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Isreal

आजकल इसराइल और फलिस्तीन के बीच का संघर्ष सबके बीच चिंता का विषय बना हुआ है और लोग जानना चाहते हैं की इसराइल फलिस्तीन संघर्ष की मुख्य वजह क्या है, गाजा पट्टी क्या है जिसकी वजह से विवाद हो रहा है, क्या भारतीयों को इसराइल का समर्थन करना चाहिए, मुस्लिम फलिस्तीन का समर्थन क्यों कर रहे हैं, आयरन डोम क्या है, इस तरह के ना जाने कितन सवाल हमारे दिमाग मे घूम रहें हैं तो आज हम इसी बात का डिटेल से वर्णन करेंगे।
 

इजरायल और फलिस्तीन के बीच विवाद की जड़:

इजरायल और फलिस्तीन के बीच विवाद की मुख्य जड़ है येरुशलम और दूूसरी मुख्य वजह है यहूदियों के अस्तित्व की लड़ाई। येरुशलम जगह 35 एकड़ में फैली है और ईसाई, यहूदी और मुस्लिम तीनों के लिए ये जगह एक पवित्र स्थान है।

यहूदियों के लिए:

येरुशलम करीब करीब 35 एकड़ में फैला है और इस जगह को टेंपल माउंट भी कहते हैं। यहूदियों का मानना है की ईश्वर ने आदि पुरुष एडम को यहीं की मिट्टी से बनाया था और वो उन्ही एडम के वंशज है। यहूदियों के पैगंबर अब्राहम अपने पुत्र की बलि यहीं चढ़ाने वाले थे, उनके इस त्याग से ईश्वर प्रसन्न हो जाते हैं और अपने देवदूत को मेमने के साथ भेजते हैं और कहते हैं की पुत्र के बजाय इस मेमने की बलि चढ़ाओ।

इजरायल के राजा सोलेमन ने इस जगह पर 1000 ईशा पूर्व एक भव्य मन्दिर फर्स्ट टेंपल बनवाया था। इस मन्दिर को बेबोलियन के लोगों ने नष्ट कर दिया बाद में 516 ईसा पूर्व में यहूदियों ने फिर से मन्दिर बनवाया और इसे कहा गया सेकंड टेंपल, इस टेंपल को भी सन् 70 में रोमन्स ने तोड़ दिया। अब वहां वहां सिर्फ वेस्टर्न वॉल बचा है जहां यहूदी प्रार्थना करते हैं।
 

मुस्लिम मान्यता:


इस्लाम की सबसे पवित्र जगह है मक्का दूसरी सबसे पवित्र जगह है मदीना और तीसरी सबसे पवित्र जगह है हरम अल शरीफ यानी येरुशलम की जगह। कुरान के अनुसार 621 ईस्वी की रात मोहम्मद साहब उड़ने वाले घोड़े पर चड़कर मक्का से येरुशलम आए और फिर यही से जन्नत गए। 632 ईस्वी में पैगंबर साहब की मृत्यू के 4 सालों बाद मुस्लिमों ने येरुशलम पर आक्रमण किया और इसे जीत लिया। इसी जगह पर एक मस्जिद बनाई गई जिसे अल अक्सा कहा गया। इस मस्जिद के सामने एक सुनहरा गुंबद है जिसे डोम ऑफ द रॉक कहा जाता है। मान्यता है की इसी गुंबद पर चडकर मोहम्मद साहब जन्नत गए।
 

ईसाई मान्यता:


इस्लाम के लगातार हो रहे विस्तार से चर्च नाराज था। येरुशलम को जीतने की वजह से चर्च और भड़क गया। ईसाई मान्यता के अनुसार इसी जगह पर प्रभू येशु मसीह ने प्रवचन दिया था और यहीं उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था। ईसाई मान्यता के अनुसार ईसा मसीह दुबारा आयेंगे और येरुशलम में ही प्रकट होगें।

युद्ध की वजह:

कुछ लोग इसराइल की फलिस्तीन के खिलाफ इस जंग को इस्लाम के खिलाफ मानते हैं, लेकिन उससे कहीं ज्यादा यह जंग जगह और पहचान बनाने के लिए लड़ी जा रही है.

साल 1948 में संयुक्त राष्ट्र के हस्तेक्षप के बाद इजरायल और फिलिस्तीन दो देश बने. साल 1948 में हुए इस बंटवारे में साढ़े छः लाख यहूदी इजरायल में और करीब तेरह लाख मुसलमान फिलिस्तीन में चले गए.



