सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

योगासन चित्र सहित नाम और लाभ By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का विज्ञान है “योग”। यह शब्द अपने आप में ही पूर्ण विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को एकजुट कर जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है।इस शब्द के दो अर्थ होते हैं जो अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पहला है जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक इंसान स्वयं से नहीं जुड़ता, उसका समाधि तक पहुँचना नामुमकिन है।योगासन चित्र सहित नाम और योग के फायदेयोग करने से सबसे अधिक फायदा शारीरिक और मानसिक तौर पर प्राप्त होता है। यह सद्भाव और एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करता है इसलिए यह इतना शक्तिशाली और प्रभावी होता है। योग करने से अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार जैसी अन्य बीमारियों के अलावा दिल की सेहत और आपके शरीर के लचीलेपन में वृद्धि करने के जैसे अनेक लाभ मिलते है।इसके अलावा योग तीन स्तरों पर काम करता है जो मनुष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इस लिहाज से योग करना सभी के लिए सही व आवश्यक है। पहले चरण में यह मनुष्य को स्वास्थ्यवर्धक बनाता है और शरीर में ऊर्जा भरने का कामकरता है। दूसरे चरण में यह मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचार जो मनुष्य को तनाव, चिंता याफिर मानसिक विकार में डाल देते हैं, के चक्र से बाहर निकालने में मदद करता है। योग के तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंचने के लिए मनुष्य को कठिन परिश्रम कीआवश्यकता होती है जहाँ पहुंचकर वह चिंताओं से मुक्त हो जाता है।इसके अलावा अन्य लाभ निम्नलिखित है-शरीर के लचीलेपन तथा मांसपेशियों की ताकत बढ़ानाजोड़ों को टूटने से बचानाहड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूत रखनारीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करनाप्रतिरक्षा शक्ति और रक्त प्रवाह को बढ़ानाह्रदय गति को नियमित रखनाब्लड प्रेशर को कम करनालाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धियोगासन चित्र सहित नाम योगासन के नियमयोगासन चित्र सहित नाम की चर्चा करने से पहले हमें यहाँ जानना जरुरी है की योगासन के नियम क्या होते हैं। यदि आप भी योग करने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करेंगे तो योग अभ्यास का पूर्ण लाभ अवश्य प्राप्त कर पाएँगे-योग करने के नियमानुसार, प्रात:काल शौच आदि से निवृत्त होकर सूर्योदय से पहले अथवा सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। जिससे हमें योग के फायदे मिल सके।जो लोग पहली बार योगासन कर रहे हैं उन्हें किसी योग्य गुरु के निर्देशन में हल्के योग के आसन करने चाहिएं।योगासन सुबह खाली पेट तथा शाम को भोजन करने के करीब तीन-चार घंटे बाद ही करना चाहिए।हमेशा योग की शुरुआत ताड़ासन से ही करे तथा अंत में शवासन जरूर करें इससे तन और मन को पूरी तरह शान्ति मिलती है।यदि आप बीमार या गर्भवती हैं, तो अपने डॉक्टर या अपने योग प्रशिक्षक से सलाह अवश्य ले।योगासन चित्र सहित नाम और योग के लिए आवश्यक चीजेंयोगासन चित्र सहित नाम के बारे में जानने से पहले हमें योग के लिए आवश्यक चीजों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है। योग करने से पूर्व आपको निम्नलिखित चीजो की आवश्यकता होती है ताकि योगाभ्यास के दौरान आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो-NO.1 साफ और आरामदायक चटाई, कम्बल या योग मैट।NO.2 आरामदायक सूती कपड़े।NO.3 तौलिया– आवश्यकता पड़ने पर पसीना पोंछने के लिए।NO.4 एक साफ पीने के पानी की बोतल।NO.5 योग ब्लॉक्स व बेल्ट- शुरुआत में योग करते हुए दिक्कत हो तो इसे इस्तेमाल किया जा सके।योगासन के प्रकारआसनों का प्रयोग आध्यात्मिक रूप के अलावा शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य लाभ व उपचार के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार लगभग चौरासी लाख आसन हैं परन्तु इनमें से केवल चौरासी आसनों को ही प्रमुख माना गया है जिसमे 32 आसन ही प्रसिद्ध हैं।इन आसनों को प्रमुख दो समूहों में बांटा गया है-गतिशील आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति गतिशीलबनी रहती है।स्थिर आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति स्थिर होती हैया फिर कम गति बनी रहती है।आइये आपको बताते है कुछ प्रमुख आसनों को करने की विधि और उनसे प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में-योगासन चित्र सहित नामNO. 1 सर्वांगासनNO. 2 स्वस्तिकासनNO. 3 गोमुखासनNO. 4 गोरक्षासनNO. 5 अर्द्धमत्स्येन्द्रासनNO. 6 पर्वतासनNO. 7 अंजनेयासनNO. 8 उत्तान शिशुनासनNO. 9 अर्ध चंद्रासनNO. 10 बालासनयोगासन चित्र सहित नाम गोमुखासन[1]गोमुखासन योगासन चित्र सहित नाम और इस योग को करने की विधि तथा योगासन के लाभ के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।विधि:- सबसे पहले आप दोनों पैर सामने फैलाकर बैठ जाएं और अपने हाथो को बगल में रखें। उसके बाद अब अपने बाएं पांव को घुटने से मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के बगल से जमीन पर रखें। उसी तरह से दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पांव के ऊपर लाएं और दाईं एड़ी को बाएं नितंब के बगल से जमीन पर रखें।अब अपने बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं। इसके साथ ही दाई बांह को ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं और दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में पकड़ लें ऐसा करते समय गर्दन और कमर सीधी रहे।बाल वनिता महिला आश्रमऐसा करने से इस आसन का आधा चक्र पूर्ण होता है इसी प्रकार हाथों और पांवों की स्थिति बदलते हुए इस चक्र को पूर्ण करे। इसे आप तीन से पांच बार करें।योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)फुटनोट[1] योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)

