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पान खाने के क्या 5 लाभ By वनिता कासनियां पंजाब ?Paan Ke Fayde: आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं.पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf)देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है.1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है 1 पानआयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक, 1 पान खाने से पुरुषों की सेक्शुअल लाइफ को चमत्कारिक फायदे प्राप्त होते हैं. यह लौंग, सौंफ या इलायची के किसी भी नुस्खे से बहुत ज्यादा असरदार होता है. क्योंकि, इसमें आपको इन चीजों के साथ गुलकंद और सुपारी भी मिलती हैं. पान के साथ यह सभी चीजें शादीशुदा पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा प्रभावशाली हो जाती हैं. इससे पुरुषों में कामेच्छा में कमी (लिबिडो), , टेस्टोस्टेरोन में कमी, आदि सुधर जाता है.2. कब्ज से राहत दिलाता है पानआयुर्वेद में कब्ज के इलाज के लिए पान को काफी असरदार बताया गया है. यह शरीर में पीएच लेवल को सामान्य बनाता है और पेट की परेशानी से राहत प्रदान करता है. इसके लिए आप पान के पत्ते के टुकड़े करके एक गिलास पानी में डालकर रातभर रख दें. यह पानी अगली सुबह खाली पेट पी लें.3. कटने, खुजली व जलन से राहतडॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि अगर किसी चीज से कटने, खुजली व जलन के कारण आपको समस्या हो रही है, तो आप पान के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं. इसके एनलजेसिक गुण तुरंत राहत प्रदान करते हैं. इसके लिए पान के पत्ते का पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं. यह त्वचा के अंदर जाकर दर्द व जलन से राहत दिलाता है.4. संक्रमण या सेप्टिक से राहतपान के पत्ते में एंटी-सेप्टिक व एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो फंगल इंफेक्शन व सेप्टिक होने से राहत देते हैं| इसके लिए आपको पान के पत्ते का पेस्ट प्रभावित जगह पर लगाना होता है| पान के पत्ते का उपयोग जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है|5. मुंह की दुर्गंध के लिए पानपान खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है| इसमें काफी मात्रा में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह की दुर्गंध का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का खात्मा कर देते हैं. इसके अलावा यह दांतों में होने वाली कैविटी, प्लेक, सड़न, सूजन, दर्द आदि से भी राहत देता है| राजा-महाराजा अपना यौन स्वास्थ्य सुधारने के साथ मुंह की दुर्गंध भागने के लिए भी हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे|यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है| यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है|

पान खाने के क्या 5 लाभ  By वनिता कासनियां पंजाब ? Paan Ke Fayde:  आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं. पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf) देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है. 1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है

भारतीयों की सुबह बिना चाय के नहीं होती है। By वनिता कासनियां पंजाब साथ ही, दिन भर की भाग दौड़ के बाद एक कप चाय से ही हमारी थकान दूर होती है। मगर क्या आप जानती हैं हैं कि शरीर के साथ – साथ हमारी स्किन भी थक जाती है? जी हां… इसपर भी दिन भर की धूप, धूल मिट्टी प्रदूषण और स्ट्रेस की वजह से गंदगी जाम जाती है और यह थकी हुई लगने लगती है। इसलिए त्वचा को भी आराम की ज़रूरत होती है।तो जिस तरह आप अपनी शारीरिक थकान के लिए चाय का इस्तेमाल करती हैं, ठीक उसी तरह आपकी स्किन की थकान के लिए भी चाय फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो स्किन और हेल्थ दोनों को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। तो चलिये जानते हैं कि आप कैसे कर सकती हैं अपनी त्वचा और बालों के लिए चाय का इस्तेमाल?मगर हम रेगुलर चाय की बात नहीं कर रहे हैं हम बात कर रहे हैं ओलोंग टी (Oolong Tea) की। यह हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने से लेकर वज़न घटाने में भी मददगार है। तो चलिये जानते हैं कि कैसे ये ओलोंग टी आपकी ब्यूटी को बनाए रखने में मदद कर सकती है।जानिए क्या है ओलोंग टी और इसके फायदे?ओलोंग टी (oolong tea) दुनिया में लोगों की पहली पसंद रही है। कैमेलिया साइनेंसिस नमक प्लांट से बनाई जाती है। यह थोड़ी फर्मेंटेड और ऑक्सीडाइस्ड होती है। ऊलोंग टी की सुगंध बहुत अच्छी होती और यह स्वादिष्ट और हेल्दी भी होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।अकेडमी ऑफ ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि जिन लोगों ने 7 दिनों तक हर दिन 4 कप ऊलोंग टी का सेवन किया, उनमें तनाव का स्तर काफी कम हो गया। 700 चीनी बुजुर्गों पर किए गए एक अन्य शोध में यह सामने आया कि ऊलोंग टी ब्रेन फंकशन में भी सुदार कर सकती है।yh body ko detox karne mein madad karta hai बॉडी को डेटोक्स करने में मददगार है । चित्र: गुगलजानिए आपकी स्किन के लिए कैसे फायदेमंद है ऊलोंग टी?त्वचा को अंदर से निखारेशरीर में मौजूद टॉक्सिन्स (toxins) आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही, यह डार्क सर्कर्स और झुर्रियों का भी कारण बनते हैं। ऐसे में ओलोंग टी (benefits of oolong tea for skin) का सेवन चेहरे की फ़ाइन लाइंस और झुर्रियों को कम कर सकता है। साथ ही, यह आपकी त्वचा को फिर से जीवंत कर सकती है और एजिंग साइंस को रोक सकती है।स्किन प्रॉब्लम्स को रखे दूरजर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार ऊलोंग टी में एंटी-एलर्जेनिक गुण और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो चकत्ते और एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह त्वचा की अन्य सामान्य स्थितियों जैसे मुंहासे, फुंसियों और काले धब्बों के इलाज में भी प्रभावी है। यह चाय आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों के कारण होने वाले पिगमेंटेशन (pigmentation) से भी बचाती है।yh baalon ko nami pradaan karta hai यह बालों को नमी प्रदान करता है। चित्र गुगलबालों के लिए किस तरह फायदेमंद है ओलोंग टी?हेयर हेल्थ में करे सुधारऊलोंग टी का नियमित सेवन से बालों का झड़ने से रोक सकता है। जिससे स्कैल्प के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। ओलोंग टी – सुस्त, सूखे, डैमेज और बेजान बालों को ठीक करने में मदद करती है है।रूसी को जड़ से भगायेयह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। साथ ही, खुजली और रूसी से भी लड़ती है जिससे बालों में चमक आती है। इसलिए, अपने बालों की चमक में सुधार करने के लिए ऊलोंग टी का प्रयोग करें। इससे आपके हेयर टेक्सचर में सुधार होगा।त्वचा और बालों के लिए इस तरह करें इस्तेमालबालों में ऊलोंग टी का प्रयोग करने के लिए आप एक लीटर पानी में थोड़ी सी ऊलोंग टी उबाल लें। इसके बाद इस पानी से अपने बालों को शैम्पू के बाद रिंस करें।रोज़ एक कप ऊलोंग टी का सेवन करें, इससे आपकी गट हेल्थ दुरुस्त रहेगी जिससे आपको अपनी त्वचा की देखभाल करने में मदद मिलेगी।

