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, हाइड्रोसालपिनक्सहाइड्रोसालपिनक्स क्या है – (hydrosalpinx kya hai in Hindi)। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबहाइड्रोसालपिनक्स होने के कारण – (hydrosalpinx ke karan)हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण क्या हैं -(hydrosalpinx ke lakshan)हाइड्रोसालपिनक्स का निदान (hydrosalpinx ki janch) हाइड्रोसालपिनक्स और निःसंतानता (Hydrosalpinx and Infertility) – हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज – Hydrosalpinx ka ilaj in Hindiहाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar)हाइड्रोसालपिनक्स का प्राकृतिक और घरेलु उपचार – (hydrosalpinx ka gharelu upay)योग एवं व्यायाम के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार (Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise )- हाइड्रोसालपिनक्स क्या है – (hydrosalpinx kya hai in Hindi)हाइड्रोसालपिनक्स के शाब्दिक अर्थ की बात करें तो हाइड्रो (Hydro) अर्थात पानी और सालपिनक्स (Salpinx), फैलोपियन ट्यूब को प्रदर्शित करता हैं । इस अवस्था में फैलोपियन ट्यूब पूरी तरह से अवरुद्ध (बंद) हो जाती है और उसमे पानी भर जाता है। पानी से भरी और सूजी हुई फैलोपियन ट्यूब को हाइड्रोसालपिनक्स (hydrosalpinx) कहा जाता है। ज्यादातर महिलाओं को इस बात की जानकारी नही हो पाती है कि उनकी फैलोपियन ट्यूब में कोई समस्या है। इसका पता तभी चलता है जब वह गर्भधारण की कोशिश करती है और वह इस कोशिश में नाकाम हो जाती है। हाइड्रोसालपिनक्स होने के कारण – (hydrosalpinx ke karan)हाइड्रोसैलपिनक्स होने के कई कारण हो सकते है परंतु यदि आप किसी पुराने संक्रमण से ग्रसित है तो यह एक मुख्य कारण माना जाता है। यौन संचारित रोग (Sexually transmitted diseases) – यदि क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे रोगों से प्रभावित है तो आपको Hydrosalpinx की समस्या हो सकती है। श्रोणि सूजन (Pelvic inflammation) की बीमारी के Hydrosalpinx की परेशानी हो सकती है। पेट की सर्जरी भी Hydrosalpinx बना सकती है। एपेंडीसाइटिस (appendicitis) के टूट जाने से भी Hydrosalpinx की समस्या बन सकती है। गर्भाशय की टीबी (Uterine TB) के कारण भी Hydrosalpinx हो सकता है। फाइब्रॉएड के बढ़ जाने के बाद फैलोपियन ट्यबू ब्लॉकेज हो जाती है जिसके कारण एंडोमेट्रियल टिश्‍यू जमा हो जाते है और hydrosalpinx की समस्या का कारण बन जाते है। हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण क्या हैं -(hydrosalpinx ke lakshan)हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षणों के बारें में बात करें तो स्पष्ट रुप से नही बता सकते है परंतु कुछ ऐसे संकेत या स्थिति है जिसके आधार पर अनुमान जरुर लगा सकते है। पेशाब में जलन या दर्द जैसी समस्या का सामना करना। हाइड्रोसालपिनक्स के मुख्य लक्षणों में पेट और श्रोणि में दर्द और असामान्य योनि स्राव शामिल हैं। परंतु कभी कभी यह बिना किसी बाहरी लक्षण के भी हो जाता है।कई महिलाओं में निःसंतानता का उपचार करते समय इसका पता चल पाता है।माहवारी के दौरान अत्यधिक दर्द एवं संबंध बनाने समय भी अधिक दर्द होना इसकी निशानी है। यदि फैलोपियन ट्यूब में सूजन है या फैलोपियन ट्यूब में तरह पदार्थ होने पर पेट में दर्द होता है तो ये हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण हैं।पेल्विक पेन (श्रोणि में दर्द) होना इत्यादि इसके लक्षण है। हाइड्रोसालपिनक्स का निदान (hydrosalpinx ki janch) हाइड्रोसालपिनक्स के निदान के लिए बहुत सारी जाँचे है जिसके आधार पर इसका निदान किया जा सकता है। इन टेस्ट के माध्यम से हाइड्रोसालपिनक्स के होने की पुष्टि हो जाती है फिर उसी के अनुरूप उपचार करना काफी सहज हो जाता है। Hysterosalpingography (HSG) – यह एक प्रकार का टेस्ट है जिसकी सहायता से महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में होने वाली समस्याओं का ठीक से पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट में एक विशेष प्रकार की डाई का प्रयोग किया जाता है। इस डाई के माध्यम से महिला के प्रजनन अंगों की जाँच ठीक प्रकार से होती है। यह मुख्य टेस्ट है जिसके आधार पर हाइड्रोसाल्पिन्स का पता लगाया जाता है। Sonohysterosalpingography: सोनोहिस्ट्रोग्राफी एक विशेष प्रकार का अल्ट्रासाउंड टेस्ट है। इस टेस्ट के अंतर्गत द्रव को एक पतली प्लास्टिक ट्यूब में रखकर गर्भाशय ग्रीवा(uterine cervix) के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है, जिससे हमें गर्भाशय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती । इस टेस्ट के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स की समस्याओं का पता चल जाता है। Keyhole surgery or laparoscopy – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे एक बहुत सूक्ष्म कैमरे को एब्डोमेन में चीरा लगाकर प्रवेश कराया जाता है और इसी के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का पता लगाया जाता है। हाइड्रोसालपिनक्स और निःसंतानता (Hydrosalpinx and Infertility) – प्रजनन क्रिया को संपूर्ण करने का पहला चरण शुक्राणु और अंडे के मिलन की प्रक्रिया को माना जाता है। महिलाओ में मासिक धर्म या आवर्त चक्र के 14वें दिन बाद एक अंडा release होता है। एक अंडे के लिए ये जरुरी है कि उसे गर्भाशय तक जाने के लिए एक अच्छा मार्ग उपलब्ध हो। यहाँ फैलोपियन ट्यूब ही वह मार्ग होता है। फैलोपियन ट्यूब के अंदर ही शुक्राणु और मादा अंडा का निषेचन होता है और इसी मार्ग से आगे चल कर निषेचित अंडा गर्भाशय में पहुँचता है। परंतु हाइड्रोसाल्फिंक्स के कारण यह मार्ग अवरुद्ध हो जाता है और अंडा को गर्भाशय तक जाने का मार्ग नही मिल पाता। परंतु ये भी देखने वाली बात है कि यदि यह blockeage फैलोपियांन ट्यूब के एक