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,,कोल्ड ड्रिंक - हमारे शरीर के लिए कितना नुकसानदायक ( Cold drink - how harmful for our body by वनिता कासनियां पंजाबCold drink - how harmful for our body नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल में हम कोल्ड ड्रिंक के बारे में बात करने वाले हैं। कोल्ड ड्रिंक आजकल हमारी लाइफ का एक हिस्सा बन गई है। इसे देखकर ही हमारे दिल को ठंडक मिल जाती है। लेकिन हर चीज़ की सच्चाई जानना भी तो ज़रूरी होता है। TABLE OF CONTENTINTRODUCTION कोल्ड ड्रिंक और पेट की गैसकोल्ड ड्रिंक और शक्कर कोल्ड ड्रिंक ज़्यादा मीठी क्यों नहीं लगती ?कोल्ड ड्रिंक का स्ट्रोंग एसिडकोल्ड ड्रिंक की लत कैंसर और कोल्ड ड्रिंकरिज़ल्ट INTRODUCTION आज हमारे देश का ये हाल है कि हर ख़ुशी के मौके पर हम कोल्ड ड्रिंक पीते हैं। अगर घर में कोई मेहमान आ जाएं तो सबसे पहले कोल्ड ड्रिंक लाने की बात की जाती है। कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कम्पनी का हमारे दिमाग पर इतना असर हो गया है कि जब भी हम "ठंडा" ‌सुनते हैं तो हमें कोल्ड ड्रिंक का ख्याल आता है।‌ लेकिन क्या आपने कभी कोल्ड ड्रिंक के बारे में सोचा है कि ये शरीर पर किस तरह का प्रभाव डालता है।कोल्ड ड्रिंक को सॉफ्ट ड्रिंक के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन सॉफ्ट सॉफ्ट बोलकर लोग इसे इतना साधारण समझ लेते हैं, जैसे इसका कोई असर होता ही नहीं है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो ये आप की बहुत बड़ी गलतफहमी है।सॉफ्ट ड्रिंककोल्ड ड्रिंक पर उठने वाला सबसे बड़ा सवाल इसमें मौजूद चीनी के बारे में किया जाता है । लेकिन कोल्ड ड्रिंक में चीनी के अलावा भी ऐसी कई चीजें होती हैं जो शरीर को चीनी से ज़्यादा नुकसान पहुंचाती है। सबसे ख़तरनाक बात ये है कि हम में से ज़्यादातर लोग कोल्ड ड्रिंक में चीनी के अलावा मौजूद नुकसानदायक चीज़ो के बारे में जानते तक नहीं है। कोल्ड ड्रिंक और पेट की गैसलोगों में सबसे मशहूर गलतफहमी है कि कोल्ड ड्रिंक पीने से पेट की गैस बाहर निकलती है। कोल्ड ड्रिंक में सबसे ज़्यादा पानी की मात्रा होती है। लेकिन यहां पानी हमारे घर में आने वाले पानी की तरह नहीं होता। सभी तरह के कोल्ड ड्रिंक्स को बनाने के लिए कार्बोनेटेड वॉटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे सोडा वॉटर के नाम से भी जाना जाता है। इस पानी में पहले से ही कार्बन डाइऑक्साइड गैस को मिलाया जाता है। यही वज़ह है कि कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद बार बार डकार आने लगती है। क्योंकि जो गैस पहले से कोल्ड ड्रिंक में मौजूद हैं, हमारा शरीर उसे बाहर निकालने की कोशिश करता है । इसी कारण लोगों को ऐसा लगता है कि कोल्ड ड्रिंक पीने से पेट की गैस बाहर निकलती है। कोल्ड ड्रिंक को किसी ग्लास में निकाल कर आप खुद उसमें मौजूद गैस को बाहर आता देख सकते है।ये कोल्ड ड्रिंक में मौजूद सबसे कम नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ है जो आपके दांतों की ऊपरी परत और आपके शरीर को थोड़ा सा नुकसान पहुंचाती है।कोल्ड ड्रिंक और शक्कर कोल्ड ड्रिंक एक ऐसी चीज़ है जिसमें पचाने लायक कुछ नहीं होता। इसलिए ये छोटी आंत से होते हुए खून में पहुंच जाती है।‌‌ एक 500 ml की कोल्ड ड्रिंक में 40 से 50 ग्राम शक्कर होती है। जिसे ऐसे देखा जाएं तो 10 से 12 चम्मच शक्कर हो जाती है। जब इतनी सारी चीनी हमारे शरीर में एक साथ जाती है तो हमारा शरीर इंसुलिन नामक हार्मोन बहुत तेज़ी से छोड़ने लगता है । इससे शरीर में हार्मोनल सिस्टम असंतुलित हो जाता है। साथ ही लंबे समय तक कोल्ड ड्रिंक के सेवन से एक समय के बाद , इंसुलिन बनाने वाली ग्रंथि सही तरह से काम नहीं करती और डायबिटीज़ जैसी बीमारी हो जाती है। कोल्ड ड्रिंक में मौजूद चीनी हमारी आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को भी मारने लगता है। इससे पाचन तंत्र पर भी ग़लत प्रभाव पड़ता है।