By  साथ ही, दिन भर की भाग दौड़ के बाद एक कप चाय से ही हमारी थकान दूर होती है। मगर क्या आप जानती हैं हैं कि शरीर के साथ – साथ हमारी स्किन भी थक जाती है? जी हां… इसपर भी दिन भर की धूप, धूल मिट्टी प्रदूषण और स्ट्रेस की वजह से गंदगी जाम जाती है और यह थकी हुई लगने लगती है। इसलिए त्वचा को भी आराम की ज़रूरत होती है। तो जिस तरह आप अपनी शारीरिक थकान के लिए चाय का इस्तेमाल करती हैं, ठीक उसी तरह आपकी स्किन की थकान के लिए भी चाय फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो स्किन और हेल्थ दोनों को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। तो चलिये जानते हैं कि आप कैसे कर सकती हैं अपनी त्वचा और बालों के लिए चाय का इस्तेमाल? मगर हम रेगुलर चाय की बात नहीं कर रहे हैं हम बात कर रहे हैं ओलोंग टी (Oolong Tea) की। यह हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने से लेकर वज़न घटाने में भी मददगार है। तो चलिये जानते हैं कि कैसे ये ओलोंग टी आपकी ब्यूटी को बनाए रखने में मदद कर सकती है। जानिए क्या है ओलोंग टी और इसके फायदे? ओलोंग टी (oolong tea) दुनिया में लोगों की पहली पसंद रही है। कैमेलिया साइनेंसिस नमक प्लांट स

