सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

#शारदीय #नवरात्रि (Navratri 2022) का पर्व आरंभ होने वाला है। और इन दिनों #मां की आराधना करने का मन भी करता है। इन दिनों जहां गरबों की धूम रहती हैं, वहीं गरबा #प्रेक्ट‍िस और #व्रत-उपवास रखने से अत्यधि‍क एनर्जी लॉस होने के साथ ही थकान भी बहुत जल्दी महसूस होती है, अत: हमें अतिरिक्त उर्जा की आवश्यकता होती है।#वनिता #कासनियां #पंजाब द्वारातो आइए हम बता रहे हैं, ऐसे ही 10 सुपर एनर्जी ड्रिंक्स, जो नवरात्रि के दिनों में आपको एनर्जी देंगे तथा थकान से बचाए रखने में मदद करेंगे-1 #नींबू शिकंजी- नींबू का #शर्बत केवल गर्मियों में ही नहीं पिया जाता, बल्कि जब भी एनर्जी की आवश्यकता महसूस हो, तब इसे लिया जा सकता है। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और घुलनशील ग्लूकोज होता है, जो शरीर में जाकर #रक्त में घुल जाता है और शरीर को हाइड्रेट कर, मिनरल्स की पूर्ति करता है।2 #बनाना शेक- #केला तुरंत उर्जा देने का काम करता है, इसलि‍ए आप बनाना शेक का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद ग्लूकोज, विटामिन, मिनरल्स, पोटेशि‍यम और फास्फोरस मिलकर आपकी थकान को मिटाकर उर्जा का स्तर बढ़ाने और बनाए रखने में मदद करते हैं।3 नींबू-शहद- हल्के गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से आप दिनभर तरोताजा और उर्जावान बने रह सकते हैं। हर दिन सुबह खालीपेट इसका प्रयोग करने से आप दिनभर थकान महसूस नहीं करते और सक्रिय बने रहते हैं।4 #ग्रीन टी- ग्रीन-टी आपको आंतरिक शक्ति प्रदान करती है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सचेत करने में मदद करती है, जिससे आप पूरे समय क्रियाशील और उर्जावान महसूस करते हैं। प्रतिदिन दिन में दो बार इसका प्रयोग शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायता करेगा।5 #एप्पल जूस- जी हां सेब का रस भी आपको भरपूर उर्जा देता है और लंबे समय तक आपको उर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। इसका प्रयोग दूध के साथ एप्पल शेक बनाकर भी कर सकते हैं।6 #गाजर का रस- #विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और कैरोटीन से भरपूर गाजर का रस आपके उर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें कैलोरी कम होती है, और पोषक तत्वों की संख्या अधिक।7 #स्ट्रॉबेरी शे‍क- तुरंत एनर्जी पाने के लिए स्ट्रॉबेरी एक बढ़ि‍या तरीका है। फाइबर और विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्ट्रॉबेरी एक हाई एनर्जी फ्रूट है, जो आपके शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ाता ही नहीं बल्कि उसे बनाए भी रखता है।8 #नारियल पानी- नारियल का पानी पीने से आपका एनर्जी लेवल एकदम से बढ़ जाएगा और ताजगी महसूस करेंगे। गर्मी के दिनों में उपवास करना सेहत के बहुत अधिक अच्छा नहीं होता है। इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए दिनभर में 1 नारियल पानी जरूर पिएं। इसे पीने से आपको #पेट में जलन भी नहीं होंगी।9 #छाछ- लगातर उपावस करना थोड़ा जोखिमभरा हो सकता है। लेकिन मां की आराधना करना भी जरूरी है। ऐसे में आप एक गिलास छाछ जरूर पिएं। इसमें आप जीरा और फरियाली नमक डाल सकते हैं। यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।10 #सौंफ का पानी- सौंफ का पानी पीने से आपके पेट की जलन भी कम हो जाएगी और यह बॉडी को हाइड्रेट रखेगा। सौंफ का पानी बनाने के लिए सौंफ को कम से कम 6 घंटे के लिए गला दें और बाद में पानी में उबालकर ठंडा करके पी सकते हैं।तो गरबा #प्रेक्टि‍स में और गरबे करते समय जब थकने का मन नहीं हो, तब इन 10 पेय पदार्थों का प्रयोग करके अपने ऊर्जा का स्तर बनाए रखिए और निरंतर थिरकते रहिए #डांडिया की धुन पर और रहे आनंदित।The festival of #Sharadiya #Navratri (Navratri 2022) is about to begin. And these days he also feels like worshiping his mother. These days, where there is a lot of Garba, there is a lot of Garba practice and fasting.

