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वेरिकोज वेंस का घरेलू उपचार क्या हो सकता है? क्या यह बिल्कुल खत्म हो सकता है? By वनिता कासनियां पंजाब वेरीकोज वेंस भी एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं में ज्यादा होती है। पचास की उम्र पार करने पर, गर्भावस्था के समय, मेनोपॉज होने पर मोटे लोगों में और लगातार लंबे समय तक खड़े होने पर वेरीकोज वेंस की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।वेरीकोज वेंस के लिए ना कोई विश्वसनीय इलाज है ना कोई घरेलू उपाय। किसी दवाई से यह ठीक नहीं होती। इलाज के लिए जटिल लेजर थेरेपी या ऑपरेशन डॉक्टर इसलिए नहीं करते क्योंकि समस्या उतनी गंभीर नहीं है कि इतने जटिल उपाय किए जाएं। डॉक्टर आपको यह कह कर भेज देंगे कि लंबे समय तक ना बैठिए ना खड़े होइए, मोटापा कम कीजिए, व्यायाम कीजिए आदि। शायद ऐसा करने से वेरीकोज वेंस की समस्या बढ़े नहीं पर यह आसानी से ठीक नहीं होता।समझने की कोशिश करते हैं कि वेरीकोज वेंस क्या है और यह आसानी से ठीक क्यों नहीं होता।चित्र में दिख रहा स्पाइडर वेन ही बढ़ कर वेरीकोज वेंस में परिवर्तित हो जाता है। आर्टरी दिल से खून शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है और वेंस पूरे शरीर से वापस दिल तक। वेंस में सिंगल वाल्व होते हैं जो खून को सिर्फ दिल की तरफ की दिशा में जाने देते हैं। दिल से सबसे दूर पैर है और यहां से गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ दिल तक खून पहुंचाना मुश्किल पड़ता है। ऐसे में लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से खून वेंस में जमा होने लगता है और दबाव में वाल्व खराब हो जाते हैं। जहां वाल्व खराब हुए वहां के नीचे वेंस में खून जमा होने लगता है और वेंस मोटे और घुमावदार होते जाते हैं।वेरीकोज वेंस वैसे तो शरीर के किसी अंग में हो सकता है लेकिन दिल से दूरी और गुरुत्वाकर्षण के कारण यह पैर में ज्यादा होता है और त्वचा के नीचे वाले वेंस में होने के कारण यह बाहर से दिखाई देता है। महिलाओं के सौंदर्य पर असर पड़ता है।डॉक्टर टाइट स्टॉकिंग्स या कंप्रेशन सॉक्स पहनने की सलाह देते हैं। इसके दबाव से खून का दिल के तरफ बहाव आसान हो जाता है। घरेलू उपायों से जितना हो गया उसे तो ठीक करना मुश्किल है पर इसे बदतर होने से रोका जा सकता है और नई जगहों पर होने से भी।जाते जाते एक सलाह और दे दूं। लंबे समय तक बैठे रहना है तो पैर लगातार लटका कर ना बैठें। पैर कहीं ऊपर रखने की जगह खोजें या समेट लें।

वेरीकोज वेंस भी एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं में ज्यादा होती है। पचास की उम्र पार करने पर, गर्भावस्था के समय, मेनोपॉज होने पर मोटे लोगों में और लगातार लंबे समय तक खड़े होने पर वेरीकोज वेंस की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।

वेरीकोज वेंस के लिए ना कोई विश्वसनीय इलाज है ना कोई घरेलू उपाय। किसी दवाई से यह ठीक नहीं होती। इलाज के लिए जटिल लेजर थेरेपी या ऑपरेशन डॉक्टर इसलिए नहीं करते क्योंकि समस्या उतनी गंभीर नहीं है कि इतने जटिल उपाय किए जाएं। डॉक्टर आपको यह कह कर भेज देंगे कि लंबे समय तक ना बैठिए ना खड़े होइए, मोटापा कम कीजिए, व्यायाम कीजिए आदि। शायद ऐसा करने से वेरीकोज वेंस की समस्या बढ़े नहीं पर यह आसानी से ठीक नहीं होता।

