सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

🚩🪴पाक विधि🪴🚩तली हुई चना दाल बिल्कुल मार्केट जैसी कुरकुरी बनाएं Extra Crispy Chana Dal FryBy वनिता कासनियां पंजाबFried chana dal recipe तली हुई चना दाल फ्राई का स्वाद तो आपको पता ही होगा अगर आपको इसका स्वाद पता नहीं है तो घर के बच्चों को तो पता ही है और घर के बच्चे ऐसी तली हुई नमकीन चीजें खाना ज्यादा पसंद करते हैं। वैसे इस चना दाल को आप मार्केट से भी खरीद सकते हैं लेकिन इस चना दाल फ्राई को घर पर बनाना सीख लेते हैं तो इसके फायदे बहुत हैं। आप अपने स्वाद के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं। अगर बच्चों को तीखा खाना पसंद नहीं है तो आप थोड़ा फीका भी इसे बना सकते हैं। ज्यादा नमकीन और अपने स्वाद के अनुसार मसाले भी डाल सकते हैं। इतना सब कुछ आपको मार्केट से खरीदी हुई चना दाल में नहीं मिलेंगा और एक बार आप इस दल को बना लेते हैं तो काफी दिनों तक इस तली हुई चना दाल को स्टोर करके रख सकते हैं। तो चलिए अब बच्चों की मनपसंद और स्वादिष्ट तली हुई चना दाल बिल्कुल मार्केट जैसी कुरकुरी तैयार कर लेते हैं।आवश्यक सामग्रीचना दाल 250 ग्रामतेल तलने के लिए दो कपलाल मिर्च पाउडर 1 चम्मचआमचूर पाउडर एक चम्मचनमक स्वादानुसारकाला नमक एक चम्मच बारीक पिसा हुआचाट मसाला 1 छोटी चम्मच चना दाल बनाने की विधि:चना दाल को हम बस कुछ स्टेप में बनाएंगे आप स्टेप बाय स्टेप पढ़े। सबसे पहले आप दाल को 3-4 पानी से अच्छी तरह धो लें और फिर चना दाल को 6-7 घंटे के लिए पानी में भिगोने के लिए रख दें या फिर आप दाल को भिगोने के लिए पूरी रात भी रख सकते हैं। अगर आप दाल सुबह बनाना, चाहते हैं तो आप दाल को रात में भिगोने के लिए रख दें। दाल में पानी 2 इंच ऊपर तक डालें जिससे चना दाल पानी में पूरी डूब सकें और अच्छी तरह फूलकर तैयार हो जाए। तले हुए आलू की आसान विधि .1. स्टेपभिगोए दाल को आप हल्का सा सुखा लें आप चाहे तो कुकर या पंखे के नीचे भी रख सकते हैं। हमें दाल का पानी सुखाना है इसलिए 10-15 मिनट हवा में सुखा लें। तले हुए बैगन फ्राई कैसे बनाये2. स्टेपअब कढ़ाई में तेल डालकर अच्छा कड़क गरम करें, जब तेल कड़क हो जाए तब दाल को तेल में डाल दें और तीन-चार मिनट के लिए फ्राई करले और फिर जब दाल का कलर हल्का सा बदल जाए तब दाल को तेल में से निकालले और 10 मिनट के लिए पेपर पर ठंडा होने के लिए रख दें। मछली फ्राई कैसे बनाये3. स्टेप10 मिनट बाद कढ़ाई का तेल ठंडा हो चुका होगा। अब कढ़ाई के तेल को फिर से गर्म करें और कड़क गरम तेल में दाल को एक बार फिर से डालें और चार-पांच मिनट के लिए फ्राई करले जब दाल फ्राई हो जाए और क्रिस्पी हो जाए तब दाल को तेल से बाहर निकाले। होटल जैसे चिकन फ्राई कैसे बनाये।4. स्टेपदाल में नमक, लाल मिर्च पाउडर, आमचूर पाउडर, चाट मसाला और काला नमक डालें और अच्छी तरह दाल में मसालों को मिक्स कर दे ताकि सभी दाल को मसाले चिपक जाए और दाल स्वादिष्ट मार्केट जैसी चना दाल फ्राई तल कर तैयार है। आप इसे कांच की बरनी में भरकर रख सकते हैं। दाल तड़का कैसे बनाये।सुझाव1. सुझावआप दाल का कलर हल्का पीला आने के लिए हल्दी पाउडर भी डाल सकते हैं।2. सुझावआप दाल को फ्राई करने के लिए कढ़ाई में मोटे तार की छलनी रख दे और फिर इसमें दाल डालकर फ्राई कर लें, इससे तेल अलग और दाल अलग हो जाएंगे।3. सुझावपानी में भिगोइ हुई दाल को आप अच्छा सुखा ले वरना तेल में डालने पर तेल उछल सकता है।4. सुझावआप दाल को 6-7 घंटे तक भी भिगोए