#शारदीय #नवरात्रि (Navratri 2022) का पर्व आरंभ होने वाला है। और इन दिनों #मां की आराधना करने का मन भी करता है। इन दिनों जहां गरबों की धूम रहती हैं, वहीं गरबा #प्रेक्ट‍िस और #व्रत-उपवास रखने से अत्यधि‍क एनर्जी लॉस होने के साथ ही थकान भी बहुत जल्दी महसूस होती है, अत: हमें अतिरिक्त उर्जा की आवश्यकता होती है।
#वनिता #कासनियां #पंजाब द्वारा
तो आइए हम बता रहे हैं, ऐसे ही 10 सुपर एनर्जी ड्रिंक्स, जो नवरात्रि के दिनों में आपको एनर्जी देंगे तथा थकान से बचाए रखने में मदद करेंगे-

1 #नींबू शिकंजी- नींबू का #शर्बत केवल गर्मियों में ही नहीं पिया जाता, बल्कि जब भी एनर्जी की आवश्यकता महसूस हो, तब इसे लिया जा सकता है। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और घुलनशील ग्लूकोज होता है, जो शरीर में जाकर #रक्त में घुल जाता है और शरीर को हाइड्रेट कर, मिनरल्स की पूर्ति करता है।

2 #बनाना शेक- #केला तुरंत उर्जा देने का काम करता है, इसलि‍ए आप बनाना शेक का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद ग्लूकोज, विटामिन, मिनरल्स, पोटेशि‍यम और फास्फोरस मिलकर आपकी थकान को मिटाकर उर्जा का स्तर बढ़ाने और बनाए रखने में मदद करते हैं।

3 नींबू-शहद- हल्के गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से आप दिनभर तरोताजा और उर्जावान बने रह सकते हैं। हर दिन सुबह खालीपेट इसका प्रयोग करने से आप दिनभर थकान महसूस नहीं करते और सक्रिय बने रहते हैं।

4 #ग्रीन टी- ग्रीन-टी आपको आंतरिक शक्ति प्रदान करती है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सचेत करने में मदद करती है, जिससे आप पूरे समय क्रियाशील और उर्जावान महसूस करते हैं। प्रतिदिन दिन में दो बार इसका प्रयोग शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायता करेगा।

5 #एप्पल जूस- जी हां सेब का रस भी आपको भरपूर उर्जा देता है और लंबे समय तक आपको उर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। इसका प्रयोग दूध के साथ एप्पल शेक बनाकर भी कर सकते हैं।

6 #गाजर का रस- #विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और कैरोटीन से भरपूर गाजर का रस आपके उर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें कैलोरी कम होती है, और पोषक तत्वों की संख्या अधिक।

7 #स्ट्रॉबेरी शे‍क- तुरंत एनर्जी पाने के लिए स्ट्रॉबेरी एक बढ़ि‍या तरीका है। फाइबर और विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्ट्रॉबेरी एक हाई एनर्जी फ्रूट है, जो आपके शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ाता ही नहीं बल्कि उसे बनाए भी रखता है।

8 #नारियल पानी- नारियल का पानी पीने से आपका एनर्जी लेवल एकदम से बढ़ जाएगा और ताजगी महसूस करेंगे। गर्मी के दिनों में उपवास करना सेहत के बहुत अधिक अच्छा नहीं होता है। इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए दिनभर में 1 नारियल पानी जरूर पिएं। इसे पीने से आपको #पेट में जलन भी नहीं होंगी।

