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These 5 home cleansers can be used instead of shampoo, hair will get strength and beautyBy social worker Vanita Kasani PunjabFor the strength and beauty of hair, everyone shaves hair with shampoo so that they

शैम्पू की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं ये 5 घरेलू क्लींजर, बालों को मिलेगी मजबूती और सुंदरता By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब बालों की मजबूती और सुंदरता के लिए शैम्पू से बाल सभी धोते हैं ताकि इनमें उपस्थित गंदगी को आसानी से दूर किया जा सकें और खूबसूरती को बढ़ाया जा सकें। लेकिन बाजार में उपलब्ध कई शैम्पू रसायनों से भरे होते हैं जो बालों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आप घर पर बने क्लींजर का इस्तेमाल कर भी बालों को मजबूती और सुंदरता प्रदान कर सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे ही घरेलू क्लींजर की जानकारी देने जा रहे हैं जो बालों से जुड़ी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में। फ्रूट हेयर क्‍लींजर बालों को साफ करने के ल‍िए आप फ्रूट क्‍लींजर भी बना सकते हैं। इसके ल‍िए केला, पपीता, सेब लें और उसे काटकर म‍िक्‍सी में डालें, उसमें पानी डालकर ब्‍लेंड करें। फ‍िर म‍िश्रण को छन्‍नी की मदद से छान लें। जो पानी न‍िकले उससे बालों को धोएं। अगर आप कैम‍िकल वाले शैम्‍पू के असर से परेशान है तो आपको ये घर का बना क्‍लींजर इस्‍तेमाल करना चाह‍िए।   एग हेयर क्‍लींजर