योगासन चित्र सहित नाम और लाभ 

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का विज्ञान है “योग”। यह शब्द अपने आप में ही पूर्ण विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को एकजुट कर जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है।

इस शब्द के दो अर्थ होते हैं जो अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पहला है जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक इंसान स्वयं से नहीं जुड़ता, उसका समाधि तक पहुँचना नामुमकिन है।

योगासन चित्र सहित नाम और योग के फायदे

योग करने से सबसे अधिक फायदा शारीरिक और मानसिक तौर पर प्राप्त होता है। यह सद्भाव और एकीकरण के सिद्धांतों पर काम करता है इसलिए यह इतना शक्तिशाली और प्रभावी होता है। योग करने से अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, पाचन विकार जैसी अन्य बीमारियों के अलावा दिल की सेहत और आपके शरीर के लचीलेपन में वृद्धि करने के जैसे अनेक लाभ मिलते है।

इसके अलावा योग तीन स्तरों पर काम करता है जो मनुष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इस लिहाज से योग करना सभी के लिए सही व आवश्यक है।
 पहले चरण में यह मनुष्य को स्वास्थ्यवर्धक बनाता है और शरीर में ऊर्जा भरने का काम
करता है।
 दूसरे चरण में यह मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचार जो मनुष्य को तनाव, चिंता या
फिर मानसिक विकार में डाल देते हैं, के चक्र से बाहर निकालने में मदद करता है।
 योग के तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंचने के लिए मनुष्य को कठिन परिश्रम की
आवश्यकता होती है जहाँ पहुंचकर वह चिंताओं से मुक्त हो जाता है।
इसके अलावा अन्य लाभ निम्नलिखित है-

  • शरीर के लचीलेपन तथा मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना
  • जोड़ों को टूटने से बचाना
  • हड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूत रखना
  • रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करना
  • प्रतिरक्षा शक्ति और रक्त प्रवाह को बढ़ाना
  • ह्रदय गति को नियमित रखना
  • ब्लड प्रेशर को कम करना
  • लाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धि