🚩🪴पाक विधि🪴🚩 तली हुई चना दाल बिल्कुल मार्केट जैसी कुरकुरी बनाएं Extra Crispy Chana Dal Fry By  वनिता कासनियां पंजाब   तली हुई चना दाल फ्राई का स्वाद तो आपको पता ही होगा अगर आपको इसका स्वाद पता नहीं है तो घर के बच्चों को तो पता ही है और घर के बच्चे ऐसी तली हुई नमकीन चीजें खाना ज्यादा पसंद करते हैं। वैसे इस चना दाल को आप मार्केट से भी खरीद सकते हैं लेकिन इस चना दाल फ्राई को घर पर बनाना सीख लेते हैं तो इसके फायदे बहुत हैं। आप अपने स्वाद के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं।  अगर बच्चों को तीखा खाना पसंद नहीं है तो आप थोड़ा फीका भी इसे बना सकते हैं। ज्यादा नमकीन और अपने  स्वाद  के अनुसार मसाले भी डाल सकते हैं।  इतना सब कुछ आपको मार्केट से खरीदी हुई चना दाल में नहीं मिलेंगा और एक बार आप इस दल को बना लेते हैं तो काफी दिनों तक इस तली हुई चना दाल को स्टोर करके रख सकते हैं। तो चलिए अब बच्चों की मनपसंद और स्वादिष्ट तली हुई चना दाल बिल्कुल मार्केट जैसी कुरकुरी तैयार कर लेते हैं। आवश्यक सामग्री चना दाल 250 ग्राम तेल तलने के लिए दो कप लाल मिर्च पाउडर 1 चम्मच आमचूर पाउडर एक चम्मच नमक स्वादानुसार काला

🚩🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे🪴🚩खांसी की दवा क्या है?खांसी की अचूक दवा (Cough Medicine) हर कोई जानना चाहता है. अक्सर लोग खांसी से परेशान हो जाते हैं, लेकिन समझ नहीं पाते कि सूखी खांसी के लक्षण (cough syrup) कैसे पहचानें. इसके लिए लोग खांसी की टेबलेट या सूखी खांसी का बढ़िया घरेलू उपचार (Cough Home Remedies) या कफ खांसी की दवा को तलाशते हैं. लेकिन इससे पहले खांसी के लक्षणों को पहचानने की जरूरत होती है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं खांसी में रामबाण घरेलू नुस्खे और खांसी की अंग्रेजी दवा को भी पीछे छोड़ देने वाले उपाय, जो आपको दिलाएंगी हर तरह की खांसी से राहत मिलती है.By वनिता कासनियां पंजाबअगर आप भी खांसी से परेशान हैं,तो कोई भी दवा या कफ स‍िरप (cough syrup) लेने से पहले कुछ प्राकृतिक घरेलू उपचार (Effective all-natural home remedy) की तलाश कर रहे हैं, तो हम कर सकते हैं आपकी मदद. जी हां, हम बताने जा रहे हैं आपको एक ऐसा कारगर घरेलू नुस्खा (Natural Cough Remedies) जो खांसी से न‍िजाद द‍िलाने में करेगा आपकी मदद और साब‍ित होगा खांसी की दवा या खांसी का रामबाण इलाज- 1.खांसी की असरकारी दवा के तौर पर आप गर्म पानी और नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप गर्म पानी में चुटकी भर नमक डालकर उससे गरारे कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको खांसी से हुए गले के दर्द से राहत मिलेगी.2. आंवला खांसी के लिए काफी असरकारी माना जाता है. आंवला में विटामिन-सी होता है, जो ब्लड सरकुलेश को बेहतर बनाता है. अपने खाने में आंवला शामिल कर आप एंटी-ऑक्सीडेंट्स का सोर्स बढ़ा सकते हैं. यह आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करेगा.3. वो कहते हैं न कि एक सुनार की सौ लोहार की. तो बस, पानी भी खांसी में कुछ ऐसा ही कमाल करता है. आप खांसी से परेशान हैं तो काली मिर्च चार दाने के गर्म पानी पिएं. यह गले में जमे कफ को कम करने में मदद करेगा.4. आधा चम्मच शहद में एक चुटकी इलायची और कुछ नीबू का जूस डालें. इस मिश्रण को दिन में दो से तीन बार लें. यह घरेलू नुस्खा खांसी की रामबाण दवा साबित हो सकता है.5. खांसी की अंग्रेजी दवा तो बहुत से लोग लेते हैं, लेकिन उसे लेने से नींद आने लगती है और उसके साइड इफेक्ट भी बहुत हैं. इसकी जगह आप हल्दी वाला दूध ले सकते हैं. हल्दी वाले दूध एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. इसके अलावा हल्दी में एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मददगार होते हैं. तो खांसी की दवा के तौर पर आप हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं.

