तुलसी के पौधे को स्वास्थ्य के लिए इतना लाभकारी क्यों माना जाता है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब तुलसी के पौधे को स्पर्श करती हुई वायु जब घर में प्रवेश करती है तो कोने-कोने को पवित्र कर देती है। व्यक्ति जब इस शुद्ध वायु को सांस के द्वारा ग्रहण करता है तो स्वास्थ्य में निखार आता आ जाता है।रोचक बात यह है कि तुलसी के पौधे को स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना गया है। आओ जानते हैं।सिर में दर्द हो तो तुलसी की पत्तियों का रस गर्म करके माथे तथा कनपटियों पर लगाना चाहिए।आंखों के रोगों में तुलसी की पत्तियों का रस निकालकर आंखों में टपकाना चाहिए।कान में दर्द, फुंसी, कान में पानी जाना आदि में तुलसी रस को गर्म करके कान टपकाना चाहिए।नाक में फुंसी होने पर नाक में तुलसी के पत्तों का रस टपकाना चाहिए।भोजन के बाद तुलसी के 4–5 पत्ते चबाने से मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाती है।तुलसी के ताजा पत्तों को पीसकर फोड़े पर बांधने से लाभ होता है।बवासीर के लिए तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने और इसकी पत्तियों को पीसकर मस्सों पर लगाने से मस्सें कुछ ही दिनों में झड़ जाते हैं।तुलसी के पत्तों का रस पीने से ज़ुकाम ठीक हो जाता है।तुलसी के पत्ते व नींबू का रस चेहरे पर मलने से दाग-धब्बे व झाइयां दूर होती है। सिर में दर्द होता हो तो तुलसी के पत्तों को पीसकर उसमें शहद मिलाकर चटनी की तरह चाटे, दर्द बंद हो जाएगा।खांसी के रोग के लिए तुलसी रस में थोड़ा शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटे।अगर मधुमक्खी ने काट लिया हो तो तुलसी के पत्ते पीसकर इसमें सेंधा नमक मिलाकर काटे हुए स्थान पर लेप करें।बालों में जुएं और लीखें हैं तो तुलसी रस में नींबू रस सामान मात्रा में मिलाकर लगाएं।इसके अलावा अगर आप तुलसी के प्रयोग से अनेकों बीमारियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो
तुलसी के पौधे को स्पर्श करती हुई वायु जब घर में प्रवेश करती है तो कोने-कोने को पवित्र कर देती है। व्यक्ति जब इस शुद्ध वायु को सांस के द्वारा ग्रहण करता है तो स्वास्थ्य में निखार आता आ जाता है।
रोचक बात यह है कि तुलसी के पौधे को स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना गया है। आओ जानते हैं।
सिर में दर्द हो तो तुलसी की पत्तियों का रस गर्म करके माथे तथा कनपटियों पर लगाना चाहिए।
आंखों के रोगों में तुलसी की पत्तियों का रस निकालकर आंखों में टपकाना चाहिए।
कान में दर्द, फुंसी, कान में पानी जाना आदि में तुलसी रस को गर्म करके कान टपकाना चाहिए।
नाक में फुंसी होने पर नाक में तुलसी के पत्तों का रस टपकाना चाहिए।
भोजन के बाद तुलसी के 4–5 पत्ते चबाने से मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाती है।
तुलसी के ताजा पत्तों को पीसकर फोड़े पर बांधने से लाभ होता है।
बवासीर के लिए तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने और इसकी पत्तियों को पीसकर मस्सों पर लगाने से मस्सें कुछ ही दिनों में झड़ जाते हैं।
तुलसी के पत्तों का रस पीने से ज़ुकाम ठीक हो जाता है।
तुलसी के पत्ते व नींबू का रस चेहरे पर मलने से दाग-धब्बे व झाइयां दूर होती है।
सिर में दर्द होता हो तो तुलसी के पत्तों को पीसकर उसमें शहद मिलाकर चटनी की तरह चाटे, दर्द बंद हो जाएगा।
खांसी के रोग के लिए तुलसी रस में थोड़ा शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटे।
अगर मधुमक्खी ने काट लिया हो तो तुलसी के पत्ते पीसकर इसमें सेंधा नमक मिलाकर काटे हुए स्थान पर लेप करें।
बालों में जुएं और लीखें हैं तो तुलसी रस में नींबू रस सामान मात्रा में मिलाकर लगाएं।
इसके अलावा अगर आप तुलसी के प्रयोग से अनेकों बीमारियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो
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