जब हुआ पहला अरब-इजराइल युद्ध-

साल 1948 में अरब देशों मिस्र, जॉर्डन, इराक और सीरिया ने इजरायल पर हमला कर दिया. यह हमला फिलिस्तीन को बचाने के लिए नहीं, बल्कि इजरायल के खात्मे के लिए था. दरअसल अरब देश यह मानते थे कि इजरायल विदेशी राज का एक नमूना है. अरब देश इस लड़ाई में हार गए.

इस लड़ाई में आधा जेरुशलम शहर इजरायल के कब्जे में आ गया और फिलिस्तीनी नागरिक सिर्फ वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी तक ही सीमित रह गए. इस युद्ध के दौरान लगभग 7 लाख से ज्यादा अरब फिलिस्तीनी बेघर हो गए.

6 दिन का प्रसिद्ध युद्ध :

साल 1967 में दूसरी बार इजरायल और अरब देशों के बीच युद्ध हुआ. यह युद्ध छः दिन चला और इजरायल फिर से जीत गया. इस बार इजरायल ने फिलिस्तीन की दो जगहें वेस्ट बैंक और गाजा दोनों पर अपना कब्ज़ा कर लिया. इसके बाद अगले 20 सालों तक अरब देशों को यह यकीन हो गया, कि इजरायल को अब हरा पाना बहुत मुश्किल है. इस तरह इजरायल दुनिया का पहला यहूदी देश बन गया.

20 साल तक युद्ध विराम के बाद, एक बार फिर इजराइल और फिलिस्तीन के बीच झगड़ा शुरू हुआ, लेकिन इस बार अरब देशों ने फिलिस्तीन का साथ नहीं दिया.

पहले इजरायल दुनिया में अपने अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा था लेकिन इस बार फिलिस्तीन वेस्ट बैंक और गाज़ा पट्टी में अपने खोये हुए अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रहा था.

तब से लेकर आज तक इन दोनों देशों के बीच यह विवाद का प्रमुख मुद्दा बना हुआ है. 90 के दशक में इन दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ, लेकिन इस समझौते के लिए फिलिस्तीन तैयार नहीं हुआ, क्योंकि वह इजरायल को एक देश नहीं मानता.

 



क्या भारत को इजरायल का साथ देना चाहिए:


भारत और इजरायल दोनों की समस्या हमेशा एक जैसी ही रही हैं। दोनों देश ही कट्टर इस्लामिक विचारधारा के शिकार हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों पर घोर अत्याचार हुए थे और उस वक्त यहूदियों को भारत में पनाह मिली थी जिससे इसराइल और भारत में भावनात्मक लगाव भी है। भारत और इजरायल हमेशा से मित्र देश रहे हैं लेकिन भारत के राजनेताओं ने मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से कभी खुल कर इसराइल का साथ नही दिया इसका कारण था मुस्लिम वोट बैंक। 
 
क्युकी मुस्लिमों को इसराइल से बहुत घृणा और नफरत है, भारतीय मुस्लिम फलिस्तीन का आंख बंद करके समर्थन करते हैं। इसका उदाहरण आप ऐसे समझ सकते हैं की अभी कुछ दिन पहले शुरू हुए हमले की शुरुआत फलिस्तीन समर्थक आतंकवादी संगठन हमास ने की और इजरायल पर रॉकेट्स से हमला कर दिया तब सारे मुस्लिम शांत थे पर जैसे ही इजरायल ने अपनी रक्षा के लिए जवाबी हमला किया तो इन्होंने विधवा विलाप शुरू कर दिया। 
 
इसराइल की 80% जनता यहूदी है और पूरे विश्व में सिर्फ इतने ही यहूदी बचे हैं अगर वो अपनी रक्षा के लिए कुछ नही करेगें तो दुनिया से यहूदी खत्म हो जायेगे। इसीलिए यहां सवाल अस्तित्व की लड़ाई का है और यहूदी कोई कश्मीरी पंडित तो है नही की पहले कश्मीर से मार कर भगाए गए और अब अपने ही देश में शरणराथी बने रह रहे हैं। जैसा हमारे हिंदुओ का हाल है अभी वैसा ही हाल कभी यहूदिओं का हुआ करता था उनको भी सेक्युलरिज्म का कीड़ा लगा हुआ था। आए दिन यहूदियों पर अत्याचार हुआ करते थे उनको मार दिया जाता था। लेकिन धीरे धीरे उन्होने खुद को यूनाइट किया और आज इसराइल हर चीज में आत्मनिर्भर है। 
 