🚩🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे🪴🚩 खांसी की दवा क्या है? खांसी की अचूक दवा (Cough Medicine) हर कोई जानना चाहता है. अक्सर लोग खांसी से परेशान हो जाते हैं, लेकिन समझ नहीं पाते कि सूखी खांसी के लक्षण (cough syrup) कैसे पहचानें. इसके लिए लोग खांसी की टेबलेट या सूखी खांसी का बढ़िया घरेलू उपचार (Cough Home Remedies) या कफ खांसी की दवा को तलाशते हैं. लेकिन इससे पहले खांसी के लक्षणों को पहचानने की जरूरत होती है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं खांसी में रामबाण घरेलू नुस्खे और खांसी की अंग्रेजी दवा को भी पीछे छोड़ देने वाले उपाय, जो आपको दिलाएंगी हर तरह की खांसी से राहत मिलती है. By  वनिता कासनियां पंजाब अगर आप भी खांसी से परेशान हैं,तो कोई भी दवा या कफ स‍िरप (cough syrup) लेने से पहले कुछ प्राकृतिक घरेलू उपचार (Effective all-natural home remedy) की तलाश कर रहे हैं, तो हम कर सकते हैं आपकी मदद. जी हां, हम बताने जा रहे हैं आपको एक ऐसा कारगर घरेलू नुस्खा (Natural Cough Remedies) जो खांसी से न‍िजाद द‍िलाने में करेगा आपकी मदद और साब‍ित होगा खांसी की दवा या खांसी का रामबाण इलाज-   1.खांसी की असरकारी दवा के

🚩🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे🪴🚩 कमर दर्द कैसे दूर करें? By वनिता कासनियां पंजाब कारण जो भी हो, ये घरेलू नुस्खे कमर दर्द को दूर कर देंगे।चाहे वह कमर दर्द हो या पीठ के निचले हिस्से में दर्द (रीढ़ के निचले हिस्से में दर्द) या कमर के ऊपरी हिस्से में दर्द। इस दर्द से लोग काफी परेशान हैं. बहुत से लोग सोचते हैं कि कमर दर्द या पीठ दर्द केवल बुढ़ापे के साथ होता है, लेकिन यह सच नहीं है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। आज की बदलती जीवनशैली कमर दर्द का कारण बन रही है। मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कमर दर्द अधिक आम है।१. गेहूं की चपाती और तिल का तेल। कमर दर्द के इलाज के लिए बस एक तरफ गेहूं की चपाती बेक कर लें। दूसरी तरफ कच्चा छोड़ दें। अब रात को सोते समय चपाती के कच्चे हिस्से पर तिल का तेल लगाएं। इस चपाती को कमर के दर्द वाले हिस्से पर बांधकर सो जाएं.सुबह उठेंगे तो पाएंगे कि कमर का दर्द दूर हो गया है. इस क्रिया को तब तक करें जब तक कि कमर दर्द हमेशा के लिए ठीक न हो जाए।२. सरसों का तेल और लहसुन। एक लोहे की कड़ाही में 2 से 3 बड़े चम्मच सरसों का तेल ओर लहसुन की 2-3 कलियों के साथ गरम करें। तेल और लहसुन को तब तक गर्म करें जब तक कि लहसुन की कलियां काली न हो जाएं या पूरी तरह जल न जाएं। तेल को एक छलनी से छान लें और थोड़ा ठंडा होने तक प्रतीक्षा करें। इस तेल से अपनी पीठ की मालिश करें, कमर दर्द का यह घरेलू उपाय प्राकृतिक रूप से काम करता है। यह उपाय जोड़ों के दर्द के लिए भी उपयोगी है।३. अदरक ताजा अदरक को बारीक पेस्ट बना लें। पेस्ट को कमर के प्रभावित हिस्से पर अच्छे से लगाएं, पेस्ट के सूखने तक इंतजार करें। एक साफ कपडा ले और उसे गरम पाणी से भीगो ले आब पानी को नीचोड दे ओर इस कपडे से अदरक के पेस्ट को अच्छी तरह से पोंछ लें, कमर दर्द से पीड़ित लोग इस उपाय को सप्ताह में एक या अधिक बार कर सकते हैं।