का सेवन करें।दही,छाछ, कतीरा, आंवला आदि ।2) अजवाइन का प्रयोग पित्तदोष के लिए बहुत फायदेमंद है। दिनभर में थोड़ी सी अजवाइन चबा चबाकर खाएं ।3) अंकुरित अनाज, सलाद,दालें, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।4) घी का सेवन पित्त रोग में लाभकारी होता है। हो सके तो गाय के घी का सेवन करें।5) रात भर पानी में भीगी हुई किशमिश,अंजीर को खाना पितृदोष के लिए लाभकारी होता है।6) त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से पित्तरोग में आराम मिलता है।कफदोष- कफ का संबंध पृथ्वी व जल तत्व से होता है। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता व तरल पदार्थों के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इसके असंतुलन होने सेथकान,कमजोरी, खांसी,जुकाम पाचन खराब होना,स्वभाव में चिड़चिड़ापन आदि देखा जाता हैं।कफदोष को दूर करने के उपाय-1) कफ की समस्या होने पर दूध और ठंडी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।2) काली मिर्च, अदरक, दालचीनी का सेवन करें।3) सब्जियों में आलू , मूली, पालक, पनीर खाना चाहिए।4) खाने में नमक का प्रयोग कम करे5) सूर्य नमस्कार, वृक्षासन,शवासन योग कफ दोष को दूर करने में लाभकारी होता है।शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वात,पित्त ,कफ का संतुलित रहना आवश्यक हैं।चित्रस्त्रोत- गूगल

वात पित्त कफ दोष क्या होते हैं? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब हम सभी जानते हैं कि मानव शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है। अग्नि, पृथ्वी,जल, वायु और आकाश इन सभी तत्वों का संतुलन बने रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। लेकिन इन पांच तत्वों में से किसी एक भी संतुलन बिगड़ने से शरीर में समस्या उत्पन्न होने लगती हैं। वातदोष- वात का संबंध वायु से होता है। आयुर्वेद के अनुसार वात के असंतुलन होने से श्वसन प्रक्रिया, गठिया, फेफड़े से संबंधी रोग, भूलने की बीमारी आदि समस्याएं देखी जाती हैं। जिन लोगों की दिनचर्या नियमित नहीं होती और खाने-पीने का ध्यान नहीं रखते ऐसे लोगों को वात रोग हो सकता है। वातदोष दूर करने के उपाय- 1) गर्म दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करना चाहिए। 2) वात संबंधी समस्याओं के लिए दालचीनी रामबाण का काम करती है । इसका सेवन दूध या दही में मिलाकर किया जा सकता है। दालचीनी पेट की सभी समस्याओं में भी फायदेमंद होती है। 3) तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। यह वात रोगियों के लिए लाभकारी होता हैं। 4) दिनचर्या को नियमित रखें और खाने में पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें। 5) नियमित रूप से व्यायाम

