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शरीर में यूरिक एसिड क्यों बढ़ता हैं?, आज कल के खराब के खराब जीवनशैली के कारण शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना एक गंभीर बीमारी को न्योता देना है आपके शरीर में प्यूरिन नामक पदार्थ के टूटने के कारण होता है । और यह खून के माध्यम से हमारी किडनी तक पहुंच जाता है। अमूमन यूरिक एसिड यूरीन के माध्यम से बाहर निकल जाता है। लेकिन कई बार यह हमारे शरीर के अंदर ही स्टोर हो जाता है। इसके कारण में शरीर में यूरिक एसिड का इजाफा होने लगता है। यदि समय रहते ही यूरिक एसिड का इलाज ना किया जाए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। तो आइए जनते है वे कौन-कौन से कारण है।[1]शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण :1.शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण2.एड़ियों में दर्द की समस्या3.गाठ में सूजन की समस्या4.ज्यादा देर तक बैठने या फिर चलने पर एड़ियों असहनीय होना5.शरीर में शुगर के स्तर का बढ़ना6. चलने में तकलीफ होना7.घुटने में तेज दर्द की समस्या होना8.पैरों के अंगूठे में तेजी से खुजली होना।एप्पल साइडर विनेगर का नियमित रूप से सेवन करेंयदि आप नियमित रूप से खाली पेट एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करते हैं तो इससे आपकी यूरिक एसिड की समस्या जल्द से जल्द खत्म होती है इसका कारण है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तथा एंटीइंफ्लेमेंटरी गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो यूरिक एसिड की समस्या से निजात दिलाता है।छोटी इलाइची का सेवन करेंहर भरतीय घरों के रसोई में इलाइची जरूर होगी लेकिन क्या आप जानते हैं छोटी इलायची के सेवन से यूरिक एसिड जैसी गंभीर समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। इसके साथ ही इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रोल की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है।प्याज का सेवन करना ना भूलेयदि आप जल्द से जल्द यूरिक एसिड को नियंत्रित करना चाहते हैं आप अवश्य ही अपनी डाइट में प्याज का सेवन करना ना भूलें प्याज शरीर में प्रोटीन और मेटाबॉलिज्म के स्तर को बढ़ाता है जिससे यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रण में रहती है।पानी का सेवन खूब करेंपर्याप्त मात्रा में पानी के सेवन से यूरिक एसिड की समस्या दूर होती है इसका कारण है कि जब आप पानी का सेवन अधिक करते हैं तो यूरिक एसिड के रास्ते बाहर निकल जाता है। जब पानी के पर्याप्त सेवन से आपका शरीर पूरे तरीके से हाइड्रेट रहे गा तो यूरिक एसिड की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है।वितामिन C को प्रयाप्त मात्रा में लेंयूरिक एसिड की समस्या से निजात पाने के लिए आपको अपनी डाइट में नियमित रूप से विटामिन सी का सेवन करना चाहिए आपको अपनी डाइट में संतरा आंवला जैसी चीजों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए या विटामिन C के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।यूरिक एसिड में किन चीजों से बचना चाहिए1. अत्यधिक शराब के सेवन से बचना चाहिए2. रात के वक्त दूध अथवा दाल के सेवन से बचना चाहिए3. दही, चावल, अचार, ड्राई फ्रूट्स, दाल, पालक, फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, पैकड फूड, अंडा, मांस, मछली और शराब से दूर रहना चाहिए। ये सब चीजें यूरिक एसिड की समस्या बढ़ाती है।