🌹🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌹 अपराजिता फूल, नीले मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाए By वनिता कासनियां पंजाब !! अपराजिता अपराजिता – क्लिटोरिया टर्नाटिया अपराजिता क्लिटोरिया टर्नाटिया, जिसे आमतौर पर नीले मटर या बटरफ्लाई मटर के रूप में जाना जाता है, फली/बीन परिवार से संबंधित एक पौधे की प्रजाति है। भारत में, यह एक प्रकार का पवित्र फूल है, जिसका उपयोग दैनिक पूजा अनुष्ठानों में किया जाता है। इस बेल के फूलों में मानव महिला जननांगों का आकार होता है, इस प्रकार "क्लिटोरिस" शब्द से क्लिटोरिया नाम दिया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है अपराजिता (अर्थ, अपराजित), वास्तु शास्त्र के अनुसार। - इस बेल को अपने घर में लगाना ऊर्जाओं को शुद्ध करेगा और आपके दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार की पराजयों से हमेशा आपकी रक्षा करेगा। पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में, इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे स्मृति बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एंटीडिप्रेसेंट, ट्रैंक्विलाइजिंग और शामक गुण। पारंपरिक चीनी चिकित्सा के अनुसार, पौधा अपनी समान उपस्थिति के कारण महिला कामेच्छा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। फूल फाइबर और प्राकृतिक खाद्य रंग के लिए प्राकृतिक रंग के रूप में भी काम करता है। बेल के विभिन्न भाषाओं में नाम – हिन्दी – अपराजिता, कोयल, कालीजार अंग्रेजी - बटरफ्लाई मटर), ब्लू मटर, कबूतर के पंख संस्कृत - गोकर्णी, गिरिकर्णी, योनिपुष्पा, विष्णुक्रान्ता, अपराजिता उड़िया - ओपराजिता उर्दू - मजेरियुनिहिन्दी कन्नड़ - शंखपुष्पबल्ली, गिरिकर्णिका, गिरिकार्णीबल्ली कोंकणी-काजुली गुजराती - गरानी, ​​कोयला तमिल - कक्कानम, तरुगन्नी तेलुगू - डिंटेना, नल्लावुसिनितिगे पंजाबी - धनांतर अपराजिता का फूल घरों में आसानी से उग जाता है और विभिन्न दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होता है। यह पौधा हमें स्वास्थ्य से लेकर आध्यात्मिक तक अनेक लाभ प्रदान करता है। अपराजिता फूल – बटरफ्लाई मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ आधासीसी दूर करे – अपराजिता के फूल के बीज और जड़ को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ सेवन करने से आधासीसी ठीक हो जाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों के रोगों को दूर करने में मदद करता है- ब्लू टी*, अपराजिता के फूलों की चाय का सेवन आंखों के रोगों को दूर करता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है। ब्लू टी बनाने के स्टेप्स- अपराजिता के कुछ फूल लेकर उसका हरा भाग हटा दें। इन फूलों की पंखुड़ियों को पानी में कुछ मिनट तक उबालें। नींबू की कुछ बूंदें डालें, छानें और ब्लू टी का आनंद लें। स्वाद के साथ उपचार 😁। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: कुछ अपराजिता की पंखुड़ियां लेकर उसका रस निकाल लें और रस को सूखने दें। रस को गर्म करके तैयार पेस्ट को कान के चारों ओर लगाएं, इससे दर्द ठीक हो जाएगा। दांत का दर्द ठीक करता है - काली मिर्च के साथ पौधे की जड़ का लेप करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: इस पौधे की जड़ को लेकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर मुंह में रख लें। इसने गंभीर दांत दर्द में बेहद सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। अपच और अम्लपित्त दूर करता है अपराजिता की जड़ का चूर्ण गाय के दूध या गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से अपच और अम्लपित्त की समस्या में लाभ होता है। गठिया से राहत दिलाने में मदद करता है- इसके पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से गठिया से राहत मिलती है। इसके अलावा, 1-2 ग्राम पौधे की जड़ का चूर्ण या तो पानी या दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया से राहत मिलती है। बालों के विकास को उत्तेजित करता है और बालों का गिरना कम करता है- रोजाना ब्लू टी* का सेवन बालों के झड़ने को रोकने के साथ-साथ बालों के विकास को रोक सकता है। चमकती त्वचा प्रदान करता है- एक कप गर्म नीली चाय * नियमित रूप से पीने से बिना पचे हुए खाद्य कण सिस्टम से बाहर निकल जाते हैं, जिससे हमें स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलती है। मूड को अच्छा करने में मदद करता है – ब्लू टी* का सेवन करने से तनाव दूर होता है जो व्यक्ति के मूड और धातु की स्थिति को ऊपर उठाने के साथ-साथ चिंता के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। ऐसी सभी जड़ी-बूटियों के शारीरिक और मानसिक उपचार में उपयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप हमारे स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे पाठ्यक्रम (टीटीसी) में नामांकन करा सकते हैं।

 🌹🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌹 अपराजिता फूल, नीले मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाए

चमक जाएगी आपकी किस्मत, अगर भोजन करते समय रखा इन बातों का ध्यान By वनिता कासनियां पंजाब Best Direction for Eating Food: जीवन में कई घटनाएं ऐसी होती हैं, जिनको हम नजरअंदाज कर देते हैं. हालांकि, ये छोटी-छोटी बातें ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से अहम हो सकती हैं. इन पर अगर समय रहते ध्यान दे दिया जाए तो किस्मत बदल सकती है. आज खाना खाने के दौरान होने वाली कुछ बातों के बारे में जानकारी देंगे. जिन पर अगर गौर कर सुधार लिया जाए तो घर में खुशहाली आ सकती है. 1/5वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करते समय कुछ बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. ये बातें सेहत के लिहाज से तो बढ़िया रहती हैं, साथ ही इसके ज्योतिष मायने भी होते हैं. भोजन करने के दौरान वाली ये बातें काफी आसान हैं. इन बातों पर अगर समय रहते अमल कर लिया जाए तो किस्मत साथ देने लगती हैं.Share2/5दक्षिण दिशा की तरफ कभी मुंह करने भोजन नहीं करना चाहिए. इस बात को न केवल घर में, बल्कि रेस्टोरेंट और होटल में भी अमल में लाना चाहिए. इस दिशा में मुंह करके खाना खाने से नकारात्मक विचार आते हैं. Share3/5खाना खाते समय कई लोगों को पानी पीने की आदत होती है. ऐसे में इस दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी का गिलास हमेशा दाहिने तरफ रखें, क्योंकि बाएं हाथ से पानी पीना अच्छा नहीं माना जाता है. जबकि, दाहिने हाथ से पानी पीने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. 4/5खाने की प्लेट या थाली में कभी भी हाथ नहीं धोना चाहिए. ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती हैं. ज्योतिष शास्त्र में भी इस आदत को गलत बताया गया है. खाने की थाली में हाथ धोने से साथ देने वाली किस्मत रूठ सकती है. 5/5थाली में से एक छोटा सा कोर या हिस्सा हमेशा खाने से पहने निकाल देना चाहिए. इस कोर को चींटियों या चिडियाओं के लिए किसी पेड या छत पर रख देना चाहिए. ऐसा करने से घर में आने वाले संकट टल जाते हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.