9 #छाछ- लगातर उपावस करना थोड़ा जोखिमभरा हो सकता है। लेकिन मां की आराधना करना भी जरूरी है। ऐसे में आप एक गिलास छाछ जरूर पिएं। इसमें आप जीरा और फरियाली नमक डाल सकते हैं। यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

10 #सौंफ का पानी- सौंफ का पानी पीने से आपके पेट की जलन भी कम हो जाएगी और यह बॉडी को हाइड्रेट रखेगा। सौंफ का पानी बनाने के लिए सौंफ को कम से कम 6 घंटे के लिए गला दें और बाद में पानी में उबालकर ठंडा करके पी सकते हैं।
तो गरबा #प्रेक्टि‍स में और गरबे करते समय जब थकने का मन नहीं हो, तब इन 10 पेय पदार्थों का प्रयोग करके अपने ऊर्जा का स्तर बनाए रखिए और निरंतर थिरकते रहिए #डांडिया की धुन पर और रहे आनंदित।

The festival of #Sharadiya #Navratri (Navratri 2022) is about to begin. And these days he also feels like worshiping his mother. These days, where there is a lot of Garba, there is a lot of Garba practice and fasting.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

🌹🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌹 अपराजिता फूल, नीले मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाए By वनिता कासनियां पंजाब !! अपराजिता अपराजिता – क्लिटोरिया टर्नाटिया अपराजिता क्लिटोरिया टर्नाटिया, जिसे आमतौर पर नीले मटर या बटरफ्लाई मटर के रूप में जाना जाता है, फली/बीन परिवार से संबंधित एक पौधे की प्रजाति है। भारत में, यह एक प्रकार का पवित्र फूल है, जिसका उपयोग दैनिक पूजा अनुष्ठानों में किया जाता है। इस बेल के फूलों में मानव महिला जननांगों का आकार होता है, इस प्रकार "क्लिटोरिस" शब्द से क्लिटोरिया नाम दिया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है अपराजिता (अर्थ, अपराजित), वास्तु शास्त्र के अनुसार। - इस बेल को अपने घर में लगाना ऊर्जाओं को शुद्ध करेगा और आपके दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार की पराजयों से हमेशा आपकी रक्षा करेगा। पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में, इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे स्मृति बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एंटीडिप्रेसेंट, ट्रैंक्विलाइजिंग और शामक गुण। पारंपरिक चीनी चिकित्सा के अनुसार, पौधा अपनी समान उपस्थिति के कारण महिला कामेच्छा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। फूल फाइबर और प्राकृतिक खाद्य रंग के लिए प्राकृतिक रंग के रूप में भी काम करता है। बेल के विभिन्न भाषाओं में नाम – हिन्दी – अपराजिता, कोयल, कालीजार अंग्रेजी - बटरफ्लाई मटर), ब्लू मटर, कबूतर के पंख संस्कृत - गोकर्णी, गिरिकर्णी, योनिपुष्पा, विष्णुक्रान्ता, अपराजिता उड़िया - ओपराजिता उर्दू - मजेरियुनिहिन्दी कन्नड़ - शंखपुष्पबल्ली, गिरिकर्णिका, गिरिकार्णीबल्ली कोंकणी-काजुली गुजराती - गरानी, ​​कोयला तमिल - कक्कानम, तरुगन्नी तेलुगू - डिंटेना, नल्लावुसिनितिगे पंजाबी - धनांतर अपराजिता का फूल घरों में आसानी से उग जाता है और विभिन्न दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होता है। यह पौधा हमें स्वास्थ्य से लेकर आध्यात्मिक तक अनेक लाभ प्रदान करता है। अपराजिता फूल – बटरफ्लाई मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ आधासीसी दूर करे – अपराजिता के फूल के बीज और जड़ को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ सेवन करने से आधासीसी ठीक हो जाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों के रोगों को दूर करने में मदद करता है- ब्लू टी*, अपराजिता के फूलों की चाय का सेवन आंखों के रोगों को दूर करता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है। ब्लू टी बनाने के स्टेप्स- अपराजिता के कुछ फूल लेकर उसका हरा भाग हटा दें। इन फूलों की पंखुड़ियों को पानी में कुछ मिनट तक उबालें। नींबू की कुछ बूंदें डालें, छानें और ब्लू टी का आनंद लें। स्वाद के साथ उपचार 😁। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: कुछ अपराजिता की पंखुड़ियां लेकर उसका रस निकाल लें और रस को सूखने दें। रस को गर्म करके तैयार पेस्ट को कान के चारों ओर लगाएं, इससे दर्द ठीक हो जाएगा। दांत का दर्द ठीक करता है - काली मिर्च के साथ पौधे की जड़ का लेप करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: इस पौधे की जड़ को लेकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर मुंह में रख लें। इसने गंभीर दांत दर्द में बेहद सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। अपच और अम्लपित्त दूर करता है अपराजिता की जड़ का चूर्ण गाय के दूध या गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से अपच और अम्लपित्त की समस्या में लाभ होता है। गठिया से राहत दिलाने में मदद करता है- इसके पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से गठिया से राहत मिलती है। इसके अलावा, 1-2 ग्राम पौधे की जड़ का चूर्ण या तो पानी या दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया से राहत मिलती है। बालों के विकास को उत्तेजित करता है और बालों का गिरना कम करता है- रोजाना ब्लू टी* का सेवन बालों के झड़ने को रोकने के साथ-साथ बालों के विकास को रोक सकता है। चमकती त्वचा प्रदान करता है- एक कप गर्म नीली चाय * नियमित रूप से पीने से बिना पचे हुए खाद्य कण सिस्टम से बाहर निकल जाते हैं, जिससे हमें स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलती है। मूड को अच्छा करने में मदद करता है – ब्लू टी* का सेवन करने से तनाव दूर होता है जो व्यक्ति के मूड और धातु की स्थिति को ऊपर उठाने के साथ-साथ चिंता के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। ऐसी सभी जड़ी-बूटियों के शारीरिक और मानसिक उपचार में उपयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप हमारे स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे पाठ्यक्रम (टीटीसी) में नामांकन करा सकते हैं।

