योगासन चित्र सहित नाम और लाभ By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का विज्ञान है “योग”। यह शब्द अपने आप में ही पूर्ण विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को एकजुट कर जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है।इस शब्द के दो अर्थ होते हैं जो अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पहला है जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक इंसान स्वयं से नहीं जुड़ता, उसका समाधि तक पहुँचना नामुमकिन है।योगासन चित्र सहित नाम और योग के फायदेयोग करने से सबसे अधिक फायदा शारीरिक और मानसिक तौर पर प्राप्त होता है। यह सद्भाव और एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करता है इसलिए यह इतना शक्तिशाली और प्रभावी होता है। योग करने से अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार जैसी अन्य बीमारियों के अलावा दिल की सेहत और आपके शरीर के लचीलेपन में वृद्धि करने के जैसे अनेक लाभ मिलते है।इसके अलावा योग तीन स्तरों पर काम करता है जो मनुष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इस लिहाज से योग करना सभी के लिए सही व आवश्यक है। पहले चरण में यह मनुष्य को स्वास्थ्यवर्धक बनाता है और शरीर में ऊर्जा भरने का कामकरता है। दूसरे चरण में यह मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचार जो मनुष्य को तनाव, चिंता याफिर मानसिक विकार में डाल देते हैं, के चक्र से बाहर निकालने में मदद करता है। योग के तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंचने के लिए मनुष्य को कठिन परिश्रम कीआवश्यकता होती है जहाँ पहुंचकर वह चिंताओं से मुक्त हो जाता है।इसके अलावा अन्य लाभ निम्नलिखित है-शरीर के लचीलेपन तथा मांसपेशियों की ताकत बढ़ानाजोड़ों को टूटने से बचानाहड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूत रखनारीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करनाप्रतिरक्षा शक्ति और रक्त प्रवाह को बढ़ानाह्रदय गति को नियमित रखनाब्लड प्रेशर को कम करनालाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धियोगासन चित्र सहित नाम योगासन के नियमयोगासन चित्र सहित नाम की चर्चा करने से पहले हमें यहाँ जानना जरुरी है की योगासन के नियम क्या होते हैं। यदि आप भी योग करने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करेंगे तो योग अभ्यास का पूर्ण लाभ अवश्य प्राप्त कर पाएँगे-योग करने के नियमानुसार, प्रात:काल शौच आदि से निवृत्त होकर सूर्योदय से पहले अथवा सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। जिससे हमें योग के फायदे मिल सके।जो लोग पहली बार योगासन कर रहे हैं उन्हें किसी योग्य गुरु के निर्देशन में हल्के योग के आसन करने चाहिएं।योगासन सुबह खाली पेट तथा शाम को भोजन करने के करीब तीन-चार घंटे बाद ही करना चाहिए।हमेशा योग की शुरुआत ताड़ासन से ही करे तथा अंत में शवासन जरूर करें इससे तन और मन को पूरी तरह शान्ति मिलती है।यदि आप बीमार या गर्भवती हैं, तो अपने डॉक्टर या अपने योग प्रशिक्षक से सलाह अवश्य ले।योगासन चित्र सहित नाम और योग के लिए आवश्यक चीजेंयोगासन चित्र सहित नाम के बारे में जानने से पहले हमें योग के लिए आवश्यक चीजों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है। योग करने से पूर्व आपको निम्नलिखित चीजो की आवश्यकता होती है ताकि योगाभ्यास के दौरान आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो-NO.1 साफ और आरामदायक चटाई, कम्बल या योग मैट।NO.2 आरामदायक सूती कपड़े।NO.3 तौलिया– आवश्यकता पड़ने पर पसीना पोंछने के लिए।NO.4 एक साफ पीने के पानी की बोतल।NO.5 योग ब्लॉक्स व बेल्ट- शुरुआत में योग करते हुए दिक्कत हो तो इसे इस्तेमाल किया जा सके।योगासन के प्रकारआसनों का प्रयोग आध्यात्मिक रूप के अलावा शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य लाभ व उपचार के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार लगभग चौरासी लाख आसन हैं परन्तु इनमें से केवल चौरासी आसनों को ही प्रमुख माना गया है जिसमे 32 आसन ही प्रसिद्ध हैं।