#Vnita*यूरिक एसिड हमारे जीवन में रोगों का घर ! *यूरिक एसिड नियत्रंण करने के तरीके !*1. यूरिक एसिड बढ़ने पर हाई फाइबर युक्त आहार खायें। जिसमें पालक, ब्रोकली, ओट्स, दलिया, इसबगोल भूसी फायदेमंद हैं।2. आंवला रस और एलोवेरा रस मिश्रण कर सुबह शाम खाने से 10 मिनट पहले पीने से यूरिक एसिड कम करने में सक्षम है।3. टमाटर और अंगूर का जूस पीने से यूरिक एसिड तेजी से कम करने में सक्षम है।4. तीनो वक्त खाना खाने के 5 मिनट बाद 1 चम्मच अलसी के बीज का बारीक चबाकर खाने से भोजन पाचन क्रिया में यूरिक ऐसिड नहीं बनता।5. 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच अश्वगन्धा पाउडर को 1 कप गर्म पानी के साथ घोल कर पीने से यूरिक एसिड नियत्रंण में आता है।6. यूरिक एसिड बढ़ने के दौरान जैतून तेल का इस्तेमाल खाने तड़के-खाना बनाने में करें। जैतून तेल में विटामिन-ई एवं मिनरलस मौजूद हैं। जोकि यूरिक एसिड नियत्रंण करने में सहायक हैं।7. यूरिक एसिड बढ़ने पर खाने से 15 पहले अखरोट खाने से पाचन क्रिया शर्करा को ऐमिनो एसिड नियत्रंण करती है। जोकि प्रोटीन को यूरिक एसिड़ में बदलने से रोकने में सहायक है।8. विटामिन सी युक्त चीजें खाने में सेवन करें। विटामिन सी यूरिक एसिड को मूत्र के रास्ते विसर्ज करने में सहायक है।9. रोज 2-3 चैरी खाने से यूरिक एसिड नियत्रंण में रखने में सक्षम है। चेरी गांठों में एसिड क्रिस्टल नहीं जमने देती।10. सलाद में आधा नींबू निचैlड कर खायें। दिन में 3 बार 2 गिलास पानी में 1 नींबू निचैंlड कर पीने से यूरिक एसिड मूत्र के माध्यम से निकलने में सक्षम है। चीनी, मीठा न मिलायें।11. तेजी से यूरिक एसिड घटाने के लिए रोज सुबह शाम 45-45 मिनट तेज पैदल चलकर पसीना बहायें। तेज पैदल चलने से एसिड क्रिस्टल जोड़ों गांठों पर जमने से रोकता है। साथ में रक्त संचार को तीब्र कर रक्त संचार सुचारू करने में सक्षम है। पैदल चलना से शरीर में होने वाले सैकड़ों से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। तेज पैदल चलना एसिड एसिड को शीध्र नियत्रंण करने में सक्षम पाया गया है।12. बाहर का खाना पूर्ण रूप से बन्द कर दें। घर पर बना सात्विक ताजा भोजन खायें। खाने में ताजे फल, हरी सब्जियां, सलाद, फाइबर युक्त संतुलित पौष्टिक आहर लें।13. रोज योगा , आसान , व्यायाम करें। योग आसान व्यायाय यूरिक एसिड को घटाने में मद्दगार है। साथ में योगा-आसान-व्यायाम करनेधन्यवाद।

शरीर में यूरिक एसिड क्यों बढ़ता हैं? , आज कल के खराब के खराब जीवनशैली के कारण शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना एक गंभीर बीमारी को न्योता देना है आपके शरीर में प्यूरिन नामक पदार्थ के टूटने के कारण होता है । और यह खून के माध्यम से हमारी किडनी तक पहुंच जाता है। अमूमन यूरिक एसिड यूरीन के माध्यम से बाहर निकल जाता है। लेकिन कई बार यह हमारे शरीर के अंदर ही स्टोर हो जाता है। इसके कारण में शरीर में यूरिक एसिड का इजाफा होने लगता है। यदि समय रहते ही यूरिक एसिड का इलाज ना किया जाए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। तो आइए जनते है वे कौन-कौन से कारण है। [1] शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण : 1.शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण 2.एड़ियों में दर्द की समस्या 3.गाठ में सूजन की समस्या 4.ज्यादा देर तक बैठने या फिर चलने पर एड़ियों असहनीय होना 5.शरीर में शुगर के स्तर का बढ़ना 6. चलने में तकलीफ होना 7.घुटने में तेज दर्द की समस्या होना 8.पैरों के अंगूठे में तेजी से खुजली होना। एप्पल साइडर विनेगर का नियमित रूप से सेवन करें यदि आप नियमित रूप से खाली पेट एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करते हैं तो इससे आपकी यूर