 🌹🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌹 अपराजिता फूल, नीले मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाए

घरेलू नुस्खे,

2021 के लिए 20 स्वास्थ्य सुझाव। 20 health tips for 2021 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब* 🌹🙏🙏🌹 एक नए दशक की शुरुआत एक स्वस्थ जीवन शैली सहित, किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए संकल्पों के साथ लाती है। 2021 में स्वस्थ जीवन की दिशा में शुरुआत करने में आपकी मदद करने के लिए 20 व्यावहारिक स्वास्थ्य सुझाव दिए गए हैं। 1. स्वस्थ आहार खाएं फल, सब्जियां, फलियां, नट्स और साबुत अनाज सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों के संयोजन का सेवन करें। वयस्कों को प्रति दिन फल और सब्जियों के कम से कम पांच हिस्से (400 ग्राम) खाने चाहिए। आप हमेशा अपने भोजन में सब्जियों को शामिल करके अपने फलों और सब्जियों के सेवन में सुधार कर सकते हैं; नाश्ते के रूप में ताजे फल और सब्जियां खाने; विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाना; और उन्हें मौसम में खा रहा है। स्वस्थ भोजन करने से, आप अपने कुपोषण और गैर-रोगजनक बीमारियों (एनसीडी) जैसे मधुमेह, हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के जोखिम को कम कर देंगे। 2. नमक और चीनी का कम सेवन करें फिलिपिनो सोडियम की अनुशंसित मात्रा का दोगुना सेवन करते हैं, जिससे उन्...

