स्वास्थ्य घरेलू नुस्खेक्या देर तक सोने वाले लोगों की किस्मत भी देर से जागती है? By वनिता कासनियां पंजाब केशर आम। शानदार रंग और स्वाद के तो क्या कहने? आकार भी अच्छा और गुठली भी छोटी सी। एक बार खा ले तो स्वाद ज़बान से उतर ना पाए। 200 से 400 के बीच भाव मे आपको शानदार केशर आम मिल जाएगा।हापुस आम। आकार मे छोटा। हाथ मे आने तक स्वाद उतर जाता है और ग़ज़ब का महँगा। पतला छिलका होने से जल्दी खराब हो जाने वाली किस्म। ना बेचवाल को मुनाफा देती है और ना खरीदार को खुशी। बस ब्रांडिंग बहुत ज्यादा होने की वज़ह से मंडियों मे आम का राजा कहलाता है।1000 रुपये दर्जन दे कर भी आप की किस्मत साथ हो तो ही आम का आनंद मिल पाएगा।फिर भी हापुस आम के इतने चर्चे क्यों है क्या आप जानते है?आम के सीजन मे सबसे पहले जागता है हापुस आम। जनवरी के आखिर मे, जब कोई फल मार्केट मे नही होता तब राजा जी की सवारी निकलती है। लोगों के मुँह मे पानी भर देता है आम का ये राजा। मुंबई के बाजार मे इसकी बोली लगती है तो 4000 से 5000 रुपये प्रति दर्जन के दरों से इसकी पहली पेटी बिकती है।केशर भाई का अपना अलग दमखम है। जब बाजार तरह तरह के देशी आमों से भर जाता है तब इन नवाब साहब की नींद खुलती है। मई के पहले हफ्ते मे केशर आम की आमद होती है तब तक दूसरे आमों से सारा मार्केट भरा प़डा होता है। तब इनको भाव ही ना मिले।तो यदि नवाब साहब जल्दी उठते और समय पर पहुंच जाते तो केशर आम की पूछ हापुस से कुछ ज्यादा ही होती।तो आप के अंदर प्रतिभा कूट कूट के भरी हो और आप सिर्फ अपने आलसी पन के वज़ह से रेस मे देर से पहुंच रहे हो तो कौन क्या करे?देर से उठने वालों की किस्मत देर से ही जगती है जनाब।
केशर आम। शानदार रंग और स्वाद के तो क्या कहने? आकार भी अच्छा और गुठली भी छोटी सी। एक बार खा ले तो स्वाद ज़बान से उतर ना पाए। 200 से 400 के बीच भाव मे आपको शानदार केशर आम मिल जाएगा।
हापुस आम। आकार मे छोटा। हाथ मे आने तक स्वाद उतर जाता है और ग़ज़ब का महँगा। पतला छिलका होने से जल्दी खराब हो जाने वाली किस्म। ना बेचवाल को मुनाफा देती है और ना खरीदार को खुशी। बस ब्रांडिंग बहुत ज्यादा होने की वज़ह से मंडियों मे आम का राजा कहलाता है।1000 रुपये दर्जन दे कर भी आप की किस्मत साथ हो तो ही आम का आनंद मिल पाएगा।
फिर भी हापुस आम के इतने चर्चे क्यों है क्या आप जानते है?
आम के सीजन मे सबसे पहले जागता है हापुस आम। जनवरी के आखिर मे, जब कोई फल मार्केट मे नही होता तब राजा जी की सवारी निकलती है। लोगों के मुँह मे पानी भर देता है आम का ये राजा। मुंबई के बाजार मे इसकी बोली लगती है तो 4000 से 5000 रुपये प्रति दर्जन के दरों से इसकी पहली पेटी बिकती है।
केशर भाई का अपना अलग दमखम है। जब बाजार तरह तरह के देशी आमों से भर जाता है तब इन नवाब साहब की नींद खुलती है। मई के पहले हफ्ते मे केशर आम की आमद होती है तब तक दूसरे आमों से सारा मार्केट भरा प़डा होता है। तब इनको भाव ही ना मिले।
तो यदि नवाब साहब जल्दी उठते और समय पर पहुंच जाते तो केशर आम की पूछ हापुस से कुछ ज्यादा ही होती।
तो आप के अंदर प्रतिभा कूट कूट के भरी हो और आप सिर्फ अपने आलसी पन के वज़ह से रेस मे देर से पहुंच रहे हो तो कौन क्या करे?
देर से उठने वालों की किस्मत देर से ही जगती है जनाब।
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