समझने की कोशिश करते हैं कि वेरीकोज वेंस क्या है और यह आसानी से ठीक क्यों नहीं होता।

चित्र में दिख रहा स्पाइडर वेन ही बढ़ कर वेरीकोज वेंस में परिवर्तित हो जाता है। आर्टरी दिल से खून शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है और वेंस पूरे शरीर से वापस दिल तक। वेंस में सिंगल वाल्व होते हैं जो खून को सिर्फ दिल की तरफ की दिशा में जाने देते हैं। दिल से सबसे दूर पैर है और यहां से गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ दिल तक खून पहुंचाना मुश्किल पड़ता है। ऐसे में लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से खून वेंस में जमा होने लगता है और दबाव में वाल्व खराब हो जाते हैं। जहां वाल्व खराब हुए वहां के नीचे वेंस में खून जमा होने लगता है और वेंस मोटे और घुमावदार होते जाते हैं।

वेरीकोज वेंस वैसे तो शरीर के किसी अंग में हो सकता है लेकिन दिल से दूरी और गुरुत्वाकर्षण के कारण यह पैर में ज्यादा होता है और त्वचा के नीचे वाले वेंस में होने के कारण यह बाहर से दिखाई देता है। महिलाओं के सौंदर्य पर असर पड़ता है।

डॉक्टर टाइट स्टॉकिंग्स या कंप्रेशन सॉक्स पहनने की सलाह देते हैं। इसके दबाव से खून का दिल के तरफ बहाव आसान हो जाता है। घरेलू उपायों से जितना हो गया उसे तो ठीक करना मुश्किल है पर इसे बदतर होने से रोका जा सकता है और नई जगहों पर होने से भी।

जाते जाते एक सलाह और दे दूं। लंबे समय तक बैठे रहना है तो पैर लगातार लटका कर ना बैठें। पैर कहीं ऊपर रखने की जगह खोजें या समेट लें।



🌺🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌺

पेट में पथरी का घरेलु उपचार, आपरेशन की झंझट खत्म, हैरान हो जायेंगे ये उपचार जानकर |

जब ब्लड में इन तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है तो यह किडनी में जमा होकर पत्थर के टुकड़ों का आकार ले लेती हैं जिसके कारण ब्लेंडर तक यूरिन पहुंचने में रुकावट होती है क्योकि  किडनी में पथरी की समस्या पैदा हो जाती है 


By वनिता कासनियां पंजाब



पेट में पथरी का घरेलु  उपचार, आपरेशन की झंझट खत्म,  हैरान हो जायेंगे ये उपचार जानकर |

पेट में पथरी का घरेलु  उपचार, आपरेशन की झंझट खत्म,  हैरान हो जायेंगे ये उपचार जानकर |

गलत खानपान की आदतों की वजह से या खराब लाइफस्टाइल के कारण शरीर को बीमारियां घेर लेती हैं इन्हीं में से एक है किडनी स्टोन | आज के समय में बड़ी संख्या में लोग पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं इस दौरान पेट में होने वाला दर्द बर्दाश्त करना बहुत ही मुश्किल होता है अगर स्टोन नार्मल है तो यह यूरिन के जरिए आसानी से बाहर निकल जाता है लेकिन इनकी संख्या ज्यादा हो तो इनका शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है किडनी की छोटी पथरी को दवाओं और नेचुरल इलाज ओं की मदद से निकाला जा सकता है इसके लिए परहेज के साथ थोड़ी सी धैर्य की जरूरत होती है