ही तरफ हुआ तो दूसरी ओर का मार्ग खुला होने के कारण महिला गर्भधारण कर सकती है। परंतु यदि एक ट्यूब में हाइड्रोसालपिनक्स की समस्या है तो उससे रिसने वाला पानी भ्रूण को ठीक प्रकार से विकसित नही होने देता है जिसके कारण से महिला गर्भधारण करने में असमर्थ होती है। हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज – Hydrosalpinx ka ilaj in Hindi आयुर्वेद में हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार पूरी तरह से संभव है। आयुर्वेद की प्राचानी पंचकर्मा पद्धति से हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज पूरी सफलता के साथ किया जाता है। आयुर्वेद का उपचार पूरी तरह से साइड इफैक्ट फ्री होता है। हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar)हाइड्रोसेल्पिनक्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए कारगर उपचार है। आयुर्वेद के अनुसार ट्यूबल ब्लॉकेज को वात प्रधान त्रिदोष स्थिति माना जाता है। वात के कारण कब्ज होता है, कफ सूजन का कारण बनता है और पित्त inflammation का कारण बनता है। हाइड्रोसैलपिनक्स के लिए आयुर्वेदिक दवा में त्रिदोषघ्न गुण होने चाहिए।औषधीय तेल के साथ उत्तर बस्ती हाइड्रोसालपिनक्स के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है। जड़ी बूटियों का चयन रोगी की आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। उत्तर बस्ती चिकित्सा करने से पूर्व कुछ आयुर्वेदिक काढ़ा प्रयोग में लाया जाता है जिससे ब्लॉकेज को खोलने में मदद मिलती है।यदि आप अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचार की तलाश कर रहे हैं, तो हाइड्रोसिनपिनक्स के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार आशा आयुर्वेदा में उपलब्ध है जहां के प्रशिक्षित एवं अनुभवशील आयुर्वेदिक चिकित्सक पूरी तरह से इस उपचार के लिए सक्षम है।एलौपैथी में हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज स्थाई रुप से उपलब्ध नही है, इसी कारण ऐथोपैथिक दवाएं Hydrosalpinx का इलाज करने में सक्षम नही है। इसके बाद ऐलोपैथिक डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब का बंद करके आइवीएप ट्रीटमेंट की सलाह देते है। अंग्रेजी इलाज लगातार लेने से कुछ दिनों पश्चात इसके दुष्परिणाम दिखाई देने लगते है, जो आपके स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करते है। आजकल के अधिकांश चिकित्सक इस समस्या को हल करने के लिए आइवीएफ चिकित्सा की सलाह दे देते है। जबकि आइवीएफ की सफलता दर बहुत ही कम अर्थात 10 से 20 प्रतिशत ही होती है। दूसरी बात यह कि आइवीएफ फेल (IVF Fail) होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में आयुर्वेदिक उपचार से हाइड्रोसालपिनक्स को जड़ से समाप्त किया जाता है। आयुर्वेद के उपचार में हाइड्रोसालपिनक्स की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार की सफलता दर 90 प्रतिशत के ऊपर होती है। यदि आप हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka ayurvedic ilaj) लेते है तो इसके असफल होने की बिल्कुल भी संभावना नही होती है। हाइड्रोसालपिनक्स से प्रभावित महिलाएं गर्भधारण करने में सक्षम नही होती है। हाइड्रोसालपिनक्स का प्राकृतिक और घरेलु उपचार – (hydrosalpinx ka gharelu upay)सर्जरी के बिना हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है । आयुर्वेद के अनुसार उचित आहार और नियमित जीवनशैली का पालन करना प्राकृतिक रूप से हाइड्रोसालपिनक्स के उपचार सबसे अच्छा तरीका है। प्राकृतिक उपचार के अंतर्गत ऐसी चीजों को अपने भोजन से हमेशा के लिए दूर कर दें जोकि फैलोपियन ट्यूब में सूजन को बढ़ाते हो, जैसे – कैफीन, लस, सोया, चीनी, अजैविक फल और सब्जियां, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और वनस्पति तेल(Refined Carbohydrates and Vegetable Oils) इत्यादि।निम्नलिखित खाद्य पदार्थो को अपने आहार में शामिल करें जिससे आपकी फैलोपियन ट्यूब में भरा पानी जल्द ही सूख जायें। अलसी के बीज (Flaxseeds) अदरक (Ginger) हल्दी (Turmeric) अखरोट (Walnuts) अनानास (Pineapple) ब्रोकोली (Broccoli) चुकंन्दर (Beets) हरे पत्ते वाली सब्जियां (Green leafy vegetables) सैल्मन (Salmon) स्वस्थ वसा (Healthy fats)जीवनशैली में परिवर्तन करके इस समस्या के निदान हेतू सबसे महत्पूर्ण प्राकृतिक उपचार माना गया है। योग एवं व्यायाम के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार (Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise )- प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक उपचार के साथ ही योग और व्यायाम के माध्यम से भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाया और ब्लॉकेज को हटाया जा सकता है।योग तनाव को कम करने में प्रभावी है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाते है इसलिए जरूरी है, कि अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल किया जाए। इनके साथ ही अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के इलाज के लिए योग लाभदायक सिद्ध होते है।योग के अतिरिक्त मैडिटेशन या ध्यान का भी उतना ही महत्व है। मैडीटेशन भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।शराब का सेवन न करने से संपूर्ण स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।फैलोपियन ट्यूब को अनब्लॉक करने के लिए फ़र्टिलिटी मसाज की सलाह दी जाती है। इसमें पेट के आस पास गर्म औषधीय तेल की मालिश की जाती है।मर्म चिकित्सा फैलोपियन ट्यूब के कामकाज को विनियमित (Regulate) करने का काम करती है। यह परिसंचरण में सुधार करती है तथा फैलोपियन ट्यूब के आस-पास के आसंजनों को तोड़ती है।नोट – अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब को खोलने के लिए किसी भी प्रकार के प्राकृतिक उपचार का चयन करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूरत करें।