योगासन चित्र सहित नाम और लाभ By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का विज्ञान है “योग”। यह शब्द अपने आप में ही पूर्ण विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को एकजुट कर जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है।इस शब्द के दो अर्थ होते हैं जो अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पहला है जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक इंसान स्वयं से नहीं जुड़ता, उसका समाधि तक पहुँचना नामुमकिन है।योगासन चित्र सहित नाम और योग के फायदेयोग करने से सबसे अधिक फायदा शारीरिक और मानसिक तौर पर प्राप्त होता है। यह सद्भाव और एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करता है इसलिए यह इतना शक्तिशाली और प्रभावी होता है। योग करने से अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार जैसी अन्य बीमारियों के अलावा दिल की सेहत और आपके शरीर के लचीलेपन में वृद्धि करने के जैसे अनेक लाभ मिलते है।इसके अलावा योग तीन स्तरों पर काम करता है जो मनुष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इस लिहाज से योग करना सभी के लिए सही व आवश्यक है। पहले चरण में यह मनुष्य को स्वास्थ्यवर्धक बनाता है और शरीर में ऊर्जा भरने का कामकरता है। दूसरे चरण में यह मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचार जो मनुष्य को तनाव, चिंता याफिर मानसिक विकार में डाल देते हैं, के चक्र से बाहर निकालने में मदद करता है। योग के तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंचने के लिए मनुष्य को कठिन परिश्रम कीआवश्यकता होती है जहाँ पहुंचकर वह चिंताओं से मुक्त हो जाता है।इसके अलावा अन्य लाभ निम्नलिखित है-शरीर के लचीलेपन तथा मांसपेशियों की ताकत बढ़ानाजोड़ों को टूटने से बचानाहड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूत रखनारीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करनाप्रतिरक्षा शक्ति और रक्त प्रवाह को बढ़ानाह्रदय गति को नियमित रखनाब्लड प्रेशर को कम करनालाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धियोगासन चित्र सहित नाम योगासन के नियमयोगासन चित्र सहित नाम की चर्चा करने से पहले हमें यहाँ जानना जरुरी है की योगासन के नियम क्या होते हैं। यदि आप भी योग करने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करेंगे तो योग अभ्यास का पूर्ण लाभ अवश्य प्राप्त कर पाएँगे-योग करने के नियमानुसार, प्रात:काल शौच आदि से निवृत्त होकर सूर्योदय से पहले अथवा सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। जिससे हमें योग के फायदे मिल सके।जो लोग पहली बार योगासन कर रहे हैं उन्हें किसी योग्य गुरु के निर्देशन में हल्के योग के आसन करने चाहिएं।योगासन सुबह खाली पेट तथा शाम को भोजन करने के करीब तीन-चार घंटे बाद ही करना चाहिए।हमेशा योग की शुरुआत ताड़ासन से ही करे तथा अंत में शवासन जरूर करें इससे तन और मन को पूरी तरह शान्ति मिलती है।यदि आप बीमार या गर्भवती हैं, तो अपने डॉक्टर या अपने योग प्रशिक्षक से सलाह अवश्य ले।योगासन चित्र सहित नाम और योग के लिए आवश्यक चीजेंयोगासन चित्र सहित नाम के बारे में जानने से पहले हमें योग के लिए आवश्यक चीजों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है। योग करने से पूर्व आपको निम्नलिखित चीजो की आवश्यकता होती है ताकि योगाभ्यास के दौरान आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो-NO.1 साफ और आरामदायक चटाई, कम्बल या योग मैट।NO.2 आरामदायक सूती कपड़े।NO.3 तौलिया– आवश्यकता पड़ने पर पसीना पोंछने के लिए।NO.4 एक साफ पीने के पानी की बोतल।NO.5 योग ब्लॉक्स व बेल्ट- शुरुआत में योग करते हुए दिक्कत हो तो इसे इस्तेमाल किया जा सके।योगासन के प्रकारआसनों का प्रयोग आध्यात्मिक रूप के अलावा शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य लाभ व उपचार के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार लगभग चौरासी लाख आसन हैं परन्तु इनमें से केवल चौरासी आसनों को ही प्रमुख माना गया है जिसमे 32 आसन ही प्रसिद्ध हैं।इन आसनों को प्रमुख दो समूहों में बांटा गया है-गतिशील आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति गतिशीलबनी रहती है।स्थिर आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति स्थिर होती हैया फिर कम गति बनी रहती है।आइये आपको बताते है कुछ प्रमुख आसनों को करने की विधि और उनसे प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में-योगासन चित्र सहित नामNO. 1 सर्वांगासनNO. 2 स्वस्तिकासनNO. 3 गोमुखासनNO. 4 गोरक्षासनNO. 5 अर्द्धमत्स्येन्द्रासनNO. 6 पर्वतासनNO. 7 अंजनेयासनNO. 8 उत्तान शिशुनासनNO. 9 अर्ध चंद्रासनNO. 10 बालासनयोगासन चित्र सहित नाम गोमुखासन[1]गोमुखासन योगासन चित्र सहित नाम और इस योग को करने की विधि तथा योगासन के लाभ के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।विधि:- सबसे पहले आप दोनों पैर सामने फैलाकर बैठ जाएं और अपने हाथो को बगल में रखें। उसके बाद अब अपने बाएं पांव को घुटने से मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के बगल से जमीन पर रखें। उसी तरह से दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पांव के ऊपर लाएं और दाईं एड़ी को बाएं नितंब के बगल से जमीन पर रखें।अब अपने बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं। इसके साथ ही दाई बांह को ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं और दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में पकड़ लें ऐसा करते समय गर्दन और कमर सीधी रहे।बाल वनिता महिला आश्रमऐसा करने से इस आसन का आधा चक्र पूर्ण होता है इसी प्रकार हाथों और पांवों की स्थिति बदलते हुए इस चक्र को पूर्ण करे। इसे आप तीन से पांच बार करें।योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)फुटनोट[1] योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)

योगासन चित्र सहित नाम और लाभ  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का विज्ञान है “योग”। यह शब्द अपने आप में ही पूर्ण विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को एकजुट कर जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। इस शब्द के दो अर्थ होते हैं जो अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पहला है जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक इंसान स्वयं से नहीं जुड़ता, उसका समाधि तक पहुँचना नामुमकिन है। योगासन चित्र सहित नाम और योग के फायदे योग करने से सबसे अधिक फायदा शारीरिक और मानसिक तौर पर प्राप्त होता है। यह सद्भाव और एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करता है इसलिए यह इतना शक्तिशाली और प्रभावी होता है। योग करने से अस्थमा,  मधुमेह , रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार जैसी अन्य बीमारियों के अलावा दिल की सेहत और आपके शरीर के लचीलेपन में वृद्धि करने के जैसे अनेक लाभ मिलते है। इसके अलावा योग तीन स्तरों पर काम करता है जो मनुष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इस लिहाज से योग करना सभी के लिए सही व आवश्यक है।  पहले चरण में यह मनुष्य को स्

