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दुनिया के कुछ प्रसिद्ध और दुर्लभ आमों की प्रजातियां -

फलों के राजा आम की मांग केवल आम लोगों तक ही सीमित नहीं है। इसकी विभिन्न प्रजातियां केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय हैं। आइए जानते हैं विस्तार से :
एकमात्र भारत ही है जहां आमों की पैदावार में इसका प्रथम स्थान है। एवं हमारे देश का राष्ट्रीय फल भी है। साथ ही फिलीपींस, पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी इसे राष्ट्रीय फल फल का स्थान प्राप्त हैं।
भारत में कई किस्म के आमों की पैदावार होती है, जैसे- अलफान्सो, बादामी, दशहरी, लंगड़ा, दशहरी, चौसा आदि।
चलिए मैं आपको भारत में उपलब्ध आमों की सबसे लोकप्रिय प्रजातियों के बारे में बताऊंगी।

1. अलफान्सो

यह भारत में उपलब्ध आमों की सबसे उन्नत एवं महंगी किस्मों में से एक है। जिसे ‘हाफुस’ के नाम से भी जाना जाता है। यह सुनहरे रंग का बहुत ही मीठा एवं पौष्टिक आम होता है। इसकी पैदावार महाराष्ट्र के रत्नागिरी, रायगढ़ व कोंकण क्षेत्र में बहुतायत में होती है।👇

"सर्वाधिकार फोटो मालिकों के पास सुरक्षित "

इसका नाम एक पुर्तगाली अफसर अल्फांसों दी अल्बुकर्क के नाम पर पड़ा। अल्फांसो को आमों का राजा भी कहा जाता है और यह आम के प्रजातियों में सबसे महंगे में से एक है।

2. दशहरी

दशहरी आम को 18वीं शताब्दी में लखनऊ के नवाब के बाग में सर्वप्रथम देखा गया। माना जाता है कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव ‘दशहरी’ में इस आम का मूल पौधा है। दशहरी गांव में इसका उत्पादन होनें के कारण इसका नाम दशहरी पड़ा।👇

इसका मौसम अप्रैल से मई के मध्य होता है और प्रत्येक आम का वजन 150 ग्राम से 300 ग्राम के मध्य होता है।
महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिला एवं गुजरात के दक्षिणी जिले वलनाड एवं नवासारी, तथा बिहार के कुछ स्थानों पर इसकी पैदावार होती है।
3. चौसा
आम का मौसा चौसा....
यह आम स्वाद में बहुत... मीठा और सुनहरे पीले रंग का होता है। इसका कच्चा फल भी मीठा होता है।👇

यह आमतौर पर गर्मी के मौसम के अंत में जुलाई माह में उपलब्ध होता है। इसे खाने के बाद आप इसका स्वाद और सुगंध कभी नहीं भूल सकते हैं। बहुत..... स्वादिष्ट होता। हमारे घर पर भी यही आम है।

4. बादामी👇

‘कर्नाटक का अलफान्सो’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह स्वाद एवं देखने में अलफान्सो से बहुत मेल खाता है।

5. लंगड़ा
लंगड़ा रेशेदार आम होता है, यह अपनी मिठास के लिए जाना जाता है। इस आम की गुठली काफी छोटी है और गुदा ज़्यादा होता है। यही कारण है कि लोग इस आम को बहुत पसंद करते हैं।

इसकी पैदावार मुख्यत: उत्तर प्रदेश के बनारस जिले में होती है। यह आम पीले-हरे रंग का और अंडाकार होता है। यह भारत में सबसे लोकप्रिय आमों में से एक है।
काशीनरेश के द्वारा इस वृक्ष को सर्वप्रथम रामनगर के महल में रोपित किया गया था।
6. तोतापरी

इसकी तोते की चोंच जैसी टिप होने के कारण इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। यह स्वाद में बहुत मीठा नहीं होता पर यह सलाद, अचार व कोल्ड ड्रिंक के लिये काफी उपयुक्त है।

7. केसर

गुजरात का जूनागढ़ के तलाला गांव में केसर आम अत्यंत प्रसिद्ध है। यह आम अपने टेस्ट व केसर की सुगंध के लिए जाना जाता है।

सौराष्ट्र के किसानों की श्रम और सूझबूझ से इसकी पैदावार में इतनी वृद्धि हुई है कि इसका निर्यात यूरोपियन देशों में किया जाता है।
एक बार अवसर मिले तो अवश्य जाइएगा केसर आम खाने।
8. हिमसागर और मालदा आम

यह आम अधिक ठंड सहन नहीं कर पाते तब जब ये युवा होते हैं। इसे कोमल युवती की भी संज्ञा दी गई है।

यह एक पीले रंग का रेशा रहित क्रीमी आम होता है, जो कि मिठाइयाँ व मैंगो शेक बनाने के लिए बहुत उपयुक्त है। इसकी पैदावार मुख्यत: बंगाल के मुर्शिदाबाद क्षेत्र में होती है। यह बहुत ही कम समय के लिये उपलब्ध होती है।

9. बंगनपल्ली या सफ़ेदा

इस आम की पैदावार मुख्य रुप से आंध्र प्रदेश में होती है। यह रेशे रहित, तिरछे ओवल शेप का पीले रंग का आम होता है। इसका छिलका काफी पतला होता और यह स्वाद में हल्का खट्टा भी होता है।
दक्षिण भारत के लोग कढी में डालकर आम कढ़ी बनाते हैं।

10. नीलम

यह आम अन्य आमों की तुलना में छोटी होती है साथ ही इसकी सुगंध भी बहुत शानदार होती है। इसका रंग नारंगी होता है। इसे प्रायः हैदराबाद के लोग बहुत चाव से खाते हैं।

मालदा आम
पटना के दीघा घाट के मालदा आम की खुशबू और मिठास के प्रेमी देश-विदेश तक फैले हैं। मालदा आम की मिठास और सुगंध के कारण हर वर्ष अमैरिका , यूरोप, दुबई, स्वीडन, नाइज़ीरिया, इंग्लैंड आदि देशों में रहने वाले लोग इसे आयात करवाते हैं। महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों में भी मालदा आम को भरपूर पसंद की जाती है।


हर प्रजाति का आम अपनेआप में बहुत ख़ास है। इसके अलबेले स्वाद, खुशबू और गुणों के कारण ही इसे सभी फलों में सिरमौर माना गया है।

अब आप खाते रहिए स्वादिष्ट आम🙏😊 और हां आम के आम गुठलियों के दाम तभी मिलेंगे जब आप इसे खाकर पुनः इसे रोपें (कृप्या आम के पौधे लगाएं)। 

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