योगासन चित्र सहित नाम योगासन के नियम

योगासन चित्र सहित नाम की चर्चा करने से पहले हमें यहाँ जानना जरुरी है की योगासन के नियम क्या होते हैं। यदि आप भी योग करने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करेंगे तो योग अभ्यास का पूर्ण लाभ अवश्य प्राप्त कर पाएँगे-

  • योग करने के नियमानुसार, प्रात:काल शौच आदि से निवृत्त होकर सूर्योदय से पहले अथवा सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। जिससे हमें योग के फायदे मिल सके।
  • जो लोग पहली बार योगासन कर रहे हैं उन्हें किसी योग्य गुरु के निर्देशन में हल्के योग के आसन करने चाहिएं।
  • योगासन सुबह खाली पेट तथा शाम को भोजन करने के करीब तीन-चार घंटे बाद ही करना चाहिए।
  • हमेशा योग की शुरुआत ताड़ासन से ही करे तथा अंत में शवासन जरूर करें इससे तन और मन को पूरी तरह शान्ति मिलती है।
  • यदि आप बीमार या गर्भवती हैं, तो अपने डॉक्टर या अपने योग प्रशिक्षक से सलाह अवश्य ले।

योगासन चित्र सहित नाम और योग के लिए आवश्यक चीजें

योगासन चित्र सहित नाम के बारे में जानने से पहले हमें योग के लिए आवश्यक चीजों के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है। योग करने से पूर्व आपको निम्नलिखित चीजो की आवश्यकता होती है ताकि योगाभ्यास के दौरान आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो-

NO.1 साफ और आरामदायक चटाई, कम्बल या योग मैट।

NO.2 आरामदायक सूती कपड़े।

NO.3 तौलिया– आवश्यकता पड़ने पर पसीना पोंछने के लिए।

NO.4 एक साफ पीने के पानी की बोतल।

NO.5 योग ब्लॉक्स व बेल्ट- शुरुआत में योग करते हुए दिक्कत हो तो इसे इस्तेमाल किया जा सके।

योगासन के प्रकार

आसनों का प्रयोग आध्यात्मिक रूप के अलावा शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य लाभ व उपचार के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार लगभग चौरासी लाख आसन हैं परन्तु इनमें से केवल चौरासी आसनों को ही प्रमुख माना गया है जिसमे 32 आसन ही प्रसिद्ध हैं।

इन आसनों को प्रमुख दो समूहों में बांटा गया है-

  1. गतिशील आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति गतिशील
    बनी रहती है।
  2. स्थिर आसन- इस प्रकार के आसन मे योगा करने की दौरान शरीर की स्थिति स्थिर होती है
    या फिर कम गति बनी रहती है।
    आइये आपको बताते है कुछ प्रमुख आसनों को करने की विधि और उनसे प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में-

योगासन चित्र सहित नाम

NO. 1 सर्वांगासन

NO. 2 स्वस्तिकासन

NO. 3 गोमुखासन

NO. 4 गोरक्षासन

NO. 5 अर्द्धमत्स्येन्द्रासन

NO. 6 पर्वतासन

NO. 7 अंजनेयासन

NO. 8 उत्तान शिशुनासन

NO. 9 अर्ध चंद्रासन

NO. 10 बालासन

योगासन चित्र सहित नाम गोमुखासन[1]

गोमुखासन योगासन चित्र सहित नाम और इस योग को करने की विधि तथा योगासन के लाभ के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।

विधि:- सबसे पहले आप दोनों पैर सामने फैलाकर बैठ जाएं और अपने हाथो को बगल में रखें। उसके बाद अब अपने बाएं पांव को घुटने से मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के बगल से जमीन पर रखें। उसी तरह से दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पांव के ऊपर लाएं और दाईं एड़ी को बाएं नितंब के बगल से जमीन पर रखें।

