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आँतों में जमा सारा कचरा एक ही रात में कैसे दूर कर सकते हैं स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे ?

आँतों में जमा सारा कचरा एक ही रात में कैसे दूर कर सकते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब आँतों में जमा कचरा साफ़ करने का राम बाण इलाज है त्रिफला. आप 3 दिन रात को सोते समय गुनगुने पानी से त्रिफला का सेवन कीजिए और देखिए कैसे चमत्कारी ढंग से आपकी आँतों साफ़ हो जाएँगी पेट का भारीपन, खट्टे डकार, गैस, बदहजमी से आपको छुटकारा मिल जायेगा. त्रिफला में बराबर मात्रा में आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी होता है

गिलोय के फायदे By वनिता कासनियां पंजाब ?स् वास्थ्य घरेलू नुस्खेगिलोय के सामान्य नाम - टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया, हार्ट-लीव्ड मूनसीड, गुडूची और गिलोयगिलोय का पोषक तत्व है Vnita गिलोय एक kandaur चमत kasa है, जो सभी सभी rurह के के की की की की की समस्या से छुटकारा पाने के लिए किस तरह की समस्या से छुटकारा मिलेगा। यह एक औषधि के रूप में जड़ी-बूटी है। आयुर्वेदिक द्रष्टिकोण से रोग दूर करने में सबसे उत्तम औषधि है। यह बेहतर करने के लिए अच्छा है। यह भी जिस तरह से शानदार है, वह यह है। .आयुगेल्लोय में । रक्त कीटाणुओं से दूषित होता है और रक्त को शुद्ध करता है। वैश्विक रूप से विकसित होने के कारण यह प्रबल होने में सक्षम है।ज्वरनास गलोयगिलोय कोवर भी कहा जाता है। किसी भी प्रकार से विशिष्ट होने के साथ ही वह किसी भी प्रकार से मिलने के लिए विशिष्ट होगा। डॉ ड डग की संशमनी वटी (गिलोय घनवटी) डॉ. संशमनी वटी डॉक्टर की डॉक्टर की सेहत अच्छी होती है।प्रारूप में तैयारजेमिंग को रोग की बीमारी है, जैसे ही वे बीमार हों। यह वरदान के लिए है। इस तरह के हिसाब से संतुलित होने के लिए (एक बलिस्त) गलित के साथ मिलकर वैलेट के लिए एक गुणी के साथ मिलकर काम करेगा। खराब होने की स्थिति में है।आंखों की रोशनी बढ़ानारोग की स्थिति खराब हो जाती है, जैसे रोग की स्थिति में रोग की स्थिति खराब हो जाती है। गीलोय एक शामक औषधि, ठीक से ठीक करने के लिए शरीर में होने वाली विशेषता वात, पित्त से होने वाली क्रिया को ठीक करता है।बाहुबलीयह ठीक ठीक है। हमारे शरीर के स्वस्थ होने के लिए, यह स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। गिलोय शरीर में पौधों की गिनती करता है।दूर करेमोटापा️ मोटापा️ मोटापा️ मोटापा️ मोटापा️️️️️️️️️️️️️️️️️️ यह एक रोग में एक रोग के लक्षण से संबंधित होता है। ‌मौसम-खाँस दूर भगाएकिसी व्यक्ति को रोग-खास-जुकाम करने की समस्या हो तो उसे संक्रमित होने के लक्षण दिखाई देते हैं। दूल्हे गमलोय का रस खाने से त्वचा को एलर्जी होती है। इस उपाय को आज तक, जब तक पूरी तरह से ठीक न हो।ध्यान देंगिलोय के निपटाने की जांच होनी चाहिए। घनत्व का उपयोग करना चाहिए। अधिक मात्रा में गीलोय का न करें, अन्यथा .गिलोय के शीर्ष 10 उपयोगगिलोय का उपयोग कई दवाओं के निर्माण में किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-आर्थराइटिस, एंटी-एलर्जी, एंटी-मलेरिया, एंटी-डायबिटिक और एंटी-नपुंसकता जैसे कई स्वास्थ्य लाभ हैं। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में, इसे एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है।इसका उपयोग सभी प्रकार के बुखार, विशेष रूप से पुराने बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है।गिलोय का काढ़ा खाली पेट घी के साथ लेने से रोजाना सुबह उठकर सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।गिलोय का प्रयोग स्खलन के समय में देरी करता है और इस प्रकार यह कामोत्तेजक के रूप में कार्य करता है। शीघ्रपतन के प्रबंधन के लिए गिलोय सबसे अच्छे उपचारों में से एक है।यह स्तनपान कराने वाली माताओं को दिया जाता है, जिन्हें दूध की कमी का सामना करना पड़ रहा है।इसका उपयोग कायाकल्प के रूप में किया जाता है, विशेष रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में।यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों जैसे अपच, एसिड अपच, गैस्ट्राइटिस आदि के लिए काफी प्रभावी है।इसे भारतीय कुनैन के रूप में जाना जाता है और व्यापक रूप से संक्रामक हेपेटाइटिस, स्पलीनोमेगाली और सिफलिस के अंतिम चरण में उपयोग किया जाता है।शराबी लोगों को गिलोय का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए क्योंकि यह लीवर के ऊतकों को सक्रिय करने में मदद करता है और इस प्रकार लीवर, किडनी और हृदय की सुरक्षा करता है।टीनोस्पोरा एक शक्तिशाली मध्य रसायन होने के कारण, समझने की शक्ति के साथ-साथ याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है।गिलोय प्रतिरक्षा को उत्तेजित करता है और पूरे शरीर में एंटीबॉडी-उत्पादक कोशिकाओं और परिसंचारी एंटीबॉडी को बढ़ाता है।

