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Health Tips: पेट की तमाम समस्याओं में ये आसान से घरेलू उपाय हो सकते हैं कारगर, हर बार दवाइयों की जरूरत नहीं वनिता कासनियां पंजाब By पचन को कैसे ठीक रखा जा सकता है? फोटो: गुगल स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आप कितने स्वस्थ है, यह जानने का सबसे आसान तरीका है कि आपका पेट कितना ठीक रहता है? पेट के तमाम अंग पाचन से लेकर पोषक तत्वों के अवशोषण तक को बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में सहायक होते हैं। इन अंगों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या का असर आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। पेट में होने वाली समस्याओं के कारण लोगों को पेट फूलने, कब्ज और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सामान्यतौर पर ये समस्याएं कुछ प्रकार की दवाओं के साथ ठीक हो जाती हैं, हालांकि अगर आपको अक्सर पेट से संबंधित दिक्कतें बनी रहती हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से मिलकर स्थिति का सही निदान कर लें।यदि आपको बिना किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या के पेट की दिक्कतें बनी रहती हैं तो हर बार दवाइयों की आवश्यकता नहीं है, कुछ स्थितियों में सामान्य घरेलू उपायों के माध्यम से भी इस तरह की दिक्कतों में आराम पाया जा सकता है।आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां उपलब्ध हैं जिनका सेवन करके पेट की समस्याओं को कम करने और पेट के अंगों को मजबूती देने के लिए वर्षों से किया जाता रहा है। आइए ऐसे ही कुछ आसान से घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं जिनको प्रयोग में लाना आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है।गुनगुना पानी पीने की आदत के लाभ2 of 5गुनगुना पानी पीने की आदत के लाभ - फोटो : गुगलसुबह खाली पेट गुनगुने पानी का सेवनस्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पेट से संबंधित कई तरह की दिक्कतों को कम करने, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने की आदत बनाना लाभकारी हो सकता है। गुनगुना पानी मल त्याग में सुधार करने, पेट दर्द को कम करने और आंतों को साफ रखने में आपके लिए मददगार हो सकता है। अपच और पाचन से संबंधित दिक्कतों को कम करने में यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है। पाचन में अदरक के लाभ 3 of 5पाचन में अदरक के लाभ - फोटो : गुगलपेट की समस्याओं में अदरक के लाभपेट की दिक्कतों को दूर करने में घरेलू उपाय के तौर पर अदरक का सेवन करना विशेष लाभकारी माना जाता है। मतली और उल्टी को कम करने में मदद करने के साथ भोजन में अदरक को शामिल करना पेट की अन्य कई तरह की दिक्कतों को दूर करने में भी लाभकारी हो सकता है। अदरक की चाय न सिर्फ सिरदर्द और थकान को दूर करने में मददगार है, साथ ही यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में भी सहायक हो सकती है। कैमोमाइल टी के फायदेकैमोमाइल टी, एंटी-इंफ्लामेटरी के रूप में कार्य करके पेट की समस्याओं के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में आपके लिए सहायक हो सकती है। कैमोमाइल टी के एंटीइंफ्लामेटरी गुण, पेट की मांसपेशियों के सूजन को कम करके आपको आराम देने में मदद करते हैं, जिससे ऐंठन और पेट के दर्द को ठीक किया जा सकता है। कैमोमाइल टी के सेवन को शरीर में कई प्रकार से और भी लाभकारी माना जाता है। अपने डॉक्टर की सलाह के आधार पर इसका सेवन सुनिश्चित करें।विज्ञापनसेब के सिरके के लाभ5 of 5सेब के सिरके के लाभ - फोटो : गुगलसेब के सिरके से मिलता है लाभसेब के सिरके में मौजूद एसिड, पाचन को ठीक रखने में मदद करता है। एक कप पानी में सेब के सिरके को मिलाकर इसका सेवन करना पाचन स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। ये आंत में बैक्टीरिया को स्वस्थ रखने में भी सहायक है जिससे कि भोजन का पाचन आसान हो जाता है और पाचन विकार दूर रहते हैं। सेब के सिरके का सेवन करना आपके लिए लाभकारी घरेलू उपाय हो सकता है, हालांकि इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।---------------नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। अस्वीकरण: बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें

Health Tips: पेट की तमाम समस्याओं में ये आसान से घरेलू उपाय हो सकते हैं कारगर, हर बार दवाइयों की जरूरत नहीं