अब अपने बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं। इसके साथ ही दाई बांह को ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं और दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में पकड़ लें ऐसा करते समय गर्दन और कमर सीधी रहे।

बाल वनिता महिला आश्रम

ऐसा करने से इस आसन का आधा चक्र पूर्ण होता है इसी प्रकार हाथों और पांवों की स्थिति बदलते हुए इस चक्र को पूर्ण करे। इसे आप तीन से पांच बार करें।

योगासन चित्र सहित नाम और लाभ (PDF Download)

फुटनोट

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पान खाने के क्या 5 लाभ By वनिता कासनियां पंजाब ?Paan Ke Fayde: आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं.पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf)देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है.1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है 1 पानआयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक, 1 पान खाने से पुरुषों की सेक्शुअल लाइफ को चमत्कारिक फायदे प्राप्त होते हैं. यह लौंग, सौंफ या इलायची के किसी भी नुस्खे से बहुत ज्यादा असरदार होता है. क्योंकि, इसमें आपको इन चीजों के साथ गुलकंद और सुपारी भी मिलती हैं. पान के साथ यह सभी चीजें शादीशुदा पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा प्रभावशाली हो जाती हैं. इससे पुरुषों में कामेच्छा में कमी (लिबिडो), , टेस्टोस्टेरोन में कमी, आदि सुधर जाता है.2. कब्ज से राहत दिलाता है पानआयुर्वेद में कब्ज के इलाज के लिए पान को काफी असरदार बताया गया है. यह शरीर में पीएच लेवल को सामान्य बनाता है और पेट की परेशानी से राहत प्रदान करता है. इसके लिए आप पान के पत्ते के टुकड़े करके एक गिलास पानी में डालकर रातभर रख दें. यह पानी अगली सुबह खाली पेट पी लें.3. कटने, खुजली व जलन से राहतडॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि अगर किसी चीज से कटने, खुजली व जलन के कारण आपको समस्या हो रही है, तो आप पान के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं. इसके एनलजेसिक गुण तुरंत राहत प्रदान करते हैं. इसके लिए पान के पत्ते का पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं. यह त्वचा के अंदर जाकर दर्द व जलन से राहत दिलाता है.4. संक्रमण या सेप्टिक से राहतपान के पत्ते में एंटी-सेप्टिक व एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो फंगल इंफेक्शन व सेप्टिक होने से राहत देते हैं| इसके लिए आपको पान के पत्ते का पेस्ट प्रभावित जगह पर लगाना होता है| पान के पत्ते का उपयोग जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है|5. मुंह की दुर्गंध के लिए पानपान खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है| इसमें काफी मात्रा में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह की दुर्गंध का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का खात्मा कर देते हैं. इसके अलावा यह दांतों में होने वाली कैविटी, प्लेक, सड़न, सूजन, दर्द आदि से भी राहत देता है| राजा-महाराजा अपना यौन स्वास्थ्य सुधारने के साथ मुंह की दुर्गंध भागने के लिए भी हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे|यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है| यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है|

पान खाने के क्या 5 लाभ  By वनिता कासनियां पंजाब ? Paan Ke Fayde:  आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं. पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf) देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है. 1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा ग...