४. हर्बल तेल। हर्बल तेल से कमर की मालिश करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है। आप नीलगिरी का तेल, बादाम का तेल, जैतून का तेल या सरसो का तेल जैसे किसी भी हर्बल तेल का उपयोग कर सकते हैं। सबसे पहले तेल को हल्का गर्म करें और फिर दर्द वाली जगह पर धीरे-धीरे मालिश करें। यह उपाय महिलाओं के कमर दर्द को ठीक करता है।५. नींबू और नमक। नीबू के रस में एक चुटकी या दो चुटकी नमक मिला लें, इस नींबू और नमक के मिश्रण को दिन में दो बार पियें।६. कपूर और नारियल का तेल। 4 से 5 कपूर के गोली लेकर नारियल के तेल में उबाल लें। उबलने के बाद तेल को छान कर एक बोतल में रख लें। कमर दर्द का घर पर इलाज करने के लिए हफ्ते में दो बार पीठ की मालिश करें, कमर दर्द का यह घरेलू उपाय जोड़ों के दर्द को ठीक करने में भी मददगार है।७. आर्थ्राज़ेक्स (Arthrazex) मरहम। यह न केवल एक दर्द निवारक है, यह शरीर को "पुनर्जीवित" करता है। यह क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को जल्दी से बहाल करता है, दर्द के कारण को दूर करता है और कमर और रीढ़ की हड्डी को उनकी मूल स्थिति में पुनर्स्थापित करता है। न केवल आपको लक्षणों से छुटकारा मिलता है, बल्की आर्थ्रेक्स कमर दर्द को जड़ से ठीक करता है। प्रयोग के पहले दिन से ही आर्थ्राजेक्स शरीर में काम करणे लगता है और दर्द से राहत देता है। इस उपाय का उपयोग औसतन दो से तीन सप्ताह तक करना चाहिए जब तक कि सभी लक्षण गायब न हो जाएं। (Arthrazex मरहम दुकानों में उपलब्ध नहीं है। इसे Arthrazex ऑफिसियाल वेबसाइट से मंगवाना होगा। मैं टिप्पणी में Arthrazex ऑफिसियाल वेबसाइट लिंक प्रदान कर रहा हूं)८. नीलगिरी का तेल। एक बाल्टी गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को मिलाकर नहाने से कमर दर्द से राहत मिलती है। कमर दर्द का यह घरेलू उपाय आपके पूरे शरीर को आराम देता है और सभी दर्द से राहत देता है।९. तुलसी। एक कप पानी में 8-10 तुलसी के पत्ते डालकर तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा ना हो जाए। ठंडा होने के बाद इसमें एक चुटकी नमक मिलाएं और इसे रोजाना पिएं। इससे कमर दर्द से लंबे समय तक राहत मिलेगी।यह उपाय आज ही करें। जानकारी अच्छी लगे तो सपोर्ट करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।धन्यवाद

🚩🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे🪴🚩         कमर दर्द कैसे दूर करें? By वनिता कासनियां पंजाब कारण जो भी हो, ये घरेलू नुस्खे कमर दर्द को दूर कर देंगे। चाहे वह कमर दर्द हो या पीठ के निचले हिस्से में दर्द (रीढ़ के निचले हिस्से में दर्द) या कमर के ऊपरी हिस्से में दर्द। इस दर्द से लोग काफी परेशान हैं. बहुत से लोग सोचते हैं कि कमर दर्द या पीठ दर्द केवल बुढ़ापे के साथ होता है, लेकिन यह सच नहीं है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। आज की बदलती जीवनशैली कमर दर्द का कारण बन रही है। मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कमर दर्द अधिक आम है। १.  गेहूं की चपाती और तिल का तेल।  कमर दर्द के इलाज के लिए बस एक तरफ गेहूं की चपाती बेक कर लें। दूसरी तरफ कच्चा छोड़ दें। अब रात को सोते समय चपाती के कच्चे हिस्से पर तिल का तेल लगाएं। इस चपाती को कमर के दर्द वाले हिस्से पर बांधकर सो जाएं.सुबह उठेंगे तो पाएंगे कि कमर का दर्द दूर हो गया है. इस क्रिया को तब तक करें जब तक कि कमर दर्द हमेशा के लिए ठीक न हो जाए। २.  सरसों का तेल और लहसुन।  एक लोहे की कड़ाही में 2 से 3 बड़े चम्मच सरसों का तेल ओर लहसुन की 2-

