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, हाइड्रोसालपिनक्सहाइड्रोसालपिनक्स क्या है – (hydrosalpinx kya hai in Hindi)। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबहाइड्रोसालपिनक्स होने के कारण – (hydrosalpinx ke karan)हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण क्या हैं -(hydrosalpinx ke lakshan)हाइड्रोसालपिनक्स का निदान (hydrosalpinx ki janch) हाइड्रोसालपिनक्स और निःसंतानता (Hydrosalpinx and Infertility) – हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज – Hydrosalpinx ka ilaj in Hindiहाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar)हाइड्रोसालपिनक्स का प्राकृतिक और घरेलु उपचार – (hydrosalpinx ka gharelu upay)योग एवं व्यायाम के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार (Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise )- हाइड्रोसालपिनक्स क्या है – (hydrosalpinx kya hai in Hindi)हाइड्रोसालपिनक्स के शाब्दिक अर्थ की बात करें तो हाइड्रो (Hydro) अर्थात पानी और सालपिनक्स (Salpinx), फैलोपियन ट्यूब को प्रदर्शित करता हैं । इस अवस्था में फैलोपियन ट्यूब पूरी तरह से अवरुद्ध (बंद) हो जाती है और उसमे पानी भर जाता है। पानी से भरी और सूजी हुई फैलोपियन ट्यूब को हाइड्रोसालपिनक्स (hydrosalpinx) कहा जाता है। ज्यादातर महिलाओं को इस बात की जानकारी नही हो पाती है कि उनकी फैलोपियन ट्यूब में कोई समस्या है। इसका पता तभी चलता है जब वह गर्भधारण की कोशिश करती है और वह इस कोशिश में नाकाम हो जाती है। हाइड्रोसालपिनक्स होने के कारण – (hydrosalpinx ke karan)हाइड्रोसैलपिनक्स होने के कई कारण हो सकते है परंतु यदि आप किसी पुराने संक्रमण से ग्रसित है तो यह एक मुख्य कारण माना जाता है। यौन संचारित रोग (Sexually transmitted diseases) – यदि क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे रोगों से प्रभावित है तो आपको Hydrosalpinx की समस्या हो सकती है। श्रोणि सूजन (Pelvic inflammation) की बीमारी के Hydrosalpinx की परेशानी हो सकती है। पेट की सर्जरी भी Hydrosalpinx बना सकती है। एपेंडीसाइटिस (appendicitis) के टूट जाने से भी Hydrosalpinx की समस्या बन सकती है। गर्भाशय की टीबी (Uterine TB) के कारण भी Hydrosalpinx हो सकता है। फाइब्रॉएड के बढ़ जाने के बाद फैलोपियन ट्यबू ब्लॉकेज हो जाती है जिसके कारण एंडोमेट्रियल टिश्‍यू जमा हो जाते है और hydrosalpinx की समस्या का कारण बन जाते है। हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण क्या हैं -(hydrosalpinx ke lakshan)हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षणों के बारें में बात करें तो स्पष्ट रुप से नही बता सकते है परंतु कुछ ऐसे संकेत या स्थिति है जिसके आधार पर अनुमान जरुर लगा सकते है। पेशाब में जलन या दर्द जैसी समस्या का सामना करना। हाइड्रोसालपिनक्स के मुख्य लक्षणों में पेट और श्रोणि में दर्द और असामान्य योनि स्राव शामिल हैं। परंतु कभी कभी यह बिना किसी बाहरी लक्षण के भी हो जाता है।कई महिलाओं में निःसंतानता का उपचार करते समय इसका पता चल पाता है।माहवारी के दौरान अत्यधिक दर्द एवं संबंध बनाने समय भी अधिक दर्द होना इसकी निशानी है। यदि फैलोपियन ट्यूब में सूजन है या फैलोपियन ट्यूब में तरह पदार्थ होने पर पेट में दर्द होता है तो ये हाइड्रोसालपिनक्स के लक्षण हैं।