 


 
इसराइल और फलिस्तीन के बीच जितने भी युद्ध हुए हैं सब में इसराइल ही जीता है। इसराइल ने अपनी पूरी ताकत खुद को टेक्नोलॉजिकल एडवांस्ड बनाने में लगा दी। जबकि फलिस्तीन का पूरा ध्यान आतंकवाद और मजहब पर रहता है जिसके कारण फलिस्तीन आज भी गरीब है और वो अपने भोजन के लिए UNO पर निर्भर है। यहां तक की वो अपनी लड़ाई खुद नही लड़ते उनकी लड़ाई के लिए अरब और टर्की जैसे देश हमास जैसे आतंकवादी संगठन को पैसा और हथियार उपल्ब्ध करवाते हैं। 
 
हमास इसराइल को उकसाता है और जवाबी करवाई में हमेशा नुकसान फलिस्तीन का ही होता है। इन फलिस्तेनियों को ये समझ नहीं आता की वो मुस्लिम देशों की एक कठपुतली बन चुका है। हमले में नुकसान फलिस्तीन की जनता को होता है आम नागरिक मारे जाते है l 
लेकिन फलिस्तीन वाले धर्मांध है जब भी कोई धर्म देश से बड़ा हो जाता है तब वो देश तबाह हो जाता है। इसके बहुत से उदाहरण हैं जैसे अफगानिस्तान, ईराक, सीरिया, पाकिस्तान, फलिस्तीन और अभी भी ना जाने कितने मुस्लिम राष्ट्र इस कतार में शामिल होगें। ये जहां भी रहते है वहां शांति तो हो ही नही सकती।

जहां तक समर्थन की बात है हमे इसराइल या फलिस्तीन किसी को भी समर्थन करने की जरूरत नहीं है हमें सिर्फ अपने देश भारत से मतलब रखना चाहिए कही ऐसा ना हो इस्लामिक कट्टरपंथ की वजह से भारत भी अफगानिस्तान या सीरिया जैसे देशों की कतार में खड़ा हो जाए। जब देश में कश्मीरी पंडितों को भगाया जा रह था, बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा हो रही थी तब तो किसी को भी मानवता याद नही आई लेकिन जब सैकड़ों किलोमीटर दूर कोई झगड़ा होता है तो भारत के शांतिदूत और लिबरल विधवा विलाप शुरू कर देते है। 
 
 
ये एक खतरे की घंटी है हमारे देश भारत के लिए अगर ये लोग फिलिस्तीन का समर्थन कर सकते हैं तो इनमे तनिक भी संदेह नहीं की पाकिस्तान के विरूद्ध युद्ध होने पर ये पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेंगे। जो लोग फलिस्तीन का समर्थन कर रहे है वो मानवता की वजह से नहीं धर्म की वजह से कर रहे है। अगर मानवता की वजह से कर रहे होते तो इसराइल में मरे लोगों के प्रति भी उनकी संवेदना होती और अभी जब अफगानिस्तान में आतंकवादी हमले में 55 बच्चे मर गए उनके प्रति भी संवेदना होती लेकीन तब किसी ने कुछ नही कहा और फलिस्तीन के हमले पर ही इतना हल्ला क्यों !
 
अगर मानवता की नजर से देखें तो यहूदी उसी जमीन को वापस मांग रहे है जो वर्षों पूर्व उनसे छीन लिया गया था। यहूदियों ने 2000 वर्षों तक अत्याचार सहा है पहले वो मिस्त्र के गुलाम थे फिर मोसे ने उनको आजाद करवाया बाद में हिटलर ने इनको मरना शुरू किया तो इन्हे जान बचा कर फलिस्तीन आना पड़ा ये तो वही हाल हो गया की कश्मीर से भगाए जाने के बाद हिंदू दिल्ली और आस पास के इलाके में शरण ले लें मतलब अपने ही देश में शरणार्थी।
 