‌‌ जब इतनी सारी चीनी हमारे खून में पहुंचती है तो हमारा शरीर उसे फैट में बदलने लगता है। जब ये फैट लिवर में जमा होने लगता है तो फैटि लिवर जैसी गंभीर समस्या जन्म लेती है। फैटि लिवर हमारे देश में सबसे तेज़ी से फैलने वाली बीमारी है जिसमें लिवर ठीक तरह से काम नहीं करता । जब ये फैट शरीर के दूसरे हिस्सों में जमा होने लगता है तो शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है। कोल्ड ड्रिंक ज़्यादा मीठी क्यों नहीं लगती ?यहां कुछ लोग सवाल करते है कि अगर 10 से 12 चम्मच चीनी हम सीधे खाएंगे तो हमें घबराहट महसूस होने लगेगी , साथ ही सर दर्द भी शुरू हो जाऊंगा । तो कोल्ड ड्रिंक में मौजूद चीज़ें के सेवन के बाद हमें घबराहट क्यों नहीं होती। इसका जवाब ये है कि कोल्ड ड्रिंक में इतनी सारी शक्कर मिलने के साथ एक और केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जिसे फॉस्फोरिक एसिड के नाम से जाना जाता है। ये केमिकल कोल्ड ड्रिंक की मिठास को कम करता है और उसे एक टैंगी सा टेस्ट भी देता है।बार बार कोल्ड ड्रिंक पीने से उसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकता है। इस कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है और हड्डियां कमज़ोर होने लगती है। कोल्ड ड्रिंक का स्ट्रोंग एसिडकोल्ड ड्रिंक में कार्बोनिक एसिड, सिट्रिक ऐसिड और फॉस्फोरिक एसिड तीनों मौजूद होते हैं। ये तीनों मिलकर एक स्ट्रोंग और शक्तिशाली एसिड बनाते हैं जो दांतों के संपर्क में आने से दांतो की ऊपरी परत को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है। कोल्ड ड्रिंक की लत कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कम्पनी अपने शिकार को ऐसे ही नहीं छोड़ती है। जिस तरह शराब और दूसरी नशीली चीजों की लत लग जाती है , उसी तरह कोल्ड ड्रिंक में भी ऐसी दो चीज़ें पाई जाती है जिससे इंसान इसका दिवाना हो जाता है । कोल्ड ड्रिंक में मौजूद चीनी और कैफ़ीन जब दिमाग तक पहुंचती है तो डोपामिन नामक हार्मोन निकलने लगता है। नशीली चीज़े खाने पीने के बाद भी यही हार्मोन निकलता है। इससे थोड़ी देर के लिए तो शरीर का आलस दूर होता है और बहुत अच्छा फील होने लगता है। लेकिन ये ख़ुशी थोड़ी ही देर की होती है। क्योंकि थोड़ी देर के बाद शरीर और थका हुआ महसूस करता है। इसलिए हमारा दिमाग फिर से थोड़ी देर की खुशी पाने के लिए शरीर को कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए मोटिवेट करता है। इस तरह अच्छा खासा इंसान कोल्ड ड्रिंक की लत का शिकार हो जाता है। कैंसर और कोल्ड ड्रिंकइसके अलावा कोल्ड ड्रिंक में दो ऐसी चीज़ें भी मौजूद होती है जिससे कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है। कोल्ड ड्रिंक को खराब होने से बचाने के लिए पोटैशियम बेंज़ोएड जैसे प्रिजर्वेटिव मिलाएं जाते हैं । ये शरीर में जाकर बेंजीन बनाता है। बेंजीन कारसैनोजेनिक होता है जो कैंसर जैसी बीमारी को पैदा कर सकता है। कोल्ड ड्रिंक को खुबसूरत और आकर्षक रंग देने के लिए इसमें आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया जाता है। अब इसे कम्पनी की मजबूरी कहिए या हमारी बेवकूफी, कि हम कलरफुल चीजों को खाना पीना पसंद करते हैं। कभी कभार तो हम घर में बनी चीजों में भी कलर मिला देते हैं, जैसे उस कलर को पेट के अंदर जाकर पेंटिंग करना हो । ज़्यादातर आर्टिफिशियल कलर कारसैनोजेनिक होते हैं, जो कि शरीर में कैंसर जैसी बीमारी पैदा करने की ताकत रखते हैं। रिज़ल्ट सारी बातों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि कोल्ड ड्रिंक की जगह फलों का जूस पीना ज़्यादा सही है । क्योंकि ये शरीर के लिए फायदेमंद होने के साथ स्वाद में भी अच्छे होते हैं। कोल्ड ड्रिंक हमारे शरीर में सिर्फ नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इसलिए अगर आप कोल्ड ड्रिंक के आदि हो गए हैं तो जल्द से जल्द कोल्ड ड्रिंक को जगह फ्रूट जूस पीने की आदत डालें। वरना पता चला कि आपको सोचने में बहुत देर हो जाएं और कोल्ड ड्रिंक आपके शरीर को पूरी तरह बर्बाद कर दें।