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब'परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग क्या है?हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि अच्छा स्वास्थ्य मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर निर्भर करता है।हृदय रोग के इलाज के लिए आयुर्वेद का अपना अनूठा तरीका है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि हृदय रोग शरीर के तीन दोषों: वात, पित्त और कफ में असंतुलन के कारण होता है। ये असंतुलन तनाव, खराब आहार, पर्यावरण में विषाक्त पदार्थों और आनुवंशिकी जैसे कारकों के कारण हो सकते हैं।हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर में संतुलन बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग का आयुर्वेदिक इलाजहृदय रोग के लिए कई सरल और आसान आयुर्वेदिक उपचार हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:1. तुलसी: तुलसी एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।2. लहसुन: लहसुन एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।3. गुग्गुल: गुग्गुल एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।4. अदरक: अदरक एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह परिसंचरण में सुधार, सूजन को कम करने और थक्कों के गठन को रोकने में मदद करता है।5. हल्दी: हल्दी एक और भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता हैहृदय रोग के लिए हर्बल उपचारहृदय रोग के लिए कई हर्बल उपचार हैं जिनका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इन जड़ी बूटियों का उपयोग हृदय रोग को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है, और उनमें से कुछ हृदय रोग से होने वाले नुकसान को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।हृदय रोग के लिए आहारजब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है, तो आप जो खाते हैं वह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप कितना व्यायाम करते हैं। हृदय रोग के लिए एक स्वस्थ आहार आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यहाँ हृदय-स्वस्थ आहार खाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:1. खूब फल और सब्जियां खाएं।2. परिष्कृत अनाज पर साबुत अनाज चुनें।3. संतृप्त और ट्रांस वसा सीमित करें।4. दुबले प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।5. सोडियम का सेवन सीमित करें।इन आहार परिवर्तनों को करने से आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने और आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।हृदय रोग के लिए व्यायामयदि आपको हृदय रोग है, तो व्यायाम आपके दिमाग की आखिरी चीज हो सकती है। लेकिन नियमित शारीरिक गतिविधि आपके दिल के लिए अच्छी होती है। यह आपके दिल को मजबूत बनाता है और इसे बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।व्यायाम आपके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। और यह आपके वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वजन होने से हृदय रोग हो सकता है।धीरे-धीरे शुरू करें और हर हफ्ते आपके द्वारा किए जाने वाले व्यायाम की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाएं। यदि आप कुछ समय से सक्रिय नहीं हैं, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच करें।निष्कर्षआयुर्वेदिक दवा का उपयोग सदियों से हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता रहा है, और हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में प्रभावी हो सकता है। यदि आप अपने हृदय रोग के इलाज के लिए एक सरल और आसान तरीका खोज रहे हैं, तो इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को आजमाने पर विचार करें।

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब ' परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है। हृदय रोग क्या है? हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्...