इन आसनों को प्रमुख दो समूहों में बांटा गया है-गतिशील आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति गतिशीलबनी रहती है।स्थिर आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति स्थिर होती हैया फिर कम गति बनी रहती है।आइये आपको बताते है कुछ प्रमुख आसनों को करने की विधि और उनसे प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में-योगासन चित्र सहित नामNO. 1 सर्वांगासनNO. 2 स्वस्तिकासनNO. 3 गोमुखासनNO. 4 गोरक्षासनNO. 5 अर्द्धमत्स्येन्द्रासनNO. 6 पर्वतासनNO. 7 अंजनेयासनNO. 8 उत्तान शिशुनासनNO. 9 अर्ध चंद्रासनNO. 10 बालासनयोगासन चित्र सहित नाम गोमुखासन[1]गोमुखासन योगासन चित्र सहित नाम और इस योग को करने की विधि तथा योगासन के लाभ के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।विधि:- सबसे पहले आप दोनों पैर सामने फैलाकर बैठ जाएं और अपने हाथो को बगल में रखें। उसके बाद अब अपने बाएं पांव को घुटने से मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के बगल से जमीन पर रखें। उसी तरह से दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पांव के ऊपर लाएं और दाईं एड़ी को बाएं नितंब के बगल से जमीन पर रखें।अब अपने बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं। इसके साथ ही दाई बांह को ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं और दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में पकड़ लें ऐसा करते समय गर्दन और कमर सीधी रहे।बाल वनिता महिला आश्रमऐसा करने से इस आसन का आधा चक्र पूर्ण होता है इसी प्रकार हाथों और पांवों की स्थिति बदलते हुए इस चक्र को पूर्ण करे। इसे आप तीन से पांच बार करें।योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)फुटनोट[1] योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)
योगासन चित्र सहित नाम और लाभ
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब
शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का विज्ञान है “योग”। यह शब्द अपने आप में ही पूर्ण विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को एकजुट कर जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है।
इस शब्द के दो अर्थ होते हैं जो अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पहला है जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक इंसान स्वयं से नहीं जुड़ता, उसका समाधि तक पहुँचना नामुमकिन है।
योगासन चित्र सहित नाम और योग के फायदे
योग करने से सबसे अधिक फायदा शारीरिक और मानसिक तौर पर प्राप्त होता है। यह सद्भाव और एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करता है इसलिए यह इतना शक्तिशाली और प्रभावी होता है। योग करने से अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार जैसी अन्य बीमारियों के अलावा दिल की सेहत और आपके शरीर के लचीलेपन में वृद्धि करने के जैसे अनेक लाभ मिलते है।
इसके अलावा योग तीन स्तरों पर काम करता है जो मनुष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इस लिहाज से योग करना सभी के लिए सही व आवश्यक है।
पहले चरण में यह मनुष्य को स्वास्थ्यवर्धक बनाता है और शरीर में ऊर्जा भरने का काम
करता है।
दूसरे चरण में यह मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचार जो मनुष्य को तनाव, चिंता या
फिर मानसिक विकार में डाल देते हैं, के चक्र से बाहर निकालने में मदद करता है।
योग के तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंचने के लिए मनुष्य को कठिन परिश्रम की
आवश्यकता होती है जहाँ पहुंचकर वह चिंताओं से मुक्त हो जाता है।
इसके अलावा अन्य लाभ निम्नलिखित है-
- शरीर के लचीलेपन तथा मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना
- जोड़ों को टूटने से बचाना
- हड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूत रखना
- रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करना