हिन्दू व्रत या उपवास कितने प्रकार के होते हैं??????By वनिता कासनियां पंजाब:-व्रत रखने के नियम दुनिया को हिंदू धर्म की देन है। व्रत रखना एक पवित्र कर्म है और यदि इसे नियम पूर्वक नहीं किया जाता है तो न तो इसका कोई महत्व है और न ही लाभ बल्कि इससे नुकसान भी हो सकते हैं। आप व्रत बिल्कुल भी नहीं रखते हैं तो भी आपको इस कर्म का भुगतान करना ही होगा। राजा भोज के राजमार्तण्ड में 24 व्रतों का उल्लेख है। हेमादि में 700 व्रतों के नाम बताए गए हैं। गोपीनाथ कविराज ने 1622 व्रतों का उल्लेख अपने व्रतकोश में किया है। व्रतों के प्रकार तो मूलत: तीन है:- 1. नित्य, 2. नैमित्तिक और 3. काम्य। 1.नित्य व्रत उसे कहते हैं जिसमें ईश्वर भक्ति या आचरणों पर बल दिया जाता है, जैसे सत्य बोलना, पवित्र रहना, इंद्रियों का निग्रह करना, क्रोध न करना, अश्लील भाषण न करना और परनिंदा न करना, प्रतिदिन ईश्वर भक्ति का संकल्प लेना आदि नित्य व्रत हैं। इनका पालन नहीं करते से मानव दोषी माना जाता है। 2.नैमिक्तिक व्रत उसे कहते हैं जिसमें किसी प्रकार के पाप हो जाने या दुखों से छुटकारा पाने का विधान होता है। अन्य किसी प्रकार के निमित्त के उपस्थित होने पर चांद्रायण प्रभृति, तिथि विशेष में जो ऐसे व्रत किए जाते हैं वे नैमिक्तिक व्रत हैं। 3.काम्य व्रत किसी कामना की पूर्ति के लिए किए जाते हैं, जैसे पुत्र प्राप्ति के लिए, धन- समृद्धि के लिए या अन्य सुखों की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले व्रत काम्य व्रत हैं। व्रतों का वार्षिक चक्र :-1.साप्ताहिक व्रत : सप्ताह में एक दिन व्रत रखना चाहिए। यह सबसे उत्तम है। 2.पाक्षिक व्रत : 15-15 दिन के दो पक्ष होते हैं कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। प्रत्येक पक्ष में चतुर्थी, एकादशी, त्रयोदशी, अमावस्या और पूर्णिमा के व्रत महतवपूर्ण होते हैं। उक्त में से किसी भी एक व्रत को करना चाहिए। 3.त्रैमासिक : वैसे त्रैमासिक व्रतों में प्रमुख है नवरात्रि के व्रत। हिंदू माह अनुसार पौष, चैत्र, आषाढ और अश्विन मान में नवरात्रि आती है। उक्त प्रत्येक माह की प्रतिपदा यानी एकम् से नवमी तक का समय नवरात्रि का होता है। इन नौ दिनों तक व्रत और उपवास रखने से सभी तरह के क्लेश समाप्त हो जाते हैं। 4.छह मासिक व्रत : चैत्र माह की नवरात्रि को बड़ी नवरात्रि और अश्विन माह की नवरात्रि को छोटी नवरात्रि कहते हैं। उक्त दोंनों के बीच छह माह का अंतर होता है। इसके अलावा 5.वार्षिक व्रत : वार्षिक व्रतों में पूरे श्रावण मास में व्रत रखने का विधान है। इसके अलवा जो लोग चतुर्मास करते हैं उन्हें जिंदगी में किसी भी प्रकार का रोग और शोक नहीं होता है। इससे यह सिद्ध हुआ की व्रतों में 'श्रावण माह' महत्वपूर्ण होता है। सोमवार नहीं पूरे श्रावण माह में व्रत रखने से हर तरह के शारीरिक और मानसिक कलेश मिट जाते हैं।उपवास के प्रकार:- 1.प्रात: उपवास, 2.