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नीम का गोंद खाने के फायद By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब नीम का गोंद खाने के फायदे जानकर हैरान रह जाएँगे क्योकि नीम के रोजाना उपयोग से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। नीम का वानस्पतिक नाम है इसको अंग्रेजी में मार्गोसा ट्री (Margosa tree) नाम से जाना जाता है। नीम का प्रयोग ज्यादा तर खून को साफ करने में किया जाता है।नीम का गोंद और पत्तियां खाने के फायदेका गोंदऔषधियो के रूप में नीम का गोंद खाने के फायदे अनेकों हैं। नीम का उपयोग सदियों से होता आ रहा है नीम की पत्तियां, नीम की छाल, नीम का बीज़ आदि नीम की सभी चीजों से कोई ना कोई आयुर्वेदिक दवा बनाई जाती है और आयुर्वेद के रूप में नीम की पत्तियों आदि से किसी ना किसी रोगों का इलाज किया जाता है। आइये जानते हैं की मुख्य रूप से नीम का सेवन किसलिए किया जाता है।नीम का गोंद रक्त की गति बढ़ाता है।नीम का गोंद का रोजाना सेवन करने से शरीर में स्फूर्ति रहती है।नीम का गोंद का रोजाना सेवन करने से जल्दी कोई बीमारी नहीं होती है।नीम का गोंद खाने से सर्दी-खांसी से राहत मिलती है।नीम में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण किसी भी प्रकार के घाव को बढ़ने नहीं देतें हैं।नीम का तेल कान के दर्द में बहुत लाभकारी होता है।नीम का तेल बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए नीम का गोंद बहुत फायदेमंद होता है।

नीम का गोंद खाने के फायद

नीम का गोंद खाने के फायदे जानकर हैरान रह जाएँगे क्योकि नीम के रोजाना उपयोग से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। नीम का वानस्पतिक नाम है इसको अंग्रेजी में मार्गोसा ट्री (Margosa tree) नाम से जाना जाता है। नीम का प्रयोग ज्यादा तर खून को साफ करने में किया जाता है।

नीम का गोंद और पत्तियां खाने के फायदे

का गोंद

औषधियो के रूप में नीम का गोंद खाने के फायदे अनेकों हैं। नीम का उपयोग सदियों से होता आ रहा है  नीम की  पत्तियां, नीम की छाल, नीम का बीज़ आदि नीम की सभी चीजों से कोई ना कोई आयुर्वेदिक दवा बनाई जाती है और आयुर्वेद के रूप में नीम की पत्तियों आदि से किसी ना किसी रोगों का इलाज किया जाता है। आइये जानते हैं की मुख्य रूप से नीम का सेवन किसलिए किया जाता है।

  • नीम का गोंद  रक्त की गति बढ़ाता है।
  • नीम का गोंद का रोजाना सेवन करने से शरीर में स्फूर्ति रहती है।
  • नीम का गोंद का रोजाना सेवन करने से जल्दी कोई बीमारी नहीं होती है।
  • नीम का गोंद खाने से सर्दी-खांसी से राहत मिलती है।
  • नीम में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण किसी भी प्रकार के घाव को बढ़ने नहीं देतें हैं।
  • नीम का तेल  कान के दर्द में बहुत लाभकारी होता है।
  • नीम का तेल  बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
  •  पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए नीम का गोंद बहुत फायदेमंद होता है।

बाल वनिता महिला आश्रम 

सबसे अच्छा गोंद कौन सा होता है?

बबूल का गोंद सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है।

गोंद के लड्डू खाने से क्या होता है?

गोंद के लड्डू खाने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।

बबूल के गोंद को कैसे खाएं?

एक चम्मच बबूल के गोंद को घी में तल कर सुबह-शाम खाने से सेक्स समस्या दूर होती है।

इस लेख के जरिए हमने आपकों नीम का गोंद खाने के फायदे के बारे में बताया है। मुझे आशा है कि आपको नीम का गोंद खाने के फायदे के बारे में अच्छी तरह समझ में आ गया होगा अगर अभी भी आपको कुछ सवाल पूछना है तो नीचे कमेंट में जरूर लिखें या अपनी राय हमें देना चाहते हैं तो जरूर दीजिए ताकि हम आपके लिए कुछ नया कर सकें और यदि आप इस लेख से संतुष्ट हैं तो अपने दोस्तों को अवश्य शेयर करें।

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हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब'परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग क्या है?हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि अच्छा स्वास्थ्य मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर निर्भर करता है।हृदय रोग के इलाज के लिए आयुर्वेद का अपना अनूठा तरीका है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि हृदय रोग शरीर के तीन दोषों: वात, पित्त और कफ में असंतुलन के कारण होता है। ये असंतुलन तनाव, खराब आहार, पर्यावरण में विषाक्त पदार्थों और आनुवंशिकी जैसे कारकों के कारण हो सकते हैं।हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर में संतुलन बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग का आयुर्वेदिक इलाजहृदय रोग के लिए कई सरल और आसान आयुर्वेदिक उपचार हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:1. तुलसी: तुलसी एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।2. लहसुन: लहसुन एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।3. गुग्गुल: गुग्गुल एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।4. अदरक: अदरक एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह परिसंचरण में सुधार, सूजन को कम करने और थक्कों के गठन को रोकने में मदद करता है।5. हल्दी: हल्दी एक और भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता हैहृदय रोग के लिए हर्बल उपचारहृदय रोग के लिए कई हर्बल उपचार हैं जिनका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इन जड़ी बूटियों का उपयोग हृदय रोग को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है, और उनमें से कुछ हृदय रोग से होने वाले नुकसान को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।हृदय रोग के लिए आहारजब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है, तो आप जो खाते हैं वह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप कितना व्यायाम करते हैं। हृदय रोग के लिए एक स्वस्थ आहार आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यहाँ हृदय-स्वस्थ आहार खाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:1. खूब फल और सब्जियां खाएं।2. परिष्कृत अनाज पर साबुत अनाज चुनें।3. संतृप्त और ट्रांस वसा सीमित करें।4. दुबले प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।5. सोडियम का सेवन सीमित करें।इन आहार परिवर्तनों को करने से आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने और आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।हृदय रोग के लिए व्यायामयदि आपको हृदय रोग है, तो व्यायाम आपके दिमाग की आखिरी चीज हो सकती है। लेकिन नियमित शारीरिक गतिविधि आपके दिल के लिए अच्छी होती है। यह आपके दिल को मजबूत बनाता है और इसे बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।व्यायाम आपके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। और यह आपके वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वजन होने से हृदय रोग हो सकता है।धीरे-धीरे शुरू करें और हर हफ्ते आपके द्वारा किए जाने वाले व्यायाम की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाएं। यदि आप कुछ समय से सक्रिय नहीं हैं, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच करें।निष्कर्षआयुर्वेदिक दवा का उपयोग सदियों से हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता रहा है, और हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में प्रभावी हो सकता है। यदि आप अपने हृदय रोग के इलाज के लिए एक सरल और आसान तरीका खोज रहे हैं, तो इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को आजमाने पर विचार करें।

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