चमक जाएगी आपकी किस्मत, अगर भोजन करते समय रखा इन बातों का ध्यान By वनिता कासनियां पंजाब Best Direction for Eating Food: जीवन में कई घटनाएं ऐसी होती हैं, जिनको हम नजरअंदाज कर देते हैं. हालांकि, ये छोटी-छोटी बातें ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से अहम हो सकती हैं. इन पर अगर समय रहते ध्यान दे दिया जाए तो किस्मत बदल सकती है. आज खाना खाने के दौरान होने वाली कुछ बातों के बारे में जानकारी देंगे. जिन पर अगर गौर कर सुधार लिया जाए तो घर में खुशहाली आ सकती है.  1 / 5 वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन करते समय कुछ बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. ये बातें सेहत के लिहाज से तो बढ़िया रहती हैं, साथ ही इसके ज्योतिष मायने भी होते हैं. भोजन करने के दौरान वाली ये बातें काफी आसान हैं. इन बातों पर अगर समय रहते अमल कर लिया जाए तो किस्मत साथ देने लगती हैं. 2 / 5 दक्षिण दिशा की तरफ कभी मुंह करने भोजन नहीं करना चाहिए. इस बात को न केवल घर में, बल्कि रेस्टोरेंट और होटल में भी अमल में लाना चाहिए. इस दिशा में मुंह करके खाना खाने से नकारात्मक विचार आते हैं.  3 / 5 खाना खाते समय कई लोगों को पानी पीने की आदत होती है. ऐसे में इ

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे !? जल्दी गर्भवती होने की सबसे अच्छी तकनीक क्या है? प्रेग्नेंट होने का उपाय -By वनिता कासनियां पंजाब 1. अनारगर्भवती होने के लिए अनार का सेवन बहुत ही लाभदायी है, क्युकी अनार खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है और इस से भ्रूण भी स्वस्थ रहता है। अगर पुरुष भी अनार का सेवन करते है तो उनके स्पर्म की कोलिटी और स्पर्म काउंट भी बढ़ता है। जिस से आप जल्दी से गर्भधारण (pregnant) हो सकते हो। आप अनार का जूस भी पी सकते हो या फिर आप अनार के बीज और छाल को सुखाकर उनका पाउडर बना कर दिन में 2 बार गुनगुने पानी में आधा चमच मिलाकर भी पी सकते हो।2. खजूरखजूर में विटामिन A, B और E होते है उन्ही के साथ उसमे लोह तत्व और अन्य आवश्यक खनिज होते है जो आपको गर्भधारण में और आपकी गर्भवस्था में आपको मददरूप होते है। खजूर का सेवन आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार लाता है। आप खजूर की 10-12 कलिया लेकर (बिना बीज की) उसमे धनिया डाल कर पीस ले और इसे दूध में डाल कर उबालके पि लीजिये।3. विटामिन Dशरीर में विटामिन D की कमी से भी कई महिलाओ को गर्भधारण नहीं हो पाता है। इस लिए आप अपने शरीर में विटामिन D की कमी को पूर्ण कर ले। इस के लिए आप रोज सुबह 10-15 मिनट हलकी धुप में बैठे। इस से आपके शरीर को विटामिन D मिलेगा और इसके अलावा आप विटामिन D युक्त फ़ूड भी खा सकती हो।4. गर्म पानी में दालचीनी पाउडर मिलाकर पिएदालचीनी महिला की अंडाशय की प्रक्रिया को बहेतर बनाने के लिए असरकारक है और इस से महिला की फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया तेज होती है। इस का उपयोग PCOD और PCOS के उपचार में किया जाता है। इस लिए आप हर रोज 1 ग्लास गर्म पानी में आधा चमच दालचीनी पाउडर को मिलाकर पीजिए।5. फोलिक एसिडअगर आपके मन में ये सवाल है की प्रेग्नेंट होने के लिए क्या खाना चाहिए (प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए) तो सबसे पहले आपको फोलिक एसिड युक्त भोजन को आपके डाइट में शामिल करना है क्युकी गर्भधारण (फर्टिलिटी) के लिए सबसे जरूरी फोलिक एसिड होता है। आप फोलिक एसिड युक्त फ़ूड भी खा सकती है जैसे की, पालक (कोई भी पत्तेदार सब्जिया), अनार, एवोकाडो, किशमिश, मसूर की दाल विगेरे। या फिर आप फोलिक एसिड की सप्लीमेंट भी ले सकते हो। अगर आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही है हो तो उसके कम से कम 2-3 महीने पहले ही आप फोलिक एसिड लेना शुरू कर दो।6. सेब सिरकासेब सिरका शरीर में से विषैले (जेरी) तत्वों को बहार निकालने का काम करता है। इस लिए शरीर में हार्मोनल बैलेंस रहता है। जिस से गर्भधारण में आसानी रहती है। आप 1 ग्लास पानी में 1 शहद और 2 चमच सेब सिरका मिलाकर दिन में 2 बार पी सकते हो।तो ये सारे ऊपर बताये गये उपायगर्भवती होने के घरेलू उपाय है। जल्दी गर्भधारण में मदद करते हैं ये घरेलू उपाय। आप इस उपाय को अजमाकर जल्दी से प्रेग्नेंट हो सकते हो।