अद्धोपवास, 3.एकाहारोपवास, 4.रसोपवास, 5.फलोपवास, 6.दुग्धोपवास, 7.तक्रोपवास, 8.पूर्णोपवास, 9.साप्ताहिक उपवास, 10.लघु उपवास, 11.कठोर उपवास, 12.टूटे उपवास, 13.दीर्घ उपवास। बताए गए हैं, लेकिन हम यहां वर्ष में जो व्रत होते हैं उसके बारे में बता रहे हैं। 1.प्रात: उपवास- इस उपवास में सिर्फ सुबह का नाश्ता नहीं करना होता है और पूरे दिन और रात में सिर्फ 2 बार ही भोजन करना होता है। 2.अद्धोपवास- इस उपवास को शाम का उपवास भी कहा जाता है और इस उपवास में सिर्फ पूरे दिन में एक ही बार भोजन करना होता है। इस उपवास के दौरान रात का भोजन नहीं खाया जाता। 3.एकाहारोपवास- एकाहारोपवास में एक समय के भोजन में सिर्फ एक ही चीज खाई जाती है, जैसे सुबह के समय अगर रोटी खाई जाए तो शाम को सिर्फ सब्जी खाई जाती है। दूसरे दिन सुबह को एक तरह का कोई फल और शाम को सिर्फ दूध आदि। 4.रसोपवास- इस उपवास में अन्न तथा फल जैसे ज्यादा भारी पदार्थ नहीं खाए जाते, सिर्फ रसदार फलों के रस अथवा साग-सब्जियों के जूस पर ही रहा जाता है। दूध पीना भी मना होता है, क्योंकि दूध की गणना भी ठोस पदार्थों में की जा सकती है। 5.फलोपवास- कुछ दिनों तक सिर्फ रसदार फलों या भाजी आदि पर रहना फलोपवास कहलाता है। अगर फल बिलकुल ही अनुकूल न पड़ते हो तो सिर्फ पकी हुई साग-सब्जियां खानी चाहिए। 6.दुग्धोपवास- दुग्धोपवास को 'दुग्ध कल्प' के नाम से भी जाना जाता है। इस उपवास में सिर्फ कुछ दिनों तक दिन में 4-5 बार सिर्फ दूध ही पीना होता है। 7.तक्रोपवास- तक्रोपवास को 'मठाकल्प' भी कहा जाता है। इस उपवास में जो मठा लिया जाए, उसमें घी कम होना चाहिए और वो खट्टा भी कम ही होना चाहिए। इस उपवास को कम से कम 2 महीने तक आराम से किया जा सकता है। 8.पूर्णोपवास- बिलकुल साफ-सुथरे ताजे पानी के अलावा किसी और चीज को बिलकुल न खाना पूर्णोपवास कहलाता है। इस उपवास में उपवास से संबंधित बहुत सारे नियमों का पालन करना होता है। 9.साप्ताहिक उपवास- पूरे सप्ताह में सिर्फ एक पूर्णोपवास नियम से करना साप्ताहिक उपवास कहलाता है। 10.लघु उपवास- 3 से लेकर 7 दिनों तक के पूर्णोपवास को लघु उपवास कहते हैं। 11.कठोर उपवास- जिन लोगों को बहुत भयानक रोग होते हैं यह उपवास उनके लिए बहुत लाभकारी होता है। इस उपवास में पूर्णोपवास के सारे नियमों को सख्ती से निभाना पड़ता है। 12.टूटे उपवास- इस उपवास में 2 से 7 दिनों तक पूर्णोपवास करने के बाद कुछ दिनों तक हल्के प्राकृतिक भोजन पर रहकर दोबारा उतने ही दिनों का उपवास करना होता है। उपवास रखने का और हल्का भोजन करने का यह क्रम तब तक चलता रहता है, जब तक कि इस उपवास को करने का मकसद पूरा न हो जाए। 13.दीर्घ उपवास- दीर्घ उपवास में पूर्णोपवास बहुत दिनों तक करना होता है जिसके लिए कोई निश्चित समय पहले से ही निर्धारित नहीं होता। इसमें 21 से लेकर 50-60 दिन भी लग सकते हैं। अक्सर यह उपवास तभी तोड़ा जाता है, जब स्वाभाविक भूख लगने लगती है अथवा शरीर के सारे जहरीले पदार्थ पचने के बाद जब शरीर के जरूरी अवयवों के पचने की समस्या आ जाने की संभावना हो जाती है।।। हर हर महादेव शम्भो काशी विश्वनाथ वन्दे।।जय हो!!!! जय सिया राम🚩🚩🚩🚩