चीकू एक ऐसा फल है जो हर मौसम में मिल जाता है। चीकू में कैलोरी पाया जाता है इसका स्वाद मीठा होता है। चीकू सेहत के साथ साथ त्वचा और बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। चीकू में प्रोटीन, विटामिन सी पाया जाता है जो कि बालों और स्किन के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। चीकू त्वचा और बालों को मुलायम बाने में मदद करता है। चलिए जानते हैं चीकू के फायदे।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबस्किन के लिए चीकू के फायदेचीकू में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेन्ट्स पाए जाते हैं, जो कि त्वचा की देखभाल के लिए बहुत जरुरी होते है। चीकू खान से डल और बुझा हुआ चेहरा खिला- खिला बना रहता है। चीकू में विटामिन ई पाया जाता है जो कि स्किन को हेल्दी बनाता है।चीकू में एंटी एजिंग एजेंट पाया जाता है जो कि चेहरे झुर्रियां हटाने में मदद करता है। चीकू में मौजूद विटामिन ए और सी स्किन को ग्लो बनाता है। चीकू के बीच से बने तेल का इस्तेमाल करने से स्किन के रैशेज, फुंसियो ठीक हो जाती है।ग्लोइंग स्किन के लिए चीकू फेस पैक बाल वनिता महिला आश्रमग्लोइंग स्किन के लिए आप चीकू फेस पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं। फेस पैक के लिए एक चम्मच चीकू पल्प लें। एक चम्मच दूध और एक चम्मच बेसन लें। एक बाउल में सभी चीजों को अच्छे से मिला लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। पैक सूखने पर चेहरे हल्के गुनगुने पान से धो लें। हफ्ते में एक बार इस पैक का इस्तेमाल करें।बालों के लिए चीकू के फायदे हर महिला की चाहत होती है कि उनके बाल घने और लंबे हो। लेकिन आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में घने बाल होना सपना बनकर रह गया है। बालों की अच्छी देखभाल कर बालों मजबूत और घना बनाया जाता है। गर्मी, पसीना, प्रदूषण और केमिकल बालों को बेजान और डल कर देते हैं। ऐसे में आप चीकू का इस्तेमाल कर अपने बालों को घना बना सकते है। चीकू के बीच का तेल बालों को मुलायम और मॉइश्चराइज बनाने में मदद करता है। इस तेल की मदद से बालों में चमक देखने को मिलती है। चीकू के तेल और कैस्टर ऑयल को बालों में मिलाकर अच्छे से लगाएं। इससे बालों में डैंड्रफ में कमी आती है।चीकू हेयर मास्क दोमुहे बालों और हेयर फॉल की समस्या से निजात पाने के लिए आप चीकू हेयर मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। हेयर मास्क बनाने के लिए एक चम्मच चीकू के तेल में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर और एक चम्मच चीकूं के बीच का पाउडर मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छे पका लें। तेल को छानकर किसी बोतल में स्टोर कर लें। इस तेल को स्कैल्प में लगाएं और बालों की अच्छे से मसाज करें। मसाज करने के एक 1 घंटे बाद बालों को धो लें। हफ्ते में दो बार इस तेल का इस्तेमाल करें।

चीकू एक ऐसा फल है जो हर मौसम में मिल जाता है। चीकू में कैलोरी पाया जाता है इसका स्वाद मीठा होता है। चीकू सेहत के साथ साथ त्वचा और बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। चीकू में प्रोटीन, विटामिन सी पाया जाता है जो कि बालों और स्किन के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। चीकू त्वचा और बालों को मुलायम बाने में मदद करता है। चलिए जानते हैं चीकू के फायदे। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब स्किन के लिए चीकू के फायदे चीकू में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेन्ट्स पाए जाते हैं, जो कि त्वचा की देखभाल के लिए बहुत जरुरी होते है। चीकू खान से डल और बुझा हुआ चेहरा खिला- खिला बना रहता है। चीकू में विटामिन ई पाया जाता है जो कि स्किन को हेल्दी बनाता है। चीकू में एंटी एजिंग एजेंट पाया जाता है जो कि चेहरे झुर्रियां हटाने में मदद करता है। चीकू में मौजूद विटामिन ए और सी स्किन को ग्लो बनाता है। चीकू के बीच से बने तेल का इस्तेमाल करने से स्किन के रैशेज, फुंसियो ठीक हो जाती है। ग्लोइंग स्किन के लिए चीकू फेस पैक   बाल वनिता महिला आश्रम ग्लोइंग स्किन के लिए आप चीकू फेस पैक का

Kumbh: More than 1200 Corona positive cases occurred in three days, 14 lakh people took a dip in the third royal bath By social worker Vanita Kasani PunjabHaridwar: 120 of Corona in last three days at Kumbh Mela

कुंभ: तीन दिनों में 1200 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले आए, तीसरे शाही स्नान में 14 लाख लोगों ने लगाई डुबकी  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब हरिद्वार:  कुंभ मेले में पिछले तीन दिनों में कोरोना के 1200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हरिद्वार के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एसके झा ने बताया कि 10 अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच तीन दिनों में 1278 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए जबकि 13 और 14 अप्रैल की रिपोर्ट आनी बाकी है। वहीं बुधवार को शाही स्नान में करीब 14 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई।  मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण के मददेनजर जिला स्वास्थ्य विभाग तथा मेले से जुडी अन्य एजेंसियों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग पचास हजार जांच हो रही हैं।  कुंभ मेला पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने बताया कि मेला क्षेत्र की सीमाओं पर श्रद्धालुओं के कोविड प्रमाणपत्रों की सघन जांच हो रही हैं। उन्होंने कि प्रमाणपत्र न होने पर अब तक 56 हजार श्रद्धालुओं को सीमा से वापस लौटा दिया गया है। महाकुंभ शाही स्नान के दौरान भी आने जाने वाले लोगों को पुलिस के जवान मास्क बांटते और सावधानी बरतने की सलाह द