पेल्विक पेन (श्रोणि में दर्द) होना इत्यादि इसके लक्षण है। हाइड्रोसालपिनक्स का निदान (hydrosalpinx ki janch) हाइड्रोसालपिनक्स के निदान के लिए बहुत सारी जाँचे है जिसके आधार पर इसका निदान किया जा सकता है। इन टेस्ट के माध्यम से हाइड्रोसालपिनक्स के होने की पुष्टि हो जाती है फिर उसी के अनुरूप उपचार करना काफी सहज हो जाता है। Hysterosalpingography (HSG) – यह एक प्रकार का टेस्ट है जिसकी सहायता से महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में होने वाली समस्याओं का ठीक से पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट में एक विशेष प्रकार की डाई का प्रयोग किया जाता है। इस डाई के माध्यम से महिला के प्रजनन अंगों की जाँच ठीक प्रकार से होती है। यह मुख्य टेस्ट है जिसके आधार पर हाइड्रोसाल्पिन्स का पता लगाया जाता है। Sonohysterosalpingography: सोनोहिस्ट्रोग्राफी एक विशेष प्रकार का अल्ट्रासाउंड टेस्ट है। इस टेस्ट के अंतर्गत द्रव को एक पतली प्लास्टिक ट्यूब में रखकर गर्भाशय ग्रीवा(uterine cervix) के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है, जिससे हमें गर्भाशय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती । इस टेस्ट के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स की समस्याओं का पता चल जाता है। Keyhole surgery or laparoscopy – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे एक बहुत सूक्ष्म कैमरे को एब्डोमेन में चीरा लगाकर प्रवेश कराया जाता है और इसी के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का पता लगाया जाता है। हाइड्रोसालपिनक्स और निःसंतानता (Hydrosalpinx and Infertility) – प्रजनन क्रिया को संपूर्ण करने का पहला चरण शुक्राणु और अंडे के मिलन की प्रक्रिया को माना जाता है। महिलाओ में मासिक धर्म या आवर्त चक्र के 14वें दिन बाद एक अंडा release होता है। एक अंडे के लिए ये जरुरी है कि उसे गर्भाशय तक जाने के लिए एक अच्छा मार्ग उपलब्ध हो। यहाँ फैलोपियन ट्यूब ही वह मार्ग होता है। फैलोपियन ट्यूब के अंदर ही शुक्राणु और मादा अंडा का निषेचन होता है और इसी मार्ग से आगे चल कर निषेचित अंडा गर्भाशय में पहुँचता है। परंतु हाइड्रोसाल्फिंक्स के कारण यह मार्ग अवरुद्ध हो जाता है और अंडा को गर्भाशय तक जाने का मार्ग नही मिल पाता। परंतु ये भी देखने वाली बात है कि यदि यह blockeage फैलोपियांन ट्यूब के एक ही तरफ हुआ तो दूसरी ओर का मार्ग खुला होने के कारण महिला गर्भधारण कर सकती है। परंतु यदि एक ट्यूब में हाइड्रोसालपिनक्स की समस्या है तो उससे रिसने वाला पानी भ्रूण को ठीक प्रकार से विकसित नही होने देता है जिसके कारण से महिला गर्भधारण करने में असमर्थ होती है। हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज – Hydrosalpinx ka ilaj in Hindi आयुर्वेद में हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार पूरी तरह से संभव है। आयुर्वेद की प्राचानी पंचकर्मा पद्धति से हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज पूरी सफलता के साथ किया जाता है। आयुर्वेद का उपचार पूरी तरह से साइड इफैक्ट फ्री होता है। हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar)हाइड्रोसेल्पिनक्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए कारगर उपचार है। आयुर्वेद के अनुसार ट्यूबल ब्लॉकेज को वात प्रधान त्रिदोष स्थिति माना जाता है। वात के कारण कब्ज होता है, कफ सूजन का कारण बनता है और पित्त inflammation का कारण बनता है। हाइड्रोसैलपिनक्स के लिए आयुर्वेदिक दवा में त्रिदोषघ्न गुण होने चाहिए।औषधीय तेल के साथ उत्तर बस्ती हाइड्रोसालपिनक्स के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है। जड़ी बूटियों का चयन रोगी की आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। उत्तर बस्ती चिकित्सा करने से पूर्व कुछ आयुर्वेदिक काढ़ा प्रयोग में लाया जाता है जिससे ब्लॉकेज को खोलने में मदद मिलती है।यदि आप अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचार की तलाश कर रहे हैं, तो हाइड्रोसिनपिनक्स के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार आशा आयुर्वेदा में उपलब्ध है जहां के प्रशिक्षित एवं अनुभवशील आयुर्वेदिक चिकित्सक पूरी तरह से इस उपचार के लिए सक्षम है।