गिलोय के फायदे By वनिता कासनियां पंजाब ? स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे गिलोय के सामान्य नाम - टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया, हार्ट-लीव्ड मूनसीड, गुडूची और गिलोय गिलोय का पोषक तत्व है Vnita गिलोय एक kandaur चमत kasa है, जो सभी सभी rurह के के की की की की की  समस्या से छुटकारा पाने के लिए किस तरह की समस्या से छुटकारा मिलेगा।  यह एक औषधि के रूप में जड़ी-बूटी है।  आयुर्वेदिक द्रष्टिकोण से रोग दूर करने में सबसे उत्तम औषधि है।  यह बेहतर करने के लिए अच्छा है।  यह भी जिस तरह से शानदार है,  वह यह है। . आयु गेल्लोय में । रक्त कीटाणुओं से दूषित होता है और रक्त को शुद्ध करता है। वैश्विक रूप से विकसित होने के कारण यह प्रबल होने में सक्षम है। ज्वरनास गलोय गिलोय कोवर भी कहा जाता है। किसी भी प्रकार से विशिष्ट होने के साथ ही वह किसी भी प्रकार से मिलने के लिए विशिष्ट होगा। डॉ ड डग की संशमनी वटी (गिलोय घनवटी) डॉ. संशमनी वटी डॉक्टर की डॉक्टर की सेहत अच्छी होती है। प्रारूप में तैयार जेमिंग को रोग की बीमारी है, जैसे ही वे बीमार हों। यह वरदान के लिए है। इस तरह के हिसाब से संतुलित होने के लिए (एक बलिस्त) गलित क

गर्म पानी के साथ गुड़ खाने से कौन सी खतरनाक बीमारियां दूर होती हैं? (By वनिता कासनियां पंजाब ?) गर्म पानी के साथ गुड़ खाने से यह 5 बीमारियां ठीक हो जाति हैं।एनीमिया की बीमारीजैसे कि हमे पता है कि गुड़ में आयरन की मात्रा भरपूर होती हैं तो ऐसे में जो शरीर में नए ब्लड सेल्स का निर्माण करती हैं। साथ ही इससे शरीर में खून की कमी भी नहीं होती हैं और एनीमिया की बीमारी दूर हो जाती हैं।तनाव और डिप्रेशनयदि कोई व्यक्ति में तनाव और डिप्रेशन की समस्या हैं तो उन्हें गर्म पानी के साथ गुड़ का सेवन करना चाहिए। इससे ब्रेन सेल्स मजबूत हो जाते हैं और डिप्रेशन से छुटकारा भी मिल जाता हैं।डिमेंशिया की बीमारीशायद आपको पता ना हो तो बतादें की डिमेंशिया एक मानसिक बीमारी हैं। जिसमे इंसान की याददाश्त कमजोर हो जाती हैं। बतादें की ऐसी खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाने में लिए गर्म पानी के साथ गुड़ का सेवन करना सबसे लाभकारी साबित होता हैं।दिल की बीमारीआपको बतादें की गर्म पानी के साथ गुड़ का सेवन करने पर दिल की कार्य प्रणाली काफी ज्यादा अच्छी रहती हैं। इससे दिल संबंधित सारी बीमारी कम हो जाती हैं।इमेज स्त्रोत: google

