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वेरिकोज वेंस का घरेलू उपचार क्या हो सकता है? क्या यह बिल्कुल खत्म हो सकता है? By वनिता कासनियां पंजाब वेरीकोज वेंस भी एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं में ज्यादा होती है। पचास की उम्र पार करने पर, गर्भावस्था के समय, मेनोपॉज होने पर मोटे लोगों में और लगातार लंबे समय तक खड़े होने पर वेरीकोज वेंस की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।वेरीकोज वेंस के लिए ना कोई विश्वसनीय इलाज है ना कोई घरेलू उपाय। किसी दवाई से यह ठीक नहीं होती। इलाज के लिए जटिल लेजर थेरेपी या ऑपरेशन डॉक्टर इसलिए नहीं करते क्योंकि समस्या उतनी गंभीर नहीं है कि इतने जटिल उपाय किए जाएं। डॉक्टर आपको यह कह कर भेज देंगे कि लंबे समय तक ना बैठिए ना खड़े होइए, मोटापा कम कीजिए, व्यायाम कीजिए आदि। शायद ऐसा करने से वेरीकोज वेंस की समस्या बढ़े नहीं पर यह आसानी से ठीक नहीं होता।समझने की कोशिश करते हैं कि वेरीकोज वेंस क्या है और यह आसानी से ठीक क्यों नहीं होता।चित्र में दिख रहा स्पाइडर वेन ही बढ़ कर वेरीकोज वेंस में परिवर्तित हो जाता है। आर्टरी दिल से खून शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है और वेंस पूरे शरीर से वापस दिल तक। वेंस में सिंगल वाल्व होते हैं जो खून को सिर्फ दिल की तरफ की दिशा में जाने देते हैं। दिल से सबसे दूर पैर है और यहां से गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ दिल तक खून पहुंचाना मुश्किल पड़ता है। ऐसे में लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से खून वेंस में जमा होने लगता है और दबाव में वाल्व खराब हो जाते हैं। जहां वाल्व खराब हुए वहां के नीचे वेंस में खून जमा होने लगता है और वेंस मोटे और घुमावदार होते जाते हैं।वेरीकोज वेंस वैसे तो शरीर के किसी अंग में हो सकता है लेकिन दिल से दूरी और गुरुत्वाकर्षण के कारण यह पैर में ज्यादा होता है और त्वचा के नीचे वाले वेंस में होने के कारण यह बाहर से दिखाई देता है। महिलाओं के सौंदर्य पर असर पड़ता है।डॉक्टर टाइट स्टॉकिंग्स या कंप्रेशन सॉक्स पहनने की सलाह देते हैं। इसके दबाव से खून का दिल के तरफ बहाव आसान हो जाता है। घरेलू उपायों से जितना हो गया उसे तो ठीक करना मुश्किल है पर इसे बदतर होने से रोका जा सकता है और नई जगहों पर होने से भी।जाते जाते एक सलाह और दे दूं। लंबे समय तक बैठे रहना है तो पैर लगातार लटका कर ना बैठें। पैर कहीं ऊपर रखने की जगह खोजें या समेट लें।

वेरीकोज वेंस भी एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं में ज्यादा होती है। पचास की उम्र पार करने पर, गर्भावस्था के समय, मेनोपॉज होने पर मोटे लोगों में और लगातार लंबे समय तक खड़े होने पर वेरीकोज वेंस की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।

वेरीकोज वेंस के लिए ना कोई विश्वसनीय इलाज है ना कोई घरेलू उपाय। किसी दवाई से यह ठीक नहीं होती। इलाज के लिए जटिल लेजर थेरेपी या ऑपरेशन डॉक्टर इसलिए नहीं करते क्योंकि समस्या उतनी गंभीर नहीं है कि इतने जटिल उपाय किए जाएं। डॉक्टर आपको यह कह कर भेज देंगे कि लंबे समय तक ना बैठिए ना खड़े होइए, मोटापा कम कीजिए, व्यायाम कीजिए आदि। शायद ऐसा करने से वेरीकोज वेंस की समस्या बढ़े नहीं पर यह आसानी से ठीक नहीं होता।

समझने की कोशिश करते हैं कि वेरीकोज वेंस क्या है और यह आसानी से ठीक क्यों नहीं होता।