यह भी पढ़े- जुकाम चुटकियों में गायब,जुकाम ठीक करने के घरेलु रामबाण उपाय  

कैसे बनती है पथरी-

किडनी शरीर का एक अहम अंग है इसका काम ब्लड को फिल्टर करना होता है ब्लड  फिल्टर  के दौरान सोडियम कैल्शियम और अन्य दूसरे  मिनरल्स बारी बारी कणों के रूप में यूरेटर के माध्यम से ब्लेंडर तक पहुंचते हैं जो पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं जब ब्लड में इन तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है तो यह किडनी में जमा होकर पत्थर के टुकड़ों का आकार ले लेती हैं जिसके कारण ब्लेंडर तक यूरिन पहुंचने में रुकावट होती है क्योकि  किडनी में पथरी की समस्या पैदा हो जाती है

पथरी से राहत पाने के घरेलू उपचार 

पत्थरचट्टा-

पत्थरचट्टा के पौधे का एक पत्ता ले और उसे मिश्री के कुछ दानों के साथ पीसकर खा ले | पत्थरचट्टा औषधि गुणों वाला एक पौधा होता है जिसका उपयोग किडनी और पेट से जुड़ी बीमारियों के इलाज में किया जाता है यह सदाबहार पौधा है जो भारत में खूब होता है किडनी में पथरी की समस्या के लिए भी पत्थरचट्टा सबसे ज्यादा कारगर माना जाता है 

नींबू का रस और जैतून का तेल-

नींबू का रस पथरी को तोड़ने का काम करता है और जैतून का तेल उसे बाहर निकालने में मदद करता है एक गिलास पानी में एक नींबू का रस  और थोड़ा सा जैतून का तेल डालें |इसको अच्छे से मिलाकर सेवन करें  ऐसा करने से कुछ ही समय में पथरी निकल जाती है

पपीते की जड़-

पथरी निकालने के लिए पपीते की जड़ भी काफी मदद करती है इसके लिए सात से आठ ग्राम पपीते की जड़ को पीस कर  एक गिलास पानी में अच्छी तरह से गोले और अब रोजाना इस पानी का सेवन करें | ऐसा करने से पथरी गल जाएगी और कुछ ही दिनों में पथरी से छुटकारा मिल जाएगा

इलायची मिश्री और खरबूजे के बीज-

कुछ बड़ी इलायची के दानों को पीसकर पाउडर बनाएं  फिर एक छोटे चम्मच पाउडर को  एक गिलास पानी में मिक्स करें और इसमें एक छोटा चम्मच मिश्री और कुछ खरबूज के बीजो को डालकर रात भर भिगो दें और सुबह इसमें पड़ी चीजों को अच्छे से चबाकर खाएं और सारा पानी पी ले इसके सेवन से पथरी की समस्या से जल्द ही  छुटकारा मिलता है

सेब का सिरका-

सेब के सिरके में साइट्रिक एसिड होता है जो किडनी स्टोन को छोटे-छोटे कणों में काटने का काम करता है 2 छोटे चम्मच सिरके को गर्म पानी के साथ लेने से स्टोन की समस्या में काफी राहत मिल सकती है

अनार का जूस-,

पथरी की समस्या से राहत पाने के लिए अनार एक बेहतर विकल्प है इसका जूस पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और यह नेचुरल तरीके से किडनी स्टोन में राहत मिलती है 

दी हुई जानकारी आपको कैसी लगी अगर अच्छी लगी हो तो प्लीज कमेंट करें और अगर आपको भी स्वास्थ्य से संबंधित कोई परेशानी है तो आप हमसे शेयर कर सकते हैं धन्यवाद 


Home remedies for stone in stomach, the hassle of operation is over, you will be surprised to know these remedies.


