, हाइड्रोसालपिनक्सहाइड्रोसालपिनक्स क्या है – (hydrosalpinx kya hai in Hindi)। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबहाइड्रोसालपिनक्स होने के कारण – (hydrosalpinx ke karan)हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण क्या हैं -(hydrosalpinx ke lakshan)हाइड्रोसालपिनक्स का निदान (hydrosalpinx ki janch) हाइड्रोसालपिनक्स और निःसंतानता (Hydrosalpinx and Infertility) – हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज – Hydrosalpinx ka ilaj in Hindiहाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar)हाइड्रोसालपिनक्स का प्राकृतिक और घरेलु उपचार – (hydrosalpinx ka gharelu upay)योग एवं व्यायाम के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार (Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise )- हाइड्रोसालपिनक्स क्या है – (hydrosalpinx kya hai in Hindi)हाइड्रोसालपिनक्स के शाब्दिक अर्थ की बात करें तो हाइड्रो (Hydro) अर्थात पानी और सालपिनक्स (Salpinx), फैलोपियन ट्यूब को प्रदर्शित करता हैं । इस अवस्था में फैलोपियन ट्यूब पूरी तरह से अवरुद्ध (बंद) हो जाती है और उसमे पानी भर जाता है। पानी से भरी और सूजी हुई फैलोपियन ट्यूब को हाइड्रोसालपिनक्स (hydrosalpinx) कहा जाता है। ज्यादातर महिलाओं को इस बात की जानकारी नही हो पाती है कि उनकी फैलोपियन ट्यूब में कोई समस्या है। इसका पता तभी चलता है जब वह गर्भधारण की कोशिश करती है और वह इस कोशिश में नाकाम हो जाती है। हाइड्रोसालपिनक्स होने के कारण – (hydrosalpinx ke karan)हाइड्रोसैलपिनक्स होने के कई कारण हो सकते है परंतु यदि आप किसी पुराने संक्रमण से ग्रसित है तो यह एक मुख्य कारण माना जाता है। यौन संचारित रोग (Sexually transmitted diseases) – यदि क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे रोगों से प्रभावित है तो आपको Hydrosalpinx की समस्या हो सकती है। श्रोणि सूजन (Pelvic inflammation) की बीमारी के Hydrosalpinx की परेशानी हो सकती है। पेट की सर्जरी भी Hydrosalpinx बना सकती है। एपेंडीसाइटिस (appendicitis) के टूट जाने से भी Hydrosalpinx की समस्या बन सकती है। गर्भाशय की टीबी (Uterine TB) के कारण भी Hydrosalpinx हो सकता है। फाइब्रॉएड के बढ़ जाने के बाद फैलोपियन ट्यबू ब्लॉकेज हो जाती है जिसके कारण एंडोमेट्रियल टिश्यू जमा हो जाते है और hydrosalpinx की समस्या का कारण बन जाते है। हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण क्या हैं -(hydrosalpinx ke lakshan)हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षणों के बारें में बात करें तो स्पष्ट रुप से नही बता सकते है परंतु कुछ ऐसे संकेत या स्थिति है जिसके आधार पर अनुमान जरुर लगा सकते है। पेशाब में जलन या दर्द जैसी समस्या का सामना करना। हाइड्रोसालपिनक्स के मुख्य लक्षणों में पेट और श्रोणि में दर्द और असामान्य योनि स्राव शामिल हैं। परंतु कभी कभी यह बिना किसी बाहरी लक्षण के भी हो जाता है।कई महिलाओं में निःसंतानता का उपचार करते समय इसका पता चल पाता है।माहवारी के दौरान अत्यधिक दर्द एवं संबंध बनाने समय भी अधिक दर्द होना इसकी निशानी है। यदि फैलोपियन ट्यूब में सूजन है या फैलोपियन ट्यूब में तरह पदार्थ होने पर पेट में दर्द होता है तो ये हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण हैं।पेल्विक पेन (श्रोणि में दर्द) होना इत्यादि इसके लक्षण है। हाइड्रोसालपिनक्स का निदान (hydrosalpinx ki janch) हाइड्रोसालपिनक्स के निदान के लिए बहुत सारी जाँचे है जिसके आधार पर इसका निदान किया जा सकता है। इन टेस्ट के माध्यम से हाइड्रोसालपिनक्स के होने की पुष्टि हो जाती है फिर उसी के अनुरूप उपचार करना काफी सहज हो जाता है। Hysterosalpingography (HSG) – यह एक प्रकार का टेस्ट है जिसकी सहायता से महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में होने वाली समस्याओं का ठीक से पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट में एक विशेष प्रकार की डाई का प्रयोग किया जाता है। इस डाई के माध्यम से महिला के प्रजनन अंगों की जाँच ठीक प्रकार से होती है। यह मुख्य टेस्ट है जिसके आधार पर हाइड्रोसाल्पिन्स का पता लगाया जाता है। Sonohysterosalpingography: सोनोहिस्ट्रोग्राफी एक विशेष