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे ,, अगर हम रोजाना 1 टमाटर खाना शुरू कर दें तो हमारे शरीर में क्या बदलाव आएगा? By Vnita kasnia Punjab अगर हम रोजाना 1 टमाटर खाना शुरू कर दें तो हमारे शरीर में बदलाव आएगा जो इस प्रकार है:-1. दांतों एवं हड्डियों की कमजोरी दूर होगी।2. रक्त की वृद्धि होगी।3. कब्ज दूर होगी।4. पाचन शक्ति ठीक होगी।5. स्मरण शक्ति बढ़ेगी।6. चेहरा टमाटर की तरह लाल हो जाएगा।7. मोटापा नहीं बढ़ेगा।8. चर्म रोगों से बचाव होगा।9. रोजाना खाली पेट टमाटर खाने से आपका बढ़ा हुआ भार धीरे-धीरे कम होने लगेगा।10. जीभ का मैलापन दूर होगा।11. थकावट-कमजोरी दूर होकर, चेहरे पर रौनक आएगी।12. कच्चा टमाटर खाने से त्वचा की खुश्की दूर होगी।13. टमाटर खाते रहने से अल्प दृष्टि (Night Blindness) नहीं होगी।14. रोजाना टमाटर का सेवन करने वालों को मधुमेह रोग कभी नहीं होगा क्योंकि टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा को कम करती रहती है।

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे  ,, अगर हम रोजाना 1 टमाटर खाना शुरू कर दें तो हमारे शरीर में क्या बदलाव आएगा? By Vnita kasnia Punjab अगर हम रोजाना 1 टमाटर खाना शुरू कर दें तो हमारे शरीर में बदलाव आएगा जो इस प्रकार है:- 1. दांतों एवं हड्डियों की कमजोरी दूर होगी। 2. रक्त की वृद्धि होगी। 3. कब्ज दूर होगी। 4. पाचन शक्ति ठीक होगी। 5. स्मरण शक्ति बढ़ेगी। 6. चेहरा टमाटर की तरह लाल हो जाएगा। 7. मोटापा नहीं बढ़ेगा। 8. चर्म रोगों से बचाव होगा। 9. रोजाना खाली पेट टमाटर खाने से आपका बढ़ा हुआ भार धीरे-धीरे कम होने लगेगा। 10. जीभ का मैलापन दूर होगा। 11. थकावट-कमजोरी दूर होकर, चेहरे पर रौनक आएगी। 12. कच्चा टमाटर खाने से त्वचा की खुश्की दूर होगी। 13. टमाटर खाते रहने से अल्प दृष्टि (Night Blindness) नहीं होगी। 14. रोजाना टमाटर का सेवन करने वालों को मधुमेह रोग कभी नहीं होगा क्योंकि टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा को कम करती रहती है।

,,आप पारद शिवलिंग में पारे के ठोस अवस्था में रूपांतरण की व्याख्या कैसे करेंगे? By वनिता कासनियां पंजाब पारद शिवलिंग को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। ताम्र को माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है। इन दोनों के समन्वय से शिव और शक्ति का सशक्त रूप उभर कर सामने आ जाता है।सभी शिवलिंगों में पारद के शिवलिंग का स्थान सबसे ऊपर है इसका कारण है इसकी पूजन करने के लाभपारद शिवलिंग की महिमा अलग है। ठोस पारद के साथ ताम्र को जब उच्च तापमान पर गर्म करते हैं तो ताम्र का रंग स्वर्णमयी हो जाता है। इसीलिए ऐसे शिवलिंग को "सुवर्ण रसलिंग" भी कहते हैं। पारद शिव लिंग की महिमा का वर्णन रूद्र संहिता, पारद संहिता, रसमार्तंड ग्रन्थ, ब्रह्म पुराण, शिव पुराण आदि में मिलता है। योग शिखोपनिषद ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे "महालिंग" की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली है ।