Hydrosalpinx  What is hydrosalpinx - (hydrosalpinx kya hai in Hindi). By social worker Vanita Kasani Punjab  Due to being hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke karan)  What are the symptoms of hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke lakshan)  Diagnosis of hydrosalpinx (hydrosalpinx ki janch)  Hydrosalpinx and Infertility -   Hydrosalpinx treatment - Hydrosalpinx ka ilaj  Hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar  Natural and Home Remedies of Hydrosalpinx - (hydrosalpinx ka gharelu upay)  Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise by Yoga and Exercise -     What is hydrosalpinx - hydrosalpinx kya hai  Talking about the literal meaning of Hydrosalpinx, Hydro means water and Salpinx represents the fallopian tubes. In this state, the fallopian tube becomes completely blocked (closed) and gets filled with water. The water-filled and swollen fallopian tubes are called hydrosalpinx.  Most of the women are not aware that there is a problem in their fallopian tubes. This is revealed only when she tries to c

, What is fallopian tube? By social worker Vanita Kasani Punjab If a woman has any type of disorder in the fallopian tubes, then there is a problem in pregnancy because this is the primary process of conception. Blockage of tubes is one of the major reasons for not having pregnancies in women. What is Tubes and its functions - There are tubes on either side of the uterus (ovary) and uterus (uterus) in the woman's body. A mature egg comes out of the ovary of the woman for conception and comes into these tubes where it fertilizes with the male's sperm to become an embryo and sticks to the uterus through these tubes. This process of the fetus coming into the uterus and sticking to it is called conception. There are many reasons for tube block or malfunction, mainly due to water filling in the tube, pelvic inflammatory disease, infection, damage due to injury, congenital block, TB. Disease etc. are prominent. Fallopian tubes can be closed due to several reasons which are as follows - Pelvic infection Chocolate elegant Sexually transmitted diseases, such as gonorrhea or chlamydia. Endometriosis, a condition that causes the lining of the womb to develop outside the uterus Abdominal surgery. Hydrosalpinx. Fallopian Tube Blockage Ayurvedic Medicine - Fallopian Tube ki Ayurvedic Dawa Ashwagandha Guggul Asparagus Nutmeg Buccal

फैलोपियन ट्यूब क्या है? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब किसी महिला की फैलोपियन ट्यब्स यानि नलियों में किसी तरह का विकार है तो गर्भधारण में समस्या आती है क्योंकि गर्भधारण की प्राथमिक प्रक्रिया यहीं पर होती है। महिलाओं में गर्भधारण नहीं होने के बड़े कारणों में से प्रमुख है ट्यूब का ब्लॉक होना। क्या है ट्यूब्स और उसके कार्य - औरत के शरीर में अण्डाशय (ओवरी) और बच्चेदानी (यूट्रस) को जोड़ने के लिए (यूट्रस) के दोनों तरफ ट्यूब होती हैं। गर्भधारण के लिए महिला की ओवरी से एक परिपक्व अंडा निकलकर इन ट्यूब में आता है जहाँ वह पुरुष के शुक्राणु के साथ फर्टिलाइज होकर भ्रूण बन जाता है तथा इन टयूब्स के माध्यम से यूट्रस में आकर चिपक जाता है। भ्रूण द्वारा यूट्रस में आकर चिपकने की यह प्रक्रिया गर्भधारण कहलाती है। ट्यूब ब्लॉक या खराब होने के कई कारण होते हैं जिनमें से मुख्यतः ट्यूब में पानी भरना,पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिजीज, इंफेक्शन होना, चोट के कारण नुकसान होना, जन्मजात ब्लॉक होना, टी.बी. की बीमारी आदि प्रमुख हैं। फैलोपियन ट्यूब कई कारणों से बंद हो सकती है जो कि इस प्रकार है – पैल्विक संक्रमण च़़