प्रकार का अल्ट्रासाउंड टेस्ट है। इस टेस्ट के अंतर्गत द्रव को एक पतली प्लास्टिक ट्यूब में रखकर गर्भाशय ग्रीवा(uterine cervix) के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है, जिससे हमें गर्भाशय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती । इस टेस्ट के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स की समस्याओं का पता चल जाता है। Keyhole surgery or laparoscopy – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे एक बहुत सूक्ष्म कैमरे को एब्डोमेन में चीरा लगाकर प्रवेश कराया जाता है और इसी के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का पता लगाया जाता है। हाइड्रोसालपिनक्स और निःसंतानता (Hydrosalpinx and Infertility) – प्रजनन क्रिया को संपूर्ण करने का पहला चरण शुक्राणु और अंडे के मिलन की प्रक्रिया को माना जाता है। महिलाओ में मासिक धर्म या आवर्त चक्र के 14वें दिन बाद एक अंडा release होता है। एक अंडे के लिए ये जरुरी है कि उसे गर्भाशय तक जाने के लिए एक अच्छा मार्ग उपलब्ध हो। यहाँ फैलोपियन ट्यूब ही वह मार्ग होता है। फैलोपियन ट्यूब के अंदर ही शुक्राणु और मादा अंडा का निषेचन होता है और इसी मार्ग से आगे चल कर निषेचित अंडा गर्भाशय में पहुँचता है। परंतु हाइड्रोसाल्फिंक्स के कारण यह मार्ग अवरुद्ध हो जाता है और अंडा को गर्भाशय तक जाने का मार्ग नही मिल पाता। परंतु ये भी देखने वाली बात है कि यदि यह blockeage फैलोपियांन ट्यूब के एक ही तरफ हुआ तो दूसरी ओर का मार्ग खुला होने के कारण महिला गर्भधारण कर सकती है। परंतु यदि एक ट्यूब में हाइड्रोसालपिनक्स की समस्या है तो उससे रिसने वाला पानी भ्रूण को ठीक प्रकार से विकसित नही होने देता है जिसके कारण से महिला गर्भधारण करने में असमर्थ होती है। हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज – Hydrosalpinx ka ilaj in Hindi आयुर्वेद में हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार पूरी तरह से संभव है। आयुर्वेद की प्राचानी पंचकर्मा पद्धति से हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज पूरी सफलता के साथ किया जाता है। आयुर्वेद का उपचार पूरी तरह से साइड इफैक्ट फ्री होता है। हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar)हाइड्रोसेल्पिनक्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए कारगर उपचार है। आयुर्वेद के अनुसार ट्यूबल ब्लॉकेज को वात प्रधान त्रिदोष स्थिति माना जाता है। वात के कारण कब्ज होता है, कफ सूजन का कारण बनता है और पित्त inflammation का कारण बनता है। हाइड्रोसैलपिनक्स के लिए आयुर्वेदिक दवा में त्रिदोषघ्न गुण होने चाहिए।औषधीय तेल के साथ उत्तर बस्ती हाइड्रोसालपिनक्स के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है। जड़ी बूटियों का चयन रोगी की आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। उत्तर बस्ती चिकित्सा करने से पूर्व कुछ आयुर्वेदिक काढ़ा प्रयोग में लाया जाता है जिससे ब्लॉकेज को खोलने में मदद मिलती है।यदि आप अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचार की तलाश कर रहे हैं, तो हाइड्रोसिनपिनक्स के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार आशा आयुर्वेदा में उपलब्ध है जहां के प्रशिक्षित एवं अनुभवशील आयुर्वेदिक चिकित्सक पूरी तरह से इस उपचार के लिए सक्षम है।एलौपैथी में हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज स्थाई रुप से उपलब्ध नही है, इसी कारण ऐथोपैथिक दवाएं Hydrosalpinx का इलाज करने में सक्षम नही है। इसके बाद ऐलोपैथिक डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब का बंद करके आइवीएप ट्रीटमेंट की सलाह देते है। अंग्रेजी इलाज लगातार लेने से कुछ दिनों पश्चात इसके दुष्परिणाम दिखाई देने लगते है, जो आपके स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करते है। आजकल के अधिकांश चिकित्सक इस समस्या को हल करने के लिए आइवीएफ चिकित्सा की सलाह दे देते है। जबकि आइवीएफ की सफलता दर बहुत ही कम अर्थात 10 से 20 प्रतिशत ही होती है। दूसरी बात यह कि आइवीएफ फेल (IVF Fail) होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में आयुर्वेदिक उपचार से हाइड्रोसालपिनक्स को जड़ से समाप्त किया जाता है। आयुर्वेद के उपचार में हाइड्रोसालपिनक्स