पारा को धातुओं में सर्वोत्तम माना गया है। यह अपनी चमत्कारिक और हीलिंग प्रापर्टीज के लिए वैज्ञानिक तौर पर भी मशहूर है। पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है।अगर आप अध्यात्म पथ पर आगे बढऩा चाहते हों, योग और ध्यान में आपका मन लगता हो और मोक्ष के प्राप्ति की इच्छा हो तो आपको पारे से बने शिवलिंग की पूजा एवं उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है।यदि आपको जीवन में कष्टों से मुक्ति नहीं मिल रही हो, लोग आपसे विश्वासघात कर देते हों तो पारद के शिवलिंग को यथाविधि शिव परिवार के साथ पूजन करें। ऐसा करने से आपकी समस्त कष्ट दूर हो जायेगे।संकटों से मुक्ति के लिए किसी भी माह में प्रदोष के दिन पारद के शिवलिंग की षोडशोपचार पूजा करके शिव महिमा मन्त्र से अभिषेक करें। फिर हर दिन पूजन करते रहें, कुछ ही समय में आर्थिक स्थिति ठीक होने लगती है। कर्ज मुक्ति होती है।अगर आपके घर या व्यापार स्थल पर अशांति, क्लेश आदि बना रहता हो। तो पारद के शिवलिंग की पूजा करे।आप को नींद ठीक से नहीं आती हो, घर के सदस्यों में टकराव और वैचारिक मतभेद बना रहता हो तो आपको पारद निर्मित एक कटोरी में जल डाल कर घर के मध्य भाग में रखना चाहिए। उस जल को रोज़ बाहर किसी गमले में डाल देना चाहिए। ऐसा करने से धीरे-धीरे घर में सदस्यों के बीच में प्रेम बढऩा शुरू हो जाएगा और मानसिक शान्ति की अनुभूति भी होगी। मेरे घर मे जो जल पारद के शिवलिंग पर चढ़ता है, वही गमले मे डाल दिया जाता है।पारद शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन करने से समस्त दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इसका यथाविधि पूजन करने से मानसिक, शारीरिक, तामसिक या अन्य कई विकृतियां स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।पारद के शिवलिंग के दर्शन मात्र से आपकी सभी इच्छा पूरी हो जाती हैं। इनकी पूजा करने से स्वास्थ्य और धन-यश की इच्छा पूर्ण होती है।जो भी भक्त पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं, उनकी रक्षा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं।इस शिवलिंग के स्पर्श मात्र से दैवीय शक्तियां व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाती हैं।आत्मविश्वास की कमी है तो करे पारद के शिवलिंग की पूजा। जो लोग अपनी बात सार्वजनिक रूप से खुलकर नही रख पाते है।लोग आपको दब्बू की संज्ञा देते हैं तो आपको नियमित रूप से पारद शिवलिंग की पूजा करना चाहिए। इससे मस्तिष्क को उर्वरता प्राप्त होती है। वाक सिद्धि प्राप्त होती है। हजारों लोगों को अपनी वाणी से सम्मोहित करने की क्षमता आ जाती है।पारद शिवलिंग की पूजा करने से धन से संबंधित, परिवार से संबंधित, स्वास्थ्य से संबंधित और आपके जीवन से जुड़ी हुई हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्या का अंत होता है।यह शिवलिंग घर की बुरी शक्तियों को दूर करती है |किसी भी तरह का जादू टोना घर के सदस्यों पर होने से रोकता है |परिवार के सदस्यों को असीम शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है |यह घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष को दूर करता हैअगर घर का कोई सदस्य बीमार हो जाए तो उसे पारद शिवलिंग पर अभिषेक किया हुआ पानी पिलाने से वह ठीक होने लगता है।यदि किसी को पितृ दोष हो तो उसे प्रतिदिन पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इससे पितृ दोष समाप्त हो जाता है।