एलौपैथी में हाइड्रोसालपिनक्स का इलाज स्थाई रुप से उपलब्ध नही है, इसी कारण ऐथोपैथिक दवाएं Hydrosalpinx का इलाज करने में सक्षम नही है। इसके बाद ऐलोपैथिक डॉक्टर फैलोपियन ट्यूब का बंद करके आइवीएप ट्रीटमेंट की सलाह देते है। अंग्रेजी इलाज लगातार लेने से कुछ दिनों पश्चात इसके दुष्परिणाम दिखाई देने लगते है, जो आपके स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करते है। आजकल के अधिकांश चिकित्सक इस समस्या को हल करने के लिए आइवीएफ चिकित्सा की सलाह दे देते है। जबकि आइवीएफ की सफलता दर बहुत ही कम अर्थात 10 से 20 प्रतिशत ही होती है। दूसरी बात यह कि आइवीएफ फेल (IVF Fail) होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में आयुर्वेदिक उपचार से हाइड्रोसालपिनक्स को जड़ से समाप्त किया जाता है। आयुर्वेद के उपचार में हाइड्रोसालपिनक्स की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार की सफलता दर 90 प्रतिशत के ऊपर होती है। यदि आप हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार (hydrosalpinx ka ayurvedic ilaj) लेते है तो इसके असफल होने की बिल्कुल भी संभावना नही होती है। हाइड्रोसालपिनक्स से प्रभावित महिलाएं गर्भधारण करने में सक्षम नही होती है। हाइड्रोसालपिनक्स का प्राकृतिक और घरेलु उपचार – (hydrosalpinx ka gharelu upay)सर्जरी के बिना हाइड्रोसालपिनक्स का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है । आयुर्वेद के अनुसार उचित आहार और नियमित जीवनशैली का पालन करना प्राकृतिक रूप से हाइड्रोसालपिनक्स के उपचार सबसे अच्छा तरीका है। प्राकृतिक उपचार के अंतर्गत ऐसी चीजों को अपने भोजन से हमेशा के लिए दूर कर दें जोकि फैलोपियन ट्यूब में सूजन को बढ़ाते हो, जैसे – कैफीन, लस, सोया, चीनी, अजैविक फल और सब्जियां, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और वनस्पति तेल(Refined Carbohydrates and Vegetable Oils) इत्यादि।निम्नलिखित खाद्य पदार्थो को अपने आहार में शामिल करें जिससे आपकी फैलोपियन ट्यूब में भरा पानी जल्द ही सूख जायें। अलसी के बीज (Flaxseeds) अदरक (Ginger) हल्दी (Turmeric) अखरोट (Walnuts) अनानास (Pineapple) ब्रोकोली (Broccoli) चुकंन्दर (Beets) हरे पत्ते वाली सब्जियां (Green leafy vegetables) सैल्मन (Salmon) स्वस्थ वसा (Healthy fats)जीवनशैली में परिवर्तन करके इस समस्या के निदान हेतू सबसे महत्पूर्ण प्राकृतिक उपचार माना गया है। योग एवं व्यायाम के द्वारा हाइड्रोसालपिनक्स का उपचार (Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise )- प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक उपचार के साथ ही योग और व्यायाम के माध्यम से भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाया और ब्लॉकेज को हटाया जा सकता है।योग तनाव को कम करने में प्रभावी है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाते है इसलिए जरूरी है, कि अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल किया जाए। इनके साथ ही अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के इलाज के लिए योग लाभदायक सिद्ध होते है।योग के अतिरिक्त मैडिटेशन या ध्यान का भी उतना ही महत्व है। मैडीटेशन भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।शराब का सेवन न करने से संपूर्ण स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है।फैलोपियन ट्यूब को अनब्लॉक करने के लिए फ़र्टिलिटी मसाज की सलाह दी जाती है। इसमें पेट के आस पास गर्म औषधीय तेल की मालिश की जाती है।मर्म चिकित्सा फैलोपियन ट्यूब के कामकाज को विनियमित (Regulate) करने का काम करती है। यह परिसंचरण में सुधार करती है तथा फैलोपियन ट्यूब के आस-पास के आसंजनों को तोड़ती है।नोट – अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब को खोलने के लिए किसी भी प्रकार के प्राकृतिक उपचार का चयन करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श जरूरत करें।