कोल्ड ड्रिंक - हमारे शरीर के लिए कितना नुकसानदायक ( Cold drink - how harmful for our body 

by वनिता कासनियां पंजाब

Cold drink - how harmful for our body 


नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल में हम कोल्ड ड्रिंक के बारे में बात करने वाले हैं। कोल्ड ड्रिंक आजकल हमारी लाइफ का एक हिस्सा बन गई है। इसे देखकर ही हमारे दिल को ठंडक मिल जाती है। लेकिन हर चीज़ की सच्चाई जानना भी तो ज़रूरी होता है।


TABLE OF CONTENT

INTRODUCTION 


आज हमारे देश का ये हाल है कि हर ख़ुशी के मौके पर हम कोल्ड ड्रिंक पीते हैं। अगर घर में कोई मेहमान आ जाएं तो सबसे पहले कोल्ड ड्रिंक लाने की बात की जाती है। कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कम्पनी का हमारे दिमाग पर इतना असर हो गया है कि जब भी हम "ठंडा" ‌सुनते हैं तो हमें कोल्ड ड्रिंक का ख्याल आता है।‌ लेकिन क्या आपने कभी कोल्ड ड्रिंक के बारे में सोचा है कि ये शरीर पर किस तरह का प्रभाव डालता है।

कोल्ड ड्रिंक को सॉफ्ट ड्रिंक के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन सॉफ्ट सॉफ्ट बोलकर लोग इसे इतना साधारण समझ लेते हैं, जैसे इसका कोई असर होता ही नहीं है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो ये आप की बहुत बड़ी गलतफहमी है।

सॉफ्ट ड्रिंक


कोल्ड ड्रिंक पर उठने वाला सबसे बड़ा सवाल इसमें मौजूद चीनी के बारे में किया जाता है । लेकिन कोल्ड ड्रिंक में चीनी के अलावा भी ऐसी कई चीजें होती हैं जो शरीर को चीनी से ज़्यादा नुकसान पहुंचाती है। सबसे ख़तरनाक बात ये है कि हम में से ज़्यादातर लोग कोल्ड ड्रिंक में चीनी के अलावा मौजूद नुकसानदायक चीज़ो के बारे में जानते तक नहीं है। 