य़दि बहुत प्रचण्ड तान्त्रिक प्रयोग या अकाल मृत्यु या वाहन दुर्घटना योग हो तो ऐसा शुद्ध पारद शिवलिंग उसे अपने ऊपर ले लेता है | ऐसी स्थिति में यह अपने आप टूट जाता है, और साधक की रक्षा करता है |ऐसे करे पारद के शिवलिंग की पूजासर्वप्रथम शिवलिंग को सफेद कपड़े पर आसन पर रखें।स्वयं पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुँह करके बैठ जाए।अपने आसपास जल, गंगाजल, रोली, मोली, चावल, दूध और हल्दी, चन्दन रख लें।सबसे पहले पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जला कर रखो।थोडा सा जल हाथ में लेकर तीन बार निम्न मन्त्र का उच्चारण करके पी लें।प्रथम बार ॐ मुत्युभजाय नम:दूसरी बार ॐ नीलकण्ठाय: नम:तीसरी बार ॐ रूद्राय नम:चौथी बार ॐशिवाय नम:हाथ में फूल और चावल लेकर शिवजी का ध्यान करें और मन में ''ॐ नम: शिवाय`` का 5 बार स्मरण करें और चावल और फूल को शिवलिंग पर चढ़ा दें।इसके बाद ॐ नम: शिवाय का निरन्तर उच्चारण करते रहे।फिर हाथ में चावल और पुष्प लेकर ''ॐ पार्वत्यै नम:`` मंत्र का उच्चारण कर माता पार्वती का ध्यान कर चावल पारा शिवलिंग पर चढ़ा दें।इसके बाद ॐ नम: शिवाय का निरन्तर उच्चारण करें।फिर मोली को और इसके बाद बनेऊ को पारद शिवलिंग पर चढ़ा दें।इसके पश्चात हल्दी और चन्दन का तिलक लगा दे।चावल अर्पण करे इसके बाद पुष्प चढ़ा दें।मीठे का भोग लगा दे।भांग, धतूरा और बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ा दें।फिर अन्तिम में शिव की आरती करे और प्रसाद आदि ले लो।जो व्यक्ति इस प्रकार से पारद शिवलिंग का पूजन करता है इसे शिव की कृपा से सुख समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है।मेरे घर के पारद के शिवलिंगमेरे घर के पूजा घर के दो जगहों पर दो पारद के शिवलिंग थे । एक पूजा घर से चोरी हो गया या ग़ायब हो गया नही पता चला।उस शिवलिंग का पता नही चला उसकी मैं पूजा और ध्यान किया करता था। मुझे काफी लाभ मिला था । उस शिवलिंग पर मुझे बहुत श्रद्धा थी। चोरी हो गया अफसोस है , शायद मुझसे ज्यादा उसको जरूरत होगी ।ये पारद शिवलिंग है मेरे घर के पूजा घर मे है ।पारद का शिवलिंग बहुत कम देखने को मिलता है , पारद का शिवलिंग बनाने की एक विधि होती है । मेरे गुरुजी के शिष्य ने ये विद्या गुरुजी से सीखी थी , उन्होंने बना कर दो हम लोगो को दिया था , एक छोटा था , एक बड़ा था । उस शिष्य ने जब इस विद्या का धंधा शुरू कर दिया तो गुरुजी ने उसे आश्रम से निकाल दिया तब से आज तक उससे मुलाकात नही हो पाई।पारद के शिवलिंग का महत्वप्राचीन ग्रंथों में पारद को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता आदि महत्वपूर्ण ग्रन्थों में भी मिलता है। शिवपुराण में पारद को शिव का वीर्य कहा गया है। वीर्य बीज है, जो संपूर्ण जीवों की उत्पत्ति का कारक है। इसी के माध्यम से भौतिक सृष्टि का विस्तार होता है। पारे को प्राकृतिक रूप से प्रबल ऊर्जा प्रदान करने वाला रासायनिक तत्व कहा गया है। पारे से बने शिवलिंग को समस्त प्रकार की वस्तुओं से बने शिवलिंगों में सर्वश्रेष्ठ कहा गया है और इसकी पूजा सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाली कही गई है। ग्रंथों में शिव लिंग को ब्रम्हांड का प्रतीक माना गया है। जानकारों के अनुसार रुद्र संहिता में शिव लिंगों के भी प्रकार बताए गए हैं, जो सृष्टि में व्याप्त अलग-अलग ब्रम्हांडों के प्रतीक माने जाते हैं। वैदिक ग्रंथों में पारे को संसार के समस्त राग, द्वेष, विकार का विनाशक माना गया है। जो लोग