गर्म पानी के साथ गुड़ खाने से कौन सी खतरनाक बीमारियां दूर होती हैं? (By वनिता कासनियां पंजाब ?) गर्म पानी के साथ गुड़ खाने से यह 5 बीमारियां ठीक हो जाति हैं। एनीमिया की बीमारी जैसे कि हमे पता है कि गुड़ में आयरन की मात्रा भरपूर होती हैं तो ऐसे में जो शरीर में नए ब्लड सेल्स का निर्माण करती हैं। साथ ही इससे शरीर में खून की कमी भी नहीं होती हैं और एनीमिया की बीमारी दूर हो जाती हैं। तनाव और डिप्रेशन यदि कोई व्यक्ति में तनाव और डिप्रेशन की समस्या हैं तो उन्हें गर्म पानी के साथ गुड़ का सेवन करना चाहिए। इससे ब्रेन सेल्स मजबूत हो जाते हैं और डिप्रेशन से छुटकारा भी मिल जाता हैं। डिमेंशिया की बीमारी शायद आपको पता ना हो तो बतादें की डिमेंशिया एक मानसिक बीमारी हैं। जिसमे इंसान की याददाश्त कमजोर हो जाती हैं। बतादें की ऐसी खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाने में लिए गर्म पानी के साथ गुड़ का सेवन करना सबसे लाभकारी साबित होता हैं। दिल की बीमारी आपको बतादें की गर्म पानी के साथ गुड़ का सेवन करने पर दिल की कार्य प्रणाली काफी ज्यादा अच्छी रहती हैं। इससे दिल संबंधित सारी बीमारी कम हो जाती हैं। इमेज स्त्रोत: google