कोल्ड ड्रिंक और पेट की गैस


लोगों में सबसे मशहूर गलतफहमी है कि कोल्ड ड्रिंक पीने से पेट की गैस बाहर निकलती है। कोल्ड ड्रिंक में सबसे ज़्यादा पानी की मात्रा होती है। लेकिन यहां पानी हमारे घर में आने वाले पानी की तरह नहीं होता। सभी तरह के कोल्ड ड्रिंक्स को बनाने के लिए कार्बोनेटेड वॉटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे सोडा वॉटर के नाम से भी जाना जाता है। इस पानी में पहले से ही कार्बन डाइऑक्साइड गैस को मिलाया जाता है। 

यही वज़ह है कि कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद बार बार डकार आने लगती है। क्योंकि जो गैस पहले से कोल्ड ड्रिंक में मौजूद हैं, हमारा शरीर उसे बाहर निकालने की कोशिश करता है । इसी कारण लोगों को ऐसा लगता है कि कोल्ड ड्रिंक पीने से पेट की गैस बाहर निकलती है। कोल्ड ड्रिंक को किसी ग्लास में निकाल कर आप खुद उसमें मौजूद गैस को बाहर आता देख सकते है।


ये कोल्ड ड्रिंक में मौजूद सबसे कम नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ है जो आपके दांतों की ऊपरी परत और आपके शरीर को थोड़ा सा नुकसान पहुंचाती है।

कोल्ड ड्रिंक और शक्कर 


कोल्ड ड्रिंक एक ऐसी चीज़ है जिसमें पचाने लायक कुछ नहीं होता। इसलिए ये छोटी आंत से होते हुए खून में पहुंच जाती है।‌‌ एक 500 ml की कोल्ड ड्रिंक में 40 से 50 ग्राम शक्कर होती है। जिसे ऐसे देखा जाएं तो 10 से 12 चम्मच शक्कर हो जाती है। जब इतनी सारी चीनी हमारे शरीर में एक साथ जाती है तो हमारा शरीर इंसुलिन नामक हार्मोन बहुत तेज़ी से छोड़ने लगता है । इससे शरीर में हार्मोनल सिस्टम असंतुलित हो जाता है। साथ ही लंबे समय तक कोल्ड ड्रिंक के सेवन से एक समय के बाद , इंसुलिन बनाने वाली ग्रंथि सही तरह से काम नहीं करती और डायबिटीज़ जैसी बीमारी हो जाती है। 

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद चीनी हमारी आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को भी मारने लगता है। इससे पाचन तंत्र पर भी ग़लत प्रभाव पड़ता है।‌‌ 


जब इतनी सारी चीनी हमारे खून में पहुंचती है तो हमारा शरीर उसे फैट में बदलने लगता है। जब ये फैट लिवर में जमा होने लगता है तो फैटि लिवर जैसी गंभीर समस्या जन्म लेती है। फैटि लिवर हमारे देश में सबसे तेज़ी से फैलने वाली बीमारी है जिसमें लिवर ठीक तरह से काम नहीं करता । जब ये फैट शरीर के दूसरे हिस्सों में जमा होने लगता है तो शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है। 

कोल्ड ड्रिंक ज़्यादा मीठी क्यों नहीं लगती ?


यहां कुछ लोग सवाल करते है कि अगर 10 से 12 चम्मच चीनी हम सीधे खाएंगे तो हमें घबराहट महसूस होने लगेगी , साथ ही सर दर्द भी शुरू हो जाऊंगा । तो कोल्ड ड्रिंक में मौजूद चीज़ें के सेवन के बाद हमें घबराहट क्यों नहीं होती। इसका जवाब ये है कि कोल्ड ड्रिंक में इतनी सारी शक्कर मिलने के साथ एक और केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जिसे फॉस्फोरिक एसिड के नाम से जाना जाता है। ये केमिकल कोल्ड ड्रिंक की मिठास को कम करता है और उसे एक टैंगी सा टेस्ट भी देता है।