, भरवां लाल मिर्च का अचार / Laal Mirch ka bharwa achar सबसे लोकप्रिय और पारंपरिक अचारों में से है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब यह बनारसी या पटना लाल मिर्च मिर्च की कचौड़ी के रूप में भी बहुत लोकप्रिय है। सर्दियों में हमें अचार बनाने के लिए लाल मिर्च की बहुत अच्छी गुणवत्ता मिलती है। इस अचार को मसालेदार टैंगी मसाला मिक्सचर बनाकर तैयार किया जाता है और फिर मिर्च को या तो लम्बाई में भुरभुरा बनाया जाता है और फिर स्टफ किया जाता है या फिर ऊपर का मावा निकाल दिया जाता है और फिर मसाले को स्टफ किया जाता है या छोटे चम्मच की मदद से ढका जाता है। इस अचार को बनाने के लिए परिपक्व लाल मिर्च का उपयोग करने का प्रयास करें। भारत में हमें मोटी लाल मिर्च मिलती है लेकिन यहाँ हम उस मोटी मिर्च को प्राप्त नहीं कर सकते हैं इसलिए मैंने सामान्य आकार की लाल मिर्च के साथ बनाया है। अगर यह ठीक से किया जाए तो यह अचार आसानी से सालों तक बना रहता है या कह सकते हैं कि यह आखिरी तक अच्छा रहता है। उपयोग किए जाने वाले मसाले वही हैं जो हम आम के अचार में डालते हैं, बस अनुपात अलग-अलग होता है 1/2 किलो ताजा लाल मिर्च / लाल मिर्च 100 ग्राम मैंगो पाउडर / अमचूर 50 ग्राम मेथी के बीज / मेथीदाना 75 ग्राम सरसों / राई 50 ग्राम नमक / नमक 50 ग्राम काला नमक / काला नमक 50 ग्राम सौंफ के बीज / सौंफ 50 ग्राम कैरम बीज / अजवाईन 50 ग्राम हल्दी / हल्दी 50 ग्राम लाल मिर्च पाउडर / लाल मिर्च पाउडर 20 ग्राम प्याज के बीज / कलोंजी 2 चम्मच हींग / हिंग 125 मिली सरसों का तेलमेथोड * मिर्च को पानी से धोएं और फिर उन्हें अच्छे से पोंछ लें। * सभी मिर्चों से मुकुट निकालें और फिर एक कपड़े पर फैलाएं और एक घंटे के लिए धूप में रखें ताकि सारा पानी सूख जाए। * नमी को दूर करने के लिए पहले सूरज की सूखी सौंफ, सरसों, मेथी के बीज, अजवाईन और जीरा को एक दिन या थोड़े सूखे भूनें। * अब एक मोटे पाउडर को बनाने के लिए सभी को पीस लें। * एक बाउल लें और इसमें पिसा हुआ पाउडर डालें और अब इसमें बचे हुए सभी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएँ। * टी टी सरसों के तेल को एक धूम्रपान बिंदु पर गर्म करें और फिर इसे कमरे के तापमान पर आने दें। * मसाले के मिश्रण में तेल डालकर अच्छी तरह मिलाएँ। तैयार मसाला मिश्रण एक नरम आटा की तरह दिखना चाहिए, इसलिए तदनुसार तेल जोड़ें। * केंद्र से मिर्चों को एक तरफ खिसकाएं और एक तरफ रख दें। * अब हर मिर्च में कुछ मसाला मिश्रण और कसकर सामान लें। इसी तरह से सभी मिर्च को मसाले के साथ स्टफ करें और एक बड़ी प्लेट में रखें। * लगभग एक कप सरसों इल को गर्म करें और फिर इसे पूरी तरह से ठंडा होने दें। * चम्मच के साथ प्रत्येक मिर्च के बारे में 1/2 चम्मच तेल डालें, ध्यान रखें कि मसाला भरवां मिर्च से बाहर नहीं निकलेगा। * अब स्टफ्ड सेरेमिक या ग्लास जार में सारी भरी हुई लाल मिर्च डालें। * जार के मुंह पर एक मलमल का कपड़ा बांधें और इसे एक सप्ताह तक सीधे धूप में रखें। यदि धूप तेज नहीं है तो आपको कुछ अतिरिक्त समय तक रखने की आवश्यकता हो सकती है * जब मिर्च थोड़ी नरम हो जाए और रंग बदलकर अधिक गहरे रंग का हो जाए तो यह तैयार है। * अब जार और एक ठंडी सूखी जगह पर रखें और महीने में एक बार धूप में रखें। * अपने भोजन के साथ भरवां लाल मिर्च का अचार का आनंद लें

Stuffed red chili pickle / Laal Mirch ka bharwa achar is one of the most popular and traditional pickles. By social worker Vanita Kasani Punjab it is also very popular as Banarasi or Patna Red Chili Pepper Kachori. In winter we get very good quality of red chili for making pickles. This pickle is prepared by making a spicy tangy spice mixer and then the chillies are either made to be brittle in length and then stuffed or the top mawa is removed and then the spices are stuffed or small spoon. Is covered with the help of.   Try using ripe red chili to make this pickle. In India we get thick red chillies but here we cannot get that thick chillies so I have made it with normal sized red chillies. If this is done properly then this pickle easily lasts for years or it can be said that it remains good till the last. The spices used are the same that we put in the mango pickle, just the ratio varies.   1/2 kg fresh red chilli / red chilli   100g Mango Powder / Mango Powder   50 gm fenug