Hydrosalpinx
 What is hydrosalpinx - (hydrosalpinx kya hai in Hindi). By social worker Vanita Kasani Punjab
 Due to being hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke karan)
 What are the symptoms of hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke lakshan)
 Diagnosis of hydrosalpinx (hydrosalpinx ki janch)
 Hydrosalpinx and Infertility -
  Hydrosalpinx treatment - Hydrosalpinx ka ilaj
 Hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar
 Natural and Home Remedies of Hydrosalpinx - (hydrosalpinx ka gharelu upay)
 Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise by Yoga and Exercise -

 

  What is hydrosalpinx - hydrosalpinx kya hai

 Talking about the literal meaning of Hydrosalpinx, Hydro means water and Salpinx represents the fallopian tubes. In this state, the fallopian tube becomes completely blocked (closed) and gets filled with water. The water-filled and swollen fallopian tubes are called hydrosalpinx.

 Most of the women are not aware that there is a problem in their fallopian tubes. This is revealed only when she tries to conceive and she fails in this attempt.

 

 Due to being hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke karan)
 There can be many reasons for having hydrosalpinx, but if you are suffering from a chronic infection then it is considered to be the main reason.

 Sexually transmitted diseases - If affected by diseases like chlamydia and gonorrhea, you may have Hydrosalpinx.
 Hydrosalpinx may have problems with pelvic inflammation disease.
 Abdominal surgery can also create Hydrosalpinx.
 The breakdown of appendicitis can also cause Hydrosalpinx problems.
 Uterine TB can also cause Hydrosalpinx.
 Fallopian tubule blockage occurs after fibroids multiply, causing endometrial tissue to accumulate and cause hydrosalpinx problems.
 What are the symptoms of hydrosalpinx - (hydrosalpinx ke lakshan)
 Talking about the symptoms of Hydrosalpinx, you cannot tell clearly but there are some signs or conditions on which one can make a guess.

 Experiencing problems like urination or burning sensation.
 The main symptoms of hydrosalpinx include abdominal and pelvic pain and abnormal vaginal discharge. But sometimes it also happens without any external symptoms.
 In many women, it is detected when treating childlessness.
 It is a sign of excessive pain during menstruation and even more pain during relationship.
 If there is swelling in the fallopian tube or there is abdominal pain due to the substance in the fallopian tube then these are symptoms of hydrosalpinx.
 There are symptoms of pelvic pain (pain in the pelvis) etc.
 

 Diagnosis of hydrosalpinx (hydrosalpinx ki janch)
 There are many tests for the diagnosis of hydrosalpinx, on the basis of which it can be diagnosed. Hydrosalpinx is confirmed through these tests, and then it becomes very easy to treat accordingly.

 Hysterosalpingography (HSG) - This is a type of test that can be used to properly diagnose problems in the uterus and fallopian tubes of women. A special type of dye is used in this test. Through this dye, the reproductive organs of the woman are properly examined. This is the main test by which hydrosalpins are detected.
 Sonohysterosalpingography: Sonohistrography is a special type of ultrasound test. Under this test, fluid is placed in a thin plastic tube in the uterus through the uterine cervix, which gives us complete information related to the uterus. Problems of hydrosalpinx are detected by this test.
 Keyhole surgery or laparoscopy - This is a procedure in which a very fine camera is inserted into the abdomen by making an incision and by this the hydrosalpinx is detected.
 