चित्र में दिख रहा स्पाइडर वेन ही बढ़ कर वेरीकोज वेंस में परिवर्तित हो जाता है। आर्टरी दिल से खून शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है और वेंस पूरे शरीर से वापस दिल तक। वेंस में सिंगल वाल्व होते हैं जो खून को सिर्फ दिल की तरफ की दिशा में जाने देते हैं। दिल से सबसे दूर पैर है और यहां से गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ दिल तक खून पहुंचाना मुश्किल पड़ता है। ऐसे में लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से खून वेंस में जमा होने लगता है और दबाव में वाल्व खराब हो जाते हैं। जहां वाल्व खराब हुए वहां के नीचे वेंस में खून जमा होने लगता है और वेंस मोटे और घुमावदार होते जाते हैं।

वेरीकोज वेंस वैसे तो शरीर के किसी अंग में हो सकता है लेकिन दिल से दूरी और गुरुत्वाकर्षण के कारण यह पैर में ज्यादा होता है और त्वचा के नीचे वाले वेंस में होने के कारण यह बाहर से दिखाई देता है। महिलाओं के सौंदर्य पर असर पड़ता है।

डॉक्टर टाइट स्टॉकिंग्स या कंप्रेशन सॉक्स पहनने की सलाह देते हैं। इसके दबाव से खून का दिल के तरफ बहाव आसान हो जाता है। घरेलू उपायों से जितना हो गया उसे तो ठीक करना मुश्किल है पर इसे बदतर होने से रोका जा सकता है और नई जगहों पर होने से भी।

जाते जाते एक सलाह और दे दूं। लंबे समय तक बैठे रहना है तो पैर लगातार लटका कर ना बैठें। पैर कहीं ऊपर रखने की जगह खोजें या समेट लें।



🌺🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌺

पेट में पथरी का घरेलु उपचार, आपरेशन की झंझट खत्म, हैरान हो जायेंगे ये उपचार जानकर |

जब ब्लड में इन तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है तो यह किडनी में जमा होकर पत्थर के टुकड़ों का आकार ले लेती हैं जिसके कारण ब्लेंडर तक यूरिन पहुंचने में रुकावट होती है क्योकि  किडनी में पथरी की समस्या पैदा हो जाती है 


By वनिता कासनियां पंजाब



पेट में पथरी का घरेलु  उपचार, आपरेशन की झंझट खत्म,  हैरान हो जायेंगे ये उपचार जानकर |

पेट में पथरी का घरेलु  उपचार, आपरेशन की झंझट खत्म,  हैरान हो जायेंगे ये उपचार जानकर |

गलत खानपान की आदतों की वजह से या खराब लाइफस्टाइल के कारण शरीर को बीमारियां घेर लेती हैं इन्हीं में से एक है किडनी स्टोन | आज के समय में बड़ी संख्या में लोग पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं इस दौरान पेट में होने वाला दर्द बर्दाश्त करना बहुत ही मुश्किल होता है अगर स्टोन नार्मल है तो यह यूरिन के जरिए आसानी से बाहर निकल जाता है लेकिन इनकी संख्या ज्यादा हो तो इनका शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है किडनी की छोटी पथरी को दवाओं और नेचुरल इलाज ओं की मदद से निकाला जा सकता है इसके लिए परहेज के साथ थोड़ी सी धैर्य की जरूरत होती है

यह भी पढ़े- जुकाम चुटकियों में गायब,जुकाम ठीक करने के घरेलु रामबाण उपाय  

कैसे बनती है पथरी-

किडनी शरीर का एक अहम अंग है इसका काम ब्लड को फिल्टर करना होता है ब्लड  फिल्टर  के दौरान सोडियम कैल्शियम और अन्य दूसरे  मिनरल्स बारी बारी कणों के रूप में यूरेटर के माध्यम से ब्लेंडर तक पहुंचते हैं जो पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं जब ब्लड में इन तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है तो यह किडनी में जमा होकर पत्थर के टुकड़ों का आकार ले लेती हैं जिसके कारण ब्लेंडर तक यूरिन पहुंचने में रुकावट होती है क्योकि  किडनी में पथरी की समस्या पैदा हो जाती है

पथरी से राहत पाने के घरेलू उपचार 

पत्थरचट्टा-

पत्थरचट्टा के पौधे का एक पत्ता ले और उसे मिश्री के कुछ दानों के साथ पीसकर खा ले | पत्थरचट्टा औषधि गुणों वाला एक पौधा होता है जिसका उपयोग किडनी और पेट से जुड़ी बीमारियों के इलाज में किया जाता है यह सदाबहार पौधा है जो भारत में खूब होता है किडनी में पथरी की समस्या के लिए भी पत्थरचट्टा सबसे ज्यादा कारगर माना जाता है 