गर्मी में ग्लिसरीन कैसे लगाएं? जानें स्किन को इससे मिलने वाले फायदे By वनिता कासनियां पंजाब गर्मियों में ग्लिसरीन स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे आप अपने डेली स्किन केयर में शामिल कर सकते हैं। तेज गर्मी और लू के कारण आपकी स्किन ड्राई होने लगती है और उसका सीधा असर आपके चेहरे पर दिखता है। फिर चाहे आपके नैन नक्श कितने भी सुंदर हो लेकिन आपकी स्किन ड्राई और टैन से भरी हुई नजर आती है। गर्मी के मौसम में चेहरा झुलसा हुआ और रैशेज से भरा हुआ दिखाई देता है। गर्मी और पसीना आपकी खूबसूरती को खराब कर सकता है। फिर मेकअप भी आपके चेहरे पर अधिक देर तक टिक नहीं पाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए आपको गर्मी के मौसम में ग्लिसरीन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आपकी स्किन मुलायम और ग्लोइंग नजर आए। ग्लिसरीन आपकी त्वचा को कई तरह लाभ पहुंचा सकता है। यह स्किन को अंदर से पोषण प्रदान करता है और उन्हें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है। 1. अगर आपकी स्किन गर्मी में रूखी और बेजान नजर आ रही है, तो आप ग्लिसरीन की कुछ बूंदें कॉटन में डालकर इसे अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। यह स्किन को मुलायम और ग्लोइंग बनाता है। 2. गर्मियों में आप ग्लिसरीन का इस्तेमाल टोनर के रूप में कर सकते हैं। इससे स्किन साफ और टोन नजर आती है। आप गर्मियों में भी खूबसूरत और तरोताजा नजर आते हैं। इसके लिए आप ग्लिसरीन और गुलाब जल का टोनर तैयार कर सकते हैं। यह चेहरे को अंदर से साफ करता है। ऑयली स्किन पर आप टोनर का दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं। 3.चेहरे को अच्छी तरीके से साफ करने के लिए आपको क्लींजर की जरूरत पड़ती है। अगर आप चाहे तो घर पर ही ग्लिसरीन और शहद की मदद से क्लींजर बना सकते हैं। इससे स्किन अंदर से हाइड्रेट और नमीयुक्त रहती है। इसके लिए आप आधा चम्मच ग्लिसरीन और आधा चम्मच शहद मिला लें। आप चाहे तो इसे बॉटल में स्टोर कर सकते हैं और मेकअप हटाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 4. कील-मुहांसों हटाने के लिए आफ ग्लिसरीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे स्किन के दाग-धब्बे दूर हो सकते हैं। इसके लिए आप ग्लिसरीन, नींबू और गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे स्किन बेदाग और निखरी नजर आ सकती है। 5. स्किन इंफेक्शन को दूर रखने में भी ग्लिसरीन आपकी मदद कर सकता है। दरअसल इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी स्किन के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। रात को सोने से पहले आप गुलाब जल से अपनी स्किन को साफ करके ग्लिसरीन लगा सकती है। इससे स्किन को भी आराम मिलता है। glycerin-benefitsImage Credit- Freepikइन तरीकों से भी कर सकते हैं इस्तेमाल1. ग्लिसरीन और गुलाब जल आपकी स्किन को धूप में जलने से भी बचाता है और स्किन टैन फ्री नजर आती है। इसके लिए आप केला, दही और ग्लिसरीन का पैक बना सकते हैं। 2. अगर आपकी स्किन बहुत चिपचिपी है, तो आप एलोवेरा जेल के साथ कुछ बूंदें ग्लिसरीन की मिलाकर लगा सकते हैं। इससे आपकी स्किन को काफी राहत मिलती है। 3. ग्लिसरीन में एंटी एजिंग प्रोपर्टीज पाई जाती है जो कि चेहरे को ग्लोइंग करने में मदद करती है साथ ही चेहरे की झुर्रियों को कम करती है।4. ऑयली स्किन वाले लोग ग्लिसरीन को एक क्लींजर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे एक्ने की समस्या खत्म हो सकती है। 5. इसे आप रात को सोने से पहले पूरी शरीर पर लगा सकते हैं। How to apply glycerin in summer? Know the benefits of this for the skinBy Vnita Kasniya PunjabGlycerin is very beneficial for the skin in summer. You can include it in your daily skin care.

गर्मी में ग्लिसरीन कैसे लगाएं? जानें स्किन को इससे मिलने वाले फायदे By वनिता कासनियां पंजाब गर्मियों में ग्लिसरीन स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे आप अपने डेली स्किन केयर में शामिल कर सकते हैं।  तेज गर्मी और लू के कारण आपकी स्किन ड्राई होने लगती है और उसका सीधा असर आपके चेहरे पर दिखता है। फिर चाहे आपके नैन नक्श कितने भी सुंदर हो लेकिन आपकी स्किन ड्राई और टैन से भरी हुई नजर आती है। गर्मी के मौसम में चेहरा झुलसा हुआ और रैशेज से भरा हुआ दिखाई देता है। गर्मी और पसीना आपकी खूबसूरती को खराब कर सकता है। फिर मेकअप भी आपके चेहरे पर अधिक देर तक टिक नहीं पाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए आपको गर्मी के मौसम में ग्लिसरीन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आपकी स्किन मुलायम और ग्लोइंग नजर आए। ग्लिसरीन आपकी त्वचा को कई तरह लाभ पहुंचा सकता है। यह स्किन को अंदर से पोषण प्रदान करता है और उन्हें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है।  1. अगर आपकी स्किन गर्मी में रूखी और बेजान नजर आ रही है, तो आप ग्लिसरीन की कुछ बूंदें कॉटन में डालकर इसे अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। यह स्किन को मुलायम और ग्लो...