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे !? जल्दी गर्भवती होने की सबसे अच्छी तकनीक क्या है? प्रेग्नेंट होने का उपाय - By  वनिता कासनियां पंजाब   1 . अनार गर्भवती होने के लिए अनार का सेवन बहुत ही लाभदायी है, क्युकी अनार खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है और इस से भ्रूण भी स्वस्थ रहता है। अगर पुरुष भी अनार का सेवन करते है तो उनके स्पर्म की कोलिटी और स्पर्म काउंट भी बढ़ता है। जिस से आप जल्दी से गर्भधारण  (pregnant)  हो सकते हो। आप अनार का जूस भी पी सकते हो या फिर आप अनार के बीज और छाल को सुखाकर उनका पाउडर बना कर दिन में 2 बार गुनगुने पानी में आधा चमच मिलाकर भी पी सकते हो। 2. खजूर खजूर में विटामिन A, B और E होते है उन्ही के साथ उसमे लोह तत्व और अन्य आवश्यक खनिज होते है जो आपको गर्भधारण में और आपकी गर्भवस्था में आपको मददरूप होते है। खजूर का सेवन आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार लाता है। आप खजूर की 10-12 कलिया लेकर (बिना बीज की) उसमे धनिया डाल कर पीस ले और इसे दूध में डाल कर उबालके पि लीजिये। 3. विटामिन D शरीर में  विटामिन D  की कमी से भी कई महिलाओ को  गर्भधारण  नहीं हो पाता है। इस लिए आप अपने शरीर में विटामिन D की कमी क

इस विटामिन की कमी से हाथ-पैरों में महसूस होती है झनझनाहट, जानिए इसे कैसे करें दूर ? By वनिता कासनियां पंजाब !! Hands And Feet Tingling: हाथ और पैरौं में चींटी काटने जैसा महसूस होता है तो यहां जान लें इसका क्या हो सकता है कारण. ऐसे किया जा सकता है इस झनझनाहट को दूर. इस विटामिन की कमी से हाथ-पैरों में महसूस होती है झनझनाहट, जानिए इसे कैसे करें दूरTingling In Hands: हाथ-पैरों में इस कारण होती है झनझनाहट. Vitamin Deficiency: हाथ और पैरों में झनझनाहट के कई कारण हो सकते हैं जैसे विटामिन की कमी, डायबिटीज और शरीर में कॉलेस्ट्रोल का बढ़ना. लेकिन, आमतौर पर इस झनझनाहट (Sensation) का मुख्य कारण शरीर में विटामिन बी (Vitamin B) और विटामिन ई की कमी हो सकती है. इस कमी के कारण ही ऐसा महसूस होता है जैसे शरीर पर खासकर हाथ-पैरों पर चीटियां चढ़ रही हैं. इस स्थिति में ना हाथ हिलाए जाते हैं और ना ही पैर, साथ ही दर्द उठता है सो अलग. यहां जानिए इस दिक्कत को किस तरह दूर किया जा सकता है. हाथ-पैरों की झनझनाहट से कैसे पाएं छुटकारा | How To Get Rid Of Hand-Feet Tingling इस झनझनाहट (Tingling) को दूर करने के लिए डाइट में कुछ बदलाव करने के साथ ही जरूरी एहतियात बरते जा सकते हैं. निम्न वे टिप्स हैं जो हाथ-पैरों की सनसेशन को दूर करने में मददगार हैं.मीट जैसे लीवर विटामिन बी का अच्छा स्त्रोत है. शाकाहारी लोगों के लिए स्प्राउट्स और वेजीटेबल ऑयल अच्छे ऑप्शन हैं. सूरजमुखी का तेल और राजमा भी विटामिन बी की कमी पूरे करने के लिए खाए जा सकते हैं. विटामिन ई (Vitamin E) की कमी पूरे करने के लिए खानपान में एवोकाडो को शामिल किया जा सकता है. सूखे मेवों में भी अच्छी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है. खासकर बादाम विटामिन ई से भरपूर होता है. इस झनझनाहट को दूर करने के लिए हाथ या पैरों से किसी भी तरह का प्रेशर हटाएं. हाथ-पैर मोड़कर बैठने पर झनझनाहट हो तो उन्हें सीधा करें. यहां-वहां चलने की कोशिश करें. हाथों में जब चींटी चढ़ने जैसा लगे तो मुट्ठी बंद करें और फिर खोलें. ऐसा कुछ देर करके देखें, आराम महसूस होगा.पैरों की झनझनाहट (Feet Sensation) में पंजों को आगे-पीछे करें. अगर ऑक्सीजन की कमी से झनझनाहट हो रही होगी तो इस मूवमेंट से ठीक हो जाएगी. सिर को दाएं-बाएं घुमाने पर हाथों में हो रही झनझनाहट से राहत मिल सकती है. झनझनाहट होने के कुछ देर भीतर ही नहाना हो तो गर्म पानी की बजाय ठंडे पानी से नहाएं. गर्माहट दर्द बढ़ाने वाली साबित हो सकती है. जूतों को चेक करें कि कहीं जूते टाइट होने की वजह से रक्त प्रवाह अवरुद्ध होकर झनझनाहट तो नहीं हो रही.