नींबू का रस और जैतून का तेल-

नींबू का रस पथरी को तोड़ने का काम करता है और जैतून का तेल उसे बाहर निकालने में मदद करता है एक गिलास पानी में एक नींबू का रस  और थोड़ा सा जैतून का तेल डालें |इसको अच्छे से मिलाकर सेवन करें  ऐसा करने से कुछ ही समय में पथरी निकल जाती है

पपीते की जड़-

पथरी निकालने के लिए पपीते की जड़ भी काफी मदद करती है इसके लिए सात से आठ ग्राम पपीते की जड़ को पीस कर  एक गिलास पानी में अच्छी तरह से गोले और अब रोजाना इस पानी का सेवन करें | ऐसा करने से पथरी गल जाएगी और कुछ ही दिनों में पथरी से छुटकारा मिल जाएगा

इलायची मिश्री और खरबूजे के बीज-

कुछ बड़ी इलायची के दानों को पीसकर पाउडर बनाएं  फिर एक छोटे चम्मच पाउडर को  एक गिलास पानी में मिक्स करें और इसमें एक छोटा चम्मच मिश्री और कुछ खरबूज के बीजो को डालकर रात भर भिगो दें और सुबह इसमें पड़ी चीजों को अच्छे से चबाकर खाएं और सारा पानी पी ले इसके सेवन से पथरी की समस्या से जल्द ही  छुटकारा मिलता है

सेब का सिरका-

सेब के सिरके में साइट्रिक एसिड होता है जो किडनी स्टोन को छोटे-छोटे कणों में काटने का काम करता है 2 छोटे चम्मच सिरके को गर्म पानी के साथ लेने से स्टोन की समस्या में काफी राहत मिल सकती है

अनार का जूस-,

पथरी की समस्या से राहत पाने के लिए अनार एक बेहतर विकल्प है इसका जूस पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और यह नेचुरल तरीके से किडनी स्टोन में राहत मिलती है 

दी हुई जानकारी आपको कैसी लगी अगर अच्छी लगी हो तो प्लीज कमेंट करें और अगर आपको भी स्वास्थ्य से संबंधित कोई परेशानी है तो आप हमसे शेयर कर सकते हैं धन्यवाद 


Home remedies for stone in stomach, the hassle of operation is over, you will be surprised to know these remedies.


When the amount of these elements in the blood increases, it accumulates in the kidney and takes the shape of stone pieces, due to which




Varicose Veins کے گھریلو علاج کیا ہیں؟ کیا یہ بالکل ختم ہو سکتا ہے؟


ونیتھا کاسنیہ پنج


ویریکوز رگیں بھی ایک مسئلہ ہے جو خواتین میں زیادہ عام ہے۔ پچاس سال کی عمر کو پہنچنے پر، حملابملابملابملابملابملاب

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पान खाने के क्या 5 लाभ By वनिता कासनियां पंजाब ?Paan Ke Fayde: आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं.पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf)देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है.1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है 1 पानआयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक, 1 पान खाने से पुरुषों की सेक्शुअल लाइफ को चमत्कारिक फायदे प्राप्त होते हैं. यह लौंग, सौंफ या इलायची के किसी भी नुस्खे से बहुत ज्यादा असरदार होता है. क्योंकि, इसमें आपको इन चीजों के साथ गुलकंद और सुपारी भी मिलती हैं. पान के साथ यह सभी चीजें शादीशुदा पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा प्रभावशाली हो जाती हैं. इससे पुरुषों में कामेच्छा में कमी (लिबिडो), , टेस्टोस्टेरोन में कमी, आदि सुधर जाता है.2. कब्ज से राहत दिलाता है पानआयुर्वेद में कब्ज के इलाज के लिए पान को काफी असरदार बताया गया है. यह शरीर में पीएच लेवल को सामान्य बनाता है और पेट की परेशानी से राहत प्रदान करता है. इसके लिए आप पान के पत्ते के टुकड़े करके एक गिलास पानी में डालकर रातभर रख दें. यह पानी अगली सुबह खाली पेट पी लें.3. कटने, खुजली व जलन से राहतडॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि अगर किसी चीज से कटने, खुजली व जलन के कारण आपको समस्या हो रही है, तो आप पान के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं. इसके एनलजेसिक गुण तुरंत राहत प्रदान करते हैं. इसके लिए पान के पत्ते का पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं. यह त्वचा के अंदर जाकर दर्द व जलन से राहत दिलाता है.4. संक्रमण या सेप्टिक से राहतपान के पत्ते में एंटी-सेप्टिक व एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो फंगल इंफेक्शन व सेप्टिक होने से राहत देते हैं| इसके लिए आपको पान के पत्ते का पेस्ट प्रभावित जगह पर लगाना होता है| पान के पत्ते का उपयोग जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है|5. मुंह की दुर्गंध के लिए पानपान खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है| इसमें काफी मात्रा में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह की दुर्गंध का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का खात्मा कर देते हैं. इसके अलावा यह दांतों में होने वाली कैविटी, प्लेक, सड़न, सूजन, दर्द आदि से भी राहत देता है| राजा-महाराजा अपना यौन स्वास्थ्य सुधारने के साथ मुंह की दुर्गंध भागने के लिए भी हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे|यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है| यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है|