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब'परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग क्या है?हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्य के लिए समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि अच्छा स्वास्थ्य मन, शरीर और आत्मा के संतुलन पर निर्भर करता है।हृदय रोग के इलाज के लिए आयुर्वेद का अपना अनूठा तरीका है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना ​​है कि हृदय रोग शरीर के तीन दोषों: वात, पित्त और कफ में असंतुलन के कारण होता है। ये असंतुलन तनाव, खराब आहार, पर्यावरण में विषाक्त पदार्थों और आनुवंशिकी जैसे कारकों के कारण हो सकते हैं।हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार शरीर में संतुलन बहाल करने पर केंद्रित है।हृदय रोग का आयुर्वेदिक इलाजहृदय रोग के लिए कई सरल और आसान आयुर्वेदिक उपचार हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:1. तुलसी: तुलसी एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।2. लहसुन: लहसुन एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।3. गुग्गुल: गुग्गुल एक भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह परिसंचरण में सुधार और थक्के के गठन को रोकने में भी मदद करता है।4. अदरक: अदरक एक और जड़ी बूटी है जो हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी है. यह परिसंचरण में सुधार, सूजन को कम करने और थक्कों के गठन को रोकने में मदद करता है।5. हल्दी: हल्दी एक और भारतीय जड़ी बूटी है जिसे हृदय रोग के इलाज में बहुत प्रभावी दिखाया गया है। यह परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता हैहृदय रोग के लिए हर्बल उपचारहृदय रोग के लिए कई हर्बल उपचार हैं जिनका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इन जड़ी बूटियों का उपयोग हृदय रोग को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है, और उनमें से कुछ हृदय रोग से होने वाले नुकसान को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।हृदय रोग के लिए आहारजब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है, तो आप जो खाते हैं वह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आप कितना व्यायाम करते हैं। हृदय रोग के लिए एक स्वस्थ आहार आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यहाँ हृदय-स्वस्थ आहार खाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:1. खूब फल और सब्जियां खाएं।2. परिष्कृत अनाज पर साबुत अनाज चुनें।3. संतृप्त और ट्रांस वसा सीमित करें।4. दुबले प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।5. सोडियम का सेवन सीमित करें।इन आहार परिवर्तनों को करने से आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करने और आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।हृदय रोग के लिए व्यायामयदि आपको हृदय रोग है, तो व्यायाम आपके दिमाग की आखिरी चीज हो सकती है। लेकिन नियमित शारीरिक गतिविधि आपके दिल के लिए अच्छी होती है। यह आपके दिल को मजबूत बनाता है और इसे बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।व्यायाम आपके रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। और यह आपके वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वजन होने से हृदय रोग हो सकता है।धीरे-धीरे शुरू करें और हर हफ्ते आपके द्वारा किए जाने वाले व्यायाम की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाएं। यदि आप कुछ समय से सक्रिय नहीं हैं, तो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से जाँच करें।निष्कर्षआयुर्वेदिक दवा का उपयोग सदियों से हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता रहा है, और हाल के अध्ययनों से पता चला है कि यह लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में प्रभावी हो सकता है। यदि आप अपने हृदय रोग के इलाज के लिए एक सरल और आसान तरीका खोज रहे हैं, तो इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को आजमाने पर विचार करें।

हृदय रोग का सरल और आसान आयुर्वेदिक इलाज By वनिता कासनियां पंजाब ' परिचय आयुर्वेद के अनुसार, हृदय रोग तीन दोषों के असंतुलन के कारण होता है: वात, पित्त और कफ। हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार आहार परिवर्तन, जीवनशैली में बदलाव और हर्बल सप्लीमेंट के संयोजन का उपयोग करके इस संतुलन को बहाल करने पर केंद्रित है। हृदय रोग क्या है? हृदय रोग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग हृदय को प्रभावित करने वाली विभिन्न स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। हृदय रोग को अक्सर हृदय रोग शब्द के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिनमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं शामिल होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक के अपने लक्षण और उपचार होते हैं। जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग के कुछ रूपों को रोका जा सकता है, जैसे स्वस्थ आहार खाना, नियमित व्यायाम करना और तंबाकू के सेवन से बचना। हृदय रोग के अन्य रूपों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो स्वास्थ्...