अध्यात्म की राह पर चलना चाहते हैं, उनके लिए पारद शिवलिंग की पूजा अवश्य करना चाहिए। समस्त प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी पारद शिवलिंग की पूजा की जाती है। शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख है कि पारे के शिव लिंग को यदि निश्चित आकार में घर पर रखा जाए तो सारे वास्तुदोष्ज्ञ स्वत: समाप्त हो जाते हैं। इस शिवलिंग को पूरे शिव परिवार के साथ रखा जाना चाहिए। पूजन विधि में, समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति में पारद से बने शिवलिंग एवं अन्य आकृतियों का विशेष महत्व होता है।सरल नही है पारद का शिवलिंग बनानापारद शिव लिंग का निर्माण क्रमशः तीन मुख्य धातुओ के रासायनिक संयोग से होता है. “अथर्वन महाभाष्य में लिखा है क़ि-“द्रत्यान्शु परिपाकेनलाब्धो यत त्रीतियाँशतः. पारदम तत्द्वाविन्शत कज्जलमभिमज्जयेत. उत्प्लावितम जरायोगम क्वाथाना दृष्टोचक्षुषः तदेव पारदम शिवलिंगम पूजार्थं प्रति गृह्यताम।इस प्रकार कम से कम सत्तर प्रतिशत पारा, सोना, चाँदी,ताबा, पंद्रह प्रतिशत मणि फेन या मेगनीसियम तथा दस प्रतिशत कज्जल या कार्बन तथा पांच प्रतिशत अंगमेवा या पोटैसियम कार्बोनेट होना चाहिए। इन सब को मिलाकर ठोस रूप दिया जाता है।पारद का शोधन अत्यंत कठिन कार्य होता है। इसको शोधित करने जैसी कठिन एवं जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, तब जाकर पारा ठोस आकार ग्रहण करता है पारद शिवलिंग बनाने की एक विद्या होती है जिसको सीखना पड़ता है । इसे ठोस बनाने के लिए वैदिक क्रियाओं सहित चौसठ दिव्य औषधियों का मिश्रण करना पड़ता है। निर्माण के बाद उसे मांत्रिक क्रियाओं के जरिए रससिद्ध एवं चैतन्य किया जाता है, तब जाकर पारद शिवलिंग पूर्ण सक्षम एवं प्रभावयुक्त बनता है तो उसकी पूजा होती है। असली पारद शिवलिंग का निर्माण एक विशेष समय अवधि में ही होता है | इस विशेष समय को विजयकाल के नाम से जाना जाता है | बाजार में दिखावे के भी पारद शिवलिंग भी मिलते है जो ठग विद्या के लिए बने है | इन्हे खरीदने से पहले इनकी अच्छे से जांच कर लेनी चाहिएकहाँ होता है निर्माणभोपाल से 142 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे बने बापौली-मांगरोल आश्रम में इन दिनों पारद शिवलिंग बनाए जा रहे हैं। 8 महीने में 64 जड़ी-बूटियों के साथ सोना-चांदी-ताबा मिलाकर इन्हें तैयार किया जा रहा है। इनकी कीमत 11000 रुपए से शुरू होकर 1 करोड़ तक होती है। यहाँ साल भर में 30 से 35 पारद शिवलिंग बनते है। रायसेन जिले के बरेली तहसील में नर्मदा किनारे मांगरौल आश्रम बना है। यहां बरसों से पारद शिवलिंग बनाया जाता है। देश के कई हिस्सों से लोग साल भर यहां शिवलिंग बनवाने आते हैं। ये काम पूरे साल चलता रहता है। सावन सोमवार और महाशिवरात्रि आने पर इनकी मांग बढ़ जाती है। पारद शिवलिंग को बनाना बेहद मुश्किल काम है। बिना किसी मशीनी मदद से पारे को साफ करने के लिए 8 संस्कार किए जाते हैं। अष्ट संस्कार में 6 महीने लग जाते हैं। 2 महीने 15 दिन से लगते हैं बाकी क्रियाओं में और इसके बाद पारद शिवलिंग बन कर तैयार होता है बाद सभी 64 औषधियां मिलाकर पारद को ठोस बनाया जाता है। कपारद का प्रभाव बढ़ाने के लिए सोना-चांदी भी मिलाया जाता है।स्रोत इमेज गूगल/ मेरा फोनस्रोत लिंकसमस्त सुखों की प्राप्ति के लिए कीजिए पारद शिवलिंग की पूजापारद शिवलिंग का महत्व महिमा और इसे पूजने से होने वाले लाभघर में रखें पारद शिवलिंग, जानें इनकी पूजा के कितने हैं फायदेपारद शिवलिंगपारद शिवलिंग