 
इसराइल ने हमेशा भारत की मदद की है चाहे वो 62 या युद्ध हो 71 के युद्ध कारगिल का युद्ध या चीन के खिलाफ अभी गलवान घाटी में झड़प। इसराइल हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है लेकिन सत्ता में बैठे लोग इसलिए इसराइल का खुल के समर्थन नहीं करते क्युकी इससे मुस्लिम नाराज हो जायेंगे।

फलिस्तीन इसलिए भी गरीब है क्युकी उसको बम रॉकेट और बंदूक चलाने में मजा आता है और उनकी सोच कट्टरवादी है। उनका विज्ञान से कोई लेना देना नही उनको लगता है की अल्लाह सब देगा लेकिन अगर यही बात इसराइल सोचता और हाथ पर हाथ धर कर बैठा रहता तो आज सारे यहूदी दुनिया से खत्म हो गए। यहूदियों ने धर्म से ऊपर उठकर विज्ञान पर काम किया, रिसर्च की अपने आप को आत्मनिर्भर और ताकतवर बनाया। आप इतना समझ सकते है की सिर्फ़ एक करोड़ आबादी वाला देश अकेले मिस्त्र, टर्की, अरब, ईरान जैसे देशों को सिर्फ 5 दिन में हरा सकता है।
 

उसका आयरन डोम तो सिर्फ एक नमूना है इससे भी एडवांस्ड वेपन्स है इसराइल के पास, इसराइल के पास स्पाइस जैसी मिसाइल है जो किसी भी बंकर को आसानी से भेद सकती है, इसराइल के पास दुनिया की सबसे खतरनाक गुप्तचर सेवा एजेंसी MOSSAD है, इसराइल के हर नागरिक को तीन साल का सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। फलिस्तीन का साथ पूरे विश्व के मुस्लिम कंट्री कर रहे हैं उसके बाद भी इसराइल इन सबको सिर्फ पांच दिनों में हरा सकता है। इसराइल को पता हैं की वो मैन्युफ़ैक्चरिंग में बहुत आगे नहीं बढ़ सकता हैं इस लिए उनसे टेक्नॉलजी पर ध्यान दिया हैं और आज तेल अवीव में दुनिया के कुछ बेहतरीन टेक्नॉलजी कम्पनी है।
 


क्या हम कभी इसराइल की तरह अपने दुश्मनों से निपट सकते हैं:


इजराइल की जवाबी कार्यवाही की वीडियो देखकर कुछ लोग कह रहे है की काश भारत भी आतंकवाद (पाकिस्तान) के खिलाफ ऐसी ही कार्यवाही करता! अब फेसबुक, वाट्सऐप, ट्विटर पर पाकिस्तान और चीन को मिटाने की सलाह मोदी सरकार को देने वाले लोग सोचकर बताएं कि यदि ऐसा ही हमला भारत के किसी शहर पर होता है तो आप क्या करेंगे? हमले के बाद तबाही का मंजर देखकर आपका क्या रिएक्शन होगा?

CAA के पुरजोर समर्थकों को जब सड़क घिर जाने से आने जाने मे परेशानी होने लगी तो वही लोग मोदी को कोसने लगे. क्या जरूरत थी ऐसा बिल लाने की. जैसा चल रहा था चलने देते. कुछ तो एक कदम आगे बढ़ गए
" काँग्रेस की सरकार ही अच्छी थी, न हल्ला न हंगामा"

क्या यही लोग बमबारी मे अपने टूटे घर और घायल परिवार को देखकर अपनी देशभक्ति कायम रख पाएंगे?
2 रुपये पेट्रोल के दाम बढ़ने पर गला फाड़ चिल्लाने वाले युद्ध के बाद की भीषण महंगाई झेल पाएंगे?
बेरोजगारी का रोना रोने वाले क्या और बढ़ी बेरोजगारी देशभक्ति के नाम पर सह सकते हैं? 
 
नहीं जनाब वो जयचंद बन सड़कों पर निकल पड़ेंगे दुश्मन की हाथ की कठपुतली बन.
 
अभिनंदन की गिरफ्तारी पर कितने लोग पाकिस्तान पर दबाव बना रहे थे? सारे प्रेशर मोदी पर था 'वापस लाओ' चाहे कुछ भी हो. ऐसे बनेंगे हम इस्राइल जैसे?

युद्ध होंगे तो सैकड़ों अभिनंदन मरेंगे, हजारो सैनिक मारे भी जाएंगे. महिला सैनिक पकड़ी गयी तो उनका बलात्कार भी होगा, हो सकता है उनके वीडियो भी वायरल किए जाए हमारा मनोबल तोड़ने के लिए. क्या तब भी आप उसी जोश से मोदी के पीछे खड़े रह पाएंगे? आज जैसे इस्राइल की जनता खड़ी है.