ਦੁਨੀਆਂ ਦੀਆਂ ਕੁਝ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਅਤੇ ਦੁਰਲੱਭ ਅੰਬ ਕਿਸਮਾਂ ਹਨ?ਸਮਾਜ ਸੇਵਕ ਵਨੀਤਾ ਕਸਾਨੀ ਪੰਜਾਬ ਵੱਲੋਂ ਬਾਲ ਵਨੀਤਾ ਮਹਿਲਾ ਆਸ਼ਰਮ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ .. ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਸਭ ਨੂੰ ਪੜੋ.ਦੁਨੀਆਂ ਦੇ ਕੁਝ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਅਤੇ ਦੁਰਲੱਭ ਅੰਬਾਂ ਦੇ ਵਿਸ਼ੇ

दुनिया के कुछ मशहूर और दुर्लभ आमों की प्रजातियां कौन सी हैं? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब बाल वनिता महिला आश्रम  के लिए धन्यवाद.. कृप्या पूरा पढें। दुनिया के कुछ प्रसिद्ध और दुर्लभ आमों की प्रजातियां - फलों के राजा आम की मांग केवल आम लोगों तक ही सीमित नहीं है। इसकी विभिन्न प्रजातियां केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय हैं। आइए जानते हैं विस्तार से : एकमात्र भारत ही है जहां आमों की पैदावार में इसका प्रथम स्थान है। एवं हमारे देश का राष्ट्रीय फल भी है। साथ ही फिलीपींस, पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी इसे राष्ट्रीय फल फल का स्थान प्राप्त हैं। भारत में कई किस्म के आमों की पैदावार होती है, जैसे- अलफान्सो, बादामी, दशहरी, लंगड़ा, दशहरी, चौसा आदि। चलिए मैं आपको भारत में उपलब्ध आमों की सबसे लोकप्रिय प्रजातियों के बारे में बताऊंगी। 1. अलफान्सो यह भारत में उपलब्ध आमों की सबसे उन्नत एवं महंगी किस्मों में से एक है। जिसे ‘हाफुस’ के नाम से भी जाना जाता है। यह सुनहरे रंग का बहुत ही मीठा एवं पौष्टिक आम होता है। इसकी पैदावार महाराष्ट्र के रत्नागिरी, रायगढ़ व कोंकण क्षेत्र में बहुतायत में ह

*🌴🌳🌳मेरे कत्ल को समझते थे जो* *तरक्की अपनी।* by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब *कैसे जिएंगे वो मेरे बिना जमाना ये भी देखेगा* ।।#हर_व्यक्ति_हर_साल_एक_पौधा #greenearth#EachOnePlantOne #eachbirthdayoneplant #TreePlantation #mission100croretree

*🌴🌳🌳मेरे कत्ल को समझते थे जो* *तरक्की अपनी।*  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब  *कैसे जिएंगे वो मेरे बिना जमाना ये भी देखेगा* ।। #हर_व्यक्ति_हर_साल_एक_पौधा #greenearth #EachOnePlantOne #eachbirthdayoneplant #TreePlantation #m ission100croretree