When the amount of these elements in the blood increases, it accumulates in the kidney and takes the shape of stone pieces, due to which




Varicose Veins کے گھریلو علاج کیا ہیں؟ کیا یہ بالکل ختم ہو سکتا ہے؟


ونیتھا کاسنیہ پنج


ویریکوز رگیں بھی ایک مسئلہ ہے جو خواتین میں زیادہ عام ہے۔ پچاس سال کی عمر کو پہنچنے پر، حملابملابملابملابملابملاب

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🌹🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌹 अपराजिता फूल, नीले मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाए By वनिता कासनियां पंजाब !! अपराजिता अपराजिता – क्लिटोरिया टर्नाटिया अपराजिता क्लिटोरिया टर्नाटिया, जिसे आमतौर पर नीले मटर या बटरफ्लाई मटर के रूप में जाना जाता है, फली/बीन परिवार से संबंधित एक पौधे की प्रजाति है। भारत में, यह एक प्रकार का पवित्र फूल है, जिसका उपयोग दैनिक पूजा अनुष्ठानों में किया जाता है। इस बेल के फूलों में मानव महिला जननांगों का आकार होता है, इस प्रकार "क्लिटोरिस" शब्द से क्लिटोरिया नाम दिया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है अपराजिता (अर्थ, अपराजित), वास्तु शास्त्र के अनुसार। - इस बेल को अपने घर में लगाना ऊर्जाओं को शुद्ध करेगा और आपके दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार की पराजयों से हमेशा आपकी रक्षा करेगा। पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में, इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे स्मृति बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एंटीडिप्रेसेंट, ट्रैंक्विलाइजिंग और शामक गुण। पारंपरिक चीनी चिकित्सा के अनुसार, पौधा अपनी समान उपस्थिति के कारण महिला कामेच्छा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। फूल फाइबर और प्राकृतिक खाद्य रंग के लिए प्राकृतिक रंग के रूप में भी काम करता है। बेल के विभिन्न भाषाओं में नाम – हिन्दी – अपराजिता, कोयल, कालीजार अंग्रेजी - बटरफ्लाई मटर), ब्लू मटर, कबूतर के पंख संस्कृत - गोकर्णी, गिरिकर्णी, योनिपुष्पा, विष्णुक्रान्ता, अपराजिता उड़िया - ओपराजिता उर्दू - मजेरियुनिहिन्दी कन्नड़ - शंखपुष्पबल्ली, गिरिकर्णिका, गिरिकार्णीबल्ली कोंकणी-काजुली गुजराती - गरानी, ​​कोयला तमिल - कक्कानम, तरुगन्नी तेलुगू - डिंटेना, नल्लावुसिनितिगे पंजाबी - धनांतर अपराजिता का फूल घरों में आसानी से उग जाता है और विभिन्न दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होता है। यह पौधा हमें स्वास्थ्य से लेकर आध्यात्मिक तक अनेक लाभ प्रदान करता है। अपराजिता फूल – बटरफ्लाई मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ आधासीसी दूर करे – अपराजिता के फूल के बीज और जड़ को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ सेवन करने से आधासीसी ठीक हो जाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों के रोगों को दूर करने में मदद करता है- ब्लू टी*, अपराजिता के फूलों की चाय का सेवन आंखों के रोगों को दूर करता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है। ब्लू टी बनाने के स्टेप्स- अपराजिता के कुछ फूल लेकर उसका हरा भाग हटा दें। इन फूलों की पंखुड़ियों को पानी में कुछ मिनट तक उबालें। नींबू की कुछ बूंदें डालें, छानें और ब्लू टी का आनंद लें। स्वाद के साथ उपचार 😁। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: कुछ अपराजिता की पंखुड़ियां लेकर उसका रस निकाल लें और रस को सूखने दें। रस को गर्म करके तैयार पेस्ट को कान के चारों ओर लगाएं, इससे दर्द ठीक हो जाएगा। दांत का दर्द ठीक करता है - काली मिर्च के साथ पौधे की जड़ का लेप करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: इस पौधे की जड़ को लेकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर मुंह में रख लें। इसने गंभीर दांत दर्द में बेहद सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। अपच और अम्लपित्त दूर करता है अपराजिता की जड़ का चूर्ण गाय के दूध या गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से अपच और अम्लपित्त की समस्या में लाभ होता है। गठिया से राहत दिलाने में मदद करता है- इसके पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से गठिया से राहत मिलती है। इसके अलावा, 1-2 ग्राम पौधे की जड़ का चूर्ण या तो पानी या दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया से राहत मिलती है। बालों के विकास को उत्तेजित करता है और बालों का गिरना कम करता है- रोजाना ब्लू टी* का सेवन बालों के झड़ने को रोकने के साथ-साथ बालों के विकास को रोक सकता है। चमकती त्वचा प्रदान करता है- एक कप गर्म नीली चाय * नियमित रूप से पीने से बिना पचे हुए खाद्य कण सिस्टम से बाहर निकल जाते हैं, जिससे हमें स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलती है। मूड को अच्छा करने में मदद करता है – ब्लू टी* का सेवन करने से तनाव दूर होता है जो व्यक्ति के मूड और धातु की स्थिति को ऊपर उठाने के साथ-साथ चिंता के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। ऐसी सभी जड़ी-बूटियों के शारीरिक और मानसिक उपचार में उपयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप हमारे स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे पाठ्यक्रम (टीटीसी) में नामांकन करा सकते हैं।