क्या आप किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार है ? क्या आप युद्ध की विभीषिका झेलने के लिए तैयार है ? युद्ध होगा तो नुकसान दोनो पक्ष का होगा. खून और मौत देखते ही अधिकांश राइट विंग तो आत्मघाती आचरण करने लगता है, उल्टा सरकार पर चढ़ बैठता है, बाकी सेकुलर लिबरल और विपक्ष की बात ही छोड़ दो, इजराइल बनने के लिए सीने में इजराइल के लोगों जैसी प्रचंड देशभक्ति होनी चाहिए। अपना सर्वस्व न्यौछावर करने का जज्बा होना चाहिए. है आपमे?

इजराइल के लोगों की तरह सवा सौ करोड़ देशवासियों का आचरण भी होना चाहिए। इजराइल के विपक्ष के जैसा भारत का विपक्ष भी होना चाहिए। अपने यहां अधिकांश लोग स्वार्थी है, जिन्हे राष्ट्र या राष्ट्रवाद से कोई लेना देना नहीं है। अधिकांश लोगों की देशभक्ति सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन जागती है। देश की ऐसी तैसी हो जाए लेकिन वोट कांग्रेस टीएमसी जैसी पार्टियों को देते रहेंगे। ऐसे स्वार्थी लोग क्या खाक देश के लिए लड़ेंगे।

इस्राइल भी एक दिन में इस्राइल नहीं बना. यह भी पहले हम हिन्दुओ की तरह ही थे. कभी जिहादी सताते कभी क्रॉसधारी, बहुत पिटे है ये भी, ठीक वैसे ही जैसे हम पीटते रहे हैं तुर्क, अफगान, अरब, अंग्रेज से इन्हें भी डरपोक, लालची, सूदखोर कहा जाता था, हिन्दू बनियों और ब्राह्मणों की तरह. कभी इस देश से भगाए गए कभी उस देश से.

फिर आता है हॉलोकास्ट…60 लाख यहूदी निर्ममता से मार दिए जाते हैं, नाजियों के द्वारा. आज भी इस्राइल में कई यहूदी जिंदा है जिनके माँ, बाप, भाई, बहन को उन्हीं के सामने मारा गया. यही दर्द, यही पल पल रिसता टीस इन्हें जुझारू, बलिदानी और महान बनाता है.