इस विटामिन की कमी से हाथ-पैरों में महसूस होती है झनझनाहट, जानिए इसे कैसे करें दूर ? By वनिता कासनियां पंजाब !! Hands And Feet Tingling: हाथ और पैरौं में चींटी काटने जैसा महसूस होता है तो यहां जान लें इसका क्या हो सकता है कारण. ऐसे किया जा सकता है इस झनझनाहट को दूर.  Tingling In Hands: हाथ-पैरों में इस कारण होती है झनझनाहट.  Vitamin Deficiency:  हाथ और पैरों में झनझनाहट के कई कारण हो सकते हैं जैसे विटामिन की कमी, डायबिटीज और शरीर में कॉलेस्ट्रोल का बढ़ना. लेकिन, आमतौर पर इस झनझनाहट (Sensation) का मुख्य कारण शरीर में विटामिन बी (Vitamin B) और विटामिन ई की कमी हो सकती है. इस कमी के कारण ही ऐसा महसूस होता है जैसे शरीर पर खासकर हाथ-पैरों पर चीटियां चढ़ रही हैं. इस स्थिति में ना हाथ हिलाए जाते हैं और ना ही पैर, साथ ही दर्द उठता है सो अलग. यहां जानिए इस दिक्कत को किस तरह दूर किया जा सकता है.  हाथ-पैरों की झनझनाहट से कैसे पाएं छुटकारा | How To Get Rid Of Hand-Feet Tingling  इस झनझनाहट (Tingling) को दूर करने के लिए डाइट में कुछ बदलाव करने के साथ ही जरूरी एहतियात बरते जा सकते हैं. निम्न वे टिप्स

Health Tips: पेट की तमाम समस्याओं में ये आसान से घरेलू उपाय हो सकते हैं कारगर, हर बार दवाइयों की जरूरत नहीं वनिता कासनियां पंजाब By पचन को कैसे ठीक रखा जा सकता है? फोटो: गुगल स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आप कितने स्वस्थ है, यह जानने का सबसे आसान तरीका है कि आपका पेट कितना ठीक रहता है? पेट के तमाम अंग पाचन से लेकर पोषक तत्वों के अवशोषण तक को बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में सहायक होते हैं। इन अंगों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या का असर आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। पेट में होने वाली समस्याओं के कारण लोगों को पेट फूलने, कब्ज और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सामान्यतौर पर ये समस्याएं कुछ प्रकार की दवाओं के साथ ठीक हो जाती हैं, हालांकि अगर आपको अक्सर पेट से संबंधित दिक्कतें बनी रहती हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से मिलकर स्थिति का सही निदान कर लें।यदि आपको बिना किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या के पेट की दिक्कतें बनी रहती हैं तो हर बार दवाइयों की आवश्यकता नहीं है, कुछ स्थितियों में सामान्य घरेलू उपायों के माध्यम से भी इस तरह की दिक्कतों में आराम पाया जा सकता है।आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां उपलब्ध हैं जिनका सेवन करके पेट की समस्याओं को कम करने और पेट के अंगों को मजबूती देने के लिए वर्षों से किया जाता रहा है। आइए ऐसे ही कुछ आसान से घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं जिनको प्रयोग में लाना आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है।गुनगुना पानी पीने की आदत के लाभ2 of 5गुनगुना पानी पीने की आदत के लाभ - फोटो : गुगलसुबह खाली पेट गुनगुने पानी का सेवनस्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पेट से संबंधित कई तरह की दिक्कतों को कम करने, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने की आदत बनाना लाभकारी हो सकता है। गुनगुना पानी मल त्याग में सुधार करने, पेट दर्द को कम करने और आंतों को साफ रखने में आपके लिए मददगार हो सकता है। अपच और पाचन से संबंधित दिक्कतों को कम करने में यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है। पाचन में अदरक के लाभ 3 of 5पाचन में अदरक के लाभ - फोटो : गुगलपेट की समस्याओं में अदरक के लाभपेट की दिक्कतों को दूर करने में घरेलू उपाय के तौर पर अदरक का सेवन करना विशेष लाभकारी माना जाता है। मतली और उल्टी को कम करने में मदद करने के साथ भोजन में अदरक को शामिल करना पेट की अन्य कई तरह की दिक्कतों को दूर करने में भी लाभकारी हो सकता है। अदरक की चाय न सिर्फ सिरदर्द और थकान को दूर करने में मददगार है, साथ ही यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में भी सहायक हो सकती है। कैमोमाइल टी के फायदेकैमोमाइल टी, एंटी-इंफ्लामेटरी के रूप में कार्य करके पेट की समस्याओं के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में आपके लिए सहायक हो सकती है। कैमोमाइल टी के एंटीइंफ्लामेटरी गुण, पेट की मांसपेशियों के सूजन को कम करके आपको आराम देने में मदद करते हैं, जिससे ऐंठन और पेट के दर्द को ठीक किया जा सकता है। कैमोमाइल टी के सेवन को शरीर में कई प्रकार से और भी लाभकारी माना जाता है। अपने डॉक्टर की सलाह के आधार पर इसका सेवन सुनिश्चित करें।विज्ञापनसेब के सिरके के लाभ5 of 5सेब के सिरके के लाभ - फोटो : गुगलसेब के सिरके से मिलता है लाभसेब के सिरके में मौजूद एसिड, पाचन को ठीक रखने में मदद करता है। एक कप पानी में सेब के सिरके को मिलाकर इसका सेवन करना पाचन स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। ये आंत में बैक्टीरिया को स्वस्थ रखने में भी सहायक है जिससे कि भोजन का पाचन आसान हो जाता है और पाचन विकार दूर रहते हैं। सेब के सिरके का सेवन करना आपके लिए लाभकारी घरेलू उपाय हो सकता है, हालांकि इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।---------------नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। अस्वीकरण: बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें

Health Tips: पेट की तमाम समस्याओं में ये आसान से घरेलू उपाय हो सकते हैं कारगर, हर बार दवाइयों की जरूरत नहीं वनिता कासनियां पंजाब By फोटो: गुगल स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आप कितने स्वस्थ है, यह जानने का सबसे आसान तरीका है कि आपका पेट कितना ठीक रहता है? पेट के तमाम अंग पाचन से लेकर पोषक तत्वों के अवशोषण तक को बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में सहायक होते हैं। इन अंगों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या का असर आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। पेट में होने वाली समस्याओं के कारण लोगों को पेट फूलने, कब्ज और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सामान्यतौर पर ये समस्याएं कुछ प्रकार की दवाओं के साथ ठीक हो जाती हैं, हालांकि अगर आपको अक्सर पेट से संबंधित दिक्कतें बनी रहती हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से मिलकर स्थिति का सही निदान कर लें। यदि आपको बिना किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या के पेट की दिक्कतें बनी रहती हैं तो हर बार दवाइयों की आवश्यकता नहीं है, कुछ स्थितियों में सामान्य घरेलू उपायों के माध्यम से भी इस तरह की दिक्कतों में आराम पाया जा सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां उपलब्ध हैं

10 Symptoms of Lung Cancer फेफड़े के कैंसर के 10 लक्षण ? By वनिता कासनियां पंजाब:- अधिकांश लोगों के लिए कैंसर का विचार बहुत डरावना है और संयुक्त राज्य अमेरिका में पुरुषों और महिलाओं दोनों के सभी कैंसर में फेफड़ों का कैंसर नंबर एक हत्यारा है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर के लिए नंबर एक कारण के रूप में जाना जाता है, लेकिन निश्चित रूप से किसी को इसे प्राप्त करने के लिए धूम्रपान करने वाला होना जरूरी नहीं है। अमेरिका में प्रति वर्ष लगभग 160,000 मौतों के लिए फेफड़े का कैंसर जिम्मेदार है, अधिकांश कैंसर की तरह, जीवित रहने के लिए बाधाओं को बढ़ाने की कुंजी प्रारंभिक पहचान है, जो अन्य प्रकार के कैंसर की तुलना में फेफड़ों के कैंसर के साथ मुश्किल हो सकती है। फेफड़ों के कैंसर के निम्नलिखित लक्षण हैं जिन्हें नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।खाँसीफेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक लगातार खांसी है जो समय के साथ खराब हो सकती है। कभी-कभी खांसी नींद में बाधा उत्पन्न कर सकती है और खांसी के समान हो सकती है जो एलर्जी या ब्रोंकाइटिस से उत्पन्न होती है। कुछ लोगों के लिए इस प्रकार की खांसी को यह सोचकर खारिज करना आसान है कि यह जल्द ही गुजर जाएगी, लेकिन कुछ हफ्तों से अधिक समय तक बनी रहने वाली खांसी का मूल्यांकन डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए।छाती में दर्दफेफड़ों के कैंसर के लिए छाती क्षेत्र में दर्द होना आम बात है जो खांसी या सांस लेने से खराब हो सकता है। यद्यपि फेफड़े स्वयं दर्द को महसूस करने में सक्षम नहीं हैं, फेफड़ों के आसपास के क्षेत्र फेफड़ों के कैंसर के कारण सूजन के अधीन होते हैं और वास्तव में ऐसा महसूस हो सकता है कि फेफड़े दर्द कर रहे हैं। फेफड़ों के कैंसर के ट्यूमर के लिए आसपास के ऊतकों पर दबाव डालना भी संभव है जो दर्द पैदा कर सकते हैं।गाला बैठनाफेफड़ों का कैंसर भी आवाज कर्कश होने का कारण बन सकता है। यह भी संभव है कि फेफड़ों के कैंसर के कारण किसी व्यक्ति की आवाज काफ़ी गहरी हो।