,,#जामुन_की_लकड़ी_का_महत्त्व.अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल या हरी काई नहीं जमती और पानी सड़ता नहीं । टंकी को लम्बे समय तक साफ़ नहीं करना पड़ता ।जामुन की एक खासियत है कि इसकी लकड़ी पानी में काफी समय तक सड़ता नही है।जामुन की इस खुबी के कारण इसका इस्तेमाल नाव बनाने में बड़ा पैमाने पर होता है।नाव का निचला सतह जो हमेशा पानी में रहता है वह जामून की लकड़ी होती है।गांव देहात में जब कुंए की खुदाई होती तो उसके तलहटी में जामून की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है जिसे जमोट कहते है। आजकल लोग जामुन का उपयोग घर बनाने में भी करने लगे है।जामून के छाल का उपयोग श्वसन गलादर्द रक्तशुद्धि और अल्सर में किया जाता है।दिल्ली के महरौली स्थित निजामुद्दीन बावड़ी का हाल ही में जीर्णोद्धार हुआ है । 700 सालों के बाद भी गाद या अन्य अवरोधों की वजह से यहाँ पानी के सोते बंद नहीं हुए हैं। भारतीय पुरातत्व विभाग के प्रमुख के.एन. श्रीवास्तव के अनुसार इस बावड़ी की अनोखी बात यह है कि आज भी यहाँ लकड़ी की वो तख्ती साबुत है जिसके ऊपर यह बावड़ी बनी थी। श्रीवास्तव जी के अनुसार उत्तर भारत के अधिकतर कुँओं व बावड़ियों की तली में जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल आधार के रूप में किया जाता था।इस बावड़ी में भी जामुन की लकड़ी इस्तेमाल की गई थी जो 700 साल बाद भी नहीं गली है। बावड़ी की सफाई करते समय बारीक से बारीक बातों का भी खयाल रखा गया। यहाँ तक कि सफाई के लिए पानी निकालते समय इस बात का खास खयाल रखा गया कि इसकी एक भी मछली न मरे। इस बावड़ी में 10 किलो से अधिक वजनी मछलियाँ भी मौजूद हैं।इन सोतों का पानी अब भी काफी मीठा और शुद्ध है। इतना कि इसके संरक्षण के कार्य से जुड़े रतीश नंदा का कहना है कि इन सोतों का पानी आज भी इतना शुद्ध है कि इसे आप सीधे पी सकते हैं। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि पेट के कई रोगों में यह पानी फायदा करता है।पर्वतीय क्षेत्र में आटा पीसने की पनचक्की का उपयोग अत्यन्त प्राचीन है। पानी से चलने के कारण इसे "घट' या "घराट' कहते हैं।घराट की गूलों से सिंचाई का कार्य भी होता है। यह एक प्रदूषण से रहित परम्परागत प्रौद्यौगिकी है। इसे जल संसाधन का एक प्राचीन एवं समुन्नत उपयोग कहा जा सकता है। आजकल बिजली या डीजल से चलने वाली चक्कियों के कारण कई घराट बंद हो गए हैं और कुछ बंद होने के कगार पर हैं।पनचक्कियाँ प्राय: हमेशा बहते रहने वाली नदियों के तट पर बनाई जाती हैं। गूल द्वारा नदी से पानी लेकर उसे लकड़ी के पनाले में प्रवाहित किया जाता है जिससे पानी में तेज प्रवाह उत्पन्न हो जाता है। इस प्रवाह के नीचे पंखेदार चक्र (फितौड़ा) रखकर उसके ऊपर चक्की के दो पाट रखे जाते हैं। निचला चक्का भारी एवं स्थिर होता है। पंखे के चक्र का बीच का ऊपर उठा नुकीला भाग (बी) ऊपरी चक्के के खांचे में निहित लोहे की खपच्ची (क्वेलार) में फँसाया जाता है। पानी के वेग से ज्यों ही पंखेदार चक्र घूमने लगता है, चक्की का ऊपरी चक्का घूमने लगता है।पनाले में प्रायः जामुन की लकड़ी का भी इस्तेमाल होता है |फितौडा भी जामुन की लकड़ी से बनाया जाता है ।जामुन की लकड़ी एक अच्छी दातुन है।जलसुंघा ( ऐसे विशिष्ट प्रतिभा संपन्न व्यक्ति जो भूमिगत जल के स्त्रोत का पता लगाते है ) भी पानी सूंघने के लिए जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल करते । साभार : वनिता पंजाब,,

# Jamun_Ki_Wood_K_Image . If you keep a thick piece of berries in a water tank, there is no algae or green moss in the tank and the water does not rot. The tank does not have to be cleaned for a long time. A meal of berries

, Dry fruits are a treasure trove of nutrients and their regular intake helps in avoiding many diseases and keeping the body healthy. By social worker Vanita Kasaniyan Punjab is one such dry fruit raisin. Eating raisins has countless benefits to health. Dried grapes are called raisins, which are very beneficial for health. Raisins are a natural source of sugar. Eating this gives your body a lot of energy. Experts believe that eating raisins daily can help you cleanse the body from the inside, keep blood pressure control, strengthen the immune system and avoid anemia. Raisin Nutrients Raisins are found in many nutrients that are beneficial for health. It mainly contains the properties of vitamin A, vitamin B, calcium, fiber, iron, potassium and anti-oxidants. Advantages of eating soaked raisins It is believed that soaking it instead of eating dry raisins can bring many benefits to your health. It can be difficult to extract all the nutritional benefits from dry raisins at once. Therefore, when you soak them in water, you increase the bioavailability of nutrients. Benefits of eating raisins on an empty stomach in the morning Relieve acidity Many people have problems like acidity and gas. Raisins are very beneficial for them. Consuming it can relieve problems like gas acidity. Also, if you have constipation, then take raisins continuously. This can relieve you from constipation and make the digestive system strong. Relief from fatigue and weakness In today's age, fatigue due to functioning is a common practice. If you also have such problem, then you should take soaked raisins daily. This will prove to be very beneficial for you. Weakness and fatigue can be removed from the body by its use. benefits of raisin Vitamin a treasure You can soak raisins or eat it with warm water. It helps in the deficiency of Vitamin A in our body. So that the eyes benefit a lot. The light of the eyes is also sharp. Anemia is far away People who have anemia problem. Raisins and raisin water prove very beneficial for them. Iron and copper present in it removes blood loss in the body. Therefore, definitely consume it. The benefits of eating raisins Bones become stronger Let me tell you that consuming raisins also makes bones very strong. Apart from this, the digestive system becomes strong and the liver is also healthy. It increases the body's immunity. Diabetes remains control Soaked chickpeas are very beneficial for those who have sugar disease. If you have diabetes, then leave the gram soaked in water before going to bed at night and consume this gram in the morning, this will give you a lot of benefit in diabetes. Explain the benefits of eating wet raisins Memory is fast Let us tell you that consuming gram soaked in the morning makes our mind sharp. Apart from this, the stomach also remains healthy and the digestive system becomes strong. Because of this, our face also glows. Helpful in reducing weight Nowadays people are very upset with the problem of obesity. If you are taking home remedies to overcome obesity, then definitely add gram in your diet. Drink this in breakfast every morning.