 
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🌹🪴स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे 🪴🌹 अपराजिता फूल, नीले मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाए By वनिता कासनियां पंजाब !! अपराजिता अपराजिता – क्लिटोरिया टर्नाटिया अपराजिता क्लिटोरिया टर्नाटिया, जिसे आमतौर पर नीले मटर या बटरफ्लाई मटर के रूप में जाना जाता है, फली/बीन परिवार से संबंधित एक पौधे की प्रजाति है। भारत में, यह एक प्रकार का पवित्र फूल है, जिसका उपयोग दैनिक पूजा अनुष्ठानों में किया जाता है। इस बेल के फूलों में मानव महिला जननांगों का आकार होता है, इस प्रकार "क्लिटोरिस" शब्द से क्लिटोरिया नाम दिया गया है। जैसा कि नाम से पता चलता है अपराजिता (अर्थ, अपराजित), वास्तु शास्त्र के अनुसार। - इस बेल को अपने घर में लगाना ऊर्जाओं को शुद्ध करेगा और आपके दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार की पराजयों से हमेशा आपकी रक्षा करेगा। पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में, इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे स्मृति बढ़ाने, एंटीस्ट्रेस, एंटीडिप्रेसेंट, ट्रैंक्विलाइजिंग और शामक गुण। पारंपरिक चीनी चिकित्सा के अनुसार, पौधा अपनी समान उपस्थिति के कारण महिला कामेच्छा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। फूल फाइबर और प्राकृतिक खाद्य रंग के लिए प्राकृतिक रंग के रूप में भी काम करता है। बेल के विभिन्न भाषाओं में नाम – हिन्दी – अपराजिता, कोयल, कालीजार अंग्रेजी - बटरफ्लाई मटर), ब्लू मटर, कबूतर के पंख संस्कृत - गोकर्णी, गिरिकर्णी, योनिपुष्पा, विष्णुक्रान्ता, अपराजिता उड़िया - ओपराजिता उर्दू - मजेरियुनिहिन्दी कन्नड़ - शंखपुष्पबल्ली, गिरिकर्णिका, गिरिकार्णीबल्ली कोंकणी-काजुली गुजराती - गरानी, ​​कोयला तमिल - कक्कानम, तरुगन्नी तेलुगू - डिंटेना, नल्लावुसिनितिगे पंजाबी - धनांतर अपराजिता का फूल घरों में आसानी से उग जाता है और विभिन्न दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होता है। यह पौधा हमें स्वास्थ्य से लेकर आध्यात्मिक तक अनेक लाभ प्रदान करता है। अपराजिता फूल – बटरफ्लाई मटर के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ आधासीसी दूर करे – अपराजिता के फूल के बीज और जड़ को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ सेवन करने से आधासीसी ठीक हो जाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों के रोगों को दूर करने में मदद करता है- ब्लू टी*, अपराजिता के फूलों की चाय का सेवन आंखों के रोगों को दूर करता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है। ब्लू टी बनाने के स्टेप्स- अपराजिता के कुछ फूल लेकर उसका हरा भाग हटा दें। इन फूलों की पंखुड़ियों को पानी में कुछ मिनट तक उबालें। नींबू की कुछ बूंदें डालें, छानें और ब्लू टी का आनंद लें। स्वाद के साथ उपचार 😁। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। कान के दर्द में सहायक – अपराजिता के फूल की पंखुड़ियों के रस का पेस्ट कान के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: कुछ अपराजिता की पंखुड़ियां लेकर उसका रस निकाल लें और रस को सूखने दें। रस को गर्म करके तैयार पेस्ट को कान के चारों ओर लगाएं, इससे दर्द ठीक हो जाएगा। दांत का दर्द ठीक करता है - काली मिर्च के साथ पौधे की जड़ का लेप करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। पेस्ट तैयार करने के चरण: इस पौधे की जड़ को लेकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर मुंह में रख लें। इसने गंभीर दांत दर्द में बेहद सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। अपच और अम्लपित्त दूर करता है अपराजिता की जड़ का चूर्ण गाय के दूध या गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से अपच और अम्लपित्त की समस्या में लाभ होता है। गठिया से राहत दिलाने में मदद करता है- इसके पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से गठिया से राहत मिलती है। इसके अलावा, 1-2 ग्राम पौधे की जड़ का चूर्ण या तो पानी या दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया से राहत मिलती है। बालों के विकास को उत्तेजित करता है और बालों का गिरना कम करता है- रोजाना ब्लू टी* का सेवन बालों के झड़ने को रोकने के साथ-साथ बालों के विकास को रोक सकता है। चमकती त्वचा प्रदान करता है- एक कप गर्म नीली चाय * नियमित रूप से पीने से बिना पचे हुए खाद्य कण सिस्टम से बाहर निकल जाते हैं, जिससे हमें स्वस्थ और चमकदार त्वचा मिलती है। मूड को अच्छा करने में मदद करता है – ब्लू टी* का सेवन करने से तनाव दूर होता है जो व्यक्ति के मूड और धातु की स्थिति को ऊपर उठाने के साथ-साथ चिंता के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। ऐसी सभी जड़ी-बूटियों के शारीरिक और मानसिक उपचार में उपयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप हमारे स्वास्थ्य घरेलू नुस्खे पाठ्यक्रम (टीटीसी) में नामांकन करा सकते हैं।

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2021 के लिए 20 स्वास्थ्य सुझाव। 20 health tips for 2021 *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब* 🌹🙏🙏🌹 एक नए दशक की शुरुआत एक स्वस्थ जीवन शैली सहित, किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए संकल्पों के साथ लाती है। 2021 में स्वस्थ जीवन की दिशा में शुरुआत करने में आपकी मदद करने के लिए 20 व्यावहारिक स्वास्थ्य सुझाव दिए गए हैं। 1. स्वस्थ आहार खाएं फल, सब्जियां, फलियां, नट्स और साबुत अनाज सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों के संयोजन का सेवन करें। वयस्कों को प्रति दिन फल और सब्जियों के कम से कम पांच हिस्से (400 ग्राम) खाने चाहिए। आप हमेशा अपने भोजन में सब्जियों को शामिल करके अपने फलों और सब्जियों के सेवन में सुधार कर सकते हैं; नाश्ते के रूप में ताजे फल और सब्जियां खाने; विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खाना; और उन्हें मौसम में खा रहा है। स्वस्थ भोजन करने से, आप अपने कुपोषण और गैर-रोगजनक बीमारियों (एनसीडी) जैसे मधुमेह, हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के जोखिम को कम कर देंगे। 2. नमक और चीनी का कम सेवन करें फिलिपिनो सोडियम की अनुशंसित मात्रा का दोगुना सेवन करते हैं, जिससे उन्