,, आप पारद शिवलिंग में पारे के ठोस अवस्था में रूपांतरण की व्याख्या कैसे करेंगे? By वनिता कासनियां पंजाब पारद शिवलिंग को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। ताम्र को माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है। इन दोनों के समन्वय से शिव और शक्ति का सशक्त रूप उभर कर सामने आ जाता है। सभी शिवलिंगों में पारद के शिवलिंग का स्थान सबसे ऊपर है इसका कारण है इसकी पूजन करने के लाभ पारद शिवलिंग की महिमा अलग है। ठोस पारद के साथ ताम्र को जब उच्च तापमान पर गर्म करते हैं तो ताम्र का रंग स्वर्णमयी हो जाता है। इसीलिए ऐसे शिवलिंग को "सुवर्ण रसलिंग" भी कहते हैं। पारद शिव लिंग की महिमा का वर्णन रूद्र संहिता, पारद संहिता, रसमार्तंड ग्रन्थ, ब्रह्म पुराण, शिव पुराण आदि में मिलता है। योग शिखोपनिषद ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे "महालिंग" की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली है । पारा को धातुओं में सर्वोत्तम माना गया है। यह अपनी चमत्कारिक और हीलिंग प्रापर्टीज क

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे Best Chai Recipe In Hindi: इस तरह बनाएंगे तो हर बार बनेगी परफेक्‍ट चाय, कभी नहीं बिगड़ेगा स्‍वाद, जाने तरीका! Best chai recipe in hindi: If you make this way, then you will make perfect tea every time, the taste will never deteriorate, know the way! By Vnita kasnia Punjab Best chai recipe in hindiBest chai recipe in hindi: भारत में चाय लाइफस्टाइल का ज़रूरी हिस्सा बन चुकी है। सुबह, दोपहर हो या शाम चाय पीने के लिए बस बहाना चाहिए। युवा, बच्‍चे, बजुर्ग हो या महिला सभी को चाय बेहद पसंद है, यहां तक की दिन की शुरूआत में यदि चाय ना मिले या खराब स्‍वाद की चाय मिल जाए तो पूरा दिन खराब हो जाता है। तो आईए जानते है कि कैसे एक बेहतरीन स्‍वाद वाली परफेक्‍ट चाय बनती है। बताते है चाय बनाने का सही तरीका!चाय बनाते वक्त होती हैं ये गलतियांचाय बनाते वक्त कई लोग गलतियां करते हैं, जिससे न सिर्फ चाय का स्वाद बिगड़ता है बल्कि चीज़ें भी वेस्ट होती हैं। जैसे चाय बनाते वक्त पत्ती सबसे पहले डाल देना, इससे चाय ज़्यादा कड़वी हो सकती है या फिर पत्ती कम पड़ सकती है। चाय में पत्ती की मात्रा सही होनी चाहिए। कई लोग चाय की पत्ती सबसे आखिर में डालते हैं और उसे सही तरीके से पकाते नहीं हैं। जिससे भी चाय का स्वाद अच्छा नहीं लगता। चाय को सही तरीके से उबालना ज़रूरी है, जिससे न सिर्फ स्वाद बल्कि चाय की खूशबू भी आती है।चाय बनाने का सही तरीका क्या है?,

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे Best Chai Recipe In Hindi: इस तरह बनाएंगे तो हर बार बनेगी परफेक्‍ट चाय कभी नहीं बिगड़ेगा स्‍वाद जाने तरीका! , Best chai recipe in hindi: If you make this way, then you will make perfect tea every time, the taste will never deteriorate, know the way! By Vnita kasnia Punjab Best chai recipe in hindi: भारत में चाय लाइफस्टाइल का ज़रूरी हिस्सा बन चुकी है। सुबह, दोपहर हो या शाम चाय पीने के लिए बस बहाना चाहिए। युवा, बच्‍चे, बजुर्ग हो या महिला सभी को चाय बेहद पसंद है, यहां तक की दिन की शुरूआत में यदि चाय ना मिले या खराब स्‍वाद की चाय मिल जाए तो पूरा दिन खराब हो जाता है। तो आईए जानते है कि कैसे एक बेहतरीन स्‍वाद वाली परफेक्‍ट चाय बनती है। बताते है चाय बनाने का सही तरीका! चाय बनाते वक्त होती हैं ये गलतियां , , चाय बनाते वक्त कई लोग गलतियां करते हैं, जिससे न सिर्फ चाय का स्वाद बिगड़ता है बल्कि चीज़ें भी वेस्ट होती हैं। जैसे चाय बनाते वक्त पत्ती सबसे पहले डाल देना, इससे चाय ज़्यादा कड़वी हो सकती है या फिर पत्ती कम पड़ सकती है। चाय में पत्ती की मात्रा सही होनी चाहिए। कई लोग च