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हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब'परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग क्या है?हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि अच्छा स्वास्थ्य मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर निर्भर करता है।हृदय रोग के इलाज के लिए आयुर्वेद का अपना अनूठा तरीका है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि हृदय रोग शरीर के तीन दोषों: वात, पित्त और कफ में असंतुलन के कारण होता है। ये असंतुलन तनाव, खराब आहार, पर्यावरण में विषाक्त पदार्थों और आनुवंशिकी जैसे कारकों के कारण हो सकते हैं।हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर में संतुलन बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग का आयुर्वेदिक इलाजहृदय रोग के लिए कई सरल और आसान आयुर्वेदिक उपचार हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:1. तुलसी: तुलसी एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।2. लहसुन: लहसुन एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।3. गुग्गुल: गुग्गुल एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।4. अदरक: अदरक एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह परिसंचरण में सुधार, सूजन को कम करने और थक्कों के गठन को रोकने में मदद करता है।5. हल्दी: हल्दी एक और भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता हैहृदय रोग के लिए हर्बल उपचारहृदय रोग के लिए कई हर्बल उपचार हैं जिनका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इन जड़ी बूटियों का उपयोग हृदय रोग को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है, और उनमें से कुछ हृदय रोग से होने वाले नुकसान को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।हृदय रोग के लिए आहारजब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है, तो आप जो खाते हैं वह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप कितना व्यायाम करते हैं। हृदय रोग के लिए एक स्वस्थ आहार आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यहाँ हृदय-स्वस्थ आहार खाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:1. खूब फल और सब्जियां खाएं।2. परिष्कृत अनाज पर साबुत अनाज चुनें।3. संतृप्त और ट्रांस वसा सीमित करें।4. दुबले प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।5. सोडियम का सेवन सीमित करें।इन आहार परिवर्तनों को करने से आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने और आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।हृदय रोग के लिए व्यायामयदि आपको हृदय रोग है, तो व्यायाम आपके दिमाग की आखिरी चीज हो सकती है। लेकिन नियमित शारीरिक गतिविधि आपके दिल के लिए अच्छी होती है। यह आपके दिल को मजबूत बनाता है और इसे बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।व्यायाम आपके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। और यह आपके वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वजन होने से हृदय रोग हो सकता है।धीरे-धीरे शुरू करें और हर हफ्ते आपके द्वारा किए जाने वाले व्यायाम की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाएं। यदि आप कुछ समय से सक्रिय नहीं हैं, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच करें।निष्कर्षआयुर्वेदिक दवा का उपयोग सदियों से हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता रहा है, और हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में प्रभावी हो सकता है। यदि आप अपने हृदय रोग के इलाज के लिए एक सरल और आसान तरीका खोज रहे हैं, तो इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को आजमाने पर विचार करें।

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब ' परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है। हृदय रोग क्या है? हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्...