बार बार कोल्ड ड्रिंक पीने से उसमें मौजूद फॉस्फोरिक एसिड शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकता है। इस कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है और हड्डियां कमज़ोर होने लगती है। 

कोल्ड ड्रिंक का स्ट्रोंग एसिड


कोल्ड ड्रिंक में कार्बोनिक एसिड, सिट्रिक ऐसिड और फॉस्फोरिक एसिड तीनों मौजूद होते हैं। ये तीनों मिलकर एक स्ट्रोंग और शक्तिशाली एसिड बनाते हैं जो दांतों के संपर्क में आने से दांतो की ऊपरी परत को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है। 

कोल्ड ड्रिंक की लत 


कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कम्पनी अपने शिकार को ऐसे ही नहीं छोड़ती है। जिस तरह शराब और दूसरी नशीली चीजों की लत लग जाती है , उसी तरह कोल्ड ड्रिंक में भी ऐसी दो चीज़ें पाई जाती है जिससे इंसान इसका दिवाना हो जाता है । 

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद चीनी और कैफ़ीन जब दिमाग तक पहुंचती है तो डोपामिन नामक हार्मोन निकलने लगता है। नशीली चीज़े खाने पीने के बाद भी यही हार्मोन निकलता है। इससे थोड़ी देर के लिए तो शरीर का आलस दूर होता है और बहुत अच्छा फील होने लगता है। लेकिन ये ख़ुशी थोड़ी ही देर की होती है। क्योंकि थोड़ी देर के बाद शरीर और थका हुआ महसूस करता है। इसलिए हमारा दिमाग फिर से थोड़ी देर की खुशी पाने के लिए शरीर को कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए मोटिवेट करता है। इस तरह अच्छा खासा इंसान कोल्ड ड्रिंक की लत का शिकार हो जाता है। 

कैंसर और कोल्ड ड्रिंक


इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक में दो ऐसी चीज़ें भी मौजूद होती है जिससे कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है। कोल्ड ड्रिंक को खराब होने से बचाने के लिए पोटैशियम बेंज़ोएड जैसे प्रिजर्वेटिव मिलाएं जाते हैं । ये शरीर में जाकर बेंजीन बनाता है। बेंजीन कारसैनोजेनिक होता है जो कैंसर जैसी बीमारी को पैदा कर सकता है। 

कोल्ड ड्रिंक को खुबसूरत और आकर्षक रंग देने के लिए इसमें आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया जाता है। अब इसे कम्पनी की मजबूरी कहिए या हमारी बेवकूफी, कि हम कलरफुल चीजों को खाना पीना पसंद करते हैं। कभी कभार तो हम घर में बनी चीजों में भी कलर मिला देते हैं, जैसे उस कलर को पेट के अंदर जाकर पेंटिंग करना हो । ज़्यादातर आर्टिफिशियल कलर कारसैनोजेनिक होते हैं, जो कि शरीर में कैंसर जैसी बीमारी पैदा करने की ताकत रखते हैं। 

रिज़ल्ट 

सारी बातों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि कोल्ड ड्रिंक की जगह फलों का जूस पीना ज़्यादा सही है । क्योंकि ये शरीर के लिए फायदेमंद होने के साथ स्वाद में भी अच्छे होते हैं। कोल्ड ड्रिंक हमारे शरीर में सिर्फ नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इसलिए अगर आप कोल्ड ड्रिंक के आदि हो गए हैं तो जल्द से जल्द कोल्ड ड्रिंक को जगह फ्रूट जूस पीने की आदत डालें। वरना पता चला कि आपको सोचने में बहुत देर हो जाएं और कोल्ड ड्रिंक आपके शरीर को पूरी तरह बर्बाद कर दें।   