ਹਲਦੀ ਨੂੰ ਅੱਜ ਦੀ ਸਾਇੰਸ ਔਰ ਪੁਰਾਣੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਵੈਦ ਹਕੀਮ ਔਰ ਗ੍ਰੰਥਾ ਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਸਨਮਾਨ ਮਿਲਦਾ ਆ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਇਹ ਹਲਦੀ ਔਰ ਮਸਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਨਾਲ ਲੜਨ ਦਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾਉਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਨੇ। Vnita Kasnia Punjab ਤੁਸੀ ਆਪਣੀ ਰਸੋਈ ਚ ਜਰੂਰ ਦੇਖੋ ਕੇ ਕੀ ਤੁਸੀ ਇਹ ਮਸਾਲੇ ਵਧੀਆ ਕੁਆਲਿਟੀ ਦੇ ਖਾ ਰਹੇ ਓ ਜਾ ਨਹੀਂਇਹੀ ਛੋਟੀ ਜਿਹੀ ਭੁੱਲ ਸਾਨੂੰ ਔਰ ਸਾਡੇ ਪਰਵਾਰ ਨੂੰ ਬੀਮਾਰੀ ਵਲ ਲੈਕੇ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ

ਹਲਦੀ ਨੂੰ ਅੱਜ ਦੀ ਸਾਇੰਸ ਔਰ ਪੁਰਾਣੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਵੈਦ ਹਕੀਮ ਔਰ ਗ੍ਰੰਥਾ ਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਸਨਮਾਨ ਮਿਲਦਾ ਆ ਰਿਹਾ ਹੈ।  by Vnita Kasnia Punjab ਇਹ ਹਲਦੀ ਔਰ ਮਸਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਨਾਲ ਲੜਨ ਦਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾਉਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਨੇ। ਤੁਸੀ ਆਪਣੀ ਰਸੋਈ ਚ ਜਰੂਰ ਦੇਖੋ ਕੇ ਕੀ ਤੁਸੀ ਇਹ ਮਸਾਲੇ ਵਧੀਆ ਕੁਆਲਿਟੀ ਦੇ ਖਾ ਰਹੇ ਓ ਜਾ ਨਹੀਂ ਇਹੀ ਛੋਟੀ ਜਿਹੀ ਭੁੱਲ ਸਾਨੂੰ ਔਰ ਸਾਡੇ ਪਰਵਾਰ ਨੂੰ ਬੀਮਾਰੀ ਵਲ ਲੈਕੇ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ

गिलोय और पपैया टेबलेट्स आपको स्वस्थ जीवन से भरपूर रखते है। by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब गिलोय और पपीता जैसी अतुलनीय सामग्री से निर्मित इस उत्पाद के अत्यंत पोषक और स्वास्थ्य लाभ हैं। इम्युनिटी मजबूत रखने और और शरीर को पूर्णतया स्वस्थ रखने के अतिरिक्त यह उत्पाद हर प्रकार के बुखार को दूर करने में सक्षम है। यह उत्पाद पाचन क्रिया के लिए भी लाभदायक है।

गिलोय और पपैया टेबलेट्स आपको स्वस्थ जीवन से भरपूर रखते है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब  गिलोय और पपीता जैसी अतुलनीय सामग्री से निर्मित इस उत्पाद के अत्यंत पोषक और स्वास्थ्य लाभ हैं। इम्युनिटी मजबूत रखने और और शरीर को पूर्णतया स्वस्थ रखने के अतिरिक्त यह उत्पाद हर प्रकार के बुखार को दूर करने में सक्षम है। यह उत्पाद पाचन क्रिया के लिए भी लाभदायक है।