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हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब'परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग क्या है?हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि अच्छा स्वास्थ्य मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर निर्भर करता है।हृदय रोग के इलाज के लिए आयुर्वेद का अपना अनूठा तरीका है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि हृदय रोग शरीर के तीन दोषों: वात, पित्त और कफ में असंतुलन के कारण होता है। ये असंतुलन तनाव, खराब आहार, पर्यावरण में विषाक्त पदार्थों और आनुवंशिकी जैसे कारकों के कारण हो सकते हैं।हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर में संतुलन बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग का आयुर्वेदिक इलाजहृदय रोग के लिए कई सरल और आसान आयुर्वेदिक उपचार हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:1. तुलसी: तुलसी एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।2. लहसुन: लहसुन एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।3. गुग्गुल: गुग्गुल एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।4. अदरक: अदरक एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह परिसंचरण में सुधार, सूजन को कम करने और थक्कों के गठन को रोकने में मदद करता है।5. हल्दी: हल्दी एक और भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता हैहृदय रोग के लिए हर्बल उपचारहृदय रोग के लिए कई हर्बल उपचार हैं जिनका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इन जड़ी बूटियों का उपयोग हृदय रोग को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है, और उनमें से कुछ हृदय रोग से होने वाले नुकसान को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।हृदय रोग के लिए आहारजब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है, तो आप जो खाते हैं वह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप कितना व्यायाम करते हैं। हृदय रोग के लिए एक स्वस्थ आहार आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यहाँ हृदय-स्वस्थ आहार खाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:1. खूब फल और सब्जियां खाएं।2. परिष्कृत अनाज पर साबुत अनाज चुनें।3. संतृप्त और ट्रांस वसा सीमित करें।4. दुबले प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।5. सोडियम का सेवन सीमित करें।इन आहार परिवर्तनों को करने से आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने और आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।हृदय रोग के लिए व्यायामयदि आपको हृदय रोग है, तो व्यायाम आपके दिमाग की आखिरी चीज हो सकती है। लेकिन नियमित शारीरिक गतिविधि आपके दिल के लिए अच्छी होती है। यह आपके दिल को मजबूत बनाता है और इसे बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।व्यायाम आपके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। और यह आपके वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वजन होने से हृदय रोग हो सकता है।धीरे-धीरे शुरू करें और हर हफ्ते आपके द्वारा किए जाने वाले व्यायाम की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाएं। यदि आप कुछ समय से सक्रिय नहीं हैं, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच करें।निष्कर्षआयुर्वेदिक दवा का उपयोग सदियों से हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता रहा है, और हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में प्रभावी हो सकता है। यदि आप अपने हृदय रोग के इलाज के लिए एक सरल और आसान तरीका खोज रहे हैं, तो इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को आजमाने पर विचार करें।

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब ' परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है। हृदय रोग क्या है? हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्...