की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार की सफलता दर 90 प्रतिशत के ऊपर होती है। यदि आप हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka ayurvedic ilaj) लेते है तो इसके असफल होने की बिल्कुल भी संभावना नही होती है। हाइड्रोसालपिनक्स से प्रभावित महिलाएं गर्भधारण करने में सक्षम नही होती है। हाइड्रोसालपिनक्स का प्राकृतिक और घरेलु उपचार – (hydrosalpinx ka gharelu upay)सर्जरी के बिना हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है । आयुर्वेद के अनुसार उचित आहार और नियमित जीवनशैली का पालन करना प्राकृतिक रूप से हाइड्रोसालपिनक्स के उपचार सबसे अच्छा तरीका है। प्राकृतिक उपचार के अंतर्गत ऐसी चीजों को अपने भोजन से हमेशा के लिए दूर कर दें जोकि फैलोपियन ट्यूब में सूजन को बढ़ाते हो, जैसे – कैफीन, लस, सोया, चीनी, अजैविक फल और सब्जियां, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और वनस्पति तेल(Refined Carbohydrates and Vegetable Oils) इत्यादि।निम्नलिखित खाद्य पदार्थो को अपने आहार में शामिल करें जिससे आपकी फैलोपियन ट्यूब में भरा पानी जल्द ही सूख जायें। अलसी के बीज (Flaxseeds) अदरक (Ginger) हल्दी (Turmeric) अखरोट (Walnuts) अनानास (Pineapple) ब्रोकोली (Broccoli) चुकंन्दर (Beets) हरे पत्ते वाली सब्जियां (Green leafy vegetables) सैल्मन (Salmon) स्वस्थ वसा (Healthy fats)जीवनशैली में परिवर्तन करके इस समस्या के निदान हेतू सबसे महत्पूर्ण प्राकृतिक उपचार माना गया है। योग एवं व्यायाम के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार (Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise )- प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक उपचार के साथ ही योग और व्यायाम के माध्यम से भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाया और ब्लॉकेज को हटाया जा सकता है।योग तनाव को कम करने में प्रभावी है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाते है इसलिए जरूरी है, कि अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल किया जाए। इनके साथ ही अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के इलाज के लिए योग लाभदायक सिद्ध होते है।योग के अतिरिक्त मैडिटेशन या ध्यान का भी उतना ही महत्व है। मैडीटेशन भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।शराब का सेवन न करने से संपूर्ण स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।फैलोपियन ट्यूब को अनब्लॉक करने के लिए फ़र्टिलिटी मसाज की सलाह दी जाती है। इसमें पेट के आस पास गर्म औषधीय तेल की मालिश की जाती है।मर्म चिकित्सा फैलोपियन ट्यूब के कामकाज को विनियमित (Regulate) करने का काम करती है। यह परिसंचरण में सुधार करती है तथा फैलोपियन ट्यूब के आस-पास के आसंजनों को तोड़ती है।नोट – अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब को खोलने के लिए किसी भी प्रकार के प्राकृतिक उपचार का चयन करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूरत करें।
Hydrosalpinx What is hydrosalpinx - (hydrosalpinx kya hai in Hindi). By social worker Vanita Kasani Punjab Due to being hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke karan) What are the symptoms of hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke lakshan) Diagnosis of hydrosalpinx (hydrosalpinx ki janch) Hydrosalpinx and Infertility - Hydrosalpinx treatment - Hydrosalpinx ka ilaj Hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar Natural and Home Remedies of Hydrosalpinx - (hydrosalpinx ka gharelu upay) Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise by Yoga and Exercise - What is hydrosalpinx - hydrosalpinx kya hai Talking about the literal meaning of Hydrosalpinx, Hydro means water and Salpinx represents the fallopian tubes. In this state, the fallopian tube becomes completely blocked (closed) and gets filled with water. The water-filled and swollen fallopian tubes are called hydrosalpinx. Most of the women are not aware that there is a problem in their fallopian tubes. This is revealed only when she tries to c