गेंदा एक बहुत मशहूर फूल वाला पौधा है। इसे संस्कृत में झंडू और यूनानी में हमहमा/गुल-हजारा/सदबर्ग कहते हैं। By वनिता कासनियां पंजाब ? आयुर्वेद में यह तिक्त, कटु और काषय रस से युक्त गुणकारी औषधि के रुप में वर्णित है। यह रक्तसंग्राहक है और सूजन को दूर करता है। तथा ज्वर और मिर्गी रोग में लाभदायक है इसके पंचांग/पञ्चांग (जड़ी बूटियों के सम्बंध में पञ्चांग अर्थात पांच अंग से आशय फूल, पत्ती, तना, जड़ और बीज से होता है) का रस संधियों की सूजन और चोट तथा मोच के ऊपर लगाने से लाभ मिलता है।यूनानी चिकित्सा के मत के अनुसार यह ऊष्ण और खुश्क है। इसके पत्तों का रस कान में डालने पर कान का दर्द बंद होने का हो जाता है। इसको स्तन पर लगाने से की स्तन की सूजन बिखर जाती है। दाद के ऊपर इसके पत्तों का रस लगातार लगाते रहने से दाद नष्ट हो जाता है। इसके पत्तों के काढ़े से कुल्ला करने पर दातों का दर्द फौरन दूर होता है। इसके फूल के बीज की गुंडी का चूर्ण करके शक्कर और दही के साथ देने पर दमा और खांसी में लाभ मिलता है।गेंदे के पत्तों का अर्क के सेवन से खूनी बवासीर में त्वरित लाभ मिलता है और रुका हुआ पेशाब खुल जाता है।विशेष वचन इसके अधिक सेवन से मनुष्य की काम शक्ति को नुकसान पहुंचता है।श्रोत ~ वनौषधिरत्नाकर (खण्ड तीन)गेंदे के पौधे के पञ्चांग का काढ़ा/अर्क सर्दी, ब्रोंकाइटिस, गठिया के उपचार उपयोगी होता है। फूलों में रूपांतरक गुण पाया जाता है और इनके रस का प्रयोग खूनी बवासीर के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियां कषैली होती हैं और इसकी चटनी का फोड़े, मांसपेशियों के दर्द और भीतरी त्वचा की सूजन के लिए लेपन किया जाता हैं। । इसकी पत्तियों और पुष्पों की पंखुड़ियों में आर्तवजनक, मूत्रवर्धक और कृमिहर गुण पाए जाते हैं। श्रोत ~ इन्डियन मेडिसिनल प्लांट्स एन इलस्ट्रेटेड डिक्शनरीpआधुनिक शोधों के अनुसार इसकी पत्तियों में क्वैर्सेटाजेटिन नामक एक द्रव्य (फ्लेवनॉल) पाया जाता है जिसमें एंटी-डायबिटीज अथवा मधुमेहरोधी, एंटी-एचआईवी, एंटी-कैंसर, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीवायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए गए हैं।मतलब लेख लिखने के लिए शोध करते समय सोच रहा था कि शायद इसी वजह से समारोहों आदि की मंचसज्जा और सजावटों में गेंदे के फूलों का प्रयोग बहुतायत से किया जाता रहा है क्योंकि ऐसी जगहों पर हड़बड़ी और जल्दबाजी में अक्सर चोटें लग जाती हैं। फिर घरों में पूजा के लिए गेंदे का उपयोग। ऐसा लगता है जैसे चोटों के लिए "फर्स्ट एड किट" के रूप में इसे महत्व दिया गया। लेकिन समय के साथ वो लोग तो चले गए जो चोट देख कर कहते होंगे कि गेंदा की चटनी लगा लो; विज्ञान तो कहीं खो दिया आगे बढ़ने के अंधे लोभ में, बाकी बची रह गईं तो बस परम्पराएं और आडम्बर। दुखद!बस इतना ही! जल्दी मिलते हैं एक नए लेख/उत्तर के साथ। आपकी मोहब्बत हमारे लिए प्रेरणा है, इसलिए इनायत बनाए रखें।

गेंदा  एक बहुत मशहूर फूल वाला पौधा है। इसे संस्कृत में  झंडू  और यूनानी में  हमहमा/गुल-हजारा/सदबर्ग  कहते हैं।  By वनिता कासनियां पंजाब ? आयुर्वेद में यह तिक्त, कटु और काषय रस  से युक्त गुणकारी औषधि के रुप में वर्णित है। यह  रक्तसंग्राहक  है और  सूजन को दूर  करता है। तथा  ज्वर  और  मिर्गी रोग में लाभदायक  है इसके पंचांग/ पञ्चांग  (जड़ी बूटियों के सम्बंध में पञ्चांग अर्थात पांच अंग से आशय  फूल, पत्ती, तना, जड़ और बीज  से होता है) का रस  संधियों की सूजन और चोट तथा मोच के ऊपर लगाने  से लाभ मिलता है। यूनानी चिकित्सा  के मत के अनुसार यह  ऊष्ण  और  खुश्क  है। इसके पत्तों का रस कान में डालने पर  कान का दर्द  बंद होने का हो जाता है। इसको स्तन पर लगाने से की  स्तन की सूजन  बिखर जाती है। दाद के ऊपर इसके पत्तों का रस लगातार लगाते रहने से  दाद नष्ट  हो जाता है। इसके पत्तों के काढ़े से कुल्ला करने पर  दातों का दर्द  फौरन दूर होता है। इसके फूल के बीज की गुंडी का चूर्ण करके शक्कर और दही के साथ देने पर  दमा और खांसी में  लाभ मिलता है। गेंदे के पत्तों का अर्क के सेवन से  खूनी बवासीर में  त्वरित लाभ मिल