गर्मी में ग्लिसरीन कैसे लगाएं? जानें स्किन को इससे मिलने वाले फायदे By वनिता कासनियां पंजाब गर्मियों में ग्लिसरीन स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे आप अपने डेली स्किन केयर में शामिल कर सकते हैं। तेज गर्मी और लू के कारण आपकी स्किन ड्राई होने लगती है और उसका सीधा असर आपके चेहरे पर दिखता है। फिर चाहे आपके नैन नक्श कितने भी सुंदर हो लेकिन आपकी स्किन ड्राई और टैन से भरी हुई नजर आती है। गर्मी के मौसम में चेहरा झुलसा हुआ और रैशेज से भरा हुआ दिखाई देता है। गर्मी और पसीना आपकी खूबसूरती को खराब कर सकता है। फिर मेकअप भी आपके चेहरे पर अधिक देर तक टिक नहीं पाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए आपको गर्मी के मौसम में ग्लिसरीन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आपकी स्किन मुलायम और ग्लोइंग नजर आए। ग्लिसरीन आपकी त्वचा को कई तरह लाभ पहुंचा सकता है। यह स्किन को अंदर से पोषण प्रदान करता है और उन्हें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है। 1. अगर आपकी स्किन गर्मी में रूखी और बेजान नजर आ रही है, तो आप ग्लिसरीन की कुछ बूंदें कॉटन में डालकर इसे अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। यह स्किन को मुलायम और ग्लोइंग बनाता है। 2. गर्मियों में आप ग्लिसरीन का इस्तेमाल टोनर के रूप में कर सकते हैं। इससे स्किन साफ और टोन नजर आती है। आप गर्मियों में भी खूबसूरत और तरोताजा नजर आते हैं। इसके लिए आप ग्लिसरीन और गुलाब जल का टोनर तैयार कर सकते हैं। यह चेहरे को अंदर से साफ करता है। ऑयली स्किन पर आप टोनर का दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं। 3.चेहरे को अच्छी तरीके से साफ करने के लिए आपको क्लींजर की जरूरत पड़ती है। अगर आप चाहे तो घर पर ही ग्लिसरीन और शहद की मदद से क्लींजर बना सकते हैं। इससे स्किन अंदर से हाइड्रेट और नमीयुक्त रहती है। इसके लिए आप आधा चम्मच ग्लिसरीन और आधा चम्मच शहद मिला लें। आप चाहे तो इसे बॉटल में स्टोर कर सकते हैं और मेकअप हटाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 4. कील-मुहांसों हटाने के लिए आफ ग्लिसरीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे स्किन के दाग-धब्बे दूर हो सकते हैं। इसके लिए आप ग्लिसरीन, नींबू और गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे स्किन बेदाग और निखरी नजर आ सकती है। 5. स्किन इंफेक्शन को दूर रखने में भी ग्लिसरीन आपकी मदद कर सकता है। दरअसल इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी स्किन के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। रात को सोने से पहले आप गुलाब जल से अपनी स्किन को साफ करके ग्लिसरीन लगा सकती है। इससे स्किन को भी आराम मिलता है। glycerin-benefitsImage Credit- Freepikइन तरीकों से भी कर सकते हैं इस्तेमाल1. ग्लिसरीन और गुलाब जल आपकी स्किन को धूप में जलने से भी बचाता है और स्किन टैन फ्री नजर आती है। इसके लिए आप केला, दही और ग्लिसरीन का पैक बना सकते हैं। 2. अगर आपकी स्किन बहुत चिपचिपी है, तो आप एलोवेरा जेल के साथ कुछ बूंदें ग्लिसरीन की मिलाकर लगा सकते हैं। इससे आपकी स्किन को काफी राहत मिलती है। 3. ग्लिसरीन में एंटी एजिंग प्रोपर्टीज पाई जाती है जो कि चेहरे को ग्लोइंग करने में मदद करती है साथ ही चेहरे की झुर्रियों को कम करती है।4. ऑयली स्किन वाले लोग ग्लिसरीन को एक क्लींजर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे एक्ने की समस्या खत्म हो सकती है। 5. इसे आप रात को सोने से पहले पूरी शरीर पर लगा सकते हैं। How to apply glycerin in summer? Know the benefits of this for the skinBy Vnita Kasniya PunjabGlycerin is very beneficial for the skin in summer. You can include it in your daily skin care.

गर्मी में ग्लिसरीन कैसे लगाएं? जानें स्किन को इससे मिलने वाले फायदे By वनिता कासनियां पंजाब गर्मियों में ग्लिसरीन स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे आप अपने डेली स्किन केयर में शामिल कर सकते हैं।  तेज गर्मी और लू के कारण आपकी स्किन ड्राई होने लगती है और उसका सीधा असर आपके चेहरे पर दिखता है। फिर चाहे आपके नैन नक्श कितने भी सुंदर हो लेकिन आपकी स्किन ड्राई और टैन से भरी हुई नजर आती है। गर्मी के मौसम में चेहरा झुलसा हुआ और रैशेज से भरा हुआ दिखाई देता है। गर्मी और पसीना आपकी खूबसूरती को खराब कर सकता है। फिर मेकअप भी आपके चेहरे पर अधिक देर तक टिक नहीं पाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए आपको गर्मी के मौसम में ग्लिसरीन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आपकी स्किन मुलायम और ग्लोइंग नजर आए। ग्लिसरीन आपकी त्वचा को कई तरह लाभ पहुंचा सकता है। यह स्किन को अंदर से पोषण प्रदान करता है और उन्हें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है।  1. अगर आपकी स्किन गर्मी में रूखी और बेजान नजर आ रही है, तो आप ग्लिसरीन की कुछ बूंदें कॉटन में डालकर इसे अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। यह स्किन को मुलायम और ग्लो...