खूनी खाँसीहालांकि फेफड़ों के कैंसर के कारण होने वाली खांसी अक्सर अनुत्पादक या सूखी होती है, अन्य मामलों में खांसने से खून या खूनी कफ के निशान दिखाई दे सकते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको क्या लगता है कि आपके पास है, यदि आपका पहले से ही एक डॉक्टर द्वारा मूल्यांकन नहीं किया गया है, तो खांसी खून आना हमेशा चिंता का कारण होता है और इसे जल्द से जल्द डॉक्टर द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए।सांस लेने में कठिनाईअपनी सांस को पकड़ने में कठिनाई होना फेफड़ों के कैंसर का एक और लक्षण है। जिन गतिविधियों को आप बिना किसी समस्या के कर सकते थे, वे आपको ऐसा महसूस करा सकती हैं कि आपकी सांस को पकड़ना मुश्किल है। यहां तक कि जब आप अपने आप को परिश्रम नहीं कर रहे होते हैं तब भी सांस फूलना महसूस करना संभव है।वजन घटनाअस्पष्टीकृत वजन घटना फेफड़ों के कैंसर का एक और लक्षण है और आमतौर पर भूख की कमी के साथ भी होता है। यह अक्सर कुछ रसायनों की रिहाई होती है जो फेफड़ों के कैंसर से ट्रिगर होते हैं जो चयापचय को बढ़ा सकते हैं और वजन घटाने में परिणाम कर सकते हैं।कंधे का दर्दयह थोड़ा आश्चर्यचकित करने वाला हो सकता है क्योंकि हम आमतौर पर फेफड़ों की समस्याओं को कंधे से नहीं जोड़ते हैं। फेफड़े के कैंसर से जुड़ा कंधे का दर्द चिंता का कारण है, क्योंकि यह संकेत दे सकता है कि कैंसर अन्य क्षेत्रों में फैल गया है, लेकिन ज्यादातर समय यह फेफड़ों में ट्यूमर के कारण होता है जो फेफड़ों के पास स्थित फ्रेनिक तंत्रिका पर दबाव डालता है। कभी-कभी फेफड़े के कैंसर से जुड़ा कंधे का दर्द भी शूटिंग दर्द का कारण बनता है जो बांह के नीचे जाता है।थकानबार-बार थकान या कमजोरी महसूस होना फेफड़ों के कैंसर का एक और संकेत हो सकता है। मेटाबॉलिज्म में होने वाले बदलाव जो अक्सर कैंसर के कारण होते हैं, थकान का कारण बन सकते हैं – थका हुआ महसूस होना जो पर्याप्त आराम करने पर भी दूर नहीं होता है।लगातार संक्रमणनिमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसे फेफड़ों का संक्रमण जो दूर हो जाता है और लौटता रहता है, फेफड़ों के कैंसर की उपस्थिति का संकेत दे सकता है। नए शोध से संकेत मिलता है कि जिन लोगों को अपने जीवन में किसी समय निमोनिया हुआ है, उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।घरघराहटफेफड़ों के कैंसर के कारण अचानक घरघराहट हो सकती है। यह एक और लक्षण है जिस पर हमेशा डॉक्टर से चर्चा की जानी चाहिए क्योंकि घरघराहट कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती है जिन्हें संबोधित किया जाना चाहिए, जैसे अस्थमा और अन्य फेफड़ों के विकार।

10 Symptoms of Lung Cancer  फेफड़े के कैंसर के 10 लक्षण ? By वनिता कासनियां पंजाब:- अधिकांश लोगों के लिए कैंसर का विचार बहुत डरावना है और संयुक्त राज्य अमेरिका में पुरुषों और महिलाओं दोनों के सभी कैंसर में फेफड़ों का कैंसर नंबर एक हत्यारा है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर के लिए नंबर एक कारण के रूप में जाना जाता है, लेकिन निश्चित रूप से किसी को इसे प्राप्त करने के लिए धूम्रपान करने वाला होना जरूरी नहीं है। अमेरिका में प्रति वर्ष लगभग 160,000 मौतों के लिए फेफड़े का कैंसर जिम्मेदार है, अधिकांश कैंसर की तरह, जीवित रहने के लिए बाधाओं को बढ़ाने की कुंजी प्रारंभिक पहचान है, जो अन्य प्रकार के कैंसर की तुलना में फेफड़ों के कैंसर के साथ मुश्किल हो सकती है। फेफड़ों के कैंसर के निम्नलिखित लक्षण हैं जिन्हें नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। खाँसी फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक लगातार खांसी है जो समय के साथ खराब हो सकती है। कभी-कभी खांसी नींद में बाधा उत्पन्न कर सकती है और खांसी के समान हो सकती है जो एलर्जी या ब्रोंकाइटिस से उत्पन्न होती है। कुछ लोगों के लिए इस प्रकार की खांसी को यह सोचकर खारिज