सबसे पहले जवाब दिया गया: क्या कोई ऐसा व्यंजन हैं जो केवल आपके घर में बनता है? क्या आप उसे बनाने की विधि बाटेंगे।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबमैं ये तो नहीं कहती कि ये मेरे ही घर में बनता है लेकिन इस विधि से बहुत कम घरों में बनता होगा। यह राजस्थान और मालवा (मध्यप्रदेश का एक भाग - इन्दौर, उज्जैन वगैरह) में बनता है। सर्दियां आ रही हैं - इस व्यंजन को पौष्टिक नाश्ते के रूप में भी खा सकते हैं। इसमें पानी का अंश बिल्कुल समाप्त कर दिया जाता है इसलिये इन लड्डूओं को एअर टाइट डिब्बे में एक महीने तक भी रख सकते हैं।इन्हें कहते हैं मुठिया या चूरमा के लड्डू। नीचे रही बनाने की विधि। यह पोस्ट मैंने होली पर वाा पर ‘पाक ब्लॉग पर पोस्ट की थी। उसी को कापी पेस्ट कर रही हूँ, ताकि ज्यादा पाठक वर्ग तक पहुँचे।दीपावली के समय हर घर को कम से कम एक किलो मिठाई तो चाहिए। कभी किसी ने सोचा है कि इतनी बड़ी आबादी के लिए इतनी मिठाई के लिए इतना दूध और शुद्ध घी कहाँ से आयेगा। सबको बाजार में शुद्ध मिठाई कहाँ से मिलेगी। माँग की भरपाई करने के लिए खूब मिलावटी मिठाइयाँ बनतीं हैं। हर साल 5–10% के सैम्पल भरे जाते हैं लेकिन परिणाम क्या वही ढाक के तीन पात।ऐसे में हम क्यों न अपने ही घर में मिठाई बनायें। हम जब छोटे थे तो हमारी माता जी, मीठी बूँदी, बेसन की बर्फी, गुलाब जामुन वगैरह घर में ही बनातीं थीं।चलिए आज आपको मैं मुठिया के लड्डू बनाने की विधि बनाता हूँ। इसमें सूखे मेवे (Nuts only - बादाम, काजू और पिस्ता) डालने की मैं ऐसी विधि बताऊँगा कि किसी नेट पर नहीं मिलेगी। यह हमने फरीदाबाद में एक भाटिया परिवार से सीखी थी, वे लोग जैसलमेर के थे। हम अपने घर में ये लड्डू बनाते हैं। दावा करता हूँ ऐसे लड्डू हल्दीराम भी नहीं बना सकता।बाल वनिता महिला आश्रमसामग्री:—रवीला गेहूँ का आटा … … 350 ग्रामबेसन … … … … … … . 150 ग्रामदूध - आटा और बेसन को गूँधने के लिए 250मिलीदेशी घी … … … … … … 1 किलोचीनी पिसी हुयी … … … .. 500 ग्रामबादाम गिरी … … … … … 200 ग्रामकाजू … … … … … … … 200 ग्रामपिस्ता … … … … … … .. 100 ग्रामइलायची … … … … … … 10 ग्रामविधि:—एक बड़ी पराँत में रवीला आटा लें। वैसे हमारे यहाँ चक्की पर रवीला या मोटा आटा मिल जाता है। लेकिन न मिले तो 250 ग्राम सादा आटा ले लें और उसमें 100 ग्राम सूजी मिला लें। इसी में बेसन भी मिला लें। बेसन आप्सनल है। इससे स्वाद ज्यादा आता है। तीनों को ठीक से मिलाकर उसमें करीब 200 ग्राम घी को पिघला कर मिला लें। फिर इस मिश्रण को हाथ से अच्छी तरह मिला लें। अब गुनगुने दूध से थोड़ा थोड़ा डाल कर जितना सख्त हो सके उतना सख्त गूँध लें। बस उसकी मुठियाँ जैसी बनने लगना चाहिए। नीचे चित्र देखिये।चित्र देखकर समझ में आ गया होगा कि कैसे करना है।अब कड़ाही चढ़ाहिये चूल्हे पर। उसमे आधा किलो घी डालिये। गर्म होने के बाद थोड़ा ठन्डा हो जाने दें फिर मुठियाँ सेकते जाँयें। धीमी आँच पर सेकना है कचौड़ी जैसे। सेकते जाईये , निकालती जाईये। जो सिक जायें उन्हें थोड़ा ठंडा होने के बाद मिक्सी में पीस लीजिये और मोटी छलनी से छान लीजिये। इस तरह से सिका हुआ दरदरा रवा मिल जायेगा। चित्र देखिये।अब बादाम को पानी में 5 मिनिट उबाल लीजिये। पानी में से निकाल कर उनका छिलका आसानी से उतर जायेगा।इनको कड़ाही में बचे हुए घी में तल कर निकाल लीजिये। काजू को भी घी में तल कर निकाल लीजिये। पिस्ता को चाकू से बारीक बारीक कतर लीजिये।तले हुए बादाम को मिक्सी में घुमाकर दरदरा करके मिश्रण में मिला दीजिए। ऐसे ही काजू को भी मिक्सी में दरदरा करके मिश्रण में मिला दीजिए। अब इसमें पिसी हुयी चीनी और इलायची को छीलकर पीसकर डाल दीजिये। हाथ से सारे मिश्रण को अच्छी तरह मिलाईये। अब बचा हुआ सारा घी कड़ाही में पिघला कर इस मिश्रण में डाल लीजिये। और अच्छी तरह मिक्स करके लड्डू बनाने लगिये। जिस साइज के लड्डू अच्छे लगें उस साइज के बनाईये। लड्डू बनने में दिक्कत आये तो थोड़ा घी और गरम कर के मिला लीजिये। पानी बिलकुल नहीं छिड़कना है। ना ही चाशनी बनानी है।अब लोग सोच रहे होंगे कि सूखे मेवे पीस कर डाल दिये, दिख तो रहे नहीं हैं। तो सुनिये हमें ये लड्डू बाजार में शोकेश में रखके बेचने नहीं हैं। घर में खाने हैं और जो उसकी कीमत समझता हो उसे खिलाने हैं। इस बात की गारंटी है ऐसा लड्डू आज 1500/ रुपये किलो में भी कोई नहीं बना के देगा। इतने मैटेरियल का आप खुद बजन कर लो ढाई किलो से कम नहीं निकलेगा (आधा किलो आटा-बेसन, आधा किलो चीनी, आधा किलो सूखे मेवे, एक किलो घी, हो गया ढाई किलो। देशी घी एक किलो से ज्यादा भी लग सकता है। कोई भी रिफाइंड तेल या डालडा गलती से भी प्रयोग न करें।ये चित्र - शुचि अग्रवाल (Shuchi Agrawal) जी शैफ की साइट से।आप चाहें तो लड्डूओं को ऐसा शेप भी दे सकतीं हैं बच्चों को लुभाने के लिए।बस अब इसी से भगवान को भोग लगाईये और फिर स्वयं को भी भोग लगाईये। पसंद आयें तो टिप्पणियों में बताईयेगा।नोट - इस विधि में Vnita Kasnia Punjabजी की एक्सपर्ट एडवाइस ली गयी है, वह वा पंजाब इलाके की ही हैं। उन्हें धन्यवाद।चित्रों का सोजन्य - गूगल से।