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घरेलू नुस्खे,

2021 के लिए 20 स्वास्थ्य सुझाव। 20 health tips for 2021 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब* 🌹🙏🙏🌹 एक नए दशक की शुरुआत एक स्वस्थ जीवन शैली सहित, किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए संकल्पों के साथ लाती है। 2021 में स्वस्थ जीवन की दिशा में शुरुआत करने में आपकी मदद करने के लिए 20 व्यावहारिक स्वास्थ्य सुझाव दिए गए हैं। 1. स्वस्थ आहार खाएं फल, सब्जियां, फलियां, नट्स और साबुत अनाज सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों के संयोजन का सेवन करें। वयस्कों को प्रति दिन फल और सब्जियों के कम से कम पांच हिस्से (400 ग्राम) खाने चाहिए। आप हमेशा अपने भोजन में सब्जियों को शामिल करके अपने फलों और सब्जियों के सेवन में सुधार कर सकते हैं; नाश्ते के रूप में ताजे फल और सब्जियां खाने; विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाना; और उन्हें मौसम में खा रहा है। स्वस्थ भोजन करने से, आप अपने कुपोषण और गैर-रोगजनक बीमारियों (एनसीडी) जैसे मधुमेह, हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के जोखिम को कम कर देंगे। 2. नमक और चीनी का कम सेवन करें फिलिपिनो सोडियम की अनुशंसित मात्रा का दोगुना सेवन करते हैं, जिससे उन्...

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब'परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग क्या है?हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि अच्छा स्वास्थ्य मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर निर्भर करता है।हृदय रोग के इलाज के लिए आयुर्वेद का अपना अनूठा तरीका है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि हृदय रोग शरीर के तीन दोषों: वात, पित्त और कफ में असंतुलन के कारण होता है। ये असंतुलन तनाव, खराब आहार, पर्यावरण में विषाक्त पदार्थों और आनुवंशिकी जैसे कारकों के कारण हो सकते हैं।हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर में संतुलन बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग का आयुर्वेदिक इलाजहृदय रोग के लिए कई सरल और आसान आयुर्वेदिक उपचार हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:1. तुलसी: तुलसी एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।2. लहसुन: लहसुन एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।3. गुग्गुल: गुग्गुल एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।4. अदरक: अदरक एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह परिसंचरण में सुधार, सूजन को कम करने और थक्कों के गठन को रोकने में मदद करता है।5. हल्दी: हल्दी एक और भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता हैहृदय रोग के लिए हर्बल उपचारहृदय रोग के लिए कई हर्बल उपचार हैं जिनका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इन जड़ी बूटियों का उपयोग हृदय रोग को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है, और उनमें से कुछ हृदय रोग से होने वाले नुकसान को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।हृदय रोग के लिए आहारजब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है, तो आप जो खाते हैं वह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप कितना व्यायाम करते हैं। हृदय रोग के लिए एक स्वस्थ आहार आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यहाँ हृदय-स्वस्थ आहार खाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:1. खूब फल और सब्जियां खाएं।2. परिष्कृत अनाज पर साबुत अनाज चुनें।3. संतृप्त और ट्रांस वसा सीमित करें।4. दुबले प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।5. सोडियम का सेवन सीमित करें।इन आहार परिवर्तनों को करने से आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने और आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।हृदय रोग के लिए व्यायामयदि आपको हृदय रोग है, तो व्यायाम आपके दिमाग की आखिरी चीज हो सकती है। लेकिन नियमित शारीरिक गतिविधि आपके दिल के लिए अच्छी होती है। यह आपके दिल को मजबूत बनाता है और इसे बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।व्यायाम आपके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। और यह आपके वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वजन होने से हृदय रोग हो सकता है।धीरे-धीरे शुरू करें और हर हफ्ते आपके द्वारा किए जाने वाले व्यायाम की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाएं। यदि आप कुछ समय से सक्रिय नहीं हैं, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच करें।निष्कर्षआयुर्वेदिक दवा का उपयोग सदियों से हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता रहा है, और हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में प्रभावी हो सकता है। यदि आप अपने हृदय रोग के इलाज के लिए एक सरल और आसान तरीका खोज रहे हैं, तो इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को आजमाने पर विचार करें।

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब ' परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है। हृदय रोग क्या है? हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्...