ड्राई फ्रूट पोषक तत्वों का खजाना हैं और इनके नियमित सेवन से कई बीमारियों से बचने और शरीर को स्वस्थ रखने में मिलती है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब ऐसा ही एक ड्राई फ्रूट किशमिश है। किशमिश खाने से सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। सूखे अंगूरों को किशमिश कहा जाता है, जो कि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। किशमिश शुगर का एक नैचुरल स्रोत है। इसे खाने से आपके शरीर को बहुत अधिक ऊर्जा मिलती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रोजाना किशमिश खाने से आपको शरीर को भीतर से साफ करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने, इम्यून सिस्टम मजबूत करने और खून की कमी से बचने में मदद मिल सकती है। किशमिश के पोषक तत्व किशमिश में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद है जाते हैं इसमें मुख्य रूप से विटामिन ए, विटामिन बी, कैलशियम, फाइबर, आयरन, पोटेशियम और एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं।भीगी हुई किशमिश खाने के फायदे ऐसा माना जाता है कि सूखी किशमिश खाने की बजाय इसे भिगोकर खाने से आपकी सेहत को कई लाभ मिल सकते हैं। सूखी किशमिश से सभी पोषण लाभों को एक बार में निकालना कठिन हो सकता है। इसलिए, जब आप उन्हें पानी में

, स्वास्थ्य वैकल्पिक चिकित्सा घरेलू नुस्‍खरात को सोते वक्त कान में तेल डालने से होते हैं ये 6 फायदे, जानें कौन सा तेल रहेगा फायदेमंदकान में किसी प्रकार की दिक्कत होने या फिर कुछ भी होने पर हम कान को कुरेदना शुरू कर देते हैं और उसी के दौरान हम कान को नुकसान पहुंचा देते हैं। लगातार कान में समस्या के कारण हमें कम सुनाई देने लगता है और यह समस्या आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ शुरूघरेलू नुस्‍खWritten by: समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब हमारे शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक कान की देखभाल की जरूरत बेहद ज्यादा होती है। अक्सर हम अपने ह्रदय, लिवर, किडनी जैसी अंगों का खास ख्याल रखने की कोशिश करते हैं और इसी चक्कर में हम अपने संवेदनशील अंगों को भूल जाते हैं। हमारी यही गलती अक्सर हमें बाद में कई बड़ी दिक्कतें दे जाती है। इन्हीं में से एक कान की भी समस्या है। जब भी हमारे कान में किसी प्रकार की दिक्कत होती है या फिर कुछ भी होने पर हम कान को कुरेदना शुरू कर देते हैं और उसी के दौरान हम कान को नुकसान पहुंचा देते हैं। अभी हाल ही में एक ऑस्ट्रिलयाई महिला द्वार कॉटन स्वैब से कान साफ करने की आदत ने गंभीर मस्तिष्क संक्रमण का रूप ले लिया था। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। वहीं लगातार कान में समस्या के कारण हमें कम सुनाई देने लगता है और यह समस्या आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ शुरू हो जाती है। हमारी जरा सी अनदेखी कान में एक नहीं बल्कि कई तरह के विकारों को जन्म दे सकती है। कान से पस निकलना, कान में संक्रमण होना, कान में इयरवैक्स सूख जाना, कान में खुजली, कान में मैल जमना, कम सुनाई देना जैसी समस्या कान की परेशानियों में शामिल हैं। दरअसल पुराने जमाने से ही कान की हर समस्याओं को दूर करने के लिए लोग कान में तेल डालते चले आ रहे हैं। अगर आप कान में तेल डालने के फायदे से अंजान हैं तो हम आपको सोते वक्त कान में तेल डालने के कुछ ऐसे फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं।कान में तेल डालने के 6 फायदेनारियल का तेल संक्रमण करेगा दूरकान में तिल्ली या फिर कान कुरेदने के लिए कुछ भी डालने से कान का संक्रमण बेहद जल्दी हो जाता है। ऐसे में एंटीबायोटिक्स लेने के बजाए आप कान में नारियल का तेल डालें। नारियल का तेल डालने से कान के अंदर का वायरल और संक्रमण दूर करने में मदद मिलती है।सरसों के तेल से निकालें जमा मैलपुराने जमाने से लोग कान के अंदर जमा मैल को निकालने के लिए सरसों के तेल का प्रयोग करते आ रहे हैं, जो कि काफी फायदेमंद साबित होता है और हर घर में इस नुस्खे का प्रयोग होता आ रहा है। कान में मैल जमा होने पर खुजली होने लगती है, जिसे दूर करने के लिए रात में सोते वक्त दो या तीन बूंद सरसों के तेल की डालें। ऐसा करने से सुबह तक कान में जमा मैल बाहर आ जाएगा।इसे भी पढ़ेंः खांसते-खांसते हो चुके हैं परेशान तो इन 7 तरीकों से मिनटों में दूर करें पुरानी खांसी, एक बार जरूर आजमाएंमछली के तेल से करें खुजली दूरअगर आपके कान में लगातार खुजली हो रही है तब आप लहसुन की कुछ कलियां मछली के तेल में डालकर उसे गर्म करें। गर्म तेल को बाद में ठंडा करें और सुबह-शाम उसे कान में डालें। नियमित रूप से ऐसा करने से खुजली की समस्या समाप्त हो जाती है।कान दर्द दूर करने में फायदेमंद ऑलिव ऑयलअगर आप लगातार कान दर्द की शिकायत से परेशान हैं तो आप ऑलिव ऑयल की कूछ बूंदे डालकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। ऑलिव ऑयल कान दर्द को दूर करने में काफी फायदेमंद माना जाता है।इसे भी पढ़ेंः हड्डियों से आ रही कट-कट की आवाज तो तुरंत खाना शुरू कर दें ये 3 चीजें, इस बीमारी से रहेंगे हमेशा दूरकान की सूजन दूर करता टी ट्री ऑयलअगर किसी कारण से आपके कान में सूजन आ गई है तो उसे कम करने के लिए आप टी ट्री ऑयल में ऑलिव ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर कान में डालें। सुबह- शाम ऐसा करने से कान में आई सूजन दूर हो जाती है।कान में घनघनाहट से राहत देता बादाम का तेलअगर आपके कान में लगातार घनघनाहट होती है तो आप बादाम तेल की कुछ बूंदे अपने कान में डालें। ऐसा करने से कानों में हो रही घनघनाहट बंद हो जाएगी और कान में होने वाली बेचैनी से भी राहत मिलेगी।