 Hydrosalpinx and Infertility -

 The first step to complete reproduction is considered to be the process of union of sperm and egg. In women, an egg is released on the 14th day after menstruation or periodic cycle. It is important for an egg to provide a good passage to the uterus. Here the fallopian tube is the route. The sperm and the female egg are fertilized inside the fallopian tube, and the same way the fertilized egg reaches the uterus. But due to hydrosulfinks, this pathway is blocked and the egg cannot find its way to the uterus. But it is also to be seen that if this blockeage occurred on one side of the fallopian tube, then due to the passage on the other side, the woman can conceive. But if there is a problem of hydrosalpinx in a tube, the water leaking from it does not allow the fetus to develop properly due to which the woman is unable to conceive.

 

  Hydrosalpinx treatment - Hydrosalpinx ka ilaj
  Treatment of hydrosalpinx is completely possible in Ayurveda. Hydrosalpinx is treated with complete success with the oriental Panchakarma method of Ayurveda. Ayurveda treatment is completely side effect free.

 Hydrosalpinx ka Ayurvedic upchar
 Ayurvedic treatment for hydrocelepinx is an effective treatment for blocked fallopian tubes.

 According to Ayurveda, tubal blockage is considered to be Vata Pradhan Tridosha status. Vata causes constipation, phlegm causes inflammation and bile inflammation. Ayurvedic medicine for hydrosalpinx should have Tridoshahna properties.

 Uttar Basti with medicinal oil is the best Ayurvedic treatment for Hydrosalpinx. The selection of herbs is done according to the requirement of the patient. Some Ayurvedic decoction is used before Uttar Basti therapy, which helps in opening the blockage.

 If you are looking for natural and ayurvedic treatment for blocked fallopian tubes, the best Ayurvedic treatment for Hydrosynapinx is available at Asha Ayurveda where trained and experienced Ayurvedic therapists are fully competent for this treatment.

 The treatment of hydrosalpinx is not available permanently in allopathy, which is why the aathopathic medicines are not able to treat Hydrosalpinx. After this, allopathic doctors recommend IVAP treatment by closing the fallopian tubes. After a few days of taking English treatment continuously, its side effects start appearing, which greatly affects your health.

 

 Most physicians nowadays recommend IVF therapy to solve this problem. While the success rate of IVF is very low ie 10 to 20 percent. Secondly, IVF Fail is more likely to occur. In this case, hydrosalpinx is eliminated from the root by Ayurvedic treatment. In Ayurveda treatment, the problem of hydrosalpinx can be rid of forever. Ayurvedic treatment has a success rate above 90 percent. If you take hydrosalpinx ka ayurvedic ilaj, then there is no possibility of it failing. Women affected by Hydrosalpinx are not able to conceive.

 

 Natural and Home Remedies of Hydrosalpinx - (hydrosalpinx ka gharelu upay)
 Hydrosalpinx can be treated with Ayurvedic treatment without surgery. According to Ayurveda, following the proper diet and regular lifestyle is the best way to treat hydrosalpinx naturally.

 Under natural remedies, remove such items from your food forever that increase inflammation in the fallopian tubes, such as - caffeine, gluten, soy, sugar, abiotic fruits and vegetables, refined carbohydrates and vegetable oils Oils) etc.
 Include the following foods in your diet so that the water in your fallopian tube dries up soon.
  Flaxseeds
  Ginger
  Turmeric
  Walnuts
  Pineapple
  Broccoli
  Beets
  Green leafy vegetables
  Salmon
  Healthy fats
 Changes in lifestyle are considered to be the most important natural remedies for the diagnosis of this problem.
 

 Treatment of Hydrosalpinx with Yoga and Exercise by Yoga and Exercise -

 Along with natural and Ayurvedic treatments, through yoga and exercise, fertility can also be increased and blockages can be removed.
 Yoga is effective in reducing stress and enhances fertility, so it is important to include yoga and exercise in your routine. Along with this, yoga is beneficial for the treatment of blocked fallopian tubes.
 In addition to yoga, meditation or meditation is equally important. Meditation also helps to increase fertility.
 Avoiding alcohol can improve overall health and fertility.
 Fertility massage is recommended to unblock the fallopian tubes. In this, warm medicinal oil is massaged around the abdomen.
 Marm therapy works to regulate the functioning of the fallopian tubes. It improves circulation and breaks adhesions around the fallopian tubes.
 Note - Before choosing any type of natural remedy to open a blocked fallopian tube, consult a doctor.