Weight Loss Tips: पपीते के बीज सात दिन घटा देता है वजन, जानें कैसे By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबNewsWeight Loss Tips:पपीता स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभदायक है। यह पाचन तंत्र को तो मजबूत करता ही है साथ ही मोटापे को भी कम करता है। अक्सर हम पपीता खाने के बाद बीज को फेंक देते हैं। पपीते से होने वाले फायदों के बारे में हम सभी जानते हैं पर कम ही लोगों को पता होगा कि पपीते के बीज भी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।पपीता में ढेर सारे ऐंटीऑक्सिडेंट, मिनरल्स और बहुत कम कैलरी होती है। पपीता में पाए जाने वाले इंजाइम्स न सिर्फ वजन घटाते हैं बल्कि बैड कोलेस्ट्रोल को भी कम करते हैं। पपीते के बीज को खाने के लिए आप चाहे तो इनको सुखाकर पीस सकते हैं। पपीता के बीज का सेवन करने से शरीर के विष पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।वजन कम करने के लिए ऐसे करे पपीते के बीजों का इस्तेमाल बाल वनिता महिला आश्रमवजन कम करने के लिए आप रोजाना 10-15 दिन एक चम्मच सूखे पपीते के बीज से बने पाउडर का सेवन करें। पपीते के बीज का पाउडर आप नींबू के रस में मिलाकर या सलाद के ऊपर छिड़कर भी खा सकते हैं। ध्यान रखें 5 ग्राम से ज्यादा सेवन न करें। पपीते के बीज खाने के फायदेलीवर से जुड़ी समस्यापपीता के बीज लीवर के लिए काफी अच्छा होता है। ये लीवर सिरोसिस में काफी फायदेमंद होता है। आप चाहे तो इसे नींबू के रस के साथ खा सकते हैं। सुबह खाली पेट इसके बीजों के सेवन से काफी फायदा होता है।वायरल बुखार होने परअगर आप प्रतिदिन पपीते के बीजों का सेवन करते हैं, तो आपको वायरल बुखार होने की आशंका कम हो जाती है। ये बीज एंटी-वायरल एजेंट की तरह काम करते हैं। साथ ही यह संक्रामक बीमारियों में भी एक कारगर उपाय है।जलन या सूजन मेंअगर आपको त्वचा में जलन हो रही है तो भी आप पपीते के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। शरीर के किसी अंग में सूजन हो तो भी पपीते के बीजों का इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।

Weight Loss Tips: पपीते के बीज सात दिन घटा देता है वजन, जानें कैसे  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब Weight Loss Tips: पपीता स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभदायक है। यह पाचन तंत्र को तो मजबूत करता ही है साथ ही मोटापे को भी कम करता है। अक्सर हम पपीता खाने के बाद बीज को फेंक देते हैं। पपीते से होने वाले फायदों के बारे  में हम सभी जानते हैं पर कम ही लोगों को पता होगा कि पपीते के बीज भी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। पपीता में ढेर सारे ऐंटीऑक्सिडेंट, मिनरल्स और बहुत कम कैलरी होती है। पपीता में पाए जाने वाले इंजाइम्स न सिर्फ वजन घटाते हैं बल्कि बैड कोलेस्ट्रोल को भी कम करते हैं। पपीते के बीज को खाने के लिए आप चाहे  तो इनको सुखाकर पीस सकते हैं। पपीता के बीज का सेवन करने से शरीर के विष पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। वजन कम करने के लिए ऐसे करे पपीते के बीजों का इस्तेमाल  बाल वनिता महिला आश्रम वजन कम करने के लिए आप रोजाना 10-15 दिन एक चम्मच सूखे पपीते के बीज से बने पाउडर का सेवन करें। पपीते के बीज का पाउडर आप नींबू के रस में मिलाकर या सलाद के ऊपर छिड़कर भी खा सकते हैं। ध्यान रखें 5