सबसे पहले जवाब दिया गया: क्या कोई ऐसा व्यंजन हैं जो केवल आपके घर में बनता है? क्या आप उसे बनाने की विधि बाटेंगे। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब मैं ये तो नहीं कहती कि ये मेरे ही घर में बनता है लेकिन इस विधि से बहुत कम घरों में बनता होगा। यह राजस्थान और मालवा (मध्यप्रदेश का एक भाग - इन्दौर, उज्जैन वगैरह) में बनता है। सर्दियां आ रही हैं - इस व्यंजन को पौष्टिक नाश्ते के रूप में भी खा सकते हैं। इसमें पानी का अंश बिल्कुल समाप्त कर दिया जाता है इसलिये इन लड्डूओं को एअर टाइट डिब्बे में एक महीने तक भी रख सकते हैं। इन्हें कहते हैं मुठिया या चूरमा के लड्डू। नीचे रही बनाने की विधि। यह पोस्ट मैंने होली पर वाा पर ‘पाक ब्लॉग पर पोस्ट की थी। उसी को कापी पेस्ट कर  रही हूँ, ताकि ज्यादा पाठक वर्ग तक पहुँचे। दीपावली के समय हर घर को कम से कम एक किलो मिठाई तो चाहिए। कभी किसी ने सोचा है कि इतनी बड़ी आबादी के लिए इतनी मिठाई के लिए इतना दूध और शुद्ध घी कहाँ से आयेगा। सबको बाजार में शुद्ध मिठाई कहाँ से मिलेगी। माँग की भरपाई करने के लिए खूब मिलावटी मिठाइयाँ बनतीं हैं। हर साल 5–10% के सैम्पल भरे जाते हैं लेकिन