पाचन को कैसे ठीक रखा जा सकता है?
फोटो: गुगल
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आप कितने स्वस्थ है, यह जानने का सबसे आसान तरीका है कि आपका पेट कितना ठीक रहता है? पेट के तमाम अंग पाचन से लेकर पोषक तत्वों के अवशोषण तक को बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में सहायक होते हैं। इन अंगों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या का असर आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। पेट में होने वाली समस्याओं के कारण लोगों को पेट फूलने, कब्ज और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सामान्यतौर पर ये समस्याएं कुछ प्रकार की दवाओं के साथ ठीक हो जाती हैं, हालांकि अगर आपको अक्सर पेट से संबंधित दिक्कतें बनी रहती हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से मिलकर स्थिति का सही निदान कर लें।

यदि आपको बिना किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या के पेट की दिक्कतें बनी रहती हैं तो हर बार दवाइयों की आवश्यकता नहीं है, कुछ स्थितियों में सामान्य घरेलू उपायों के माध्यम से भी इस तरह की दिक्कतों में आराम पाया जा सकता है।

आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां उपलब्ध हैं जिनका सेवन करके पेट की समस्याओं को कम करने और पेट के अंगों को मजबूती देने के लिए वर्षों से किया जाता रहा है। आइए ऐसे ही कुछ आसान से घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं जिनको प्रयोग में लाना आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है।
गुनगुना पानी पीने की आदत के लाभ
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सुबह खाली पेट गुनगुने पानी का सेवन

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पेट से संबंधित कई तरह की दिक्कतों को कम करने, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने की आदत बनाना लाभकारी हो सकता है। गुनगुना पानी  मल त्याग में सुधार करने, पेट दर्द को कम करने और आंतों को साफ रखने में आपके लिए मददगार हो सकता है। अपच और पाचन से संबंधित दिक्कतों को कम करने में यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है। 
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पाचन में अदरक के लाभ
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पेट की समस्याओं में अदरक के लाभ

पेट की दिक्कतों को दूर करने में घरेलू उपाय के तौर पर अदरक का सेवन करना विशेष लाभकारी माना जाता है।  मतली और उल्टी को कम करने में मदद करने के साथ  भोजन में अदरक को शामिल करना पेट की अन्य कई तरह की दिक्कतों को दूर करने में भी लाभकारी हो सकता है। अदरक की चाय न सिर्फ सिरदर्द और थकान को दूर करने में मददगार है, साथ ही यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में भी सहायक हो सकती है। 
कैमोमाइल टी के फायदे

कैमोमाइल टी, एंटी-इंफ्लामेटरी के रूप में कार्य करके पेट की समस्याओं के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में आपके लिए सहायक हो सकती है। कैमोमाइल टी के एंटीइंफ्लामेटरी गुण, पेट की मांसपेशियों के सूजन को कम करके आपको आराम देने में मदद करते हैं, जिससे ऐंठन और पेट के दर्द को ठीक किया जा सकता है। कैमोमाइल टी के सेवन को शरीर में कई प्रकार से और भी लाभकारी माना जाता है। अपने डॉक्टर की सलाह के आधार पर इसका सेवन सुनिश्चित करें।
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सेब के सिरके के लाभ
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सेब के सिरके से मिलता है लाभ

सेब के सिरके में मौजूद एसिड, पाचन को ठीक रखने में मदद करता है। एक कप पानी में सेब के सिरके को मिलाकर इसका सेवन करना पाचन स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। ये आंत में बैक्टीरिया को स्वस्थ रखने में भी सहायक है जिससे कि भोजन का पाचन आसान हो जाता है और पाचन विकार दूर रहते हैं। सेब के सिरके का सेवन करना आपके लिए लाभकारी घरेलू उपाय हो सकता है, हालांकि इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें

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🌹🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌹 अपराजिता फूल, नीले मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाए By वनिता कासनियां पंजाब !! अपराजिता अपराजिता – क्लिटोरिया टर्नाटिया अपराजिता क्लिटोरिया टर्नाटिया, जिसे आमतौर पर नीले मटर या बटरफ्लाई मटर के रूप में जाना जाता है, फली/बीन परिवार से संबंधित एक पौधे की प्रजाति है। भारत में, यह एक प्रकार का पवित्र फूल है, जिसका उपयोग दैनिक पूजा अनुष्ठानों में किया जाता है। इस बेल के फूलों में मानव महिला जननांगों का आकार होता है, इस प्रकार "क्लिटोरिस" शब्द से क्लिटोरिया नाम दिया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है अपराजिता (अर्थ, अपराजित), वास्तु शास्त्र के अनुसार। - इस बेल को अपने घर में लगाना ऊर्जाओं को शुद्ध करेगा और आपके दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार की पराजयों से हमेशा आपकी रक्षा करेगा। पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में, इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे स्मृति बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एंटीडिप्रेसेंट, ट्रैंक्विलाइजिंग और शामक गुण। पारंपरिक चीनी चिकित्सा के अनुसार, पौधा अपनी समान उपस्थिति के कारण महिला कामेच्छा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। फूल फाइबर और प्राकृतिक खाद्य रंग के लिए प्राकृतिक रंग के रूप में भी काम करता है। बेल के विभिन्न भाषाओं में नाम – हिन्दी – अपराजिता, कोयल, कालीजार अंग्रेजी - बटरफ्लाई मटर), ब्लू मटर, कबूतर के पंख संस्कृत - गोकर्णी, गिरिकर्णी, योनिपुष्पा, विष्णुक्रान्ता, अपराजिता उड़िया - ओपराजिता उर्दू - मजेरियुनिहिन्दी कन्नड़ - शंखपुष्पबल्ली, गिरिकर्णिका, गिरिकार्णीबल्ली कोंकणी-काजुली गुजराती - गरानी, ​​कोयला तमिल - कक्कानम, तरुगन्नी तेलुगू - डिंटेना, नल्लावुसिनितिगे पंजाबी - धनांतर अपराजिता का फूल घरों में आसानी से उग जाता है और विभिन्न दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होता है। यह पौधा हमें स्वास्थ्य से लेकर आध्यात्मिक तक अनेक लाभ प्रदान करता है। अपराजिता फूल – बटरफ्लाई मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ आधासीसी दूर करे – अपराजिता के फूल के बीज और जड़ को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ सेवन करने से आधासीसी ठीक हो जाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों के रोगों को दूर करने में मदद करता है- ब्लू टी*, अपराजिता के फूलों की चाय का सेवन आंखों के रोगों को दूर करता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है। ब्लू टी बनाने के स्टेप्स- अपराजिता के कुछ फूल लेकर उसका हरा भाग हटा दें। इन फूलों की पंखुड़ियों को पानी में कुछ मिनट तक उबालें। नींबू की कुछ बूंदें डालें, छानें और ब्लू टी का आनंद लें। स्वाद के साथ उपचार 😁। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: कुछ अपराजिता की पंखुड़ियां लेकर उसका रस निकाल लें और रस को सूखने दें। रस को गर्म करके तैयार पेस्ट को कान के चारों ओर लगाएं, इससे दर्द ठीक हो जाएगा। दांत का दर्द ठीक करता है - काली मिर्च के साथ पौधे की जड़ का लेप करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: इस पौधे की जड़ को लेकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर मुंह में रख लें। इसने गंभीर दांत दर्द में बेहद सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। अपच और अम्लपित्त दूर करता है अपराजिता की जड़ का चूर्ण गाय के दूध या गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से अपच और अम्लपित्त की समस्या में लाभ होता है। गठिया से राहत दिलाने में मदद करता है- इसके पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से गठिया से राहत मिलती है। इसके अलावा, 1-2 ग्राम पौधे की जड़ का चूर्ण या तो पानी या दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया से राहत मिलती है। बालों के विकास को उत्तेजित करता है और बालों का गिरना कम करता है- रोजाना ब्लू टी* का सेवन बालों के झड़ने को रोकने के साथ-साथ बालों के विकास को रोक सकता है। चमकती त्वचा प्रदान करता है- एक कप गर्म नीली चाय * नियमित रूप से पीने से बिना पचे हुए खाद्य कण सिस्टम से बाहर निकल जाते हैं, जिससे हमें स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलती है। मूड को अच्छा करने में मदद करता है – ब्लू टी* का सेवन करने से तनाव दूर होता है जो व्यक्ति के मूड और धातु की स्थिति को ऊपर उठाने के साथ-साथ चिंता के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। ऐसी सभी जड़ी-बूटियों के शारीरिक और मानसिक उपचार में उपयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप हमारे स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे पाठ्यक्रम (टीटीसी) में नामांकन करा सकते हैं।

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