पान खाने के क्या 5 लाभ By वनिता कासनियां पंजाब ?Paan Ke Fayde: आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं.पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf)देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है.1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है 1 पानआयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक, 1 पान खाने से पुरुषों की सेक्शुअल लाइफ को चमत्कारिक फायदे प्राप्त होते हैं. यह लौंग, सौंफ या इलायची के किसी भी नुस्खे से बहुत ज्यादा असरदार होता है. क्योंकि, इसमें आपको इन चीजों के साथ गुलकंद और सुपारी भी मिलती हैं. पान के साथ यह सभी चीजें शादीशुदा पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा प्रभावशाली हो जाती हैं. इससे पुरुषों में कामेच्छा में कमी (लिबिडो), , टेस्टोस्टेरोन में कमी, आदि सुधर जाता है.2. कब्ज से राहत दिलाता है पानआयुर्वेद में कब्ज के इलाज के लिए पान को काफी असरदार बताया गया है. यह शरीर में पीएच लेवल को सामान्य बनाता है और पेट की परेशानी से राहत प्रदान करता है. इसके लिए आप पान के पत्ते के टुकड़े करके एक गिलास पानी में डालकर रातभर रख दें. यह पानी अगली सुबह खाली पेट पी लें.3. कटने, खुजली व जलन से राहतडॉ. अबरार मुल्तानी का कहना है कि अगर किसी चीज से कटने, खुजली व जलन के कारण आपको समस्या हो रही है, तो आप पान के पत्ते का उपयोग कर सकते हैं. इसके एनलजेसिक गुण तुरंत राहत प्रदान करते हैं. इसके लिए पान के पत्ते का पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं. यह त्वचा के अंदर जाकर दर्द व जलन से राहत दिलाता है.4. संक्रमण या सेप्टिक से राहतपान के पत्ते में एंटी-सेप्टिक व एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो फंगल इंफेक्शन व सेप्टिक होने से राहत देते हैं| इसके लिए आपको पान के पत्ते का पेस्ट प्रभावित जगह पर लगाना होता है| पान के पत्ते का उपयोग जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है|5. मुंह की दुर्गंध के लिए पानपान खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है| इसमें काफी मात्रा में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह की दुर्गंध का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का खात्मा कर देते हैं. इसके अलावा यह दांतों में होने वाली कैविटी, प्लेक, सड़न, सूजन, दर्द आदि से भी राहत देता है| राजा-महाराजा अपना यौन स्वास्थ्य सुधारने के साथ मुंह की दुर्गंध भागने के लिए भी हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे|यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है| यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है|

पान खाने के क्या 5 लाभ  By वनिता कासनियां पंजाब ? Paan Ke Fayde:  आयुर्वेद, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता आदि में पान के पत्ते को काफी स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है. पुराने समय में राजा-महाराजा हर रात खाना खाने के बाद पान चबाना पसंद करते थे. पान के सेवन से शादीशुदा पुरुषों को कमाल के फायदे मिलते हैं. यह उनकी सेक्शुअल हेल्थ के लिए लौंग, सौंफ या इलायची के नुस्खों से बहुत ही ज्यादा कारगर उपाय साबित होता है. लेकिन पान के फायदे (Paan Ka Patta) और भी बहुत होते हैं. पान के पत्ते के फायदे (Benefits of Betel Leaf) देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने पान के पत्ते को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताता है. यह हृदय के लिए बेहतरीन टॉनिक का भी काम करता है. उनके मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं. इसके साथ इसमें सौंफ, सुपारी, इलायची, लौंग व गुलकंद मिलाने से यौन स्वास्थ्य को मजबूती भी मिलती है. 1. पुरुषों के लिए लौंग, सौंफ या इलायची से बहुत ज्यादा गुणकारी है