बालो को रंगने के सबसे टिकाऊ और सुरक्षित प्राकृतिक और कॉस्मेटिक उपाय कौन से उपलब्ध हैं?By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबआजकल बालों को कलर(रंगना ) करना एक ट्रेंड के साथ -साथ फैशन चिन्ह भी बन गया है| परन्तु हम लोग ये नहीं जानते कि बालों को कलर करते वक्त जिन कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, वो बालों के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं; ये ना सिर्फ बालों को रफ बनाते हैं बल्कि बालों की जड़ों को भी कमजोर बनाते हैं|बालों को रंगने के कई प्राकृतिक उपाय भी है जिनसे बाल स्वस्थ व घने भी बने रहते है तथा ये एक अच्छे कंडीशनर का भी काम करते है | हम घर पर ही अपने बालों को रंग सकते है, व उन्हें बेजान रूखे बनने से बचा सकते है |1. लाल बाल - मेहंदी का तो सबने सुना ही है कि यह बालों को घना करती है व प्राकृतिक कंडीशनर का भी काम करती है, मेहँदी से बाल लाल हो जाते है |2. बर्गंडी बाल- अगर हमे बर्गंडी रंग में अपने बाल रंगने है तो मेहँदी को चुकंदर के रस में भिगो कर लगाने से हमारे बाल बर्गंडी रंग के हो जायेंगे | यह भी एक अच्छे कंडीशनर का काम करता है तथा बालों की प्राकृतिक चमक को बनाए रखता है |3. हल्के भूरे बाल - मेहंदी के साथ कॉफी पाउडर , बालों को हल्का भूरा रंग देने के लिए यह बेहतरीन उपाय है। बालों के लिए मेंहदी घोलते वक्त पहले उसमें आधा चम्मच कॉफी पाउडर डाल दें। इससे बालों का रंग हल्का कॉफी ब्राउन होगा।4. काले बाल - एक लोहे के बर्तन में कपूर का तेल गर्म करें। इसमें मेहंदी को अच्छी तरह मिलाएं और एक-दो दिन उसी तरह छोड़ दें। इसे लगाते वक्त पहले गर्म पानी इसमें मिलाएं और फिर लगाएं। इससे न सिर्फ बालों का रंग काला होगा बल्कि बाल जड़ से मजबूत होंगे।चित्र स्रोत - Google

बालो को रंगने के सबसे टिकाऊ और सुरक्षित प्राकृतिक और कॉस्मेटिक उपाय कौन से उपलब्ध हैं? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब आजकल बालों को कलर(रंगना ) करना एक ट्रेंड के साथ -साथ फैशन चिन्ह भी बन गया है| परन्तु हम लोग ये नहीं जानते कि बालों को कलर करते वक्त जिन कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, वो बालों के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं; ये ना सिर्फ बालों को रफ बनाते हैं बल्कि बालों की जड़ों को भी कमजोर बनाते हैं| बालों को रंगने के कई प्राकृतिक उपाय भी है जिनसे बाल स्वस्थ व घने भी बने रहते है तथा ये एक अच्छे कंडीशनर का भी काम करते है | हम घर पर ही अपने बालों को रंग सकते है, व उन्हें बेजान रूखे बनने से बचा सकते है | 1. लाल बाल - मेहंदी का तो सबने सुना ही है कि यह बालों को घना करती है व प्राकृतिक कंडीशनर का भी काम करती है, मेहँदी से बाल लाल हो जाते है | 2. बर्गंडी बाल- अगर हमे बर्गंडी रंग में अपने बाल रंगने है तो मेहँदी को चुकंदर के रस में भिगो कर लगाने से हमारे बाल बर्गंडी रंग के हो जायेंगे | यह भी एक अच्छे कंडीशनर का काम करता है तथा बालों की प्राकृतिक चमक को बनाए रखता है | 3. हल्के भूरे बाल -