Health Alternative Medicine Home remedies  These are the 6 benefits of putting oil in the ear while sleeping at night, know which oil will be beneficial  When there is any kind of problem or anything in the ear, we start scaring the ear and during that time we damage the ear. Continuous ear problems cause us to hear less and this problem usually starts with aging.  Household tips  Written by: Socialist Vanita Kasaniyan Punjab            Ear care, one of the most sensitive parts of our body, is very much needed. Often we try to take special care of organs like our heart, liver, kidney and in this affair we forget our sensitive organs. This mistake of ours often gives us many major problems later. One of these is also an ear problem. Whenever there is any kind of problem in our ear or anything, we start scaring the ear and during that time we damage the ear. More recently, the habit of cleaning the ear with a cotton swab by an Australian woman took the form of a serious brain infec

, If you have been coughing and getting upset, then in these 7 ways, remove chronic cough in minutes, definitely try once by social worker Vanita Kasani Punjab If you are already coughing, then if you are troubled, then in these 7 ways, relieve chronic cough in minutes, definitely try once. Cough is also a problem, which can trouble you due to change in the weather. A slight movement of the weather can give people problems such as cough and cold. If the cough is not treated in time, it can take the form of TB. Household tips The changing season brings many diseases along with it, and headache, cold and cough problems are common during the monsoon season. If these common-looking diseases are not treated at the right time, they cause serious problems in your body. Cough is also a problem, which can trouble you due to change in the weather. A slight movement of the weather can give people problems like cough and cold. If cough is not treated in time, it can take the form of TB. However, in case of cough, it is important to know how you cough. Dry cough and mucus cough bother most people. ' Whether it is a cough or a big one, it troubles children. This is a problem that hurts the entire house if any member of the house is there. A person has difficulty in doing all his work due to cough and does not mind in any work. If you too are worried about taking cough syrup from the market and your cough is not being known, then we are going to tell you a very easy and surefire way to get rid of this problem, which you can try and cure cough in minutes Can get rid of the problem. Effective measures to relieve cough If you have been suffering from cough problem for a long time then lick it with a spoon of honey. By doing this, the phlegm formed in your body will soon come out and you will get relief from cough. Also read: If you hear the sound of cuts coming from your bones, start eating these 3 things immediately, you will always stay away from this disease If you want to eliminate the problem of cough from the root, then add a small amount of amla powder to one teaspoon of honey and consume it in the morning and evening. Doing this regularly will relieve the problem of cough. Even after eating medicines, if the cough is not subsiding and you have a coughing chest, then you must heat mustard oil and mix some camphor in it and massage the chest and back thoroughly. Doing this thrice a day relieves cough problem and pain. If you want to cure cough as soon as possible, drink one spoon of turmeric powder mixed with milk. By doing this, you get rid of the problem of cough. Also read: Increase your digestive power, increase appetite and body will remain healthy in these 4 easy ways If you have a dry cough, eat a little bit of clove oil and eat it. By doing this you will get a lot of relief in dry cough. Apart from this, to get relief from dry cough, you should chew with aniseed in the mouth. Doing this regularly relieves cough. The best way to get rid of cough is to take cow's ghee and rub it on the chest. Doing this twice a day also provides quick relief in cough. Read More Articles On Home Remedies In Hindi Disclaimer TAGS How to get rid of cough, home remedies for cough, how to relieve cough, what to eat in cough For You + Drinking water is the best habit when you wake up in the morning, know 10 benefits of drinking water on an empty stomach Drinking water is the best habit when you wake up in the morning, know 10 benefits of drinking water on an empty stomach Postpartum Depression: Understand this problem from the story of this woman who was suffering from depression after giving birth. Postpart