- प्रतिरक्षा शक्ति और रक्त प्रवाह को बढ़ाना
- ह्रदय गति को नियमित रखना
- ब्लड प्रेशर को कम करना
- लाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धि
योगासन चित्र सहित नाम योगासन के नियम
योगासन चित्र सहित नाम की चर्चा करने से पहले हमें यहाँ जानना जरुरी है की योगासन के नियम क्या होते हैं। यदि आप भी योग करने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करेंगे तो योग अभ्यास का पूर्ण लाभ अवश्य प्राप्त कर पाएँगे-
- योग करने के नियमानुसार, प्रात:काल शौच आदि से निवृत्त होकर सूर्योदय से पहले अथवा सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। जिससे हमें योग के फायदे मिल सके।
- जो लोग पहली बार योगासन कर रहे हैं उन्हें किसी योग्य गुरु के निर्देशन में हल्के योग के आसन करने चाहिएं।
- योगासन सुबह खाली पेट तथा शाम को भोजन करने के करीब तीन-चार घंटे बाद ही करना चाहिए।
- हमेशा योग की शुरुआत ताड़ासन से ही करे तथा अंत में शवासन जरूर करें इससे तन और मन को पूरी तरह शान्ति मिलती है।
- यदि आप बीमार या गर्भवती हैं, तो अपने डॉक्टर या अपने योग प्रशिक्षक से सलाह अवश्य ले।
योगासन चित्र सहित नाम और योग के लिए आवश्यक चीजें
योगासन चित्र सहित नाम के बारे में जानने से पहले हमें योग के लिए आवश्यक चीजों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है। योग करने से पूर्व आपको निम्नलिखित चीजो की आवश्यकता होती है ताकि योगाभ्यास के दौरान आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो-
NO.1 साफ और आरामदायक चटाई, कम्बल या योग मैट।
NO.2 आरामदायक सूती कपड़े।
NO.3 तौलिया– आवश्यकता पड़ने पर पसीना पोंछने के लिए।
NO.4 एक साफ पीने के पानी की बोतल।
NO.5 योग ब्लॉक्स व बेल्ट- शुरुआत में योग करते हुए दिक्कत हो तो इसे इस्तेमाल किया जा सके।
योगासन के प्रकार
आसनों का प्रयोग आध्यात्मिक रूप के अलावा शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य लाभ व उपचार के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार लगभग चौरासी लाख आसन हैं परन्तु इनमें से केवल चौरासी आसनों को ही प्रमुख माना गया है जिसमे 32 आसन ही प्रसिद्ध हैं।
इन आसनों को प्रमुख दो समूहों में बांटा गया है-
- गतिशील आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति गतिशील
बनी रहती है। - स्थिर आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति स्थिर होती है
या फिर कम गति बनी रहती है।
आइये आपको बताते है कुछ प्रमुख आसनों को करने की विधि और उनसे प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में-
योगासन चित्र सहित नाम
NO. 1 सर्वांगासन
NO. 2 स्वस्तिकासन
NO. 3 गोमुखासन
NO. 4 गोरक्षासन
NO. 5 अर्द्धमत्स्येन्द्रासन
NO. 6 पर्वतासन
NO. 7 अंजनेयासन
NO. 8 उत्तान शिशुनासन
NO. 9 अर्ध चंद्रासन
NO. 10 बालासन
योगासन चित्र सहित नाम गोमुखासन[1]
गोमुखासन योगासन चित्र सहित नाम और इस योग को करने की विधि तथा योगासन के लाभ के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।
विधि:- सबसे पहले आप दोनों पैर सामने फैलाकर बैठ जाएं और अपने हाथो को बगल में रखें। उसके बाद अब अपने बाएं पांव को घुटने से मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के बगल से जमीन पर रखें। उसी तरह से दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पांव के ऊपर लाएं और दाईं एड़ी को बाएं नितंब के बगल से जमीन पर रखें।
अब अपने बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं। इसके साथ ही दाई बांह को ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं और दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में पकड़ लें ऐसा करते समय गर्दन और कमर सीधी रहे।
बाल वनिता महिला आश्रमऐसा करने से इस आसन का आधा चक्र पूर्ण होता है इसी प्रकार हाथों और पांवों की स्थिति बदलते हुए इस चक्र को पूर्ण करे। इसे आप तीन से पांच बार करें।
योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)
फुटनोट
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