हिन्दू व्रत या उपवास कितने प्रकार के होते हैं?????? By वनिता कासनियां पंजाब:- व्रत रखने के नियम दुनिया को हिंदू धर्म की देन है। व्रत रखना एक पवित्र कर्म है और यदि इसे नियम पूर्वक नहीं किया जाता है तो न तो इसका कोई महत्व है और न ही लाभ बल्कि इससे नुकसान भी हो सकते हैं। आप व्रत बिल्कुल भी नहीं रखते हैं तो भी आपको इस कर्म का भुगतान करना ही होगा। राजा भोज के राजमार्तण्ड में 24 व्रतों का उल्लेख है।  हेमादि में 700 व्रतों के नाम बताए गए हैं। गोपीनाथ कविराज ने 1622 व्रतों का उल्लेख अपने व्रतकोश में किया है। व्रतों के प्रकार तो मूलत: तीन है:- 1. नित्य, 2. नैमित्तिक और 3. काम्य।   1.नित्य व्रत उसे कहते हैं जिसमें ईश्वर भक्ति या आचरणों पर बल दिया जाता है, जैसे सत्य बोलना, पवित्र रहना, इंद्रियों का निग्रह करना, क्रोध न करना, अश्लील भाषण न करना और परनिंदा न करना, प्रतिदिन ईश्वर भक्ति का संकल्प लेना आदि नित्य व्रत हैं। इनका पालन नहीं करते से मानव दोषी माना जाता है।   2.नैमिक्तिक व्रत उसे कहते हैं जिसमें किसी प्रकार के पाप हो जाने या दुखों से छुटकारा पाने का विधान होता है। अन्य किसी प्रकार के निमित्

पाक विधिप्याज की चटनी / Pyaj ki Chatni in Hindi By वनिता कासनियां पंजाब प्याज की चटनी / Pyaj ki Chatni in HindiPyaj ki Chatni in Hindi:- नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बहुत ही टेस्टी चटपटी प्याज की चटनी, जिसे बनाना बहुत ही आसान है। तो आइए दोस्तों प्याज की चटनी बनाते हैं।आवश्यक सामग्री / Ingredients4 मीडियम साइज के प्याज4 सूखी लाल मिर्च1 चम्मच कश्मीरी लाल मिर्च पाउडरनमक स्वाद अनुसारथोड़ी सी इमली1/2 छोटी चम्मच उड़द दाल1/2 छोटी चम्मच राई5 से 6 करी पत्ते2 बड़े चम्मच तेलआधा पिंच हींगप्याज की चटनी बनाने की विधि / How to Make Pyaj ki Chatniप्याज की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले प्याज को छीलकर मीडियम साइज के टुकड़ों में काट लें।अब एक पैन में तेल गर्म करें, जब तेल गरम हो जाए तो प्याज डालें और मीडियम फ्लेम में हल्का सुनहरा होने तक भूनें।अब इसमें लाल मिर्च और इमली डालकर हल्का सा भून लें।गैस बंद कर दें और प्याज को एक मिक्सर जार में निकाल लें।अब इसमें स्वादानुसार नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर पीस लें।चटनी को एक बाउल में निकाल लें।अब एक तड़का पैन में एक चम्मच तेल गर्म करें।इसमें हींग, उड़द दाल, करी पत्ता और राई डालकर हल्का सा भून लें।तैयार चटनी को तड़के में डालकर मिक्स करें, प्याज की चटनी बनकर तैयार है।

पाक विधि प्याज की चटनी / Pyaj ki Chatni in Hindi By  वनिता कासनियां पंजाब प्याज की चटनी / Pyaj ki Chatni in Hindi Pyaj ki Chatni in Hindi:-  नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बहुत ही टेस्टी चटपटी प्याज की चटनी, जिसे बनाना बहुत ही आसान है। तो आइए दोस्तों प्याज की चटनी बनाते हैं। आवश्यक सामग्री / Ingredients 4 मीडियम साइज के प्याज 4 सूखी लाल मिर्च 1 चम्मच कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर नमक स्वाद अनुसार थोड़ी सी इमली 1/2 छोटी चम्मच उड़द दाल 1/2 छोटी चम्मच राई 5 से 6 करी पत्ते 2 बड़े चम्मच तेल आधा पिंच हींग प्याज की चटनी बनाने की विधि / How to Make Pyaj ki Chatni