खांसते-खांसते हो चुके हैं परेशान तो इन 7 तरीकों से मिनटों में दूर करें पुरानी खांसी, एक बार जरूर आजमाएं By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब खांसते-खांसते हो चुके हैं परेशान तो इन 7 तरीकों से मिनटों में दूर करें पुरानी खांसी, एक बार जरूर आजमाएं  खांसी भी एक ऐसी समस्या है, जो मौसम में बदलाव से आपको दिक्कत दे सकती है। मौसम की जरा सी करवट लोगों को खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं दे सकती है। अगर खांसी का समय रहते इलाज न किया जाए तो ये टीबी का रूप ले सकती है।  घरेलू नुस्‍ख           बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है और मानसून के मौसम में खासकर सिरदर्द, जुकाम और खांसी की समस्या आम होती है। इन सामान्य सी दिखने वाली बीमारियों का अगर सही समय पर उपचार न किया जाए तो ये आपके शरीर में गंभीर समस्या पैदा कर देती है। खांसी भी एक ऐसी समस्या है, जो मौसम में बदलाव से आपको दिक्कत दे सकती है। मौसम की जरा सी करवट लोगों को खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं दे सकती है। अगर खांसी का समय रहते इलाज न किया जाए तो ये टीबी का रूप ले सकती है। हालांकि खांसी होने पर ये पता होना जरूरी है कि आपको कैसी खांसी है। सूखी खांस

If you hear the sound of cuts coming from your bones, start eating these three things immediately, you will always stay away from this disease Do you sometimes feel that when you suddenly get up or walk or sit down, there is a sound of a cut from the bones of your knees, hip and elbow. If you have felt like this continuously, now is the time to pay attention to this and not to look at it Household tips Written by: Socialist Vanita Kasaniyan Punjab Do you sometimes feel that when you suddenly get up or walk or sit down, there is a sound of a cut from the bones of your knees, hip and elbow. If you have felt like this continuously, now is the time that you should not pay attention to it because it can be a symptom of a serious bone disease. Many people believe that the sound of cuts from the bones means they are weak. Many times people understand this joint related disease. This type of sound coming from the joints is called crepitus in medical language. The reason behind the sound of cuts from the joints is the formation of small bubbles of air in the fluid inside the joints. These bubbles burst and this sound starts. Sometimes the sound is also heard from the rubbing of tendons or ligaments of the muscles outside the joints. If you are also troubled by a similar problem, then we are going to tell you what is the sign of this serious disease and what to eat in this situation so that this disease will be cured soon. Ads by Jagran.TV The sound of cut-off is a sign of osteoarthritis Cut sound from joints can be a sign of osteoarthritis. Osteoarthritis is a type of arthritis disease in which the number of flexible tissues at the ends of bones decreases. Not only this, the cartilage present at the knee joints also starts to fade away slowly. In this situation, whenever there is movement, the sound of cut-off starts coming. There is no pain with such a sound, but this condition is considered very serious. Children are also victims There is no need to be afraid of children or during their teenage years, so there is a sound from their bones. Just keep in mind that they are not experiencing any kind of pain or discomfort in their bones. Yes, this does not mean that the baby's bones are weak or they are deficient in calcium. The sound of a cut from the bones means more air in their bones. For this reason air bubbles are formed and break in the joints of their bones, due to which the sound of cut-off comes from the bones. Also read: Increase your digestive power, increase appetite and body will remain healthy in these 4 easy ways These 3 ways to get rid of the sound of cuts from the bones Fenugreek seeds It is very important to get timely relief from this if you are also often disturbed by the sound of the cut of bones. For this you can use this home remedy. All you have to do is soak half a teaspoon of fenugreek seeds in water at night and eat it in the morning by chewing fenugreek seeds. After that drink its water. Doing this regularly will eliminate the problem of air bubbles between the bones and stop the noise. Also read: Sore Throat: Try these 6 home remedies if you are troubled by sore throat, cough and phlegm, get relief immediately Drink milk The sound of cuts from the bones can also mean an indication of a lack of lubricant in the bones' joints. With aging, this problem starts to increase and pain starts in it. There may also be a deficiency of calcium in your body behind this. To meet calcium deficiency, you should drink turmeric milk. By doing this, the pain will also go away and the calcium will be replenished in the body. Jaggery and gram Carbohydrates, protein, calcium, iron and vitamins are found in plenty in roasted gram called pooram of the poor. Consuming jaggery along with roasted gram is considered very beneficial for the body. Jiggery and roasted gram must be eaten once a day. This will remove osteoporosis and stop the sound of cuts. Read More Articles On Home Remedies In Hindi Disclaimer TAGS Noise in Joints Home Remedies What to do in case of Cut and Noise Home Remedies Noise in Joints Pain in Joints Noise in Joints For You +

 हड्डियों से आ रही कट-कट की आवाज तो तुरंत खाना शुरू कर दें ये 3 चीजें, इस बीमारी से रहेंगे हमेशा दूर  क्या आपको कभी-कभी महसूस होता है कि जब आप अचानक उठते हैं या चलते हैं या फिर बैठते हैं तो आपके घुटनों, कूल्हे और कोहनी की हड्डियों से कट-कट की आवाज आती है। अगर आपने लगतार ऐसा महसूस किया है तो अब वक्त आ गया है कि आप इस बात पर ध्यान दें न कि इसे नजरअं घरेलू नुस्‍ख Written by: समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब           क्या आपको कभी-कभी महसूस होता है कि जब आप अचानक उठते हैं या चलते हैं या फिर बैठते हैं तो आपके घुटनों, कूल्हे और कोहनी की हड्डियों से कट-कट की आवाज आती है। अगर आपने लगतार ऐसा महसूस किया है तो अब वक्त आ गया है कि आप इस बात पर ध्यान दें न कि इसे नजरअंदाज करें क्योंकि यह हड्डियों से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकते हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि हड्डियों से कट-कट की आवाज आने का मतलब इनका कमजोर होना है। कई बार लोग इसे जोड़ो से जुड़ा रोग समझ लेते हैं। जोड़ों से आने वाली इस प्रकार की आवाज को मेडिकल भाषा में क्रेपिटस कहा जाता है। जोड़ों से कट-कट की आवाज आने के पीछे का कारण जोड़ों के भी