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2021 के लिए 20 स्वास्थ्य सुझाव। 20 health tips for 2021 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब* 🌹🙏🙏🌹 एक नए दशक की शुरुआत एक स्वस्थ जीवन शैली सहित, किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए संकल्पों के साथ लाती है। 2021 में स्वस्थ जीवन की दिशा में शुरुआत करने में आपकी मदद करने के लिए 20 व्यावहारिक स्वास्थ्य सुझाव दिए गए हैं। 1. स्वस्थ आहार खाएं फल, सब्जियां, फलियां, नट्स और साबुत अनाज सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों के संयोजन का सेवन करें। वयस्कों को प्रति दिन फल और सब्जियों के कम से कम पांच हिस्से (400 ग्राम) खाने चाहिए। आप हमेशा अपने भोजन में सब्जियों को शामिल करके अपने फलों और सब्जियों के सेवन में सुधार कर सकते हैं; नाश्ते के रूप में ताजे फल और सब्जियां खाने; विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाना; और उन्हें मौसम में खा रहा है। स्वस्थ भोजन करने से, आप अपने कुपोषण और गैर-रोगजनक बीमारियों (एनसीडी) जैसे मधुमेह, हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के जोखिम को कम कर देंगे। 2. नमक और चीनी का कम सेवन करें फिलिपिनो सोडियम की अनुशंसित मात्रा का दोगुना सेवन करते हैं, जिससे उन्

पान खाने के क्या 5 लाभ By वनिता कासनियां पंजाब ?Paan Ke Fayde: आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं.पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf)देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है.1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है 1 पानआयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक, 1 पान खाने से पुरुषों की सेक्शुअल लाइफ को चमत्कारिक फायदे प्राप्त होते हैं. यह लौंग, सौंफ या इलायची के किसी भी नुस्खे से बहुत ज्यादा असरदार होता है. क्योंकि, इसमें आपको इन चीजों के साथ गुलकंद और सुपारी भी मिलती हैं. पान के साथ यह सभी चीजें शादीशुदा पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा प्रभावशाली हो जाती हैं. इससे पुरुषों में कामेच्छा में कमी (लिबिडो), , टेस्टोस्टेरोन में कमी, आदि सुधर जाता है.2. कब्ज से राहत दिलाता है पानआयुर्वेद में कब्ज के इलाज के लिए पान को काफी असरदार बताया गया है. यह शरीर में पीएच लेवल को सामान्य बनाता है और पेट की परेशानी से राहत प्रदान करता है. इसके लिए आप पान के पत्ते के टुकड़े करके एक गिलास पानी में डालकर रातभर रख दें. यह पानी अगली सुबह खाली पेट पी लें.3. कटने, खुजली व जलन से राहतडॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि अगर किसी चीज से कटने, खुजली व जलन के कारण आपको समस्या हो रही है, तो आप पान के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं. इसके एनलजेसिक गुण तुरंत राहत प्रदान करते हैं. इसके लिए पान के पत्ते का पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं. यह त्वचा के अंदर जाकर दर्द व जलन से राहत दिलाता है.4. संक्रमण या सेप्टिक से राहतपान के पत्ते में एंटी-सेप्टिक व एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो फंगल इंफेक्शन व सेप्टिक होने से राहत देते हैं| इसके लिए आपको पान के पत्ते का पेस्ट प्रभावित जगह पर लगाना होता है| पान के पत्ते का उपयोग जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है|5. मुंह की दुर्गंध के लिए पानपान खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है| इसमें काफी मात्रा में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह की दुर्गंध का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का खात्मा कर देते हैं. इसके अलावा यह दांतों में होने वाली कैविटी, प्लेक, सड़न, सूजन, दर्द आदि से भी राहत देता है| राजा-महाराजा अपना यौन स्वास्थ्य सुधारने के साथ मुंह की दुर्गंध भागने के लिए भी हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे|यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है| यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है|

पान खाने के क्या 5 लाभ  By वनिता कासनियां पंजाब ? Paan Ke Fayde:  आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं. पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf) देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है. 1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है