प्याज की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले प्याज को छीलकर मीडियम साइज के टुकड़ों में काट लें। अब एक पैन में तेल गर्म करें, जब तेल गरम हो जाए तो प्याज डालें और मीडियम फ्लेम में हल्का सुनहरा होने तक भूनें। अब इसमें लाल मिर्च और इमली डालकर हल्का सा भून लें। गैस बंद कर दें और प्याज को एक मिक्सर जार में निकाल लें। अब इसमें स्वादानुसार नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर पीस लें। चटनी को एक बाउल में निकाल लें। अब एक तड़का पैन में एक चम्मच तेल गर्म

पाक विधि मखाना नमकीन बनाने की विधि क्या है?स्वाद और सेहत से भरपूर झटपट तैयार हो जाने वाली मखाने की नमकीन जिसे व्रत में भी खाया जा सकता है, को इस विधि से आसानी से घर पर बनाया जा सकता है Iसामाग्रीमखाना 2 कपकाजू/बादाम 8-10सूखा नारियल पतले लंबे टुकड़ों में कटा हुआ 8-10 टुकड़े (ऐच्छिक)मूँगफली 1/4 कपघी 2 टेबल स्पूनकढ़ी पत्ते 4–5 बारीक कटे हुएहरी मिर्च 1–2 छोटे टुकड़ों में कटी हुई ( ऐच्छिक )सेंधा नमक स्वादानुसारकाली मिर्च 1/4 छोटा चम्मच/स्वादानुसारविधिएक कढ़ाही में घी गर्म करें और उसमें काजू/बादाम भुन कर अलग रख लें Iनारियल इस्तेमाल कर रहें हो तो उसे भी भुन कर रख लें Iअब उसी घी में कढ़ी पत्ते और हरी मिर्च डालकर धीमी आंच पर चलाते हुए भुन लें Iअब मूँगफली डालकर चलाते हुए भुन लें I (अगर व्रत के लिए नहीं बना रहे हों तो इस समय हल्दी पाउडर मिला सकते हैं)अब मखाने डालकर चलाते हुए क्रिस्प होने तक धीमी आंच पर भुने I इसमें करीब 10 मिनट का समय लगता है Iभुने हुए काजू/बादाम और स्वादानुसार नमक और काली मिर्च डालकर अच्छी तरह मिला लें Iमखाना नमकीन खाने के लिए तैयार है IBy वनिता कासनियां पंजाब द्वाराविशेष:इसमें आलू की सेव( जो घर मे चिप्स की तरह बना कर स्टोर की जाती है )भी तलकर मिला सकते हैं Iव्रत ना हो तो इसमे बारीक सेव (बेसन वाली), रोस्टेड चना दाल ,प्याज ,टमाटर, हरा धनिया, मनपसंद चटनी आदि डालकर चटपटी भेल बनाकर भी खा सकते हैं Iचित्र स्रोत:गूगल

पाक विधि मखाना नमकीन बनाने की विधि क्या है? स्वाद और सेहत से भरपूर झटपट तैयार हो जाने वाली मखाने की नमकीन जिसे व्रत में भी खाया जा सकता है, को इस विधि से आसानी से घर पर बनाया जा सकता है I सामाग्री मखाना 2 कप काजू/बादाम 8-10 सूखा नारियल पतले लंबे टुकड़ों में कटा हुआ 8-10 टुकड़े (ऐच्छिक) मूँगफली 1/4 कप घी 2 टेबल स्पून कढ़ी पत्ते 4–5 बारीक कटे हुए हरी मिर्च 1–2 छोटे टुकड़ों में कटी हुई ( ऐच्छिक ) सेंधा नमक स्वादानुसार काली मिर्च 1/4 छोटा चम्मच/स्वादानुसार विधि एक कढ़ाही में घी गर्म करें और उसमें काजू/बादाम भुन कर अलग रख लें I नारियल इस्तेमाल कर रहें हो तो उसे भी भुन कर रख लें I अब उसी घी में कढ़ी पत्ते और हरी मिर्च डालकर धीमी आंच पर चलाते हुए भुन लें I अब मूँगफली डालकर चलाते हुए भुन लें I (अगर व्रत के लिए नहीं बना रहे हों तो इस समय हल्दी पाउडर मिला सकते हैं) अब मखाने डालकर चलाते हुए क्रिस्प होने तक धीमी आंच पर भुने I इसमें करीब 10 मिनट का समय लगता है I भुने हुए काजू/बादाम और स्वादानुसार नमक और काली मिर्च डालकर अच्छी तरह मिला लें I मखाना नमकीन खाने के लिए तैयार है I By वनिता कासनियां पंजाब