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खेक्या देर तक सोने वाले लोगों की किस्मत भी देर से जागती है? By वनिता कासनियां पंजाब केशर आम। शानदार रंग और स्वाद के तो क्या कहने? आकार भी अच्छा और गुठली भी छोटी सी। एक बार खा ले तो स्वाद ज़बान से उतर ना पाए। 200 से 400 के बीच भाव मे आपको शानदार केशर आम मिल जाएगा।हापुस आम। आकार मे छोटा। हाथ मे आने तक स्वाद उतर जाता है और ग़ज़ब का महँगा। पतला छिलका होने से जल्दी खराब हो जाने वाली किस्म। ना बेचवाल को मुनाफा देती है और ना खरीदार को खुशी। बस ब्रांडिंग बहुत ज्यादा होने की वज़ह से मंडियों मे आम का राजा कहलाता है।1000 रुपये दर्जन दे कर भी आप की किस्मत साथ हो तो ही आम का आनंद मिल पाएगा।फिर भी हापुस आम के इतने चर्चे क्यों है क्या आप जानते है?आम के सीजन मे सबसे पहले जागता है हापुस आम। जनवरी के आखिर मे, जब कोई फल मार्केट मे नही होता तब राजा जी की सवारी निकलती है। लोगों के मुँह मे पानी भर देता है आम का ये राजा। मुंबई के बाजार मे इसकी बोली लगती है तो 4000 से 5000 रुपये प्रति दर्जन के दरों से इसकी पहली पेटी बिकती है।केशर भाई का अपना अलग दमखम है। जब बाजार तरह तरह के देशी आमों से भर जाता है तब इन नवाब साहब की नींद खुलती है। मई के पहले हफ्ते मे केशर आम की आमद होती है तब तक दूसरे आमों से सारा मार्केट भरा प़डा होता है। तब इनको भाव ही ना मिले।तो यदि नवाब साहब जल्दी उठते और समय पर पहुंच जाते तो केशर आम की पूछ हापुस से कुछ ज्यादा ही होती।तो आप के अंदर प्रतिभा कूट कूट के भरी हो और आप सिर्फ अपने आलसी पन के वज़ह से रेस मे देर से पहुंच रहे हो तो कौन क्या करे?देर से उठने वालों की किस्मत देर से ही जगती है जनाब।

स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे क्या देर तक सोने वाले लोगों की किस्मत भी देर से जागती है? By वनिता कासनियां पंजाब केशर आम। शानदार रंग और स्वाद के तो क्या कहने? आकार भी अच्छा और गुठली भी छोटी सी। एक बार खा ले तो स्वाद ज़बान से उतर ना पाए। 200 से 400 के बीच भाव मे आपको शानदार केशर आम मिल जाएगा। हापुस आम। आकार मे छोटा। हाथ मे आने तक स्वाद उतर जाता है और ग़ज़ब का महँगा। पतला छिलका होने से जल्दी खराब हो जाने वाली किस्म। ना बेचवाल को मुनाफा देती है और ना खरीदार को खुशी। बस ब्रांडिंग बहुत ज्यादा होने की वज़ह से मंडियों मे आम का राजा कहलाता है।1000 रुपये दर्जन दे कर भी आप की किस्मत साथ हो तो ही आम का आनंद मिल पाएगा। फिर भी हापुस आम के इतने चर्चे क्यों है क्या आप जानते है? आम के सीजन मे सबसे पहले जागता है हापुस आम। जनवरी के आखिर मे, जब कोई फल मार्केट मे नही होता तब राजा जी की सवारी निकलती है। लोगों के मुँह मे पानी भर देता है आम का ये राजा। मुंबई के बाजार मे इसकी बोली लगती है तो 4000 से 5000 रुपये प्रति दर्जन के दरों से इसकी पहली पेटी बिकती है। केशर भाई का अपना अलग दमखम है। जब बाजार तरह तरह के देशी आमों